< यहेजकेल 35 >
1 याहवेह का वचन मेरे पास आया:
Und das Wort des HERRN erging an mich also:
2 “हे मनुष्य के पुत्र, सेईर पर्वत की ओर अपना मुंह करो; उसके विरुद्ध भविष्यवाणी करो
Menschensohn, wende dein Angesicht gegen das Gebirge Seir und weissage wider dasselbe und sage zu ihm:
3 और कहो: ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: हे सेईर पर्वत, मैं तुम्हारे विरुद्ध हूं, और मैं तुम्हारे विरुद्ध अपना हाथ बढ़ाऊंगा, और मैं तुम्हें निर्जन और उजाड़ कर दूंगा.
So spricht Gott, der HERR: Siehe, ich will an dich, Gebirge Seir; ich will meine Hand wider dich ausstrecken und dich zur Wüste und Einöde machen!
4 मैं तुम्हारे नगरों को खंडहर कर दूंगा और तुम निर्जन हो जाओगे. तब तुम जानोगे कि मैं याहवेह हूं.
Deine Städte will ich in Trümmer legen, und zur Wüste sollst du werden, damit du erfahrest, daß ich der HERR bin,
5 “‘क्योंकि तुम पुराने समय से शत्रुता रखते थे और इस्राएलियों के विपत्ति के समय तुमने उन्हें तलवार की शक्ति के अधीन कर दिया, यह वह समय था जब उनका दंड अपने चरम पर था,
weil du ewige Feindschaft hegst und die Kinder Israel der Schärfe des Schwertes überliefert hast zur Zeit ihres Unglücks, zur Zeit der endgültigen Abrechnung.
6 इसलिये, मैं अपने जीवन की शपथ खाकर कहता हूं, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है, मैं तुम्हें रक्तपात के लिये दे दूंगा और रक्तपात तुम्हारा पीछा करेगा. क्योंकि तुम्हें तो रक्तपात से घृणा नहीं है, इसलिये रक्तपात तुम्हारा पीछा करेगा.
Darum, so wahr ich lebe, spricht Gott, der HERR, ich will dich bluten machen, und Blut soll dich verfolgen; weil du das Blutvergießen nicht gescheut hast, so soll das Blut auch dich verfolgen!
7 मैं सेईर पर्वत को निर्जन और उजाड़ कर दूंगा और उन सबको नष्ट कर दूंगा, जो यहां से होकर आते जाते हैं.
Und ich will das Gebirge Seir zu einer Wüste und Einöde machen und alle Hin und Herziehenden daraus vertilgen.
8 मैं तुम्हारे पहाड़ों को हत्या किए गये लोगों से भर दूंगा; जो तलवार से मारे जाएंगे, वे तुम्हारे पहाड़ियों पर और तुम्हारे घाटियों में और तुम्हारे सब दर्रों में गिरेंगे.
Ich will seine Berge mit seinen Erschlagenen füllen; und auf deinen Hügeln und in deinen Tälern und allen deinen Gründen sollen mit dem Schwert Erschlagene fallen.
9 मैं तुम्हें सदाकाल के लिये उजाड़ बना दूंगा; तुम्हारे नगर फिर बसाये नहीं जाएंगे. तब तुम जानोगे कि मैं याहवेह हूं.
Zur ewigen Wüste will ich dich machen, und deine Städte sollen unbewohnt bleiben, so werdet ihr erfahren, daß ich der HERR bin.
10 “‘क्योंकि तुमने कहा है, “ये दो जातियां और ये दो देश हमारे होंगे और हम उनको अपने अधिकार में ले लेंगे,” यद्यपि मैं याहवेह वहां था,
Weil du gesagt hast: «Diese beiden Völker und diese beiden Länder müssen mein werden, und wir wollen sie einnehmen!» obgleich der HERR daselbst gewesen ist,
11 इसलिये, मैं अपने जीवन की शपथ खाकर कहता हूं, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है, उनके प्रति तुम्हारी घृणा के समय, तुमने जो क्रोध और ईर्ष्या दिखाई, उसके अनुसार मैं तुमसे व्यवहार करूंगा और जब मैं तुम्हारा न्याय करूंगा, तब मैं स्वयं को उनके बीच प्रगट करूंगा.
darum spricht Gott, der HERR: So wahr ich lebe, ich will mit dir verfahren nach deinem Zorn und nach deiner Eifersucht, wie du auch nach deinem Haß mit ihnen gehandelt hast; und ich werde mich bei ihnen zu erkennen geben, wenn ich dich richte.
12 तब तुम जानोगे कि मैं याहवेह ने उन सब तुच्छ बातों को सुना है, जो तुमने इस्राएल के पर्वतों के विरुद्ध कहा. तुमने कहा, “वे उजाड़ पड़े हैं और उन्हें हमारा आहार होने के लिये दिया गया है.”
Du aber sollst erfahren, daß ich, der HERR, alle deine Lästerungen gehört habe, welche du wider die Berge Israels ausgestoßen hast, indem du sprachst: «Sie wurden verwüstet, uns sind sie zur Speise gegeben!»
13 तुमने मेरे विरुद्ध डींग मारी और बेधड़क मेरे विरुद्ध बातें कही, और मैंने वह सब सुना.
Also habt ihr mit eurem Maul wider mich groß getan und freche Reden wider mich geführt. Ich habe es gehört.
14 परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: जब सारी पृथ्वी आनंदित होगी, तब मैं तुम्हें उजाड़ दूंगा.
So spricht Gott, der HERR: Wenn alle Welt sich freut, so will ich dich zur Wüste machen!
15 क्योंकि जब इस्राएल का उत्तराधिकार उजड़ गया, तब तुम आनंद मनाये, वैसा ही व्यवहार मैं तुम्हारे साथ करूंगा. हे सेईर पर्वत, तुम उजाड़ हो जाओगे, तुम और पूरा एदोम. तब वे जानेंगे कि मैं याहवेह हूं.’”
Wie du dich gefreut hast über das Erbe des Hauses Israel, weil es verwüstet wurde, also will ich auch dir tun. Du sollst verwüstet werden, Gebirge Seir, und du, Edom, insgesamt, so wird man erfahren, daß ich der HERR bin!