< यहेजकेल 45 >
1 “‘जब तुम उत्तराधिकार के रूप में भूमि का विभाजन करो, तब तुम भूमि का एक भाग याहवेह को समर्पित करना, जो लगभग तेरह किलोमीटर लंबा और ग्यारह किलोमीटर चौड़ा हो; यह पूरा क्षेत्र पवित्र होगा.
Moreover, when ye shall divide by lot the land for inheritance, ye shall offer an oblation to Jehovah, a holy portion of the land; the length shall be five and twenty thousand reeds, and the breadth ten thousand. This shall be holy in all its borders round about.
2 इसी भूभाग में लगभग दो सौ बासठ मीटर का एक वर्गाकार भाग पवित्र स्थान के लिए हो, और इसके चारों ओर लगभग छब्बीस मीटर खुली भूमि हो.
And of this there shall be for the sanctuary five hundred in length and five hundred in breadth square round about; and fifty cubits round about for the suburbs thereof.
3 इस पवित्र भूभाग में लगभग तेरह किलोमीटर लंबा और लगभग पांच किलोमीटर चौड़ा क्षेत्र नाप लेना. इसमें पवित्र स्थान अर्थात् परम पवित्र स्थान होगा.
And of this measure shalt thou measure in length five and twenty thousand, and in breadth ten thousand; and in it shall be the sanctuary, the most holy place.
4 यह उन पुरोहितों के लिये भूमि का पवित्र भाग होगा, जो पवित्र स्थान में सेवा करते हैं और जो याहवेह के सामने उनकी सेवा के लिये आते हैं. यह वह जगह है, जहां पुरोहितों के आवास होंगे और साथ ही साथ वहां एक पवित्र जगह पवित्र स्थान के लिये होगी.
This is the holy portion of the land; it shall be for the priests, the ministers of the sanctuary, who come near to minister to Jehovah; and it shall be a place for their houses, and a holy place for the sanctuary.
5 यह लगभग तेरह किलोमीटर लंबा तथा लगभग पांच किलोमीटर चौड़ा भूभाग उन लेवियों के लिए होगा, जो मंदिर में सेवा करते हैं, इस पर उनका स्वामित्व होगा, जिसमें उनके रहने के लिये नगर होंगे.
Five and twenty thousand in length, and ten thousand in breadth, shall the Levites, the ministers of the house, have for themselves for a possession, and twenty rooms.
6 “‘तुम इसकी संपत्ति के रूप में पवित्र भाग से लगा हुआ लगभग तेरह किलोमीटर लंबा और ढाई किलोमीटर चौड़ा क्षेत्र शहर के लिये देना; यह क्षेत्र पूरे इस्राएल का होगा.
And ye shall appoint the possession of the city five thousand in breadth, and five and twenty thousand in length, over against the oblation of the holy portion; it shall be for all the house of Israel.
7 “‘राजकुमार की भूमि पवित्र भाग के क्षेत्र और शहर के क्षेत्र की सीमा से लगी होगी. इसका विस्तार पश्चिम में पश्चिम की ओर तथा पूर्व में पूर्व की ओर होगा, जो लंबाई में पश्चिम से लेकर पूर्वी सीमा तक जाती भागों में से एक के समानांतर होगी.
And a portion shall be for the prince on this side and on that side of the oblation of the holy portion and of the possession of the city, before the oblation of the holy portion and before the possession of the city, from the west side westward, and from the east side eastward; and the length shall be over against every one of the portions, from the west border to the east border.
8 इस्राएल में इस भूमि पर उसका स्वामित्व होगा. और मेरे राजकुमार मेरे लोगों को फिर नहीं सताएंगे, पर वे इस्राएल के लोगों को उनके गोत्र के अनुसार भूमि को उनके अधिकार में देंगे.
As for the land, it shall be to him a possession in Israel, that my princes may no more oppress my people, but give the rest of the land to the house of Israel according to their tribes.
9 “‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: हे इस्राएल के राजकुमारो, तुम बहुत दूर जा चुके हो! हिंसा और सतावा को छोड़ दो और वही करो, जो न्याय और सही है. मेरे लोगों को बेदखल करना बंद करो, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.
Thus saith the Lord Jehovah: Let it suffice you, O princes of Israel! Remove violence and spoil, and execute judgment and justice, and cease from your expulsions of my people, saith the Lord Jehovah.
10 तुम सही नाप का उपयोग करो, सही एफाह और सही बत का उपयोग करो.
Ye shall have just balances, and a just ephah, and a just bath.
11 एफाह और बत एक ही नाप के हों, बत में होमेर का दसवां अंश समाए और एफाह में भी होमेर का दसवां अंश समाए; होमेर ही दोनों की प्रामाणिक नाप हो.
The ephah and the bath shall be of one measure; that the bath may contain the tenth part of a homer, and the ephah the tenth part of a homer; the measure thereof shall be according to the homer.
12 एक शेकेल में बीस गेराह आता हो. बीस शेकेल और पच्चीस शेकेल और पन्द्रह शेकेल बराबर एक मीना हो.
And the shekel shall be twenty gerahs; twenty shekels, five and twenty shekels, and fifteen shekels shall be to you one maneh.
