< एज्रा 6 >

1 तब राजा दारयावेश ने एक राजाज्ञा प्रसारित की और अभिलेखागार में खोज की गई जहां बाबेल में मूल्यवान वस्तुएं संग्रहीत की जाती थी.
عِنْدَئِذٍ أَصْدَرَ دَارِيُوسُ الْمَلِكُ مَرْسُوماً بِالْبَحْثِ فِي دَارِ الْمَحْفُوظَاتِ فِي بَابِلَ، حَيْثُ تُحْفَظُ الْوَثَائِقُ،١
2 मेदिया प्रदेश के एकबताना गढ़ में एक चर्मपत्र प्राप्‍त हो गया जिसमें लिखी विषय-वस्तु इस प्रकार थी: स्मारक पत्र:
فَعَثَرُوا فِي قَصْرِ أَحْمَثَا، عَاصِمَةِ إِقْلِيمِ مَادِي، عَلَى مَرْسُومٍ هَذَا نَصُّهُ: «مُذَكِّرَةٌ.٢
3 राजा कोरेश के शासन के प्रथम वर्ष में राजा कोरेश ने यह राजाज्ञा प्रसारित की: येरूशलेम में परमेश्वर के भवन को, जहां बलियां अर्पित की जाती हैं, पुनर्निर्मित किया जाए. इसकी नींवों को पूर्ववत ही रखा जाए. इसकी ऊंचाई सत्ताईस मीटर तथा चैड़ाई सत्ताईस मीटर होगी.
أَصْدَرَ الْمَلِكُ كُورَشُ فِي السَّنَةِ الأُولَى لِحُكْمِهِ مَرْسُوماً بِشَأْنِ هَيْكَلِ اللهِ فِي أُورُشَلِيمَ، جَاءَ فِيهِ: لِيُعَدْ بِنَاءُ الْهَيْكَلِ الَّذِي يُقَرِّبُونَ فِيهِ الذَّبَائِحَ، وَلْتُرْسَ أُسُسُهُ بِحَيْثُ يَكُونُ ارْتِفَاعُهُ سِتِّينَ ذِرَاعاً (نَحْوَ ثَلاثِينَ مِتْراً) وَعَرْضُهُ سِتِّينَ ذِرَاعاً٣
4 इसके लिए विशालकाय शिलाओं के तीन स्तर तथा एक स्तर काठ का होगा इसके लिए आवश्यक धनराशि राजकीय कोष से प्रदान की जाए.
عَلَى أَنْ يَتَكَوَّنَ مِنْ ثَلاثَةِ صُفُوفٍ مِنْ حِجَارَةٍ عَظِيمَةٍ، وَصَفٍّ رَابِعٍ مِنْ خَشَبٍ جَدِيدٍ. وَتَتَكَفَّلُ خَزِينَةُ الْمَلِكِ بِنَفَقَةِ الْبِنَاءِ.٤
5 इसके अतिरिक्त परमेश्वर के भवन के वे सभी स्वर्ण एवं रजत पात्र जो नबूकदनेज्ज़र द्वारा येरूशलेम भवन से बाबेल लाए गए थे येरूशलेम के इसी भवन में यथास्थान रख दिए जाएं, तुम इन सभी को परमेश्वर के भवन में रख दोगे.
كَمَا يَتَحَتَّمُ رَدُّ آنِيَةِ هَيْكَلِ اللهِ الذَّهَبِيَّةِ وَالْفِضِّيَّةِ الَّتِي غَنِمَهَا نَبُوخَذْنَصَّرُ مِنْ هَيْكَلِ أُورُشَلِيمَ وَنَقَلَهَا إِلَى بَابِلَ، إِلَى مَوْضِعِهَا فِي هَيْكَلِ اللهِ فِي أُورُشَلِيمَ.٥
6 तब अब नदी के पार के प्रदेश के राज्यपाल तत्तेनाई, शेथर-बोज़नाई तथा तुम्हारे सहकर्मी, नदी के पार के प्रदेशों के अधिकारियों, इस स्थान से दूर रहो!
