< एज्रा 7 >
1 इन घटनाओं के बाद फारस के राजा अर्तहषस्ता के शासनकाल में एज़्रा बाबेल से लौट आए. एज़्रा सेराइयाह के पुत्र थे, सेराइयाह अज़रियाह का, अज़रियाह हिलकियाह का, हिलकियाह शल्लूम का,
Post hæc autem verba in regno Artaxerxis regis Persarum, Esdras filius Saraiæ, filii Azariæ, filii Helciæ,
2 शल्लूम सादोक का, सादोक अहीतूब का, अहीतूब अमरियाह का,
filii Sellum, filii Sadoc, filii Achitob,
3 अमरियाह अज़रियाह का, अज़रियाह मेराइओथ का,
filii Amariæ, filii Azariæ, filii Maraioth,
4 मेराइओथ ज़ेराइयाह का, ज़ेराइयाह उज्जी का, उज्जी बुक्की का,
filii Zarahiæ, filii Ozi, filii Bocci,
5 बुक्की अबीशुआ का, अबीशुआ फिनिहास का, फिनिहास एलिएज़र का, एलिएज़र प्रमुख पुरोहित अहरोन का पुत्र था.
filii Abisue, filii Phinees, filii Eleazar, filii Aaron sacerdotis ab initio.
6 एज़्रा बाबेल से लौट आए. वह मोशेह को याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर के द्वारा सौंपी गई व्यवस्था के विशेषज्ञ थे. याहवेह, उनके परमेश्वर का आशीर्वाद एज़्रा पर बना हुआ था, तब राजा ने उन्हें वह सब दिया, जिस जिस वस्तु का उन्होंने मांगा था.
Ipse Esdras ascendit de Babylone, et ipse scriba velox in lege Moysi, quam Dominus Deus dedit Israel: et dedit ei rex secundum manum Domini Dei eius super eum, omnem petitionem eius.
7 कुछ इस्राएली, कुछ पुरोहित, लेवी, गायक, द्वारपाल तथा भवन के कर्मचारी राजा अर्तहषस्ता के शासनकाल के सातवें वर्ष में येरूशलेम पहुंचे.
Et ascenderunt de filiis Israel, et de filiis Sacerdotum, et de filiis Levitarum, et de cantoribus, et de ianitoribus, et de Nathinæis, in Ierusalem anno septimo Artaxerxis regis.
8 स्वयं एज़्रा राजा के शासनकाल के सातवें वर्ष के पांचवें महीने में येरूशलेम पहुंचे.
Et venerunt in Ierusalem mense quinto, ipse est annus septimus regis.
9 उन्होंने बाबेल से अपनी यात्रा पहले महीने के पहले दिन से शुरू की थी तथा वह पांचवें महीने के पहले दिन येरूशलेम पहुंच गए थे, क्योंकि उनके परमेश्वर की कृपादृष्टि उन पर बनी हुई थी.
Quia in primo die mensis primi cœpit ascendere de Babylone, et in primo die mensis quinti venit in Ierusalem, iuxta manum Dei sui bonam super se.
10 एज़्रा ने स्वयं को याहवेह की व्यवस्था के अध्ययन, स्वयं उसका पालन करने तथा इस्राएल राष्ट्र में याहवेह की विधियों और नियमों की शिक्षा देने के लिए समर्पित कर दिया था.
Esdras enim paravit cor suum, ut investigaret legem Domini, et faceret et doceret in Israel præceptum et iudicium.
11 पुरोहित, विधि-विशेषज्ञ, याहवेह द्वारा इस्राएल के लिए ठहराए गए उन आदेशों और विधियों में प्रशिक्षित एज़्रा को राजा अर्तहषस्ता ने जो राजा कि आज्ञा सौंपी थी उसकी नकल यह है:
Hoc est autem exemplar epistolæ edicti, quod dedit rex Artaxerxes Esdræ sacerdoti, scribæ erudito in sermonibus et præceptis Domini, et ceremoniis eius in Israel.
12 अर्तहषस्ता, राजा की, ओर से एज़्रा को, जो पुरोहित और स्वर्ग के परमेश्वर की व्यवस्था के गुरु हैं, नमस्कार.
