< यहेजकेल 20 >

1 सातवें वर्ष के पांचवें महीने के दसवें दिन, इस्राएल के कुछ अगुए याहवेह की इच्छा जानने के लिये आये और वे मेरे सामने बैठ गये.
বাবিলে আমাদের বন্দিত্বের সময়ে এটা এসেছিল সপ্তম বছরের পঞ্চম মাসে, মাসের দশম দিনের ইস্রায়েলের প্রাচীনদের মধ্যে কয়েকজন পুরুষ সদাপ্রভুর কাছে খোঁজ করার জন্য এসে আমার সামনে বসল।
2 तब याहवेह का वचन मेरे पास आया:
তখন সদাপ্রভুর এই বাক্য আমার কাছে এল এবং বলল,
3 “हे मनुष्य के पुत्र, इस्राएल के अगुओं से बात करो और उनसे कहो, ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: क्या तुम मेरी इच्छा जानने आए हो? मैं अपने जीवन की शपथ खाकर कहता हूं, मैं तुम्हें अपनी इच्छा नहीं बताऊंगा, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.’
“হে মানুষের সন্তান, তুমি ইস্রায়েলের প্রাচীনদের সঙ্গে ঘোষণা করে তাদেরকে বল, ‘প্রভু সদাপ্রভু এই কথা বলেন: তোমার কি আমার কাছে খোঁজ করতে এসেছ? যেমন আমি জীবন্ত, আমি তোমাদের দ্বারা অন্বেষিত হব না’!” এটা প্রভু সদাপ্রভু বলেন।
4 “क्या तुम उनका न्याय करोगे? हे मनुष्य के पुत्र, क्या तुम उनका न्याय करोगे? तब उनके पूर्वजों के द्वारा किए घृणित कार्य उन्हें बताओ
হে মানুষের সন্তান, তুমি কি তাদের বিচার করবে? তুমি কি বিচার করবে? তবে তাদের পূর্বপুরুষদের জঘন্য কাজ সব তাদেরকে জানাও;
5 और उनसे कहो: ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: जिस दिन मैंने इस्राएल को चुन लिया, मैंने अपना हाथ उठाकर याकोब के वंशजों से शपथ खाई और अपने आपको मिस्र देश में उन पर प्रकट किया. हाथ उठाकर मैंने उनसे कहा, “मैं याहवेह तुम्हारा परमेश्वर हूं.”
তাদেরকে বল, প্রভু সদাপ্রভু এই কথা বলেন, “আমি যে দিন ইস্রায়েলকে মনোনীত করেছিলাম, যাকোবের কুলজাত বংশের জন্য হাত তুলেছিলাম, মিশর দেশে তাদের কাছে নিজের পরিচয় দিয়েছিলাম, যখন তাদের জন্য আমার হাত তুলেছিলাম। আমি বললাম, ‘আমিই তোমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভু’
6 उस दिन मैंने उनसे शपथ खाई कि मैं उन्हें मिस्र देश से निकालकर एक ऐसे देश में ले आऊंगा, जिसे मैंने उनके लिये खोजा था, एक ऐसा देश जिसमें दूध और मधु की धाराएं बहती हैं, और जो सब देशों से सुंदर है.
সেই দিন তাদের জন্যে হাত তুলে বলেছিলাম যে, আমি তাদেরকে মিশর দেশ থেকে বের করব এবং তাদের জন্য যে দেশ আমি যত্নসহকারে বেছে রেখেছি, এটা ছিল দুধ ও মধু প্রবাহী; এটা ছিল সব দেশের মধ্যে খুব সুন্দর অলংকার!
7 और मैंने उनसे कहा, “तुममें से हर एक उन निकम्मे मूर्तियों को निकाल फेंको, जिन पर तुम्हारी दृष्टि लगी रहती है, और मिस्र की मूर्तियों से अपने आपको अशुद्ध मत करो. मैं याहवेह तुम्हारा परमेश्वर हूं.”