وَالآنَ يَا تَتْنَايُ وَالِي عَبْرِ النَّهْرِ وَشَتَرْبُوزْنَايُ وَسَائِرَ رِفَاقِكُمَا الأَفَرْسَكِيِّينَ الْمُقِيمِينَ فِي عَبْرِ النَّهْرِ: ابْتَعِدُوا مِنْ هُنَاكَ.٦
7 परमेश्वर के भवन के कार्य के साथ कोई छेड़-छाड़ न की जाए. यहूदी राज्यपाल तथा यहूदियों के पुरनियों को परमेश्वर के भवन के पुनर्निर्माण का कार्य उसके नियत स्थान पर करने दिया जाए.
لَا تَتَدَخَّلُوا فِي سَيْرِ عَمَلِ بِنَاءِ هَيْكَلِ اللهِ هَذَا؛ وَلْيُتَابِعْ وَالِي الْيَهُودِ وَشُيُوخُهُمْ بِنَاءَهُ فِي ذَاتِ مَوْقِعِهِ السَّابِقِ.٧
8 इसके अतिरिक्त मैं एक राजाज्ञा प्रसारित कर रहा हूं कि तुम्हें परमेश्वर के भवन के पुनर्निर्माण में संलग्न यहूदियों के पुरनियों से कैसा व्यवहार करना होगा: नदी के पार के प्रदेशों से प्राप्‍त कर में से इन लोगों को राजकीय खजाने से बिना रुके या देर किए धन प्रदान किया जाए.
وَقَدْ صَدَرَ مِنِّي أَمْرٌ بِمَا تَصْنَعُونَ مَعَ شُيُوخِ الْيَهُودِ هَؤُلاءِ بِصَدَدِ بِنَاءِ هَيْكَلِ اللهِ: عَلَيْكُمْ أَنْ تَدْفَعُوا عَاجِلاً لِهَؤُلاءِ نَفَقَاتِ الْبِنَاءِ مِنْ مَالِ الْمَلِكِ مِنَ الْجِزْيَةِ الَّتِي تُجْبَى مِنْ عَبْرِ النَّهْرِ، لِئَلّا يَتَعَطَّلُوا عَنِ الْعَمَلِ.٨
9 उनकी गेहूं, नमक, दाखमधु और तेल की आवश्यकता चाहे जितनी भी हो, स्वर्ग के परमेश्वर के लिए होमबलि अर्पण के निमित्त बछड़े, मेढ़े, मेमने, गेहूं, लवण, द्राक्षारस तथा अभिषेक का तेल जैसा कि येरूशलेम के पुरोहितों का आग्रह है, उन्हें प्रतिदिन बिना चूक प्रदान किया जाता रहे.
وَكَذَلِكَ مَا يَحْتَاجُونَ إِلَيْهِ مِنَ الثِّيرَانِ وَالْكِبَاشِ وَالْخِرَافِ لِتَكُونَ قَرَابِينَ لإِلَهِ السَّمَاءِ. وَقَدِّمُوا لَهُمْ حِنْطَةً وَمِلْحاً وَخَمْراً وَزَيْتاً بِمُوْجِبِ طَلَبِ كَهَنَةِ أُورُشَلِيمَ كُلَّ يَوْمٍ بِيَوْمِهِ مِنْ غَيْرِ مُمَاطَلَةٍ،٩
10 कि वे स्वर्ग के परमेश्वर को बलिदान अर्पित करते हुए राजा एवं उसके पुत्रों के जीवन के लिए प्रार्थना कर सकें.
لِيُوَاظِبُوا عَلَى تَقْرِيبِ ذَبَائِحِ سُرُورٍ لإِلَهِ السَّمَاءِ، وَيُثَابِرُوا عَلَى الصَّلاةِ مِنْ أَجْلِ حَيَاةِ الْمَلِكِ وَأَبْنَائِهِ.١٠
11 मैं यह राजाज्ञा भी प्रसारित कर रहा हूं: यदि कोई व्यक्ति इस राजाज्ञा का उल्लंघन करेगा, उसके घर से काठ की बल्ली खींची जाएगी, उसे इस पर मृत्यु दंड दिया जाएगा, तथा इसके कारण उसके आवास को कूड़े का ढेर बना दिया जाएगा.
