< निर्गमन 29 >
1 “अब तुम उनको पवित्र करने के लिए एक निर्दोष बछड़ा तथा दो मेढ़ों को लाना.
Now this is how you are to proceed to dedicate them to serve me as priests. Take a young bull and two rams with no defects.
2 उनको लेकर बिना खमीर रोटी तथा तेल से बनी बिना खमीर की पूरियां, तेल लगाई हुई बिना खमीर की रोटियां जिन्हें मैदे से तैयार किया गया हो, लेना.
Then using the best wheat flour, make the following without yeast: bread, cakes mixed with olive oil, and wafers sprinkled with olive oil.
3 इन सभी को तुम एक टोकरी में रखकर तथा बछड़े एवं मेढ़ों के साथ चढ़ाना.
Put them all in a basket, and bring them as an offering, along with the bull and the two rams.
4 तब तुम अहरोन और उसके पुत्रों को मिलनवाले तंबू के द्वार पर लाकर उनको नहलाना.
Then bring Aaron and his sons to the entrance of the Tent of Meeting, and wash them with water.
5 और अहरोन को कुर्ता तथा एफ़ोद का परिधान, एफ़ोद तथा वक्ष पटल पहनाकर उसे एफ़ोद के फ़ीते से बांध देना;
Take the clothes and put them on Aaron: the tunic, the robe of the ephod, the ephod itself, and the breastpiece. Tie the ephod on him with its waistband.
6 उसके सिर पर वह पगड़ी रखना तथा उस पगड़ी पर पवित्र मुकुट रख देना.
Wrap the turban on his head and attach the holy crown to the turban.
7 तब अभिषेक का तेल लेकर उसके सिर पर डालकर उसका अभिषेक करना.
Then use the anointing oil to anoint him by pouring it over his head.
8 फिर उसके पुत्रों को कुर्ते पहनाना.
Then have his sons come and put the tunics on them.
9 अहरोन तथा उनके पुत्रों की कमर बांधकर उनके सिर पर टोपियां रख देना. ऐसे पुरोहित पद पर हमेशा उनका अधिकार हो जाएगा. “इस तरह अहरोन तथा उसके पुत्रों का अभिषेक करना.
Tie the sashes around Aaron and his sons and put headdresses on them. The priesthood belongs to them forever. This is how you are to ordain Aaron and his sons.
10 “इसके बाद बछड़े को मिलनवाले तंबू के सामने लाना और अहरोन के पुत्र उस बछड़े के सिर पर अपना हाथ रखें.
Take the bull to the front of the Tent of Meeting, and Aaron and his sons are to place their hands on its head.
11 तब उस बछड़े को याहवेह के सामने मिलनवाले तंबू के द्वार पर बलि चढ़ाना.
Then slaughter the bull in the Lord's presence at the entrance to the Tent of Meeting.
12 तुम उस बछड़े का लहू अपनी उंगली पर लेकर वेदी के सींगों पर लगाना और बाकी बचे हुए लहू को वेदी पर डाल देना.
Take some of the bull's blood and smear it on the horns of the altar with your finger. Then pour out the rest of the blood at the base of the altar.
13 उसकी अंतड़ियां के ऊपर की तथा कलेजे के ऊपर की चर्बी, तथा दोनों गुर्दों के ऊपर की चर्बी को वेदी पर जला देना.
Take all the fat that covers the intestines, the best parts of the liver, and the two kidneys with their fat, and burn them on the altar.
14 किंतु बैल, उसकी खाल, मांस और इस प्रक्रिया में उत्पन्न गोबर को छावनी के बाहर अग्नि में जला देना, क्योंकि यह पापबलि है.
But burn the bull's meat, its hide, and its excrement outside the camp—it is an offering for sin.
15 “फिर एक मेढ़ा भी लेना और अहरोन तथा उसके पुत्र अपना हाथ उस मेढ़े के सिर पर रखें;
Next have Aaron and his sons place their hands on the head of one of the rams.
16 फिर उस मेढ़े की बलि करके उसके लहू को एक साथ लेकर वेदी के आस-पास छिड़क देना.
Slaughter the ram, take its blood, and splash it all around the altar.
17 फिर उस मेढ़े के टुकड़े-टुकड़े करके, उसके आंतरिक अंगों तथा टांगों को धोकर, इन सबको सिर के साथ रख देना.
Cut the ram in pieces, wash the intestines and legs, and put them with the other pieces and the head.
18 और पूरे मेढ़े को वेदी पर जला देना. यह याहवेह के लिए होमबलि होगी, और याहवेह के लिए अग्नि में समर्पित सुखदायक सुगंध होगा.
Then burn all of the ram on the altar. It is a burnt offering to the Lord to be accepted by him.
19 “इसके बाद दूसरा मेढ़ा अर्थात् संस्कार का मेढ़ा प्रस्तुत किया जाये और अहरोन और उनके पुत्र उस मेढ़े के सिर पर अपने हाथ रखें.
Then have Aaron and his sons place their hands the head of the other ram.
20 फिर उस मेढ़े को बलि करना, उसका कुछ रक्त लेकर अहरोन के दहिने कान पर तथा उनके दाएं हाथ एवं पांव के दाएं अंगूठों पर लगा देना तथा बाकी बचे हुए लहू को वेदी के चारों ओर छिड़क देना.
Slaughter the ram, and put some of its blood on the right earlobes of Aaron and his sons, and on the thumbs of their right hands, and on the big toes of their right feet. Splash the rest of its blood all around the altar.
