< निर्गमन 39 >
1 नीले, बैंगनी और लाल रंग के सूत से पवित्र स्थान में सेवा के अवसर पर पहनने के लिए वस्त्र बनाए, और अहरोन के लिए पवित्र वस्त्र, जैसा याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी, वैसा ही बनाया.
Of the blue, purple, and scarlet, they made finely worked garments for ministering in the holy place, and made the holy garments for Aaron, as the LORD commanded Moses.
2 उन्होंने एफ़ोद को सुनहरे और नीले बैंगनी तथा लाल रंग के कपड़े का और सूक्ष्म बंटे हुए सन के कपड़े का बनाया.
He made the ephod of gold, blue, purple, scarlet, and fine twined linen.
3 उन्होंने सोने को पीटकर उसकी पत्तियां बनाई तथा इन्हें काटकर इनके धागे बनाए ताकि इन्हें नीले, बैंगनी तथा लाल रंग के सूत के उत्तम रेशों में बुना जा सके, जो एक कुशल कारीगर का काम था.
They beat the gold into thin plates, and cut it into wires, to work it in with the blue, the purple, the scarlet, and the fine linen, the work of the skillful workman.
4 उन्होंने एफ़ोद के जोड़ने के लिए कंधों की पट्टियां बनाईं और कंधे की इन पट्टियों को एफ़ोद के कंधे पर टांका
They made shoulder straps for it, joined together. It was joined together at the two ends.
5 कमरबंध एफ़ोद के साथ बुना हुआ बनाया, और एक ही प्रकार की सामग्री से बनाया, अर्थात् सुनहरे, नीले, बैंगनी और लाल रंग के कपड़ों और बंटी हुई मलमल से बनाया, जैसा ही याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी थी.
The skillfully woven band that was on it, with which to fasten it on, was of the same piece, like its work: of gold, of blue, purple, scarlet, and fine twined linen, as the LORD commanded Moses.
6 उन्होंने सुलेमानी गोमेद को सोने की महीन जालियों में जड़ा और उनमें इस्राएली पुत्रों के नाम मुहर जैसे खोदकर सोने के खानों में लगा दिये.
They worked the onyx stones, enclosed in settings of gold, engraved with the engravings of a signet, according to the names of the children of Israel.
7 इन दोनों मणियों को इस्राएल के पुत्रों के यादगार मणियों के रूप में एफ़ोद के कंधों में लगाया, जैसा मोशेह को याहवेह ने आज्ञा दी थी.
He put them on the shoulder straps of the ephod, to be stones of memorial for the children of Israel, as the LORD commanded Moses.
8 उन्होंने एक कुशल शिल्पकार द्वारा न्याय की पेटी बनवाई, उसे बेलबूटेदार एफ़ोद के समान बनवाया. उसे सुनहरे, नीले, बैंगनी और लाल रंग के कपड़े तथा बंटी हुई मलमल से बनवाया.
He made the breastplate, the work of a skillful workman, like the work of the ephod: of gold, of blue, purple, scarlet, and fine twined linen.
9 इसे मोड़कर दो भाग बनाए, और इसका आकार चौकोर था, यह साढ़े बाईस सेंटीमीटर लंबा तथा साढ़े बाईस सेंटीमीटर चौड़ा था.
It was square. They made the breastplate double. Its length was a span, and its width a span, being double.
10 इस पर उन्होंने मणियों की चार पंक्तियां बनाई. पहली पंक्ति में एक माणिक्य, एक पुखराज और एक मरकत थे.
They set in it four rows of stones. A row of ruby, topaz, and beryl was the first row;
11 दूसरी पंक्ति में एक लाल मणि, एक नीलम और एक हीरा लगाए.
and the second row, a turquoise, a sapphire, and an emerald;
12 तीसरी पंक्ति में एक तृणमणि, एक यशब और एक याकूत.
and the third row, a jacinth, an agate, and an amethyst;
13 चौथी पंक्ति में एक स्वर्णमणि, एक सुलेमानी और एक सूर्यकांत मणि; इन्हें नक्काशी किए हुए सोने के खांचों में लगा दिये.
and the fourth row, a chrysolite, an onyx, and a jasper. They were enclosed in gold settings.