13 “‘यह विशेष भेंट है, जिसे तुम्हें चढ़ाना है: गेहूं के हर होमेर में से एक एफाह का छठवां अंश और जौ के हर होमेर में से एक एफाह का छठवां अंश.
This is the heave-offering which ye shall offer: the sixth part of an ephah out of a homer of wheat, and the sixth part of an ephah out of a homer of barley.
14 बत से नापा हुआ, जैतून तेल का निर्धारित अंश, जो हर कोर में से एक बत का दसवां अंश है (कोर में दस बत या एक होमेर समाता है, क्योंकि दस बत बराबर एक होमेर होता है).
And as for the statute concerning oil, the bath of oil, ye shall offer the tenth part of a bath out of a cor; a cor being ten baths; for a homer is ten baths.
15 इस्राएल के अच्छे पानी वाले चरागाह से हर दो सौ भेड़ों वाले झुंड से एक-एक भेड़ ली जाए. इनका उपयोग लोगों के प्रायश्चित करने हेतु अन्नबलि, होमबलिदान और मेल बलिदान के रूप में किया जाए, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.
And ye shall offer one lamb out of the flock, out of two hundred, from the watered pastures of Israel, for the flour-offering and for the burnt-offering, and for the thank-offerings, to make reconciliation for them, saith the Lord Jehovah.
16 देश के सब लोग इस्राएल में राजकुमार को यह विशेष भेंट देंगे.
All the people of the land shall give this heave-offering for the prince in Israel.
17 यह राजकुमार का कर्तव्य होगा कि वह त्योहारों, नये चांद के दिनों और विश्राम दिनों होमबलिदान, अन्नबलि और पेय बलिदान दे—अर्थात् इस्राएल के ठहराए सब त्योहारों पर. वह इस्राएलियों के लिये पश्चात्ताप करने हेतु पाप बलिदान, अन्नबलि, होमबलिदान और मेल बलिदान देगा.
And it shall be the duty of the prince to give burnt-offerings, and flour-offerings, and drink-offerings, in the feasts, and in the new moons, and in the sabbaths, and in all the solemn assemblies of the house of Israel; he shall present the sin-offering, and the flour-offering, and the burnt-offering, and the peace-offerings, to make reconciliation for the house of Israel.
18 “‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: पहले माह के पहले दिन तुम एक निर्दोष बछड़ा लेना और पवित्र स्थान को शुद्ध करना.
Thus saith the Lord Jehovah: In the first month, on the first day of the month, thou shalt take a young bullock without blemish, and shalt cleanse the sanctuary.
19 पुरोहित पाप बलिदान में से कुछ खून ले और उसे मंदिर के दरवाजों के चौखटों पर, वेदी के ऊपरी निकले हुए भाग के चारों कोनों पर और भीतरी आंगन के द्वार के चौखटों पर लगाए.
And the priest shall take of the blood of the sin-offering, and put it upon the posts of the house, and upon the four corners of the ledge of the altar, and upon the posts of the gate of the inner court.
20 तुम्हें महीने के सातवें दिन हर उस व्यक्ति के लिये ऐसा ही करना है, जो अनजाने में या अज्ञानता में पाप करता है; इस प्रकार तुम्हें मंदिर के लिये प्रायश्चित करना है.
And so shalt thou do on the seventh day for him that hath transgressed through error or simplicity; so shall ye make reconciliation for the house.
21 “‘पहले माह के चौदहवें दिन फ़सह का उत्सव हो, यह त्योहार सात दिनों का हो, और इस दौरान खमीर रहित रोटी खाई जाए.
In the first month, on the fourteenth day of the month, ye shall have the passover, a feast of seven days; every one shall eat unleavened bread.
22 उस दिन राजकुमार अपने लिये और देश के सब लोगों के लिये पाप बलिदान के रूप में एक बछड़ा दे.
And upon that day shall the prince sacrifice for himself and for all the people of the land a bullock for a sin-offering.
23 त्योहार के उन सात दिनों के दौरान प्रतिदिन वह याहवेह को होमबलिदान के रूप में सात निर्दोष बछड़े और सात निर्दोष मेढ़े दे, और पाप बलिदान के लिये प्रतिदिन एक-एक बकरा दे.
And the seven days of the feast he shall sacrifice a burnt-offering to Jehovah, seven bullocks and seven rams without blemish daily the seven days; and a he-goat daily for a sin-offering.
24 वह हर बछड़े के लिए अन्नबलि के रूप में एक एफाह और हर मेढ़े के लिये एक एफाह दे, साथ में हर एफाह के लिये एक हीन जैतून तेल भी दे.
And he shall present a flour-offering, an ephah for a bullock, and an ephah for a ram, and a hin of oil for an ephah.
25 “‘त्योहार के सात दिनों के दौरान, जो सातवें माह के पन्द्रहवें दिन शुरू होता है, हर दिन वह पाप बलिदान, होमबलिदान, अन्नबलि और तेल का ऐसा ही प्रबंध करे.
In the seventh month, on the fifteenth day of the month, shall he do the like, in the feast, seven days, according to the sin-offering, and the burnt-offering, and the flour-offering, and the oil.