আর আমি তাদেরকে বলেছিলাম, ‘তোমার প্রত্যেক জন তার চোখের সামনে থেকে ঘৃণ্য বস্তু প্রত্যাখ্যান কর এবং ইস্রায়েলের মূর্তিগুলির দ্বারা নিজেদেরকে অশুচি কর না; আমি তোমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভু’।”
8 “‘परंतु उन्होंने मेरे विरुद्ध विद्रोह किया और मेरी बातें नहीं सुनी; उन्होंने उन निकम्मी मूर्तियों को नहीं फेंका, जिन पर उनकी दृष्टि लगी हुई थी, और न ही उन्होंने मिस्र की मूर्तियों का परित्याग किया. इसलिये मैंने कहा कि मैं उन पर अपना कोप उंडेलूंगा और मिस्र देश में उनके विरुद्ध अपना क्रोध दिखाऊंगा.
কিন্তু তারা আমার বিরুদ্ধাচারী হল, আমার কথা শুনতে নারাজ হল, প্রত্যেক মানুষ তার চোখের সামনে থেকে ঘৃণ্য বিষয়গুলি দূর করে নি ইস্রায়েলের মূর্তিগুলি পরিত্যাগ করে নি, তাতে আমি তাদের ওপরে আমার কোপ ঢালব, মিশর দেশের মধ্যে তাদেরকে আমার ক্রোধ সম্পন্ন করব।
9 पर अपने नाम के निमित्त मैं उन्हें मिस्र देश से निकाल लाया. मैंने ऐसा इसलिये किया ताकि मेरा नाम उन जातियों के दृष्टि में अपवित्र न ठहरे, जिनके बीच वे रहते थे और जिनके देखते में मैंने अपने आपको इस्राएलियों पर प्रकट किया था.
আমি নিজের নামের অনুরোধে কাজ করলাম; যেন আমার নাম সেই জাতিদের সামনে অপবিত্রীকৃত না হয়, যাদের মধ্যে তারা বাস করছিল ও যাদের সামনে আমি তাদেরকে মিশর দেশ থেকে বের করে আনতে নিজের পরিচয় দিয়েছিলাম।
10 इसलिये मैं उन्हें मिस्र देश से निकालकर निर्जन प्रदेश में ले आया.
১০তাই আমি তাদেরকে মিশর দেশ থেকে বের করে মরুপ্রান্তে আনলাম।
11 मैंने उन्हें अपने नियम दिये और उन्हें अपना कानून बताया, जिनका यदि कोई व्यक्ति पालन करता है, तो वह जीवित रहेगा.
১১তারপর আমি তাদেরকে আমার বিধিকলাপ দিলাম ও আমার শাসনকলাপ জানালাম, যা পালন করলে তার দ্বারা মানুষ বাঁচে।
12 मैंने उनके लिये अपने शब्बाथ भी ठहराए, जो मेरे और उनके बीच एक चिन्ह हो, ताकि वे जानें कि मैं याहवेह ने उन्हें पवित्र बनाया है.
১২আর আমিই যে তাদের পবিত্রকারী সদাপ্রভু, এটা জানাবার জন্য আমার ও তাদের মধ্যে চিহ্নের মতো আমার বিশ্রামদিন সবও তাদেরকে দিলাম।
13 “‘तो भी इस्राएल के लोगों ने निर्जन प्रदेश में मेरे विरुद्ध विद्रोह किया. वे मेरे नियमों पर नहीं चले और मेरे कानूनों को अस्वीकार किया—जिनका यदि कोई व्यक्ति पालन करता है, तो वह जीवित रहेगा—और उन्होंने पूरी तरह से मेरे विश्राम दिन को अपवित्र किया. इसलिये मैंने कहा कि मैं उन पर अपना कोप उंडेलूंगा और निर्जन प्रदेश में उन्हें नाश कर दूंगा.
১৩কিন্তু ইস্রায়েল-কুল সেই মরুপ্রান্তে আমার বিরুদ্ধচারী হল; আমার বিধিপথে চলল না পরিবর্তে, তারা আমার শাসনকলাপ অগ্রাহ্য করল, যা পালন করলে তার দ্বারা মানুষ বাঁচে; আর আমার বিশ্রামদিন সব খুব অপবিত্র করল; তাতে আমি বললাম, আমি তাদেরকে ধ্বংস করার জন্য মরুপ্রান্তে তাদের ওপরে আমার কোপ ঢালব।
14 पर अपने नाम के निमित्त मैंने वह किया जिससे मेरा नाम उन जनताओं की दृष्टि में अपवित्र न ठहरे, जिनके देखते मैं उन्हें निकाल लाया था.
