< उत्पत्ति 14 >
1 शीनार देश के राजा अमराफेल, एलासार के राजा आरिओख, एलाम के राजा खेदोरलाओमर और गोईम के राजा तिदाल ने अपने शासनकाल में,
১শিনিয়রের অম্রাফল রাজা, ইল্লাসরের অরিয়োক রাজা, এলমের কদর্লায়োমর রাজা এবং গোয়ীমের তিদিয়ল রাজার দিনের
2 एकजुट होकर सोदोम के राजा बेरा, अमोराह के राजा बिरशा, अदमाह के राजा शीनाब, ज़ेबोईम के राजा शेमेबेर तथा बेला (अर्थात् ज़ोअर) के राजा के विरुद्ध युद्ध छेड़ दिया.
২ঐ রাজারা সদোমের রাজা বিরা, ঘমোরার রাজা বির্সা, অদমার রাজা শিনাব, সবোয়িমের রাজা শিমেবর ও বেলার অর্থাৎ সোয়রের রাজার সঙ্গে যুদ্ধ করলেন।
3 ये सभी एक साथ होकर सिद्दिम घाटी (अर्थात् लवण-सागर) के पास इकट्ठे हो गए.
৩এরা সবাই সিদ্দিম উপত্যকাতে অর্থাৎ লবণসমুদ্রে জড়ো হয়েছিলেন।
4 बारह वर्ष तक तो वे खेदोरलाओमर के अधीन रहे, किंतु तेरहवें वर्ष में उन्होंने विरोध किया.
৪এরা বারো বছর পর্যন্ত কদরলায়মের দাসত্বে থেকে তেরো বছরে বিদ্রোহী হন।
5 चौदहवें वर्ष में खेदोरलाओमर तथा उसके मित्र राजाओं ने आकर अश्तेरोथ-करनाइम में रेफाइम को, हाम में ज़ुज़ीम को, शावेह-किरयथाईम में एमियों को,
৫পরে চোদ্দো বছরে কদরলায়মের ও তাঁর সঙ্গী রাজারা এসে অস্তরোৎ কর্ণয়িমে রফায়ীয়দেরকে, হমে সুষীয়দেরকে, শাবি
6 तथा सेईर पर्वत में निर्जन प्रदेश के पास एल-पारान तक होरियों को भी हरा दिया.
৬কিরিয়াথয়িমে এমীয়দেরকে ও প্রান্তরের পাশে এল-পারন পর্যন্ত সেয়ীর পর্বতে সেখানকার হোরীয়দেরকে আঘাত করলেন।
7 इसके बाद वे मुड़े और एन-मिशपत (अर्थात् कादेश) आ गए और पूरे अमालेकियों को तथा हज़ज़ोन-तामार में रह रहे अमोरियों को भी हरा दिया.
৭পরে সেখান থেকে ফিরে ঐনমিষ্পটে অর্থাৎ কাদেশ গিয়ে অমালেকীয়দের সমস্ত দেশকে এবং হৎসসোন-তামর নিবাসী ইমোরীয়দেরকে আঘাত করলেন।
8 तब सोदोम, अमोराह, अदमाह, ज़ेबोईम तथा बेला (अर्थात् ज़ोअर) के राजा बाहर निकल गए और उन्होंने सिद्दिम की घाटी में उनके विरुद्ध युद्ध किया.
৮আর সদোমের রাজা, ঘমোরার রাজা, অদমার রাজা, সবোয়িমের রাজা ও বেলার অর্থাৎ সোয়রের রাজা বের হয়ে
9 यह लड़ाई एलाम के राजा खेदोरलाओमर, गोईम के राजा तिदाल, शीनार के राजा अमराफेल तथा एलासार के राजा आरिओख—ये चार राजा उन पांच राजाओं से लड़ रहे थे.