14 ये इस्राएल के बारह पुत्रों के अनुसार बारह मणियां थी. हर मणि पर बारह गोत्रों में से एक नाम लिखे गये, जिस तरह एक कारीगर मुहर पर खोदता है. एक मणि पर इस्राएल के बारह गोत्रों में से एक का नाम था.
The stones were according to the names of the children of Israel, twelve, according to their names; like the engravings of a signet, everyone according to his name, for the twelve tribes.
15 वक्षपेटिका के लिए बंटी हुई डोरियों के रूप में सोने की गुंथी हुई जंजीर बनवाया.
They made on the breastplate chains like cords, of braided work of pure gold.
16 वक्षपेटिका के लिए सोने के दो कड़े भी बनवाये, और इन दोनों कड़ों को वक्षपेटिका के दोनों सिरों पर लगवाये.
They made two settings of gold, and two gold rings, and put the two rings on the two ends of the breastplate.
17 इसके बाद सोने की इन दोनों डोरियों को वक्षपेटिका के सिरों में लगे हुए दोनों कड़ों में लगवाये.
They put the two braided chains of gold in the two rings at the ends of the breastplate.
18 उन्होंने दोनों डोरियों के दूसरे सिरों को नक्काशी किए हुए दोनों खांचों में जुड़वाये. उन्हें एफ़ोद के कंधों में सामने की ओर लगवाये.
The other two ends of the two braided chains they put on the two settings, and put them on the shoulder straps of the ephod, in its front.
19 उन्होंने फिर सोने के दो और कड़े बनाकर इन्हें वक्षपेटिका के सिरों पर अंदर की ओर एफ़ोद से सटाकर लगवाये.
They made two rings of gold, and put them on the two ends of the breastplate, on its edge, which was toward the side of the ephod inward.
20 फिर उन्होंने दो कड़े बनाए और उन्हें एफ़ोद के कंधों की तरफ़ की छोर के सामने की तरफ़ से मिला दिया, जो एफ़ोद की बुनी हुई पट्टी के पास से थी.
They made two more rings of gold, and put them on the two shoulder straps of the ephod underneath, in its front, close by its coupling, above the skillfully woven band of the ephod.
21 उन्होंने वक्ष पटल को उसके कड़ों के द्वारा एफ़ोद के कड़ों से एक नीले रंग की रस्सी द्वारा बांध दिया, जिससे यह अब एफ़ोद के बुने हुए भाग पर जुड़ गया, जिससे वक्ष पटल एवं एफ़ोद एक दूसरे से जुड़े रहते थे. यह सब याहवेह द्वारा मोशेह से कहे गये वचन के अनुसार किया गया.
They bound the breastplate by its rings to the rings of the ephod with a lace of blue, that it might be on the skillfully woven band of the ephod, and that the breastplate might not come loose from the ephod, as the LORD commanded Moses.
22 फिर उन्होंने एफ़ोद का पूरा अंगरखा नीले कपड़े का बनवाया.
He made the robe of the ephod of woven work, all of blue.
23 इस वस्त्र के बीच में एक छेद था. छेद के चारों ओर एक कोर बनाया ताकि वह फट न पाए.
The opening of the robe in the middle of it was like the opening of a coat of mail, with a binding around its opening, that it should not be torn.
24 इस वस्त्र की किनारी पर नीली, बैंगनी तथा लाल, सूक्ष्म बंटी हुई सन के रेशों से अनार बनाए.
They made on the skirts of the robe pomegranates of blue, purple, scarlet, and twined linen.
25 उन्होंने सोने की घंटियां भी बनाईं और इन्हें वस्त्र की किनारी के चारों ओर अनारों के बीच में लगा दिया.
They made bells of pure gold, and put the bells between the pomegranates around the skirts of the robe, between the pomegranates;
26 वस्त्र में एक अनार, फिर एक घंटी, और एक अनार फिर एक घंटी लगाई गई कि वह वस्त्र पहनकर सेवा का काम करें. यह वैसा ही किया जैसा याहवेह ने मोशेह से कहा था.
a bell and a pomegranate, a bell and a pomegranate, around the skirts of the robe, to minister in, as the LORD commanded Moses.
