< यहेजकेल 9 >
1 तब मैंने उसे ऊंची आवाज में यह कहते हुए सुना, “उनको मेरे पास लाओ, जिनको शहर के लोगों का न्याय करने के लिये ठहराया गया है, और उनमें से हर एक के हाथ में हथियार हो.”
তারপর উঁচু স্বরে তাঁকে বলতে শুনলাম, “নগরের বিচার করার জন্য যারা নিযুক্ত তাদের কাছে নিয়ে এসো, প্রত্যেকে হাতে অস্ত্র নিয়ে আসুক।”
2 और मैंने देखा कि उत्तर की तरफ खुलनेवाले ऊपरी द्वार की दिशा से छः पुरुष चले आ रहे हैं, और उनमें से हर एक के हाथ में एक-एक घातक हथियार है. उनमें से एक व्यक्ति मलमल का कपड़ा पहने हुए था, जिसके बगल में लेखन सामग्री का एक झोला था. वे भीतर आए और कांस्य-वेदी के बाजू में खड़े हो गए.
আর আমি ছ-জন লোককে উপরের দরজার দিক দিয়ে আসতে দেখলাম, যেটির মুখ উত্তর দিকে ছিল, প্রত্যেকের হাতে মারাত্মক অস্ত্র ছিল। তাদের সঙ্গে ছিলেন মসিনা কাপড় পরা একজন লোক আর তাঁর কোমরের পাশে ছিল লেখালেখির সরঞ্জাম। তারা এসে ব্রোঞ্জের বেদির পাশে দাঁড়ালেন।
3 तब करूबों के ऊपर रहनेवाला इस्राएल के परमेश्वर का तेज, वहां से ऊपर उठा और मंदिर के डेवढ़ी में आ गया. तब याहवेह ने मलमल कपड़ा पहने उस व्यक्ति को पुकारा, जिसके बगल में लेखन सामग्री का झोला था.
তখন ইস্রায়েলের ঈশ্বরের যে মহিমা করূবের উপর ছিল তা সেখান থেকে উঠে উপাসনা গৃহের চৌকাঠের কাছে গেল। সদাপ্রভু মসিনার কাপড় পরা সেই লোকটিকে ডাকলেন, যাঁর কোমরের পাশে লেখালেখির সরঞ্জাম ছিল
4 उससे कहा, “पूरे येरूशलेम शहर में जाओ और उन सब लोगों के माथे पर एक चिन्ह लगाओ, जो शहर में हो रहे सब घृणित कामों से दुःखी हैं और शोक मनाते हैं.”
আর তাঁকে বললেন, “তুমি জেরুশালেম নগরের মধ্যে দিয়ে যাও এবং তার মধ্যে যেসব ঘৃণ্য কাজ হচ্ছে সেইজন্য যারা শোক ও বিলাপ করছে তাদের কপালে একটি করে চিহ্ন দাও।”
5 जैसे कि मैंने सुना, उसने दूसरों से कहा, “उसके पीछे-पीछे पूरे शहर में जाओ और बिना दया या सहानुभूति दिखाये लोगों को जान से मारते जाओ.
আমি যখন শুনছিলাম, তিনি অন্যদের বললেন, “তোমরা নগরের মধ্যে ওর পিছনে পিছনে যাও এবং কোনও মায়ামমতা না দেখিয়ে লোকদের মেরে ফেলতে থাকো, কাউকে রেহাই দিয়ো না।
6 बूढ़े, जवान युवक और युवती, मां और बच्चे सबको मार डालना, परंतु किसी भी ऐसे व्यक्ति को न छूना, जिसमें चिन्ह लगा हो. मेरे पवित्र स्थान से शुरू करना.” अतः उन्होंने उन बूढ़े लोगों से शुरू किया, जो मंदिर के सामने थे.
বুড়ো, যুবক, যুবতী, স্ত্রীলোকদের ও ছোটো ছেলেমেয়েদের মেরে ফেলো, কিন্তু যাদের চিহ্ন আছে তাদের ছুঁয়ো না। আমার উপাসনা গৃহ থেকে শুরু করো।” তাতে তারা মন্দিরের সামনে প্রাচীন লোকদের দিয়ে শুরু করল।
7 तब उसने उनसे कहा, “मंदिर को अशुद्ध कर देना और मारे गये लोगों से आंगनों को भर देना. जाओ!” अतः वे बाहर निकले और पूरे शहर में लोगों को मारने लगे.
তারপর তিনি তাদের বললেন, “যাও! মন্দির অশুচি করো এবং নিহত লোকদের দিয়ে প্রাঙ্গণ ভরে ফেলো।” তাতে তারা নগরের মধ্যে গিয়ে লোকদের মেরে ফেলতে লাগলেন।
8 जब वे मार रहे थे और मैं अकेला रह गया, तब मैं मुंह के बल गिरा और चिल्लाकर कहा, “हे परम प्रधान याहवेह, हाय! क्या आप येरूशलेम पर अपने भयंकर कोप में आकर इस्राएल के सब बचे हुओं को नाश कर देंगे?”
তারা যখন হত্যা করছিলেন আর আমি একা ছিলাম তখন আমি উপুড় হয়ে পড়ে কাঁদলাম আর বললাম, “হায়, সার্বভৌম সদাপ্রভু! জেরুশালেমের উপরে তোমার ক্রোধ ঢেলে দিয়ে তুমি কি ইস্রায়েলের বাকি সবাইকে ধ্বংস করে ফেলবে?”
9 तब उसने मुझे उत्तर दिया, “इस्राएल और यहूदाह के लोगों का पाप बहुत ही ज्यादा है; सारा देश रक्तपात से और शहर अन्याय से भरा हुआ है. वे कहते हैं, ‘याहवेह ने तो देश को त्याग दिया है; याहवेह नहीं देखते.’
তিনি উত্তরে আমাকে বললেন, “ইস্রায়েল ও যিহূদা কুলের পাপ অত্যন্ত ভয়ানক; দেশ রক্তপাতে ভরা এবং নগরটি অবিচারে ডুবে গেছে। তারা বলে, ‘সদাপ্রভু দেশ ত্যাগ করেছেন; সদাপ্রভু আমাদের দেখেন না।’
10 इसलिये मैं उन पर दया दृष्टि नहीं करूंगा या उन्हें नहीं छोड़ूंगा, पर मैं उनके कामों को उन्हीं पर डाल दूंगा.”
সেইজন্য আমি তাদের প্রতি করুণা দেখাব না অথবা ক্ষমা করব না, কিন্তু তারা যা করেছে তার ফল আমি তাদের উপর ঢেলে দেব।”
11 तब वह व्यक्ति, जो मलमल का कपड़ा पहने अपने बगल में लेखन सामग्री लिये हुए था, वापस आकर कहा, “आपने जैसा आदेश दिया था, मैंने वैसा कर दिया है.”
তখন মসিনা কাপড় পরা সেই লোকটি যার কোমরের কাছে লেখালেখির সরঞ্জাম ছিল তিনি এই খবর দিলেন, “আপনি যেমন আদেশ দিয়েছিলেন আমি সেই অনুসারে কাজ করেছি।”