১৪কিন্তু নিজের নামের অনুরোধে কাজ করলাম, যেন সেই জাতিদের সামনে আমার নাম অপবিত্রীকৃত না হয়, যাদের সামনে তাদেরকে বের করে এনেছিলাম।
15 अपना हाथ उठाकर निर्जन प्रदेश में, मैंने शपथ भी खाई कि मैं उन्हें उस देश में नहीं लाऊंगा, जिसे मैंने उन्हें दिया था—एक ऐसा देश जहां दूध और मधु की धाराएं बहती हैं, जो सब देशों से सुंदर है—
১৫তাই আমি মরুপ্রান্তে তাদের বিপক্ষে হাত তুললাম, বললাম, আমি সব দেশের সুন্দর অলংকার যে দুধ মধুপ্রবাহী দেশ তাদেরকে দিয়েছি, সেই দেশে তাদেরকে নিয়ে যাব না;
16 इसका कारण यह था कि उन्होंने मेरे कानूनों को अस्वीकार किया और मेरे नियमों पर नहीं चले और मेरे विश्राम दिन को अपवित्र किया. क्योंकि उनका मन उनकी मूर्तियों पर लगा हुआ था.
১৬কারণ তারা আমার শাসনকলাপ অগ্রাহ্য করত, আমার বিধিপথে চলত না ও আমার বিশ্রামদিন অপবিত্র করত, কারণ তাদের হৃদয় তাদের মূর্তিদের অনুগামী ছিল।
17 तौभी मैंने उन पर दया की और उन्हें नाश नहीं किया या निर्जन प्रदेश में उनका अंत नहीं किया.
১৭কিন্তু তাদের ধ্বংসের জন্য আমার সমবেদনা হল, এই জন্য আমি সেই মরুপ্রান্তে তাদেরকে ধ্বংস করলাম না।
18 निर्जन प्रदेश में मैंने उनके बच्चों से कहा, “अपने माता-पिता के विधियों पर या उनके कानूनों पर मत चलो या उनके मूर्तियों से अपने आपको अशुद्ध मत करो.
১৮আর সেই মরুপ্রান্তে আমি তাদের সন্তানদের বললাম, তোমাদের পূর্বপুরুষের বিধিপথে চল না, তাদের শাসনকলাপ মেনো না ও তাদের মূর্তিগুলি দ্বারা নিজেদেরকে অশুচি কর না;
19 मैं याहवेह तुम्हारा परमेश्वर हूं; मेरे नियमों पर चलो और ध्यानपूर्वक मेरे कानूनों का पालन करो.
১৯আমিই তোমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভু; আমারই বিধিপথে চল ও আমারই শাসনকলাপ রক্ষা কর, পালন কর;
20 मेरे विश्राम दिनों को पवित्र मानो, कि वे मेरे और तुम्हारे बीच एक चिन्ह ठहरें. तब तुम जानोगे कि मैं याहवेह तुम्हारा परमेश्वर हूं.”
২০আমার বিশ্রামদিন পবিত্র কর, সেটাই আমার ও তোমাদের মধ্যে চিহ্নের মতো হবে, যেন তোমার জানতে পার যে, আমিই তোমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভু।
21 “‘परंतु उनके बच्चों ने भी मेरे विरुद्ध विद्रोह किया: वे मेरे नियमों पर नहीं चले, उन्होंने मेरे कानूनों का पालन करने में सावधानी नहीं बरती, जिनके बारे में मैंने कहा था, “वह व्यक्ति जो उनका पालन करेगा, वह जीवित रहेगा,” और उन्होंने मेरे विश्राम दिनों को अपवित्र किया. इसलिये मैंने कहा मैं उन पर अपना कोप उंडेलूंगा और निर्जन प्रदेश में उनको अपना क्रोध दिखाऊंगा.
২১কিন্তু সেই সন্তানরা আমার বিরুদ্ধাচারী হল; তারা আমার বিধিপথে চলল না এবং আমার শাসনকলাপ পালনের জন্য রক্ষা করল না, যা পালন করলে তার দ্বারা মানুষ বাঁচে; তারা আমার বিশ্রাম দিন ও অপবিত্র করল; আমি তাদের ওপরে নিজের কোপ ঢালব, মরুপ্রান্তে তাতে নিজের ক্রোধ সম্পন্ন করব।
22 परंतु मैंने अपना हाथ रोके रखा, और अपने नाम के निमित्त मैंने वह किया, जिससे मेरा नाम उन जनताओं के दृष्टि में अपवित्र न ठहरे, जिनके देखते में, मैं उन्हें निकाल लाया था.