Artaxerxes rex regum Esdræ sacerdoti, scribæ legis Dei cæli doctissimo, salutem.
13 मैंने इसी समय एक राजा की आज्ञा दी है, कि मेरे राज्य में इस्राएल देश का कोई भी नागरिक, उनके पुरोहित और लेवी यदि चाहें तो आपके साथ येरूशलेम जाने के लिए स्वतंत्र हैं.
A me decretum est, ut cuicumque placuerit in regno meo de populo Israel, et de Sacerdotibus eius, et de Levitis ire in Ierusalem, tecum vadat.
14 क्योंकि आप राजा द्वारा आपके ही परमेश्वर की व्यवस्था के अनुसार, जो आपके ही पास है, यहूदिया प्रदेश तथा येरूशलेम के विषय में पूछताछ करने के उद्देश्य से राजा के सात मंत्रियों के साथ वहां भेजे जा रहे हैं,
A facie enim regis, et septem consiliatorum eius missus es, ut visites Iudæam et Ierusalem in lege Dei tui, quæ est in manu tua:
15 कि आप अपने साथ राजा और उनके मंत्रियों द्वारा इस्राएल के परमेश्वर को, जिनका निवास येरूशलेम में है, भेंट में चढ़ाया जानेवाला सोना और चांदी भी ले जाएं.
et ut feras argentum et aurum quod rex, et consiliatores eius sponte obtulerunt Deo Israel, cuius in Ierusalem tabernaculum est.
16 आप वह सारा सोना और चांदी, जो आपको पूरे बाबेल राज्य में से मिलेगा और वे भेंटें, जो इस्राएली और उनके पुरोहित येरूशलेम में उनके परमेश्वर के भवन के और उनके पुरोहित येरूशलेम में उनके परमेश्वर के भवन के निमित्त देंगे, अपने साथ ले जाएंगे.
Et omne argentum et aurum quodcumque inveneris in universa provincia Babylonis, et populus offerre voluerit, et de Sacerdotibus quæ sponte obtulerint domui Dei sui, quæ est in Ierusalem,
17 तब इस धनराशि से आप बड़ी ही सावधानीपूर्वक बछड़े, मेढ़े तथा मेमने खरीदेंगे और उनकी अग्निबलियों तथा पेय बलियों को येरूशलेम में अपने परमेश्वर के भवन की वेदी पर चढ़ाएंगे.
libere accipe, et studiose eme de hac pecunia vitulos, arietes, agnos et sacrificia et libamina eorum, et offer ea super altare templi Dei vestri, quod est in Ierusalem.
18 बचे हुए चांदी और सोने का उपयोग कैसे किया जाए, यह आप अपने परमेश्वर की इच्छा के अनुसार और अपने भाइयों की सहमति के अनुसार कर सकते हैं.
Sed et si quid tibi, et fratribus tuis placuerit de reliquo argento et auro ut faciatis, iuxta voluntatem Dei vestri facite.
19 इसके अलावा वे बर्तन, जो आपको आपके परमेश्वर के भवन में इस्तेमाल के लिए सौंपे गए हैं, आप उन सभी बर्तनों को येरूशलेम के परमेश्वर को सौंप देंगे.
Vasa quoque, quæ dantur tibi in ministerium domus Dei tui, trade in conspectu Dei in Ierusalem.
20 तब आपके परमेश्वर के भवन के लिए, जो बाकी ज़रूरतें हैं, जिनको पूरा करना आपकी जवाबदारी है, उसको आप राजकीय खजाने से पूरा कर सकते हैं.
