< यहेजकेल 27 >
1 याहवेह का वचन मेरे पास आया:
LA parola del Signore mi fu ancora [indirizzata], dicendo:
2 “हे मनुष्य के पुत्र, सोर के लिए एक विलापगीत लो.
E tu, figliuol d'uomo, prendi a far lamento di Tiro.
3 सोर से कहो, जो समुद्र के प्रवेश द्वार पर बसा है और बहुत से समुद्रतट पर लोगों का व्यापारी है, ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: “‘हे सोर, तुम कहते हो, “मैं पूरी तरह सुंदर हूं.”
E di' a Tiro, che è posta all'entrata del mare, che mercanteggia co' popoli in molte isole: Così ha detto il Signore Iddio: O Tiro, tu hai detto: Io [son] compiuta in bellezza.
4 तुम्हारी सीमा समुद्र के गर्भ तक थी; तुम्हें बनाने वालों ने तुम्हें पूरी तरह सुंदर बनाया.
I tuoi confini [erano] nel cuor del mare; i tuoi edificatori ti aveano fatta compiutamente bella.
5 उन्होंने तुम्हारी सब इमारती लकड़ी सेनीर पहाड़ के सनौवर के पेड़ों से ली हैं; उन्होंने तुम्हारे लिये एक मस्तूल बनाने के लिये लबानोन के देवदार की लकड़ी का उपयोग किया है.
Fabbricavano tutte le tue [navi di] tavole d'abeti di Senir; prendevano de' cedri del Libano, per farti degli alberi di nave;
6 तुम्हारे पतवारों के लिए उन्होंने बाशान के बांज वृक्षों की लकड़ी का उपयोग किया है; तुम्हारे पानी जहाज़ का छत कित्तिम समुद्रतट के चीड़ वृक्ष का है, जिसे हाथी-दांत से सजाया गया है.
facevano i tuoi remi di querce di Basan; facevano i tuoi tavolati di avorio, e di legno di busso, [che era portato] dalle isole di Chittim.
7 तुम्हारे जहाज़ का पाल मिस्र देश के सुंदर कसीदा किए हुए मलमल के कपड़े का था, और यह तुम्हारे ध्वज के रूप में काम करता था; तुम्हारा तिरपाल (चांदनी) एलिशाह के समुद्रतट का था, जिसका रंग नीला और बैंगनी था.
Il fin lino di Egitto, lavorato a ricami, era ciò che tu spiegavi in luogo di vela; il giacinto, e la porpora, [venuta] dalle isole di Elisa, erano il tuo padiglione.
8 सीदोन और आरवद के लोग तुम्हारे मल्लाह थे; हे सोर, तुम्हारे निपुण लोग नाविक के रूप में जहाज़ पर थे.
Gli abitanti di Sidon, e di Arvad, erano tuoi vogatori; i tuoi savi, o Tiro, erano in te; erano i tuoi nocchieri.
9 जहाज़ के जोड़ों को ठीक करने के लिये जहाज़ पर गेबल के अनुभवी शिल्पकार जहाज़ के शिल्पी के रूप में थे. समुद्र के सारे जहाज़ और उनके नाविक तुम्हारे व्यापारिक माल का लेनदेन करने के लिये तुम्हारे साथ थे.
Gli anziani di Ghebal, e i suoi savi, erano in te, riparando le tue [navi] sdrucite; tutte le navi del mare, ed i lor marinai, erano in te, per trafficar teco.
10 “‘तुम्हारी सेना में परसिया, लूद और पूत के लोग शामिल थे. उन्होंने तुम्हारी शोभा बढ़ाते हुए, अपनी ढाल और टोप दीवारों पर टांग दिये थे.
[Que' di] Persia, e di Lud, e di Put, erano tuoi soldati, ne' tuoi eserciti; appiccavano in te lo scudo e l'elmo; essi ti rendevano magnifica.
11 आरवद और हेलेक के लोग चारों तरफ से तुम्हारी दीवारों का पहरा दिये; गम्माद के लोग तुम्हारे स्तंभों पर थे. उन्होंने अपनी ढालें तुम्हारी दीवारों पर टांग दी; उन्होंने तुम्हारी सुंदरता में चार चांद लगाया.
I figliuoli di Arvad, e il tuo esercito, [erano] sopra le tue mura, attorno attorno; e i Gammadei erano nelle tue torri, appiccavano le lor targhe alle tue mura d'ogni' intorno; essi aggiungevano perfezione alla tua bellezza.
12 “‘सभी प्रकार की चीज़ों की अधिकता के कारण तरशीश के लोगों ने तुम्हारे साथ व्यापार किया; उन्होंने तुम्हारे सामानों को चांदी, लोहा, टीन और सीसा देकर खरीदा.
[La gente di] Tarsis mercanteggiava teco, con ricchezze d'ogni maniera in abbondanza; frequentavano le tue fiere, con argento, ferro, stagno, e piombo.