২২কিন্তু আমি হাত প্রতিসংহত করলাম, নিজের নামের অনুরোধে কাজ করলাম, যেন সেই জাতিদের সামনে আমার নাম অপবিত্রীকৃত না হয়, যাদের সামনে তাদেরকে বের করে এনেছিলাম।
23 निर्जन प्रदेश में, मैंने अपना हाथ उठाकर उनसे शपथ भी खाई कि मैं उन्हें जाति-जाति के लोगों के बीच छितरा दूंगा और विभिन्‍न देशों में तितर-बितर कर दूंगा,
২৩আমি মরুপ্রান্তে তাদের বিপক্ষে হাত তুললাম, বললাম, তাদেরকে জাতিদের মধ্যে ছিন্নভিন্ন করব, নানা দেশে ছড়িয়ে ছিটিয়ে দেব;
24 क्योंकि उन्होंने मेरे कानूनों का पालन नहीं किया और मेरे नियमों को अस्वीकार किया और मेरे विश्राम दिनों को अपवित्र किया, और उनकी आंखें उनके माता-पिता के मूर्तियों पर लगी रहीं.
২৪কারণ তারা আমার শাসনকলাপ পালন করল না, আমার বিধিকলাপ অগ্রাহ্য করল, আমার বিশ্রামদিন অপবিত্র করল ও তাদের বাবাদের মূর্তিতে তাদের চোখ আসক্ত থাকল।
25 इसलिये मैंने उन्हें दूसरे विधि विधान दिये जो अच्छे नहीं थे और उन्हें ऐसे कानून दिये जिसके द्वारा वे जीवित नहीं रह सकते थे;
২৫তারপর যা ভালো নয়, এমন বিধিকলাপ এবং যার দ্বারা কেউ বাঁচতে পারে না, এমন শাসনকলাপ তাদেরকে দিলাম।
26 मैंने उन्हें उनके ही उपहारों के द्वारा अशुद्ध किया—हर पहलौठा का बलिदान किया जाना—जिससे वे अत्यंत भयभीत हों और वे जानें कि मैं याहवेह हूं.’
২৬তারা গর্ভ উন্মোচক সমস্ত সন্তানকে আগুনের মধ্যে দিয়ে নিয়ে যেত, তাই আমি তাদেরকে নিজেদের উপহারে অশুচি হতে দিলাম, যেন আমি তাদেরকে ধ্বংস করি, যেন তারা জানতে পারে যে, আমিই সদাপ্রভু।
27 “इसलिये, हे मनुष्य के पुत्र, इस्राएल के लोगों से बात करो और उनसे कहो, ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: इस पर भी तुम्हारे पूर्वजों ने मुझसे विश्वासघात करके मेरी निंदा की.
২৭অতএব, হে মানুষের-সন্তান, তুমি ইস্রায়েল কুলের সঙ্গে আলাপ করে তাদেরকে বল, প্রভু সদাপ্রভু এই কথা বলেন, তোমাদের পূর্বপুরুষেরা আমার বিরুদ্ধে সত্যলঙ্ঘন করেছে, এতেই আমার নিন্দা করেছে। কারণ আমি তাদেরকে যে দেশ দেব বলে তুলেছিলাম,
28 जब मैं उन्हें उस देश में ले आया, जिसे मैंने उन्हें देने की शपथ खाई थी तो वे किसी ऊंची पहाड़ी या किसी पत्तीवाले पेड़ को देखकर, वहां अपना बलिदान और भेंट चढ़ाने लगे, और अपना सुगंधित धूप जलाकर पेय बलिदान देने लगे, जिससे मेरा क्रोध भड़का.
২৮যখন সেই দেশে আনলাম, তখন তারা যে কোনো জায়গায় কোনো উঁচু পর্বত কিংবা কোনো পাতাযুক্ত গাছ দেখতে পেত, সেই জায়গায় বলিদান করত, সেই জায়গায় আমার অসন্তোষজনক নৈবেদ্য উৎসর্গ করত, সেই জায়গায় নিজেদের সুগন্ধের জিনিসও রাখত এবং সেই জায়গায় নিজেদের পানীয় নৈবেদ্য ঢালত।
29 तब मैंने उनसे कहा: यह ऊंचा स्थान क्या है जो तुम वहां जाते हो?’
