< गलातियों 6 >

1 प्रिय भाई बहनो, यदि तुम्हें यह मालूम हो कि किसी व्यक्ति ने कोई अपराध किया है, तो तुम, जो आत्मिक हो, उसे नम्रतापूर्वक सुधारो, किंतु तुम स्वयं सावधान रहो कि कहीं तुम भी परीक्षा में न पड़ जाओ.
Brethren, if a man be overtaken in a fault, ye who are spiritual, restore such one in the spirit of meekness; considering thyself, lest thou also be tempted.
2 एक दूसरे का बोझ उठाया करो. इसके द्वारा तुम मसीह की व्यवस्था को पूरा करोगे.
Bear ye one another's burdens, and so fulfill the law of Christ.
3 यदि कोई व्यक्ति कुछ न होने पर भी स्वयं को पहुंचा हुआ समझता है तो वह स्वयं को धोखा देता है.
For if a man thinketh himself to be something, when he is nothing, he deceiveth himself.
4 हर एक व्यक्ति अपने कामों की जांच स्वयं करे, तब उसके सामने किसी और पर नहीं, खुद अपने पर घमंड करने का कारण होगा
But let every man prove his own work, and then shall he have rejoicing in himself alone, and not in another.
5 क्योंकि हर एक व्यक्ति अपना बोझ स्वयं ही उठाएगा.
For every man shall bear his own burden.
6 जिसे वचन की शिक्षा दी जा रही है, वह हर एक उत्तम वस्तु में अपने शिक्षक को सम्मिलित करे.
Let him that is taught in the word communicate to him that teacheth in all good things.
7 किसी भ्रम में न रहना: परमेश्वर मज़ाक के विषय नहीं हैं क्योंकि मनुष्य जो कुछ बोता है, वही काटता है.
Be not deceived; God is not mocked: for whatever a man soweth, that shall he also reap.
8 वह, जो अपने शरीर के लिए बोता है, शरीर के द्वारा विनाश की उपज काटेगा; किंतु वह, जो पवित्र आत्मा के लिए बोता है, पवित्र आत्मा के द्वारा अनंत जीवन प्राप्‍त करेगा. (aiōnios g166)
For he that soweth to his flesh shall from the flesh reap corruption: but he that soweth to the Spirit, shall from the Spirit reap life everlasting. (aiōnios g166)
9 हम भलाई के काम करने में साहस न छोड़ें क्योंकि यदि हम ढीले न हो जाएं तो हम निर्धारित समय पर उपज अवश्य काटेंगे.
And let us not be weary in well-doing: for in due season we shall reap, if we faint not.
10 जब तक हमारे सामने सुअवसर है, हम सभी का भला करते रहें, विशेषकर विश्वासी परिवार के सदस्यों का.
As we have therefore opportunity, let us do good to all [men], especially to them who are of the household of faith.
11 ध्यान दो कि कैसे बड़े आकार के अक्षरों में मैंने तुम्हें अपने हाथों से यह लिखा है!
Ye see how large a letter I have written to you with my own hand.
12 जितने भी लोग तुम पर उत्तम प्रभाव डालने के लक्ष्य से तुम्हें ख़तना के लिए मजबूर करते हैं, वे यह सिर्फ इसलिये करते हैं कि वे मसीह येशु के क्रूस के कारण सताए न जाएं.
As many as desire to make a fair show in the flesh, they constrain you to be circumcised; only lest they should suffer persecution for the cross of Christ.
13 वे, जो ख़तनित हैं, स्वयं तो व्यवस्था का पालन नहीं करते किंतु वे यह चाहते अवश्य हैं कि तुम्हारा ख़तना हो जिससे यह उनके लिए घमंड करने का विषय बन जाए.
For neither they themselves who are circumcised keep the law; but desire to have you circumcised, that they may glory in your flesh.
14 ऐसा कभी न हो कि मैं हमारे प्रभु येशु मसीह के क्रूस के अलावा और किसी भी विषय पर घमंड करूं. इन्हीं मसीह के कारण संसार मेरे लिए क्रूस पर चढ़ाया जा चुका है और मैं संसार के लिए.
But may it never be that I should glory, save in the cross of our Lord Jesus Christ, by whom the world is crucified to me, and I to the world.
15 महत्व न तो ख़तना का है और न खतनाविहीनता का महत्व है; तो सिर्फ नई सृष्टि का.
For in Christ Jesus neither circumcision availeth any thing, nor uncircumcision, but a new creature.
16 वे सभी, जो इस सिद्धांत का पालन करते हैं, उनमें तथा परमेश्वर के इस्राएल में शांति व कृपा व्याप्‍त हो.
And as many as walk according to this rule, peace [be] on them, and mercy, and upon the Israel of God.
17 अंत में, अब कोई मुझे किसी प्रकार की पीड़ा न पहुंचाए क्योंकि मेरे शरीर पर मसीह येशु के घाव के चिह्न हैं.
From henceforth let no man trouble me: for I bear in my body the marks of the Lord Jesus.
18 प्रिय भाई बहनो, हमारे प्रभु येशु मसीह का अनुग्रह तुम पर बना रहे. आमेन.
Brethren, the grace of our Lord Jesus Christ [be] with your spirit. Amen.

< गलातियों 6 >