< यहेजकेल 19 >
1 “इस्राएल के राजकुमारों के संबंध में एक विलापगीत लो
“তুমি ইস্রায়েলের শাসনকর্তাদের জন্য বিলাপ
2 और कहो: “‘सिंहों के मध्य क्या ही एक सिंहनी थी तुम्हारी माता! वह उनके बीच रहती थी और अपने बच्चों (शावकों) का पालन पोषण करती थी.
করে বলো, “‘সিংহদের মধ্যে তোমার মা ছিল সেরা সিংহী! সে যুবসিংহদের মধ্যে শুয়ে থাকত; তার শাবকদের সে লালনপালন করত।
3 उसने अपने बच्चों में से एक को पालकर बड़ा किया, और वह एक बलवान सिंह हो गया. वह शिकार को फाड़ डालना सीख गया और वह एक नर-भक्षी बन गया.
তার একটি শাবক বড়ো হয়ে শক্তিশালী সিংহ হয়ে উঠল। সে পশু শিকার করতে শিখল আর মানুষ খেতে লাগল।
4 जाति-जाति के लोगों ने उसके बारे में सुना, और वह उनके द्वारा खोदे गए गड्ढे में गिरकर फंस गया. वे उस पर नकेल डालकर मिस्र देश ले गये.
জাতিরা তার বিষয় শুনতে পেল, আর সে তাদের গর্তে ধরা পড়ল। তারা তার নাকে বড়শি পরিয়ে মিশর দেশে নিয়ে গেল।
5 “‘जब सिंहनी ने देखा कि उसकी आशा पूरी नहीं हुई, और उसकी उम्मीद जाती रही, तो उसने अपने एक और बच्चे को लिया और उसे एक बलवान सिंह बनाया.
“‘যখন সে দেখল তার আশা পূর্ণ হল না, তার প্রত্যাশা চলে গেছে, সে আর তার একটি শাবক নিয়ে তাকে শক্তিশালী সিংহ করে তুলল।
6 वह अन्य सिंहों के बीच चलने फिरने लगा, क्योंकि अब वह एक बलवान सिंह बन चुका था. वह शिकार को फाड़ डालना सीख गया और वह एक नर-भक्षी बन गया.
সেই শাবক সিংহদের মধ্যে ঘোরাঘুরি করে কারণ সে একটি শক্তিশালী সিংহ হয়ে উঠেছিল। সে পশু শিকার করতে শিখল আর মানুষ খেতে লাগল।
7 उसने उनके एक दृढ़ गढ़ को तोड़ डाला और उनके नगरों को उजाड़ दिया. पूरा देश और उसमें रहनेवाले सबके सब उसके गर्जन से भयभीत होते थे.
সে তাদের দুর্গগুলি ভাঙল আর নগর সব ধ্বংস করে ফেলল। সেই দেশ ও সেখানে যারা বাস করত তারা তার গর্জনে ভয় পেল।
8 तब उसके चारों तरफ के जाति-जाति के लोग उसके विरुद्ध हो गए. उन्होंने उसके लिये जाल बिछाया, और वह उनके द्वारा खोदे गए गड्ढे में फंस गया.
তখন তার চারপাশের জাতিরা তার বিরুদ্ধে দাড়াল। তার উপরে তাদের জাল পাতল, আর সে তাদের গর্তে ধরা পড়ল।
9 उन्होंने नकेल डालकर उसे ऊपर खींचा और उसे एक पिंजरे में डाल दिया और उसे बाबेल के राजा के पास ले आए. उन्होंने उसे बंदी बनाकर रखा, जिससे उसका गर्जन इस्राएल देश के पर्वतों पर फिर कभी सुनाई नहीं दिया.
তাকে বড়শি পরিয়ে খাঁচায় পুরল আর তাকে ব্যাবিলনের রাজার কাছে নিয়ে গেল। তাকে কারাগারে রাখল যেন তার গর্জন আর শোনা না যায় ইস্রায়েলের কোনও পাহাড়ে।
10 “‘तुम्हारी माता पानी के किनारे लगाये गए अंगूर की बारी में अंगूर की एक लता की तरह थी; पानी की अधिकता के कारण उसमें फल लगते थे और वह शाखाओं से भरी हुई थी.
“‘তোমার দ্রাক্ষাক্ষেত্রে তোমার মা জলের ধারে লাগানো একটি দ্রাক্ষালতার মতো ছিল, প্রচুর জল পাবার দরুন তা ছিল ফল ও ডালপালায় ভরা।
11 उसकी शाखाएं मजबूत थी, और एक शासन करनेवाले के राजदंड के लिये उपयुक्त थी. घने पत्तियों के ऊपर यह बहुत ऊंची थी, अपनी ऊंचाई और बहुत सी शाखाओं के कारण यह महत्वपूर्ण थी.
তার ডালগুলি ছিল শক্ত শাসনকর্তার রাজদণ্ড হওয়ার উপযুক্ত। সে খুব উঁচু এবং ডালপালায় ভরা সেইজন্য তাকে সুস্পষ্টভাবে দেখা যায় তার বহু শাখার জন্য।
12 परंतु उसे क्रोध में उखाड़ दिया गया और भूमि पर फेंक दिया गया. पूर्वी हवा ने उसे सूखा दिया, उसके फल गिर गये; उसकी मजबूत शाखाएं सूख गईं और आग ने उन्हें जलाकर नष्ट कर दिया.
কিন্তু ক্রোধের প্রকোপে সেটিকে নির্মূল করে মাটিতে ফেলা হল। পূবের বাতাসে সেটি কুঁকড়ে গেল, তার ফল পড়ে গেল; তার শক্ত ডালগুলি শুকিয়ে গেল এবং আগুন সেগুলিকে গ্রাস করল।
13 अब उसे निर्जन प्रदेश में लगाया गया है, एक सूखी और प्यासी भूमि पर.
এখন সেটি কে মরুভূমিতে, শুকনো, জলহীন দেশে লাগানো হয়েছে।
14 उसकी एक मुख्य शाखा से आग फैली और उसके फलों को जलाकर नष्ट कर दिया. उसमें और कोई मजबूत शाखा नहीं बची जो शासन करनेवाले के राजदंड के लिये उपयुक्त हो.’ यह एक विलापगीत है और इसे एक विलापगीत के रूप में उपयोग करना है.”
তার একটি ডাল থেকে আগুন ছড়িয়ে পড়ল এবং তার ফল আগুন গ্রাস করল। শাসনকর্তার রাজদণ্ড হওয়ার উপযুক্ত কোনও শক্ত ডাল আর রইল না।’ এটি একটি বিলাপ এবং এটি বিলাপ হিসেবে ব্যবহার করা হবে।”