২৯তাতে আমি তাদেরকে বললাম, তোমার যে উচ্চস্থলীতে উঠে যাও ওটা কি? এই ভাবে আজ পর্যন্ত তার নাম বামা উচ্চস্থলী হয়ে রয়েছে।
30 “इसलिये इस्राएलियों से कहो: ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: क्या तुम लोग अपने पूर्वजों की तरह अपने आपको अशुद्ध करोगे और उनकी निकम्मी मूर्तियों के पीछे भागोगे?
৩০অতএব তুমি ইস্রায়েল-কুলকে বল, প্রভু সদাপ্রভু এই কথা বলেন, তোমার কেন নিজেদের পূর্বপুরুষদের রীতিতে নিজেদেরকে অশুচি করছ? তাদের ঘৃণ্য জিনিস সবের অনুগমনে ব্যভিচার করছ?
31 जब तुम अपनी भेटें चढ़ाते हो—अपने बच्चों का आग में बलिदान करते हो—तो ऐसा करने के द्वारा तुम आज तक अपने आपको अपनी सब मूर्तियों के द्वारा अशुद्ध करते आ रहे हो. तो हे इस्राएलियो, क्या मैं तुमको मुझसे पूछताछ करने दूंगा? मैं अपने जीवन की शपथ खाकर कहता हूं, मैं तुमको मुझसे पूछताछ करने नहीं दूंगा, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.
৩১তোমার যখন নিজেদের উপহার দাও, যখন নিজেদের সন্তানদের আগুনের মধ্যে দিয়ে নিয়ে যাও, তখন আজ পর্যন্ত নিজেদের সব মূর্তির দ্বারা কি নিজেদেরকে অশুচি করছ? তবে, হে ইস্রায়েল-কুল, আমি কি তোমাদেরকে আমার কাছে খোঁজ করতে দেব? প্রভু সদাপ্রভু বলেন, যেমন আমি জীবন্ত, আমি তোমাদের দ্বারা অন্বেষিত হব না।
32 “‘तुम कहते हो, “हम उन जाति-जाति और संसार के लोगों के समान होना चाहते हैं, जो लकड़ी और पत्थर की सेवा करते हैं.” पर तुम्हारे मन में जो है, वह कभी पूरा न होगा.
৩২আর তোমার যা মনে করে থাক, তা কোন ভাবে হবে না; তোমার তো বলছ, আমরা জাতিদের মতো হব, ভিন্ন ভিন্ন দেশের গোষ্ঠীদের মতো হব, কাঠ ও পাথরের পরিচর্য্যা করব!
33 मैं अपने जीवन की शपथ खाकर कहता हूं, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है, मैं शक्तिशाली हाथ और बढ़ाए हुए भुजा और भड़के हुए कोप से तुम्हारे ऊपर शासन करूंगा.
৩৩প্রভু সদাপ্রভু এই কথা বলেন, যেমন আমি জীবন্ত, আমি বলবান হাত, বিস্তারিত বাহু ও কোপের দ্বারা তোমাদের উপরে রাজত্ব করব।
34 मैं तुम्हें उन जाति-जाति के लोगों और देशों से लाकर इकट्ठा करूंगा, जहां तुम बिखरे हुए हो—मैं तुम्हें शक्तिशाली हाथ और बढ़ाए हुए भुजा और भड़के हुए कोप से इकट्ठा करूंगा.
৩৪আমি বলবান হাত, বিস্তারিত বাহু ও কোপের দ্বারা জাতিদের মধ্যে থেকে তোমাদেরকে বের করব এবং যে সব দেশে তোমার ছিন্নভিন্ন হয়ে রয়েছ, সেই সব দেশ থেকে তোমাদেরকে জড়ো করব।
35 मैं तुम्हें जनताओं के निर्जन प्रदेश में ले आऊंगा और वहां, आमने-सामने मैं तुम्हारा न्याय करूंगा.
৩৫আমি জাতিসমূহের মরুপ্রান্তে এনে সামনাসামনি হয়ে সেই জায়গায় তোমাদের সঙ্গে বিচার করব।
36 जैसा कि मैंने मिस्र देश के निर्जन प्रदेश में तुम्हारे पूर्वजों का न्याय किया था, वैसा ही मैं तुम्हारा न्याय करूंगा, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.