Sed et cetera, quibus opus fuerit in domum Dei tui, quantumcumque necesse est ut expendas, dabitur de thesauro, et de fisco regis,
21 “मैं, हां मैं, राजा अर्तहषस्ता, सभी कोषाध्यक्षों के लिए, जो नदी के पार के प्रदेश के लिए चुने गए हैं, यह राज आज्ञा दे रहा हूं: स्वर्ग के परमेश्वर की व्यवस्था के विशेषज्ञ, पुरोहित एज़्रा की चाहे कोई भी ज़रूरत हो, उसको सावधानी के साथ पूरा किया जाए
et a me. Ego Artaxerxes rex, statui atque decrevi omnibus custodibus arcæ publicæ, qui sunt trans Flumen, ut quodcumque petierit a vobis Esdras sacerdos, scriba legis Dei cæli, absque mora detis
22 यहां तक, यदि वह एक सौ तालन्त चांदी, एक सौ कोर गेहूं, एक सौ बाथ दाखरस, एक सौ बाथ तेल, तथा नमक आवश्यकतानुसार.
usque ad argenti talenta centum, et usque ad frumenti coros centum, et usque ad vini batos centum, et usque ad batos olei centum, sal vero absque mensura.
23 स्वर्ग के परमेश्वर द्वारा, जो कुछ भी आदेश दिया गया है, वह सब स्वर्ग के भवन के लिए बड़े उत्साह के साथ पूरा किया जाए, कि किसी भी रूप से राजा और उसके पुत्रों के साम्राज्य के विरोध में परमेश्वर का क्रोध न भड़कने पाए.
Omne, quod ad ritum Dei cæli pertinet, tribuatur diligenter in domo Dei cæli: ne forte irascatur contra regnum regis, et filiorum eius.
24 हम आपको यह भी बताना चाहते हैं, कि आप लोगों को पुरोहितों, लेवियों, गायकों, द्वारपालों, भवन के कर्मचारियों तथा परमेश्वर के इस भवन के दासों से न तो कर लेने की, न भेंटे ग्रहण करने की और न चुंगी लेने की अनुमति है.
Vobis quoque notum facimus de universis Sacerdotibus, et Levitis, et cantoribus, et ianitoribus, Nathinæis, et ministris domus Dei huius, ut vectigal, et tributum, et annonas non habeatis potestatem imponendi super eos.
25 “एज़्रा, आप, परमेश्वर के द्वारा मिली हुई अपनी बुद्धि के अनुसार न्यायी और दण्डाधिकारी चुन लीजिए, कि वे नदी के पार के प्रदेश में प्रजा के विवादों का न्याय करें-उनका भी, जो आपके परमेश्वर की व्यवस्था को जानते हैं. वे, जो व्यवस्था और विधियों को नहीं जानते हैं, आप उन्हें इनकी शिक्षा दे सकते हैं.
Tu autem Esdra secundum sapientiam Dei tui, quæ est in manu tua, constitue iudices et præsides ut iudicent omni populo, qui est trans Flumen, his videlicet qui noverunt legem Dei tui, sed et imperitos docete libere.
26 जो कोई आपके परमेश्वर की व्यवस्था और राजा के नियमों को न माने, उसे कठोरता पूर्वक दंड दिया जाए, चाहे यह मृत्यु दंड हो, देश निकाला हो, संपत्ति ज़ब्त करना हो या कैद.”
Et omnis qui non fecerit legem Dei tui, et legem regis diligenter, iudicium erit de eo sive in mortem, sive in exilium, sive in condemnationem substantiæ eius, vel certe in carcerem.
27 स्तुति के योग्य हैं याहवेह, हमारे पुरखों के परमेश्वर, जिन्होंने महाराज के हृदय में इस विषय का विचार दिया, कि येरूशलेम में याहवेह का भवन संवारा जाए,
Benedictus Dominus Deus patrum nostrorum, qui dedit hoc in corde regis ut glorificaret domum Domini, quæ est in Ierusalem,
28 धन्य हैं याहवेह, जिन्होंने मुझे महाराज तथा उनके मंत्रियों तथा उनके बड़े-बड़े हाकिमों की दृष्टि में अपनी कृपा से भर दिया है. इसलिये याहवेह, मेरे परमेश्वर की कृपादृष्टि मुझ पर होने के कारण मुझे बल मिल गया. तब मैंने इस्राएलियों में से ऐसे व्यक्ति चुन लिए, जो मेरे साथ हाथ बंटाने के लिए येरूशलेम लौट सकें.
et in me inclinavit misericordiam suam coram rege et consiliatoribus eius, et universis principibus regis potentibus: et ego confortatus manu Domini Dei mei, quæ erat in me, congregavi de Israel principes qui ascenderent mecum.