< निर्गमन 39 >
1 नीले, बैंगनी और लाल रंग के सूत से पवित्र स्थान में सेवा के अवसर पर पहनने के लिए वस्त्र बनाए, और अहरोन के लिए पवित्र वस्त्र, जैसा याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी, वैसा ही बनाया.
All the gold that was employed for the works according to all the fabrication of the holy things, was of the gold of the offerings, twenty-nine talents, and seven hundred and twenty shekels according to the holy shekel.
2 उन्होंने एफ़ोद को सुनहरे और नीले बैंगनी तथा लाल रंग के कपड़े का और सूक्ष्म बंटे हुए सन के कपड़े का बनाया.
And the offering of silver from the men that were numbered of the congregation a hundred talents, and a thousand seven hundred and seventy-five shekels, one drachm apiece, even the half shekel, according to the holy shekel.
3 उन्होंने सोने को पीटकर उसकी पत्तियां बनाई तथा इन्हें काटकर इनके धागे बनाए ताकि इन्हें नीले, बैंगनी तथा लाल रंग के सूत के उत्तम रेशों में बुना जा सके, जो एक कुशल कारीगर का काम था.
Every one that passed the survey from twenty years old and upwards to the [number of] six hundred thousand, and three thousand five hundred and fifty.
4 उन्होंने एफ़ोद के जोड़ने के लिए कंधों की पट्टियां बनाईं और कंधे की इन पट्टियों को एफ़ोद के कंधे पर टांका
And the hundred talents of silver went to the casting of the hundred chapiters of the tabernacle, and to the chapiters of the veil;
5 कमरबंध एफ़ोद के साथ बुना हुआ बनाया, और एक ही प्रकार की सामग्री से बनाया, अर्थात् सुनहरे, नीले, बैंगनी और लाल रंग के कपड़ों और बंटी हुई मलमल से बनाया, जैसा ही याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी थी.
a hundred chapiters to the hundred talents, a talent to a chapiter.
6 उन्होंने सुलेमानी गोमेद को सोने की महीन जालियों में जड़ा और उनमें इस्राएली पुत्रों के नाम मुहर जैसे खोदकर सोने के खानों में लगा दिये.
And the thousand seven hundred and seventy-five shekels he formed into hooks for the pillars, and he gilt their chapiters and adorned them.
7 इन दोनों मणियों को इस्राएल के पुत्रों के यादगार मणियों के रूप में एफ़ोद के कंधों में लगाया, जैसा मोशेह को याहवेह ने आज्ञा दी थी.
And the brass of the offering [was] seventy talents, and a thousand five hundred shekels;
8 उन्होंने एक कुशल शिल्पकार द्वारा न्याय की पेटी बनवाई, उसे बेलबूटेदार एफ़ोद के समान बनवाया. उसे सुनहरे, नीले, बैंगनी और लाल रंग के कपड़े तथा बंटी हुई मलमल से बनवाया.
and they made of it the bases of the door of the tabernacle of witness,
9 इसे मोड़कर दो भाग बनाए, और इसका आकार चौकोर था, यह साढ़े बाईस सेंटीमीटर लंबा तथा साढ़े बाईस सेंटीमीटर चौड़ा था.
and the bases of the court round about, and the bases of the gate of the court, and the pins of the tabernacle, and the pins of the court round about;
10 इस पर उन्होंने मणियों की चार पंक्तियां बनाई. पहली पंक्ति में एक माणिक्य, एक पुखराज और एक मरकत थे.
and the brazen appendage of the altar, and all the vessels of the altar, and all the instruments of the tabernacle of witness.
11 दूसरी पंक्ति में एक लाल मणि, एक नीलम और एक हीरा लगाए.
And the children of Israel did as the Lord commanded Moses, so did they.
12 तीसरी पंक्ति में एक तृणमणि, एक यशब और एक याकूत.
And of the gold that remained of the offering they made vessels to minister with before the Lord.
13 चौथी पंक्ति में एक स्वर्णमणि, एक सुलेमानी और एक सूर्यकांत मणि; इन्हें नक्काशी किए हुए सोने के खांचों में लगा दिये.
And the blue that was left, and the purple, and the scarlet they made [into] garments of ministry for Aaron, so that he should minister with them in the sanctuary;
14 ये इस्राएल के बारह पुत्रों के अनुसार बारह मणियां थी. हर मणि पर बारह गोत्रों में से एक नाम लिखे गये, जिस तरह एक कारीगर मुहर पर खोदता है. एक मणि पर इस्राएल के बारह गोत्रों में से एक का नाम था.
and they brought the garments to Moses, and the tabernacle, and its furniture, its bases and its bars and the posts;
15 वक्षपेटिका के लिए बंटी हुई डोरियों के रूप में सोने की गुंथी हुई जंजीर बनवाया.
and the ark of the covenant, and its bearers, and the altar and all its furniture.
16 वक्षपेटिका के लिए सोने के दो कड़े भी बनवाये, और इन दोनों कड़ों को वक्षपेटिका के दोनों सिरों पर लगवाये.