৩৬আমি মিশর দেশের মরুপ্রান্তে যেমন তোমাদের পূর্বপুরুষদের সঙ্গে বিচার করেছিলাম, তোমাদের সঙ্গে তেমনি বিচার করব, এটা প্রভু সদাপ্রভু বলেন।
37 जब तुम मेरी लाठी के अधीन चलोगे, तो मेरा ध्यान तुम पर रहेगा, और मैं तुम्हें वाचा के बंधन में लाऊंगा.
৩৭আর আমি তোমাদেরকে লাঠির নিচে দিয়ে নিয়ে যাব ও নিয়ম রূপ বন্ধনে আবদ্ধ করব।
38 मैं तुम्हें उनमें से हटाकर शुद्ध करूंगा, जो मेरे विरुद्ध विद्रोह और अपराध करते हैं. यद्यपि मैं उन्हें उस देश से निकालकर लाऊंगा, जहां वे रह रहे हैं, तौभी वे इस्राएल देश में प्रवेश न कर पाएंगे. तब तुम जानोगे कि मैं याहवेह हूं.
৩৮পরে বিদ্রোহী ও আমার বিরুদ্ধে অধর্মাচারী সবাইকে ঝেড়ে তোমাদের মধ্যে থেকে দূর করব; তারা যে দেশে প্রবাস করে, সেখান থেকে তাদেরকে বের করে আনব বটে, কিন্তু তারা ইস্রায়েল-দেশে প্রবেশ করবে না; তাতে তোমার জানবে যে, আমিই সদাপ্রভু।
39 “‘हे इस्राएल के लोगों, जहां तक तुम्हारा संबंध है, परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: तुममें से हर एक जन जाए और अपनी-अपनी मूर्तियों की सेवा करे! परंतु बाद में तुम निश्चित रूप से मेरी सुनोगे और फिर मेरे पवित्र नाम को अपने उपहारों और मूर्तियों से अशुद्ध नहीं करोगे.
৩৯তাই তোমার জন্য, হে ইস্রায়েল-কুল, প্রভু সদাপ্রভু তোমাদের বিষয়ে এই কথা বলেন, তোমার যাও, প্রত্যেকে নিজেদের মুর্তিদের সেবা কর; কিন্তু উত্তরকালে তোমার আমার কথায় অবধান করবেই করবে; তখন নিজেদের উপহার ও মূর্তিদের দ্বারা আমার পবিত্র নাম আর অপবিত্র করবে না।
40 क्योंकि परम प्रधान याहवेह की घोषणा है, मेरे पवित्र पर्वत, इस्राएल के ऊंचे पर्वत पर, वहां देश में, इस्राएल के सारे लोग मेरी सेवा करेंगे, और वहां मैं उन्हें स्वीकार करूंगा. तब वहां मैं तुम्हारी भेंट और उत्तम उपहारों को तुम्हारे सब पवित्र बलिदानों सहित ग्रहण करूंगा.
৪০কারণ, প্রভু সদাপ্রভু এই কথা বলেন, আমার পবিত্র পর্বতে, ইস্রায়েলের উচ্চতার পর্বতে, ইস্রায়েলের সমস্ত কুল, তারা সবাই, দেশের মধ্যে আমার সেবা করবে; সেই জায়গায় আমি তাদেরকে গ্রাহ্য করব, সেই জায়গায় তোমাদের সমস্ত পবিত্র বস্তুসহ তোমাদের উপহার ও তোমাদের নৈবেদ্যের প্রথম অংশ চাইব।
41 मैं तुम्हें एक सुगंधित धूप के रूप में ग्रहण करूंगा जब मैं तुम्हें जनताओं के बीच से निकाल लाऊंगा और उन देशों से तुम्हें इकट्ठा करूंगा, जहां तुम तितर-बितर हो गये हो, और मैं जाति-जाति के लोगों के दृष्टि में तुम्हारे द्वारा पवित्र ठहराया जाऊंगा.
৪১যখন জাতিদের মধ্যে থেকে তোমাদেরকে আনব এবং যে সব দেশে তোমার ছিন্নভিন্ন হয়ে রয়েছ, সেই সব দেশ থেকে তোমাদেরকে জড়ো করব, তখন আমি সুগন্ধের জিনিসের মতো তোমাদেরকে গ্রাহ্য করব; আর তোমাদের দ্বারা জাতিদের সামনে পবিত্র বলে মান্য হব।
42 तब तुम जानोगे कि मैं याहवेह हूं, जब मैं तुम्हें इस्राएल देश में ले आऊंगा, वह देश जिसे मैंने तुम्हारे पूर्वजों को देने की हाथ उठाकर शपथ खाई थी.