وَقَدْ أَمَرْتُ أَنَّ كُلَّ إِنْسَانٍ يُغَيِّرُ مِنْ هَذَا الْمَرْسُومِ تُسْحَبُ خَشَبَةٌ مِنْ بَيْتِهِ تَصْلِبُونَهُ عَلَيْهَا مُعَلَّقاً، وَيَتَحَوَّلُ بَيْتُهُ إِلَى كَوْمَةٍ مِنَ الأَطْلالِ جَزَاءَ جَرِيمَتِهِ.١١
12 वह परमेश्वर, जिन्होंने अपनी प्रतिष्ठा को वहां बनाकर रखा है, ऐसे किसी भी राजा या प्रजा को गिरा दें, जो इस राजाज्ञा को इसलिये टालने का प्रयास करता है कि येरूशलेम में परमेश्वर के इस आवास को नाश किया जा सके. मैं दारयावेश हूं, जिसने यह राजाज्ञा प्रसारित की है. इसका वस्तुतः पालन पूर्ण सावधानी से किया जाए!
وَلْيُهْلِكِ اللهُ، الَّذِي وَضَعَ اسْمَهُ هُنَاكَ، كُلَّ مَلِكٍ أَوْ شَعْبٍ يَسْعَى لِتَغْيِيرِ هَذَا الْمَرْسُومِ، أَوْ لِهَدْمِ هَيْكَلِ اللهِ الَّذِي فِي أُورُشَلِيمَ. أَنَا دَارِيُوسُ قَدْ أَمَرْتُ فَلْيُجْرَ تَنْفِيذُ هَذَا الْمَرْسُومِ عَلَى الْفَوْرِ».١٢
13 उस नदी के पार के प्रदेश के राज्यपाल तत्तेनाई, शेथर-बोज़नाई तथा उनके सहकर्मियों ने पूर्ण सावधानी में इस आदेश का पालन किया, जैसा जैसा राजा दारयावेश का आदेश था.
حِينَئِذٍ أَسْرَعَ تَتْنَايُ وَالِي عَبْرِ النَّهْرِ، وَشَتَرْبُوزْنَايُ وَرِفَاقُهُمَا بِتَنْفِيذِ أَمْرِ الْمَلِكِ دَارِيُوسَ بِدِقَّةٍ.١٣
14 यहूदियों के पुरनियों ने भविष्यद्वक्ता हाग्गय तथा इद्दो के पुत्र ज़करयाह की भविष्यवाणी के अनुरूप यह निर्माण पूरा करने में सफलता हासिल की. इस निर्माण का पूर्ण होना इस्राएल के परमेश्वर के आदेश तथा फारस के राजा कोरेश, दारयावेश तथा अर्तहषस्ता की राजाज्ञा के अनुसार हुआ.
وَهَكَذَا تَابَعَ شُيُوخُ الْيَهُودِ الْبِنَاءَ بِنَجَاحٍ، تَتْمِيماً لِنُبُوءَةِ حَجَّيِ النَّبِيِّ وَزَكَرِيَّا بْنِ عِدُّو، فَاسْتَكْمَلُوا الْبِنَاءَ حَسَبَ أَمْرِ إِلَهِ إِسْرَائِيلَ وَأَمْرِ كُورَشَ وَدَارِيُوسَ وَأَرْتَحْشَشْتَا مُلُوكِ فَارِسَ.١٤
15 भवन पुनर्निर्माण का यह कार्य अदर माह की तीसरी तिथि पर पूर्ण हुआ. यह राजा दारयावेश के शासन का छठा वर्ष था.
وَتَمَّ بِنَاءُ الْهَيْكَلِ فِي الْيَوْمِ الثَّالِثِ مِنْ شَهْرِ آذَارَ، فِي السَّنَةِ السَّادِسَةِ مِنْ مُلْكِ دَارِيُوسَ الْمَلِكِ.١٥
16 इस्राएल वंशज, पुरोहित, लेवी तथा शेष रहनेवालों ने बड़े ही आनंदपूर्वक परमेश्वर के भवन के अर्पण के उत्सव को मनाया.
وَدَشَّنَ كَهَنَةُ بَنِي إِسْرَائِيلَ وَاللاوِيُّونَ وَبَقِيَّةُ الْمَسْبِيِّينَ الْعَائِدِينَ هَيْكَلَ اللهِ بِفَرَحٍ.١٦
17 परमेश्वर के इस भवन के अर्पण-उत्सव में उन्होंने 100 बछड़े, 200 मेढ़े, 400 मेमने अर्पित किए तथा इस्राएल के निमित्त पापबलि करके 12 बकरे इस्राएल के बारह गोत्रों के अनुसार अर्पित किए.
