< निर्गमन 39 >

1 नीले, बैंगनी और लाल रंग के सूत से पवित्र स्थान में सेवा के अवसर पर पहनने के लिए वस्त्र बनाए, और अहरोन के लिए पवित्र वस्त्र, जैसा याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी, वैसा ही बनाया.
And of the blue, and purple, and scarlet yarn, they made the cloths of service, to do the service in the holy place; and they made the holy garments which were for Aaron, as the Lord had commanded Moses.
2 उन्होंने एफ़ोद को सुनहरे और नीले बैंगनी तथा लाल रंग के कपड़े का और सूक्ष्म बंटे हुए सन के कपड़े का बनाया.
And he made the ephod, of gold, blue, and purple, and scarlet yarn, and twisted linen;
3 उन्होंने सोने को पीटकर उसकी पत्तियां बनाई तथा इन्हें काटकर इनके धागे बनाए ताकि इन्हें नीले, बैंगनी तथा लाल रंग के सूत के उत्तम रेशों में बुना जा सके, जो एक कुशल कारीगर का काम था.
And they did heat the gold into thin plates, and cut it into wires, to work it in the blue, and in the purple, and in the scarlet yarn, and in the linen, with weaver's work.
4 उन्होंने एफ़ोद के जोड़ने के लिए कंधों की पट्टियां बनाईं और कंधे की इन पट्टियों को एफ़ोद के कंधे पर टांका
They made shoulder-pieces for it, joined on; on both its edges was it thus joined together.
5 कमरबंध एफ़ोद के साथ बुना हुआ बनाया, और एक ही प्रकार की सामग्री से बनाया, अर्थात् सुनहरे, नीले, बैंगनी और लाल रंग के कपड़ों और बंटी हुई मलमल से बनाया, जैसा ही याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी थी.
And the belt for girding it on, that was upon it, was of the same piece with itself, of the same make: of gold, blue, and purple, and scarlet yarn, and twisted linen; as the Lord had commanded Moses.
6 उन्होंने सुलेमानी गोमेद को सोने की महीन जालियों में जड़ा और उनमें इस्राएली पुत्रों के नाम मुहर जैसे खोदकर सोने के खानों में लगा दिये.
And they wrought the onyx stones enclosed in casings of gold, engraved with the engraving of a signet, after the names of the children of Israel.
7 इन दोनों मणियों को इस्राएल के पुत्रों के यादगार मणियों के रूप में एफ़ोद के कंधों में लगाया, जैसा मोशेह को याहवेह ने आज्ञा दी थी.
And he put them on the shoulder-pieces of the ephod, as stones of memorial to the children of Israel; as the Lord had commanded Moses.
8 उन्होंने एक कुशल शिल्पकार द्वारा न्याय की पेटी बनवाई, उसे बेलबूटेदार एफ़ोद के समान बनवाया. उसे सुनहरे, नीले, बैंगनी और लाल रंग के कपड़े तथा बंटी हुई मलमल से बनवाया.
And he made the breastplate with weaver's work, like the work of the ephod: of gold, blue, and purple, and scarlet yarn, and twisted linen.
9 इसे मोड़कर दो भाग बनाए, और इसका आकार चौकोर था, यह साढ़े बाईस सेंटीमीटर लंबा तथा साढ़े बाईस सेंटीमीटर चौड़ा था.
It was foursquare, double did they make the breastplate: it was a span in length, and a span in breadth, double.
10 इस पर उन्होंने मणियों की चार पंक्तियां बनाई. पहली पंक्ति में एक माणिक्य, एक पुखराज और एक मरकत थे.
And they set in it four rows of stones: the first row, a sardius, a topaz, and an emerald; this was the first row.
11 दूसरी पंक्ति में एक लाल मणि, एक नीलम और एक हीरा लगाए.
And the second row, a carbuncle, a sapphire, and a diamond.
12 तीसरी पंक्ति में एक तृणमणि, एक यशब और एक याकूत.
And the third row, an opal, a turquoise, and an amethyst.
13 चौथी पंक्ति में एक स्वर्णमणि, एक सुलेमानी और एक सूर्यकांत मणि; इन्हें नक्काशी किए हुए सोने के खांचों में लगा दिये.
And the fourth row, a chrysolite, an onyx, and a jasper: they were fitted in golden casings when they were set in.
