< एज्रा 6 >

1 तब राजा दारयावेश ने एक राजाज्ञा प्रसारित की और अभिलेखागार में खोज की गई जहां बाबेल में मूल्यवान वस्तुएं संग्रहीत की जाती थी.
[Later] Darius [became the ruler of the Persian Empire. When the enemies of the Israelis forced them to stop rebuilding the temple, the Persian officials sent a message to King Darius. They asked him to] search the records in the (archives/government records), in the building where the king stored the important documents, [to find out whether King Cyrus had authorized that the temple should be rebuilt].
2 मेदिया प्रदेश के एकबताना गढ़ में एक चर्मपत्र प्राप्‍त हो गया जिसमें लिखी विषय-वस्तु इस प्रकार थी: स्मारक पत्र:
[The king commanded someone to search there, but those documents were not there in Babylon]. They found a scroll at the fort in Ecbatana, in Media province, [that contained the information that they wanted to know]. This is what was written on that scroll:
3 राजा कोरेश के शासन के प्रथम वर्ष में राजा कोरेश ने यह राजाज्ञा प्रसारित की: येरूशलेम में परमेश्वर के भवन को, जहां बलियां अर्पित की जाती हैं, पुनर्निर्मित किया जाए. इसकी नींवों को पूर्ववत ही रखा जाए. इसकी ऊंचाई सत्ताईस मीटर तथा चैड़ाई सत्ताईस मीटर होगी.
“During the first year that Cyrus [ruled the empire], he sent out a decree concerning the temple of God which is at Jerusalem. In the decree it was stated that a new temple must be built at the same place that [the Israeli people previously] had offered sacrifices, where the [original] foundation [of the first temple] was. The temple must be 90 feet high and 90 feet wide.
4 इसके लिए विशालकाय शिलाओं के तीन स्तर तथा एक स्तर काठ का होगा इसके लिए आवश्यक धनराशि राजकीय कोष से प्रदान की जाए.
The building must be made from large stones. After putting down three layers of stones, a layer of timber must be put on top of them. This work will be paid for by money from my treasury.
5 इसके अतिरिक्त परमेश्वर के भवन के वे सभी स्वर्ण एवं रजत पात्र जो नबूकदनेज्ज़र द्वारा येरूशलेम भवन से बाबेल लाए गए थे येरूशलेम के इसी भवन में यथास्थान रख दिए जाएं, तुम इन सभी को परमेश्वर के भवन में रख दोगे.
Also, the gold and silver utensils that King Nebuchadnezzar took from the temple of God in Jerusalem and brought to Babylon must be taken back to Jerusalem. They must be put in God’s temple just as they were in the previous temple.”
6 तब अब नदी के पार के प्रदेश के राज्यपाल तत्तेनाई, शेथर-बोज़नाई तथा तुम्हारे सहकर्मी, नदी के पार के प्रदेशों के अधिकारियों, इस स्थान से दूर रहो!
After reading this, King Darius sent this message [to the leaders of the Israeli people’s enemies in Jerusalem]: “This is a message for Tattenai, the governor of the province west of the [Euphrates] River, and for [his assistant] Shethar-Bozenai, and for all your colleagues: Stay away from that area!
7 परमेश्वर के भवन के कार्य के साथ कोई छेड़-छाड़ न की जाए. यहूदी राज्यपाल तथा यहूदियों के पुरनियों को परमेश्वर के भवन के पुनर्निर्माण का कार्य उसके नियत स्थान पर करने दिया जाए.
Do not (interfere with/hinder) the work of building the temple of God! The temple must be rebuilt at the same place where the former temple was. And do not hinder the governor of the Jews and the elders of the Jews [while they are doing this work].
8 इसके अतिरिक्त मैं एक राजाज्ञा प्रसारित कर रहा हूं कि तुम्हें परमेश्वर के भवन के पुनर्निर्माण में संलग्न यहूदियों के पुरनियों से कैसा व्यवहार करना होगा: नदी के पार के प्रदेशों से प्राप्‍त कर में से इन लोगों को राजकीय खजाने से बिना रुके या देर किए धन प्रदान किया जाए.
“Furthermore, I declare that you must help these leaders of the Jews as they rebuild this temple of God [by giving them funds for the building work].
9 उनकी गेहूं, नमक, दाखमधु और तेल की आवश्यकता चाहे जितनी भी हो, स्वर्ग के परमेश्वर के लिए होमबलि अर्पण के निमित्त बछड़े, मेढ़े, मेमने, गेहूं, लवण, द्राक्षारस तथा अभिषेक का तेल जैसा कि येरूशलेम के पुरोहितों का आग्रह है, उन्हें प्रतिदिन बिना चूक प्रदान किया जाता रहे.
“The Jewish priests in Jerusalem need young bulls and rams and lambs to sacrifice as they make burned offerings to the God of heaven. You must give them the animals that they need. Also, you must be certain to give them the wheat, salt, wine, and [olive] oil that they need each day [for those sacrifices].
10 कि वे स्वर्ग के परमेश्वर को बलिदान अर्पित करते हुए राजा एवं उसके पुत्रों के जीवन के लिए प्रार्थना कर सकें.
If you do that, the Jewish priests will be able to offer sacrifices that please the God who is in heaven, and they will pray that God will bless me and my sons.
11 मैं यह राजाज्ञा भी प्रसारित कर रहा हूं: यदि कोई व्यक्ति इस राजाज्ञा का उल्लंघन करेगा, उसके घर से काठ की बल्ली खींची जाएगी, उसे इस पर मृत्यु दंड दिया जाएगा, तथा इसके कारण उसके आवास को कूड़े का ढेर बना दिया जाएगा.