وَقَرَّبُوا احْتِفَالاً بِتَدْشِينِ هَيْكَلِ اللهِ: مِئَةَ ثَوْرٍ وَمِئَتَيْ كَبْشٍ وَأَرْبَعَ مِئَةِ خَرُوفٍ؛ وَاثْنَيْ عَشَرَ تَيْسَ مِعْزَى، لِتَكُونَ ذَبِيحَةَ خَطِيئَةٍ عَنْ جَمِيعِ إِسْرَائِيلَ، بِحَسَبِ عَدَدِ أَسْبَاطِهِمْ.١٧
18 तब उन्होंने अपने-अपने विभागों के लिए पुरोहित तथा क्रम के अनुसार लेवी भी येरूशलेम में परमेश्वर की सेवा के लिए नियुक्त कर दिए—जैसा कि मोशेह लिखित विधान में निर्दिष्ट है.
وَتَوَزَّعَ الْكَهَنَةُ وَاللّاوِيُّونَ حَسَبَ فِرَقِهِمِ الْمُخْتَلِفَةِ لِيَقُومُوا بِخِدْمَةِ الرَّبِّ، كَمَا هُوَ مَنْصُوصٌ عَلَيْهِ فِي شَرِيعَةِ مُوسَى.١٨
19 वे जो रहनेवाले थे, उन्होंने प्रथम माह के चौदहवें दिन फ़सह उत्सव को मनाया.
وَاحْتَفَلَ الْعَائِدُونَ مِنَ السَّبْيِ بِالْفِصْحِ فِي الْيَوْمِ الرَّابِعَ عَشَرَ مِنَ الشَّهْرِ الأَوَّلِ،١٩
20 क्योंकि पुरोहितों एवं लेवियों ने साथ ही अपने को पवित्र कर लिया था. वे सभी अब संस्कार के अनुसार शुद्ध किए गये थे. तब उन्होंने सभी रहनेवालों के लिए फ़सह मेमना वध किया सहपुरोहितों के लिए तथा स्वयं अपने लिए.
إِذْ كَانَ الْكَهَنَةُ وَاللّاوِيُّونَ قَدْ تَطَهَّرُوا جَمِيعاً، فَذَبَحُوا حُمْلانَ الْفِصْحِ لِجَمِيعِ الْمَسْبِيِّينَ الْعَائِدِينَ وَلإِخْوَتِهِمِ الْكَهَنَةِ وَلأَنْفُسِهِمْ.٢٠
21 इस्राएल वंशज, जो निर्वासन से लौट आए थे तथा वे सभी, जिन्होंने स्वयं को उस देश की अशुद्धताओं से अलग कर लिया था, उनके साथ हो गए थे, कि वे याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर की खोज करें; इन्होंने फ़सह के भोज का सेवन किया.
وَأَكَلَ الإِسْرَائِيلِيُّونَ الرَّاجِعُونَ مِنَ السَّبْيِ الْفِصْحَ، مَعَ سَائِرِ الَّذِينَ انْفَصَلُوا عَنْ مُمَارَسَةِ رَجَاسَاتِ أُمَمِ الأَرْضِ. وَجَاءُوا لِيَعْبُدُوا الرَّبَّ إِلَهَ إِسْرَائِيلَ.٢١
22 तब उन्होंने बड़े ही आनंदपूर्वक सात दिन खमीर रहित रोटी का उत्सव भी मनाया, याहवेह ने उन्हें आनंदित किया था. याहवेह ने ही अश्शूर के राजा का हृदय उनकी ओर फेर दिया था कि वह उन्हें, इस्राएल के परमेश्वर के भवन के कार्य के लिए सहायता करें.
وَاحْتَفَلُوا بِعِيدِ الْفَطِيرِ سَبْعَةَ أَيَّامٍ بِفَرَحٍ، لأَنَّ الرَّبَّ مَلأَهُمْ بِالْغِبْطَةِ، إِذْ جَعَلَ قَلْبَ مَلِكِ أَشُّورَ يَمِيلُ نَحْوَهُمْ، فَشَدَّ أَزْرَهُمْ لِمُتَابَعَةِ الْعَمَلِ فِي بِنَاءِ هَيْكَلِ اللهِ إِلَهِ إِسْرَائِيلَ.٢٢

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