13 “‘यावन (ग्रीस), तूबल और मेशेख तुमसे व्यापार करते थे; वे तुम्हें तुम्हारे व्यापारिक सामानों के बदले मानव प्राणी और कांसे के चीज़ों को देते थे.
[Que' di] Iavan, di Tubal, e di Mesec, eran tuoi mercatanti; frequentavano i tuoi mercati con anime umane, e vasellamenti di rame.
14 “‘बेथ-तोगरमाह के लोग तुम्हारे व्यापारिक सामानों के बदले रथ खींचनेवाले घोड़े, सेना के घोड़े और खच्चर दिया करते थे.
[Que' del]la casa di Togarma frequentavano le tue fiere con cavalli, e cavalcatori, e muli.
15 “‘रोडीस के लोग तुमसे व्यापार करते थे, और समुद्रतट के बहुतेरे देश तुम्हारे ग्राहक थे; वे अपना भुगतान हाथी-दांत और आबनूस (तेंदू) की लकड़ी देकर करते थे.
I figliuoli di Dedan [erano] tuoi mercatanti; molte isole [passavano per] lo traffico delle tue mani; ti pagavano presenti di denti di avorio, e d'ebano.
16 “‘तुम्हारे पास सामानों की अधिकता के कारण, अराम ने तुमसे व्यापार किया; वे तुम्हारी वस्तुओं के मूल्य के बदले तुम्हें हरित नीलमणि, बैंगनी रंग के कपड़े, कसीदा किए हुए कपड़े, अच्छे किस्म के मलमल कपड़े, मूंगा और लाल रत्न देते थे.
La Siria trafficava teco della moltitudine de' tuoi lavori; frequentava le tue fiere, con ismeraldi, e porpora, e ricami, e bisso, e coralli, e rubini.
17 “‘यहूदिया तथा इस्राएल देश ने भी तुमसे व्यापार किया; वे तुम्हारे सामानों के भुगतान के बदले तुम्हें मिन्निथ में उपजे गेहूं, मिठाई, मधु, जैतून तेल और मलहम देते थे.
[Que' di] Giuda, e [del] paese d'Israele, erano tuoi mercatanti; frequentavano i tuoi mercati, con grani di Minnit, e Fannag, e miele, e olio, e balsamo.
18 “‘तुम्हारे पास उत्पादन की अधिकता और सामानों की अत्यधिक प्रचुरता के कारण दमेशेक ने तुमसे व्यापार किया. तुम्हारे सामान: बना हुआ लोहा, दालचीनी और तेजपत्ती के बदले उन्होंने तुम्हें हेलबोन की दाखमधु,
Damasco faceva traffico teco della moltitudine de' tuoi lavorii, con robe d'ogni maniera in abbondanza; con vino di Helbon, e con lana candida.
19 जाहर का ऊन और उजाल में बने दाखमधु की लकड़ी के पीपे देने का प्रस्ताव दिया.
Dan ancora, e il vagabondo Iavan frequentavano le tue fiere; [e facevano che] ne' tuoi mercati vi era ferro forbito, cassia, e canna odorosa.
20 “‘देदान नगर तुम्हें घोड़े की पीठ पर बिछानेवाले कंबल देता था.
[Que' di] Dedan [erano] tuoi mercatanti, in panni nobili, da cavalli, e da carri,
21 “‘अरेबिया के लोग और केदार देश के सब राजकुमार तुम्हारे ग्राहक थे; वे तुम्हें तुम्हारे सामान के बदले मेमने, मेढ़े और बकरियां देकर तुमसे लेनदेन करते थे.
Gli Arabi, e tutti i principi di Chedar, negoziavano teco; facevano teco traffico d'agnelli, e di montoni, e di becchi.
22 “‘शीबा तथा रामाह के व्यापारियों ने तुमसे व्यापार किया; तुम्हारे व्यापारिक सामानों के बदले वे तुम्हें सब प्रकार के सर्वोत्तम मसाले, बहुमूल्य रत्न एवं सोना देते थे.
I mercatanti di Seba, e di Raema, trafficavano teco; frequentavano le tue fiere con aromati squisiti, e con pietre preziose d'ogni maniera, e con oro.
23 “‘हारान, कन्नेह, एदेन, शीबा, अश्शूर तथा किलमाद के व्यापारियों ने भी तुम्हारे ही साथ व्यापार किया.
[Que' di] Haran, di Canne, e di Eden, mercatanti di Seba, [e que]'di Assiria, e di Chilmad, trafficavano teco.
24 तुम्हारे बाज़ार के जगह में, वे तुम्हें तुम्हारे सामानों के बदले सुंदर कपड़े, नीले कपड़े, कसीदा किए हुए कपड़े और आंटी गई और कसकर बांधी गई डोरियों वाले रंग-बिरंगे कंबल देते थे.
Essi negoziavano teco in grosso, di balle di giacinto, e di ricami, e di casse di vestimenti preziosi, legate di corde, e fatte di legno di cedro.
