< यहेजकेल 15 >

1 याहवेह का यह वचन मेरे पास आया:
И бысть слово Господне ко мне глаголя:
2 “हे मनुष्य के पुत्र, एक अंगूर की लता की लकड़ी बंजर भूमि के किसी पेड़ की शाखा से किस प्रकार भिन्‍न है?
сыне человечь, что было бы древо лозное от всех древес гроздных, сущих во древесех дубравных?
3 क्या कभी इसकी लकड़ी को लेकर कोई उपयोगी चीज़ बनाई गई है? क्या लोग वस्तुओं को टांगने के लिये इससे खूंटी बनाते हैं?
Аще возмут от него древо, еже сотворити дело? И аще возмут кол от него, еже обесити на нем кий либо сосуд?
4 और जब इसे आग में ईंधन के रूप में डाला जाता है और इसके दोनों छोर आग से जल जाते हैं और बीच का भाग झुलस जाता है, तब क्या वह किसी काम का रह जाती है?
Разве еже огневи предастся на потребление, летнее очищение его потребляет огнь, и изчезает до конца: еда потребно будет на дело?
5 जब यह अपने पूरे आकार में थी, तब यह किसी काम की न थी, तो फिर तब इसकी क्या उपयोगिता हो सकती है जब यह आग में जल गई और झुलस गई?
И еще целу ему сущу не будет на дело, кольми паче аще огнь е попалит до конца, будет ли на дело потом?
6 “इसलिये परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: जैसा कि मैंने अंगूर की लता की लकड़ी को बंजर भूमि के पेड़ों के बीच आग के लिये ईंधन के रूप में दिया है, वैसा ही मैं येरूशलेम में रहनेवालों के साथ व्यवहार करूंगा.
Сего ради рцы: сице глаголет Господь Бог: якоже лоза виноградная во древех дубравных, юже дах на потребление огневи, тако дам живущыя во Иерусалиме:
7 मैं अपना मुंह उनके विरुद्ध करूंगा. यद्यपि वे आग से बचकर निकल आये हैं, फिर भी आग ही उन्हें जलाकर नष्ट कर देगी. और जब मैं अपना मुंह उनके विरुद्ध करूंगा, तब तुम जानोगे कि मैं याहवेह हूं.
и дам лице Мое на ня, от огня изыдут, и огнь пояст я: и уведят, яко Аз Господь, егда утвержду лице Мое на них:
8 मैं देश को उजाड़ दूंगा, क्योंकि उन्होंने विश्वासघात किया है, यह परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.”
и дам землю в пагубу, зане впадоша в грех, глаголет Адонаи Господь.

< यहेजकेल 15 >