“If anyone disobeys this decree, [my soldiers] will pull a beam from his house. Then [after they sharpen one end of the beam, ] they will lift that man up and impale him on that beam. Then they will [completely destroy that man’s house until only] a pile of rubble is left.
12 वह परमेश्वर, जिन्होंने अपनी प्रतिष्ठा को वहां बनाकर रखा है, ऐसे किसी भी राजा या प्रजा को गिरा दें, जो इस राजाज्ञा को इसलिये टालने का प्रयास करता है कि येरूशलेम में परमेश्वर के इस आवास को नाश किया जा सके. मैं दारयावेश हूं, जिसने यह राजाज्ञा प्रसारित की है. इसका वस्तुतः पालन पूर्ण सावधानी से किया जाए!
God has chosen [that city of] Jerusalem as the place where people will honor him [MTY]. What I desire is that he will get rid of any king or any nation that tries to change this decree or tries to destroy that temple in Jerusalem. I, Darius, have made this decree. It must be obeyed quickly and thoroughly.”
13 उस नदी के पार के प्रदेश के राज्यपाल तत्तेनाई, शेथर-बोज़नाई तथा उनके सहकर्मियों ने पूर्ण सावधानी में इस आदेश का पालन किया, जैसा जैसा राजा दारयावेश का आदेश था.
Tattenai, the governor of the province, and [his assistant] Shethar-Bozenai and their colleagues [read the message and] immediately obeyed the decree of King Darius.
14 यहूदियों के पुरनियों ने भविष्यद्वक्ता हाग्गय तथा इद्दो के पुत्र ज़करयाह की भविष्यवाणी के अनुरूप यह निर्माण पूरा करने में सफलता हासिल की. इस निर्माण का पूर्ण होना इस्राएल के परमेश्वर के आदेश तथा फारस के राजा कोरेश, दारयावेश तथा अर्तहषस्ता की राजाज्ञा के अनुसार हुआ.
So the Jewish leaders continued their work [of rebuilding the temple]. They were greatly encouraged by the messages that the prophets Haggai and Zechariah preached. The Israelis continued building the temple, just like God had commanded them to do and like King Cyrus had decreed.
15 भवन पुनर्निर्माण का यह कार्य अदर माह की तीसरी तिथि पर पूर्ण हुआ. यह राजा दारयावेश के शासन का छठा वर्ष था.
They finished building it on March 12, during the sixth year that King Darius [ruled].
16 इस्राएल वंशज, पुरोहित, लेवी तथा शेष रहनेवालों ने बड़े ही आनंदपूर्वक परमेश्वर के भवन के अर्पण के उत्सव को मनाया.
Then the priests and the Levites and all the other Israeli people who had returned from Babylon very joyfully dedicated the temple.
17 परमेश्वर के इस भवन के अर्पण-उत्सव में उन्होंने 100 बछड़े, 200 मेढ़े, 400 मेमने अर्पित किए तथा इस्राएल के निमित्त पापबलि करके 12 बकरे इस्राएल के बारह गोत्रों के अनुसार अर्पित किए.
During [the ceremony to] dedicate the temple, they sacrificed 100 young bulls, 200 rams, and 400 lambs. They also sacrificed twelve male goats as an offering in order that [God would forgive] the sins of the people of the twelve tribes of Israel.
18 तब उन्होंने अपने-अपने विभागों के लिए पुरोहित तथा क्रम के अनुसार लेवी भी येरूशलेम में परमेश्वर की सेवा के लिए नियुक्त कर दिए—जैसा कि मोशेह लिखित विधान में निर्दिष्ट है.
Then the priests and Levites were divided into groups that would [take turns to] serve at the temple. They did this according to what Moses had written [many years previously] in the laws [that he wrote].
19 वे जो रहनेवाले थे, उन्होंने प्रथम माह के चौदहवें दिन फ़सह उत्सव को मनाया.
On April 21, the Jews who had returned from Babylon celebrated the Passover Festival.
20 क्योंकि पुरोहितों एवं लेवियों ने साथ ही अपने को पवित्र कर लिया था. वे सभी अब संस्कार के अनुसार शुद्ध किए गये थे. तब उन्होंने सभी रहनेवालों के लिए फ़सह मेमना वध किया सहपुरोहितों के लिए तथा स्वयं अपने लिए.
[To qualify themselves for offering the sacrifices], the priests and Levites had already purified themselves by performing certain rituals. Then they slaughtered the lambs for the benefit of all the people who had returned from Babylon, for the other priests, and for themselves.
21 इस्राएल वंशज, जो निर्वासन से लौट आए थे तथा वे सभी, जिन्होंने स्वयं को उस देश की अशुद्धताओं से अलग कर लिया था, उनके साथ हो गए थे, कि वे याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर की खोज करें; इन्होंने फ़सह के भोज का सेवन किया.
Those who had returned from Babylon and the other people in that land who had turned away from their immoral practices in order to worship Yahweh, the God of the Israeli people, ate the Passover meal.
22 तब उन्होंने बड़े ही आनंदपूर्वक सात दिन खमीर रहित रोटी का उत्सव भी मनाया, याहवेह ने उन्हें आनंदित किया था. याहवेह ने ही अश्शूर के राजा का हृदय उनकी ओर फेर दिया था कि वह उन्हें, इस्राएल के परमेश्वर के भवन के कार्य के लिए सहायता करें.
They celebrated the Unleavened Bread Festival of [Eating] Unleavened Bread for seven days. The Israeli people throughout the land were joyful because Yahweh had changed the attitude of the king of Assyria toward them, and as a result, the king had helped them to rebuild the temple of God, the one whom they [worshiped].

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