৯এলমের কদর্লায়োমর রাজার, গোয়ীমের তিদিয়ল রাজার, শিনিয়রের অম্রাফল রাজার ও ইল্লাসরের অরিয়োক রাজার সঙ্গে, পাঁচ জন রাজা চারজন রাজার সঙ্গে যুদ্ধ করার জন্য সিদ্দীম উপত্যকাতে সেনা স্থাপন করলেন।
10 सिद्दिम घाटी में सब जगह गड्ढे थे. जब सोदोम तथा अमोराह के राजा युद्ध से भाग रहे थे, तो कुछ लोग गड्ढों में जा गिरे और बाकी बचे लोग पर्वत पर की बस्ती में भाग गए.
১০ঐ সিদ্দীম উপত্যকাতে আলকাতরার অনেক খাত ছিল; আর সদোম ও ঘমোরার রাজারা পালিয়ে গেলেন ও তাঁর মধ্যে পড়ে গেলেন এবং অবশিষ্টেরা পর্বতে পালিয়ে গেলেন।
11 तब चारों राजाओं ने सोदोम तथा अमोराह से सब कुछ ले लिया और खाने का सब सामान भी ले गए.
১১আর শত্রুরা সদোম ঘমোরার সমস্ত সম্পতি ও খাদ্য দ্রব্য নিয়ে চলে গেলেন।
12 वे अपने साथ अब्राम के भतीजे लोत एवं उसकी पूरी संपत्ति भी ले गए, क्योंकि लोत उस समय सोदोम में रह रहा था.
১২বিশেষত তাঁরা অব্রামের ভাইয়ের ছেলে লোটকে ও তাঁর সম্পতি নিয়ে গেলেন, কারণ তিনি সদোমে বাস করছিলেন।
13 और युद्ध क्षेत्र से भागकर एक व्यक्ति ने इब्री अब्राम को ये बातें बताई. अब्राम तो उस समय ममरे नामक व्यक्ति, जो अमोरी जाति का था, उसके बड़े बलूत पेड़ों के पास रहता था. ममरे, एशकोल एवं ऐनर का भाई था; और इन्होंने अब्राम से वाचा बांधी थी.
১৩তখন এক জন পলাতক ইব্রীয় অব্রামকে খবর দিল; ঐ দিনের তিনি ইষ্কোলের ভাই ও আনেরের ভাই ইমোরীয় মম্রির এলোন বনে বাস করছিলেন এবং তাঁরা অব্রামের সঙ্গে যুক্ত ছিলেন।
14 जब अब्राम को यह पता चला कि लोत को बंदी बना लिया गया है, तो उसने अपने पूरे परिवार को इकट्ठा किया और 318 जो युद्ध सीखे हुए वीर थे, साथ लेकर दान नामक स्थान तक उनका पीछा किया.
১৪অব্রাম যখন শুনলেন, তার আত্মীয় ধরা পড়েছেন, তখন তিনি বাড়িতে জন্মানো তিনশো আঠারো জন প্রশিক্ষণপ্রাপ্ত দাসকে নিয়ে দান পর্যন্ত তাড়া করে গেলেন।
15 रात्रि में अब्राम ने अपने लोगों को उनके ऊपर हमला करने के लिये बांट दिया और अब्राम तथा उनके सेवकों ने उन्हें पराजित कर दिया तथा दमेशेक के उत्तर में स्थित होबाह नगर तक उनका पीछा किया.
১৫পরে রাতে নিজের দাসদেরকে দুই দলে ভাগ করে তিনি শত্রুদেরকে আঘাত করলেন এবং দম্মেশকের উত্তরে অবস্থিত হোবা পর্যন্ত তাড়িয়ে দিলেন
16 अब्राम ने उन लोगों से सब सामान वापस ले लिया और लोत, उसके सभी लोग और उसकी संपत्ति भी उनसे ले ली.