৪২তারপর আমি তোমাদের পূর্বপুরুষদেরকে যে দেশ দেব বলে হাত তুলেছিলাম, সেই ইস্রায়েল-দেশে যখন তোমাদেরকে আনব, তখন তোমার জানবে যে, আমিই সদাপ্রভু।
43 वहां तुम अपने चालचलन और उन सब कामों को याद करोगे, जिनके द्वारा तुमने अपने आपको अशुद्ध किया है, और अपने द्वारा किए गए सब बुरे कामों के कारण, तुम अपने आपसे घृणा करोगे.
৪৩আর সেখানে তোমার সেই আচার ব্যবহার ও সমস্ত ক্রিয়াকাণ্ড মনে করবে, যার দ্বারা নিজেদেরকে অশুচি করেছ; আর তোমাদের করা সমস্ত খারাপ কাজের জন্য তোমার নিজেদের দৃষ্টিতে নিজেদেরকে ঘৃণা করবে।
44 हे इस्राएल के लोगों, जब मैं तुम्हारे बुरे कार्यों और तुम्हारे भ्रष्‍ट आचरण के अनुसार नहीं, परंतु अपने नाम के निमित्त तुमसे व्यवहार करूंगा, तब तुम जानोगे कि मैं याहवेह हूं, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.’”
৪৪হে ইস্রায়েল-কুল, প্রভু সদাপ্রভু বলেন, আমি যখন তোমাদের খারাপ ব্যবহার অনুসারে নয় ও তোমাদের দুষ্ট কাজ অনুসারে নয়, কিন্তু নিজের নামের অনুরোধে তোমাদের সঙ্গে ব্যবহার করব, তখন তোমার জানবে যে, আমিই সদাপ্রভু।
45 याहवेह का वचन मेरे पास आया:
৪৫আর সদাপ্রভুর এই বাক্য আমার কাছে এল,
46 “हे मनुष्य के पुत्र, अपना चेहरा दक्षिण की ओर करो; दक्षिण के विरुद्ध प्रचार करो और दक्षिण देश के बंजर भूमि के विरुद्ध भविष्यवाणी करो.
৪৬হে মানুষের-সন্তান, তুমি দক্ষিণদিকে নিজের মুখ রাখ, দক্ষিণ দেশের দিকে বাক্য বর্ষণ কর ও দক্ষিণ মরুপ্রান্তের বনের বিপরীতে ভাববাণী বল।
47 दक्षिण के बंजर भूमि से कहो: ‘याहवेह के वचन को सुनो. परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: मैं तुम पर आग लगाने ही वाला हूं, और यह तुम्हारे हरे और सूखे सब पेड़ों को जलाकर नष्ट कर देगी. धधकती ज्वाला नहीं बुझेगी, और दक्षिण से लेकर उत्तर तक हर चेहरा इससे झुलस जाएगा.
৪৭আর দক্ষিণের অরন্যকে বল, তুমি সদাপ্রভুর বাক্য শুন; প্রভু সদাপ্রভু এই কথা বলেন, দেখ, আমি তোমার মধ্যে আগুন জ্বালাব, তা তোমার মধ্যে সমস্ত সতেজ গাছ ও সব শুকনো গাছ গ্রাস করবে; সেই জ্বলন্ত আগুন নিভবে না; দক্ষিণে থেকে উত্তর পর্যন্ত সমুদয় মুখ তার দ্বারা দগ্ধ হবে।
48 हर एक जन देखेगा कि मैं याहवेह ने ही यह आग लगायी है; यह नहीं बुझेगी.’”
৪৮তারপর সমস্ত লোক দেখবে যে, আমি সদাপ্রভু তা প্রজ্বলিত করেছি; তা নিভবে না।
49 तब मैंने कहा, “हे परम प्रधान याहवेह, वे लोग मेरे विषय में कह रहे हैं, ‘क्या वह मात्र दृष्टांत नहीं कह रहे हैं?’”
৪৯তখন আমি বললাম, “আহা! প্রভু সদাপ্রভু, তারা আমার বিষয়ে বলে, ‘ঐ ব্যক্তি কি দৃষ্টান্তবাদী নয়’?”

< यहेजकेल 20 >