27 अहरोन एवं उनके पुत्रों के लिए उन्होंने मलमल के कुर्ते,
They made the tunics of fine linen of woven work for Aaron and for his sons,
28 पगड़ियां एवं टोपियां और जांघिया बनाई.
the turban of fine linen, the linen headbands of fine linen, the linen trousers of fine twined linen,
29 उन्होंने नीले, बैंगनी तथा लाल रंग के मलमल से पगड़ी बनाई, जैसा याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी थी.
the sash of fine twined linen, blue, purple, and scarlet, the work of the embroiderer, as the LORD commanded Moses.
30 शुद्ध सोने की एक पट पर मुहर के समान ये अक्षर खोदे गए: याहवेह के लिए पवित्र.
They made the plate of the holy crown of pure gold, and wrote on it an inscription, like the engravings of a signet: “HOLY TO THE LORD”.
31 उन्होंने उसमें एक नीला फीता लगाया कि वह पगड़ी के ऊपर रहे—जैसा याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी थी.
They tied to it a lace of blue, to fasten it on the turban above, as the LORD commanded Moses.
32 इस प्रकार मिलनवाले तंबू और पवित्र स्थान का काम पूरा हुआ. इस्राएलियों ने सब कुछ वैसा ही किया, जैसे जैसे याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी थी.
Thus all the work of the tabernacle of the Tent of Meeting was finished. The children of Israel did according to all that the LORD commanded Moses; so they did.
33 फिर वे पवित्र स्थान की सब वस्तुएं मोशेह के पास लाए: अर्थात् तंबू, इसकी अंकुड़ियों, तख्ते, छड़ें, खंभे तथा कुर्सियां;
They brought the tabernacle to Moses: the tent, with all its furniture, its clasps, its boards, its bars, its pillars, its sockets,
34 मेढ़े की खालों का ओढ़ना जो लाल रंग से रंगी गई थी, सूंस की खाल का ओढ़ना तथा पर्दा;
the covering of rams’ skins dyed red, the covering of sea cow hides, the veil of the screen,
35 संदूक, डंडों समेत करुणासन, बीच वाला पर्दा;
the ark of the covenant with its poles, the mercy seat,
36 मेज़ और उसके सभी सामान, भेंट की रोटी,
the table, all its vessels, the show bread,
37 सारे सामान सहित, दीवट उसकी सजावट के दीपक, और दीये के लिए तेल,
the pure lamp stand, its lamps, even the lamps to be set in order, all its vessels, the oil for the light,
38 सोने की वेदी और अभिषेक का तेल, सुगंधधूप और तंबू के द्वार का पर्दा;
the golden altar, the anointing oil, the sweet incense, the screen for the door of the Tent,
39 कांसे की वेदी और उसकी कांसे की झंझरी, उसके डंडे तथा उसके सामान; कांसे की हौदी;
the bronze altar, its grating of bronze, its poles, all of its vessels, the basin and its base,
40 आंगन के द्वार का पर्दा, उसके खंभे और कुर्सियां सहित आंगन का पर्दा; उसकी डोरियां, उसकी खूंटियां; तथा मिलनवाले तंबू के पवित्र स्थान का सारा सामान;
the hangings of the court, its pillars, its sockets, the screen for the gate of the court, its cords, its pins, and all the instruments of the service of the tabernacle, for the Tent of Meeting,
41 पवित्र स्थान में सेवा के अवसर पर पहनने के बुने हुए वस्त्र, अहरोन तथा उनके पुत्रों के लिए पवित्र वस्त्र, जो पुरोहित के पद पर कार्य करते समय पहनकर जाना था.
the finely worked garments for ministering in the holy place, the holy garments for Aaron the priest, and the garments of his sons, to minister in the priest’s office.
42 इस प्रकार इस्राएलियों ने वह सब काम पूरा किया, जिसकी याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी थी.
According to all that the LORD commanded Moses, so the children of Israel did all the work.
43 मोशेह ने उन सब कामों को जांचा जो उन्होंने किया था, और सब काम जैसी याहवेह की आज्ञा थी, उसी के अनुसार ही किया गया था. फिर मोशेह ने सबको आशीष दी.
Moses saw all the work, and behold, they had done it as the LORD had commanded. They had done so; and Moses blessed them.