14 ये इस्राएल के बारह पुत्रों के अनुसार बारह मणियां थी. हर मणि पर बारह गोत्रों में से एक नाम लिखे गये, जिस तरह एक कारीगर मुहर पर खोदता है. एक मणि पर इस्राएल के बारह गोत्रों में से एक का नाम था.
And the stones were according to the names of the children of Israel, twelve, according to their names, [engraved] with the engraving of a signet, every one according to his name, for the twelve tribes.
15 वक्षपेटिका के लिए बंटी हुई डोरियों के रूप में सोने की गुंथी हुई जंजीर बनवाया.
And they made upon the breastplate chains with knots at the ends, of wreathed work, of pure gold.
16 वक्षपेटिका के लिए सोने के दो कड़े भी बनवाये, और इन दोनों कड़ों को वक्षपेटिका के दोनों सिरों पर लगवाये.
And they made two casings of gold, and two golden rings; and they put the two rings on the two ends of the breastplate.
17 इसके बाद सोने की इन दोनों डोरियों को वक्षपेटिका के सिरों में लगे हुए दोनों कड़ों में लगवाये.
And they put the two wreathed chains of gold in the two rings on the ends of the breastplate.
18 उन्होंने दोनों डोरियों के दूसरे सिरों को नक्काशी किए हुए दोनों खांचों में जुड़वाये. उन्हें एफ़ोद के कंधों में सामने की ओर लगवाये.
And the two ends of the two wreathed chains they fastened on the two casings, and they put them on the shoulder-pieces of the ephod, on the outside thereof.
19 उन्होंने फिर सोने के दो और कड़े बनाकर इन्हें वक्षपेटिका के सिरों पर अंदर की ओर एफ़ोद से सटाकर लगवाये.
And they made two golden rings, and put them on the two ends of the breastplate, on its border, which was on the opposite side of the ephod, inward.
20 फिर उन्होंने दो कड़े बनाए और उन्हें एफ़ोद के कंधों की तरफ़ की छोर के सामने की तरफ़ से मिला दिया, जो एफ़ोद की बुनी हुई पट्टी के पास से थी.
And they made two more golden rings, and put them on the two shoulder-pieces of the ephod underneath, toward its front part, close by its seam, above the girdle of the ephod.
21 उन्होंने वक्ष पटल को उसके कड़ों के द्वारा एफ़ोद के कड़ों से एक नीले रंग की रस्सी द्वारा बांध दिया, जिससे यह अब एफ़ोद के बुने हुए भाग पर जुड़ गया, जिससे वक्ष पटल एवं एफ़ोद एक दूसरे से जुड़े रहते थे. यह सब याहवेह द्वारा मोशेह से कहे गये वचन के अनुसार किया गया.
And they fastened the breastplate by its rings unto the rings of the ephod with a lace of blue, that it might remain on the girdle of the ephod, and that the breastplate might not be loosed from the ephod; as the Lord had commanded Moses.
22 फिर उन्होंने एफ़ोद का पूरा अंगरखा नीले कपड़े का बनवाया.
And he made the robe of the ephod of woven work, altogether of blue woolen yarn.
23 इस वस्त्र के बीच में एक छेद था. छेद के चारों ओर एक कोर बनाया ताकि वह फट न पाए.
And there was an opening in the midst of the robe, as the opening of a habergeon, with a binding round about the opening, that it should not be rent.
24 इस वस्त्र की किनारी पर नीली, बैंगनी तथा लाल, सूक्ष्म बंटी हुई सन के रेशों से अनार बनाए.
And they made upon the lower hem of the robe pomegranates of blue, and purple, and scarlet yarn, twisted.
25 उन्होंने सोने की घंटियां भी बनाईं और इन्हें वस्त्र की किनारी के चारों ओर अनारों के बीच में लगा दिया.
And they made bells of pure gold; and they put the bells between the pomegranates upon the lower hem of the robe, round about, between the pomegranates;
26 वस्त्र में एक अनार, फिर एक घंटी, और एक अनार फिर एक घंटी लगाई गई कि वह वस्त्र पहनकर सेवा का काम करें. यह वैसा ही किया जैसा याहवेह ने मोशेह से कहा था.
A bell and a pomegranate, a bell and a pomegranate, round about the lower hem of the robe, to minister therein; as the Lord had commanded Moses.