25 “‘तुम्हारे व्यापारिक सामानों का परिवहन तरशीश के पानी जहाजों से होता है जब तुम समुद्री यात्रा में जाते हो तो जहाज़ में तुम्हारा भारी माल भरा रहता है.
Le navi di Tarsis [erano] le tue carovane, ne' tuoi mercati; e tu sei stata ripiena, e grandemente glorificata nel cuor de' mari.
26 तुम्हारे जहाज़ के चालक तुम्हें गहरे समुद्र में ले जाते हैं. पर पूर्व की हवा दूर समुद्र में तुम्हारे जहाज़ के टुकड़े-टुकड़े कर देगी.
I tuoi vogatori ti hanno condotta in alto mare; il vento orientale ti ha rotta nel cuor del mare.
27 तुम्हारी संपत्ति, व्यापारिक सामान और वस्तुएं, तुम्हारे नाविक, जहाज़ चलानेवाले और जहाज़ बनानेवाले, तुम्हारे व्यापारी और तुम्हारे सब सैनिक, और जहाज़ के सारे लोग उस दिन समुद्र की गहराई में डूब जाएंगे जब तुम्हारा जहाज़ टूट जाएगा.
Le tue ricchezze, e le tue fiere, e il tuo traffico, i tuoi marinai, e i tuoi nocchieri, quelli che riparavano le tue navi sdrucite, e i tuoi fattori, e tutta la tua gente di guerra, ch'[era] in te, insieme con tutto il popolo, ch'[era] in mezzo di te, caderanno nel cuor del mare, nel giorno della tua ruina.
28 तुम्हारे जहाज़ चलानेवालों की चिल्लाहट से समुद्रतट कांप उठेगा;
Alla voce del grido de' tuoi nocchieri, le barche tremeranno.
29 पतवार चलानेवाले सबके सब अपने जहाजों को छोड़ देंगे, मल्लाह और जहाज़ को चलानेवाले सबके सब जहाज़ से उतरकर समुद्रतट पर खड़े हो जाएंगे.
E tutti quelli che trattano il remo, i marinai, e tutti i nocchieri del mare, smonteranno dalle lor navi, [e] si fermeranno in terra.
30 वे तुम्हारे कारण चिल्लाएंगे और बिलख-बिलखकर रोएंगे; वे अपने सिर पर धूल छिड़क कर राख में लोटेंगे.
E faranno sentir la lor voce sopra te, e grideranno amaramente, e si getteranno della polvere in sul capo, [e] si voltoleranno nella cenere.
31 वे तुम्हारे कारण अपना सिर मुंड़ा लेंगे और टाट का कपड़ा पहनेंगे. वे मन की वेदना और भारी शोक से तुम्हारे विषय रोएंगे.
E per te si dipeleranno, e si cingeranno di sacchi, e piangeranno per te con amaritudine d'animo, con amaro cordoglio.
32 जब वे तुम्हारे विषय में बहुत रोएंगे और शोक मनाएंगे, तो वे तुम्हारे विषय एक विलापगीत गाएंगे: “कौन समुद्र से घिरे हुए सोर के समान चुप था?”
E prenderanno a far lamento di te, nelle lor doglianze, e diranno di te ne' lor rammarichii: Chi [era] come Tiro? [chi era] pari a quella che è stata distrutta in mezzo del mare?
33 जब तुम्हारे व्यापार का माल समुद्र में होकर जाता था, तो उससे तुम बहुत सी जाति के लोगों को संतुष्ट करते थे; अपनी अपार संपत्ति और व्यापारिक माल से तुमने पृथ्वी के राजाओं को समृद्ध कर दिया.
All'uscir delle tue fiere per mare, tu saziavi molti popoli; tu arricchivi i re della terra per l'abbondanza delle tue ricchezze, e del tuo commercio.
34 अब तुम पानी की गहराइयों में समुद्र के द्वारा चकनाचूर हो गये हो; तुम्हारा व्यापार का माल और जहाज़ में तुम्हारे पूरे लोगों का जत्था तुम्हारे साथ डूब गया है.
Nel tempo che tu sei stata rotta dal mare, nelle profondità delle acque, la tua mercatanzia, e tutto il tuo popolo son caduti in mezzo di te.
35 समुद्रतट पर सब रहनेवाले तुम्हारी दशा देख डर गये हैं; उनके राजा तो आतंक से कांपते हैं और डर से उनके चेहरे का रंग उड़ गया है.
Tutti gli abitanti delle isole sono stati attoniti di te, e i loro re ne hanno avuto orrore, e ne sono stati conturbati in faccia.
36 जनता के बीच जो व्यापारी है, वे तुम्हारी खिल्ली उड़ाते हैं; तुम्हारा एक डरावना अंत हो गया है और तुम्हारा अस्तित्व अब नहीं रहेगा.’”
I mercatanti fra i popoli hanno zufolato sopra te; tu sei divenuta [tutta] spaventi, e tu non [sarai mai più] in perpetuo.