১৬এবং সকল সম্পতি, আর নিজের আত্মীয় লোট ও তাঁর সম্পত্তি এবং স্ত্রীলোকদেরকে ও লোক সকলকে ফিরিয়ে আনলেন।
17 जब अब्राम खेदोरलाओमर तथा उनके मित्र राजाओं को हरा कर लौट रहे थे, सोदोम का राजा शावेह घाटी (जिसे राजा की घाटी भी कहा जाता है) में अब्राम से मिलने आया.
১৭অব্রাম কদলায়েমরকে ও তাঁর সঙ্গী রাজাদের জয় করে ফিরে আসলে পর, সদোমের রাজা তাঁর সঙ্গে দেখা করতে শাবী তলভূমিতে অর্থাৎ রাজার তলভূমিতে গেলেন
18 शालेम के राजा मेलखीज़ेदेक, जो परमेश्वर के पुरोहित थे, भोजन एवं दाखरस लेकर आये.
১৮এবং শালেমের রাজা মল্কীষেদক রুটি ও আঙ্গুর রস বের করে আনলেন, তিনি সর্বশক্তিমান ঈশ্বরের যাজক।
19 उन्होंने अब्राम को आशीष देते हुए कहा, “स्वर्ग और पृथ्वी को बनानेवाले, परम प्रधान परमेश्वर की ओर से तुम धन्य हो,
১৯তিনি অব্রামকে আশীর্বাদ করলেন, বললেন, “অব্রাম স্বর্গমর্তের সৃষ্টিকর্ত্তা সর্বশক্তিমান ঈশ্বরের আশীর্বাদযুক্ত হোন,
20 धन्य हैं परम प्रधान परमेश्वर, जिन्होंने आपके शत्रुओं को आपके अधीन कर दिया है.” अब्राम ने मेलखीज़ेदेक को सबका दशमांश दिया.
২০আর সর্বশক্তিমান ঈশ্বর ধন্য হোন, যিনি তোমার বিপক্ষদেরকে তোমার হাতে দিয়েছেন।” তখন অব্রাম সমস্ত দ্রব্যের দশমাংশ তাকে দিলেন।
21 सोदोम के राजा ने अब्राम से कहा, “मुझे इन्सानों को दे दीजिए, सामान सब आप रख लीजिए.”
২১আর সদোমের রাজা অব্রামকে বললেন, “সব লোকজনকে আমাকে দিন, সম্পত্তি নিজের জন্য নিন।”
22 सोदोम के राजा को अब्राम ने उत्तर दिया, “मैंने स्वर्ग और पृथ्वी के अधिकारी, याहवेह परमेश्वर के सामने शपथ ली है,
২২তখন অব্রাম সদোমের রাজাকে উত্তর করলেন, “আমি স্বর্গমর্তের অধিকারী সর্বশক্তিমান ঈশ্বর সদাপ্রভুর উদ্দেশ্যে হাত উঠিয়ে বলছি,
23 कि मैं आपकी संपत्ति में से एक भी वस्तु, यहां तक कि एक धागा या जूती का बंधन तक न लूंगा, ताकि इन चीज़ों को देकर आप यह न कहने लगें, ‘मैंने अब्राम को धनी बनाया है.’
২৩আমি আপনার কিছুই নেব না, এক গাছি সুতো কি জুতোর ফিতেও নেব না; যদি আপনি বলেন, আমি অব্রামকে ধনবান্ করেছি।
24 मैं आपसे कुछ नहीं लूंगा पर सिर्फ खाना, जिसे मेरे लोगों ने खा लिया है और उनका हिस्सा, जो मेरे साथ गये थे याने ऐनर, एशकोल तथा ममरे का हिस्सा, मैं आपको नहीं लौटाऊंगा. उन्हें उनके हिस्सा रखने दीजिये.”
২৪কেবল [আমার] যুবকরা যা খেয়েছে তা নেব এবং যে ব্যক্তিরা আমার সঙ্গে গিয়েছিলেন, আনের, ইষ্কোল ও মম্রি, তাঁরা নিজের নিজের প্রাপ্ত অংশ গ্রহণ করুন।”