27 अहरोन एवं उनके पुत्रों के लिए उन्होंने मलमल के कुर्ते,
And they made the coats of linen, of woven work, for Aaron and for his sons,
28 पगड़ियां एवं टोपियां और जांघिया बनाई.
And the mitre of linen, and the goodly bonnets of linen, and linen breeches of twisted linen thread.
29 उन्होंने नीले, बैंगनी तथा लाल रंग के मलमल से पगड़ी बनाई, जैसा याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी थी.
And the girdle of twisted linen, and blue, and purple, and scarlet yarn, the work of the embroiderer; as the Lord had commanded Moses.
30 शुद्ध सोने की एक पट पर मुहर के समान ये अक्षर खोदे गए: याहवेह के लिए पवित्र.
And they made the plate of the holy crown of pure gold, and wrote upon it a writing, like the engrafting of a signet, Holy to the Lord.
31 उन्होंने उसमें एक नीला फीता लगाया कि वह पगड़ी के ऊपर रहे—जैसा याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी थी.
And they put on it a lace of blue, to place it upon the mitre above; as the Lord had commanded Moses.
32 इस प्रकार मिलनवाले तंबू और पवित्र स्थान का काम पूरा हुआ. इस्राएलियों ने सब कुछ वैसा ही किया, जैसे जैसे याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी थी.
Thus was finished all the work of the tabernacle of the tent of the congregation; and the children of Israel had made it in accordance with all that the Lord had commanded Moses, so had they made it.
33 फिर वे पवित्र स्थान की सब वस्तुएं मोशेह के पास लाए: अर्थात् तंबू, इसकी अंकुड़ियों, तख्ते, छड़ें, खंभे तथा कुर्सियां;
And they brought the tabernacle unto Moses, the tent, and all its vessels, its hooks, its boards, its bars, and its pillars, and its sockets,
34 मेढ़े की खालों का ओढ़ना जो लाल रंग से रंगी गई थी, सूंस की खाल का ओढ़ना तथा पर्दा;
And the covering of rams' skins dyed red, and the covering of badgers' skins, and the vail of the separation:
35 संदूक, डंडों समेत करुणासन, बीच वाला पर्दा;
The ark of the testimony, and its staves, and the mercy-seat;
36 मेज़ और उसके सभी सामान, भेंट की रोटी,
The table, and all its vessels, and the showbread;
37 सारे सामान सहित, दीवट उसकी सजावट के दीपक, और दीये के लिए तेल,
The pure candlestick, with its lamps, the lamps to be set in order thereupon, and all its vessels, and the oil for the lighting,
38 सोने की वेदी और अभिषेक का तेल, सुगंधधूप और तंबू के द्वार का पर्दा;
And the golden altar, and the anointing oil, and the incense of spices, and the hanging for the door of the tabernacle;
39 कांसे की वेदी और उसकी कांसे की झंझरी, उसके डंडे तथा उसके सामान; कांसे की हौदी;
The copper altar, and the grating of copper which belonged to it, its staves, and all its vessels, the laver and its foot;
40 आंगन के द्वार का पर्दा, उसके खंभे और कुर्सियां सहित आंगन का पर्दा; उसकी डोरियां, उसकी खूंटियां; तथा मिलनवाले तंबू के पवित्र स्थान का सारा सामान;
The hangings of the court, its pillars and its sockets, and the hanging for the court-gate, its cords, and its pins, and all the vessels of the service of the tabernacle, for the tent of the congregation;
41 पवित्र स्थान में सेवा के अवसर पर पहनने के बुने हुए वस्त्र, अहरोन तथा उनके पुत्रों के लिए पवित्र वस्त्र, जो पुरोहित के पद पर कार्य करते समय पहनकर जाना था.
The cloths of service to do the service in the holy place, and the holy garments for Aaron the priest, and the garments of his sons, to minister therein.
42 इस प्रकार इस्राएलियों ने वह सब काम पूरा किया, जिसकी याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी थी.
All, just as the Lord had commanded Moses, so had the children of Israel done all the work.
43 मोशेह ने उन सब कामों को जांचा जो उन्होंने किया था, और सब काम जैसी याहवेह की आज्ञा थी, उसी के अनुसार ही किया गया था. फिर मोशेह ने सबको आशीष दी.
And Moses did look over all the work, and, behold, they had done it as the Lord had commanded, even so had they done it: and Moses blessed them.

< निर्गमन 39 >