And they made the anointing oil, and the incense of composition, and the pure candlestick,
17 इसके बाद सोने की इन दोनों डोरियों को वक्षपेटिका के सिरों में लगे हुए दोनों कड़ों में लगवाये.
and its lamps, lamps for burning, and oil for the light,
18 उन्होंने दोनों डोरियों के दूसरे सिरों को नक्काशी किए हुए दोनों खांचों में जुड़वाये. उन्हें एफ़ोद के कंधों में सामने की ओर लगवाये.
and the table of shewbread, and all its furniture, and the shewbread upon it,
19 उन्होंने फिर सोने के दो और कड़े बनाकर इन्हें वक्षपेटिका के सिरों पर अंदर की ओर एफ़ोद से सटाकर लगवाये.
and the garments of the sanctuary which belong to Aaron, and the garments of his sons, for the priestly ministry;
20 फिर उन्होंने दो कड़े बनाए और उन्हें एफ़ोद के कंधों की तरफ़ की छोर के सामने की तरफ़ से मिला दिया, जो एफ़ोद की बुनी हुई पट्टी के पास से थी.
and the curtains of the court, and the posts, and the veil of the door of the tabernacle, and the gate of the court,
21 उन्होंने वक्ष पटल को उसके कड़ों के द्वारा एफ़ोद के कड़ों से एक नीले रंग की रस्सी द्वारा बांध दिया, जिससे यह अब एफ़ोद के बुने हुए भाग पर जुड़ गया, जिससे वक्ष पटल एवं एफ़ोद एक दूसरे से जुड़े रहते थे. यह सब याहवेह द्वारा मोशेह से कहे गये वचन के अनुसार किया गया.
and all the vessels of the tabernacle and all its instruments: and the skins, even rams' skins dyed red, and the blue coverings, and the coverings of the other things, and the pins, and all the instruments for the works of the tabernacle of witness.
22 फिर उन्होंने एफ़ोद का पूरा अंगरखा नीले कपड़े का बनवाया.
Whatsoever things the Lord appointed Moses, so did the children of Israel make all the furniture.
23 इस वस्त्र के बीच में एक छेद था. छेद के चारों ओर एक कोर बनाया ताकि वह फट न पाए.
And Moses saw all the works; and they had done them all as the Lord commanded Moses, so had they made them; and Moses blessed them.
24 इस वस्त्र की किनारी पर नीली, बैंगनी तथा लाल, सूक्ष्म बंटी हुई सन के रेशों से अनार बनाए.
25 उन्होंने सोने की घंटियां भी बनाईं और इन्हें वस्त्र की किनारी के चारों ओर अनारों के बीच में लगा दिया.
26 वस्त्र में एक अनार, फिर एक घंटी, और एक अनार फिर एक घंटी लगाई गई कि वह वस्त्र पहनकर सेवा का काम करें. यह वैसा ही किया जैसा याहवेह ने मोशेह से कहा था.
27 अहरोन एवं उनके पुत्रों के लिए उन्होंने मलमल के कुर्ते,
28 पगड़ियां एवं टोपियां और जांघिया बनाई.
29 उन्होंने नीले, बैंगनी तथा लाल रंग के मलमल से पगड़ी बनाई, जैसा याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी थी.
30 शुद्ध सोने की एक पट पर मुहर के समान ये अक्षर खोदे गए: याहवेह के लिए पवित्र.
31 उन्होंने उसमें एक नीला फीता लगाया कि वह पगड़ी के ऊपर रहे—जैसा याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी थी.
32 इस प्रकार मिलनवाले तंबू और पवित्र स्थान का काम पूरा हुआ. इस्राएलियों ने सब कुछ वैसा ही किया, जैसे जैसे याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी थी.
33 फिर वे पवित्र स्थान की सब वस्तुएं मोशेह के पास लाए: अर्थात् तंबू, इसकी अंकुड़ियों, तख्ते, छड़ें, खंभे तथा कुर्सियां;
34 मेढ़े की खालों का ओढ़ना जो लाल रंग से रंगी गई थी, सूंस की खाल का ओढ़ना तथा पर्दा;
35 संदूक, डंडों समेत करुणासन, बीच वाला पर्दा;
36 मेज़ और उसके सभी सामान, भेंट की रोटी,
37 सारे सामान सहित, दीवट उसकी सजावट के दीपक, और दीये के लिए तेल,
38 सोने की वेदी और अभिषेक का तेल, सुगंधधूप और तंबू के द्वार का पर्दा;
39 कांसे की वेदी और उसकी कांसे की झंझरी, उसके डंडे तथा उसके सामान; कांसे की हौदी;
40 आंगन के द्वार का पर्दा, उसके खंभे और कुर्सियां सहित आंगन का पर्दा; उसकी डोरियां, उसकी खूंटियां; तथा मिलनवाले तंबू के पवित्र स्थान का सारा सामान;
41 पवित्र स्थान में सेवा के अवसर पर पहनने के बुने हुए वस्त्र, अहरोन तथा उनके पुत्रों के लिए पवित्र वस्त्र, जो पुरोहित के पद पर कार्य करते समय पहनकर जाना था.
42 इस प्रकार इस्राएलियों ने वह सब काम पूरा किया, जिसकी याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी थी.
43 मोशेह ने उन सब कामों को जांचा जो उन्होंने किया था, और सब काम जैसी याहवेह की आज्ञा थी, उसी के अनुसार ही किया गया था. फिर मोशेह ने सबको आशीष दी.