21 फिर वेदी से थोड़ा लहू और अभिषेक का तेल लेकर अहरोन और उसके पुत्रों के ऊपर और उनके कपड़ों पर छिड़क देना; इससे अहरोन और उसके कपड़े तथा उसके पुत्र और उनके कपड़े पवित्र हो जायेंगे.
Take some of the blood from the altar and some of the anointing oil and sprinkle it on Aaron and his clothes, and on his sons and their clothes. Then he and his clothes will be made holy, likewise his sons and their clothes.
22 “मेढ़े को अभिषेक वाला मानकर उसकी चर्बी, उसकी पूंछ, अंतड़ियां तथा कलेजे के ऊपर की चर्बी, दोनों गुर्दे तथा उसकी चर्बी और मेढ़े की दायीं जांघ लेना—क्योंकि यह अभिषेक का मेढ़ा है,
Take the fat from the ram, including the fat of its broad tail, the fat covering the intestines, the best parts of the liver, the two kidneys with their fat, as well as the right thigh (because this is a ram for ordination).
23 और एक रोटी, तेल से चुपड़ी एक पूरी, बिना खमीर रोटी की टोकरी में से एक पपड़ी, जो याहवेह के सामने रखी गई थी;
Also take one loaf of bread, one cake of bread made with olive oil, and one wafer from the basket of bread made without yeast that is in the Lord's presence.
24 ये सभी वस्तुएं अहरोन एवं उसके पुत्रों के हाथों में रखकर इन्हें याहवेह को चढ़ाने की भेंट मानकर याहवेह के आगे लहराया जाए.
Give all of them to Aaron and his sons to wave before the Lord as a wave offering.
25 फिर वह इन वस्तुओं को लेकर होमबलि के लिए वेदी पर जलाए ताकि यह याहवेह के लिए सुखदायक सुगंध हो. यह याहवेह के लिए अग्निबलि होगी.
Then take the different breads back and burn them on the altar on top of the burnt offering to the Lord to be accepted by him.
26 फिर अहरोन के अभिषेक के मेढ़े की छाती को लेकर याहवेह के सामने लहर की भेंट के रूप में लहराए. और वह तुम्हारा हिस्सा होगा.
Take the breast of the ram of Aaron's ordination and wave it before the Lord as a wave offering. This is the part you can keep.
27 “मेढ़े के लहराए जाने की भेंट वाली छाती तथा उठाए जाने की भेंट वाला जांघ, जिसे लहराया गया था, और जिसे अभिषेक के मेढ़े में से चढ़ाया था, जो अहरोन एवं उसके पुत्रों के हिस्से में से था, पवित्र करना.
Set apart for Aaron and his sons the breast of the wave offering and the thigh of the offering that is lifted up, both taken from the ram of ordination.
28 यह इस्राएल वंश से सदा के लिए अहरोन एवं उसके पुत्रों के लिए उनका हिस्सा होगा, क्योंकि यह उठाए जाने की भेंट है; यह इस्राएलियों की ओर से उनकी मेल बलियों में से याहवेह के लिए उठाए जाने की भेंट हो.
From now on whenever the Israelites lift up peace offerings to the Lord, these parts will belong to Aaron and his sons forever as a regular share from the Israelites.
29 “अहरोन के बाद अहरोन के पवित्र कपड़े उसके पुत्र के होंगे, ताकि इन्हीं कपड़ों में उनको पवित्र एवं अभिषेक किया जा सके.
The holy garments that Aaron has will be passed down to his descendants, so they can wear them when they're anointed and ordained.
30 अहरोन के बाद उसके पुत्रों में से जो पुरोहित बनेगा जब वह पवित्र स्थान में सेवा करने मिलनवाले तंबू में जाएगा तब अहरोन के कपड़ो को उसे सात दिन तक पहनना होगा.
The descendant who succeeds him as priest and enters the Tent of Meeting to serve in the Holy Place must wear them for the seven days of his ordination.
31 “फिर अभिषेक के उस मेढ़े को तथा उसके मांस को एक पवित्र स्थान पर पकाना.
Take the ram of ordination and boil its meat in a holy place.
32 अहरोन एवं उसके पुत्र, उस मेढ़े के मांस एवं उस टोकरी की रोटी दोनों को मिलनवाले तंबू के द्वार पर खाएं.
Aaron and his sons are to eat the ram's meat, and the bread that is in the basket, at the entrance to the Tent of Meeting,
33 इस प्रकार वे अभिषेक तथा पवित्र की गई वस्तुओं को खाएं, जिनके द्वारा प्रायश्चित किया गया था. लेकिन सामान्य व्यक्ति इसे न खाएं, क्योंकि ये वस्तुएं पवित्र हैं.
They are to eat the meat and the bread that were part of the offerings that symbolized the forgiveness required for their ordination and dedication. No one else may eat them, because they are holy.
34 यदि अभिषेक के मांस में से कुछ मांस एवं रोटी बच जाती है तो उसे आग में जला देना, क्योंकि ये पवित्र वस्तुएं हैं.
If any of the meat of ordination or any bread remains until the morning, burn what's left. It must not be eaten, because it's holy.
35 “अहरोन तथा उसके पुत्रों के साथ वही करना जो उनके साथ करने के लिए मैंने तुमसे कहा हैं; सात दिन तक उनको पवित्र करते रहना.
This is the process you are to follow for Aaron and his sons, observing all the instructions I have given you. It will take seven days to ordain them.
36 रोज तुम पापबलि के लिए एक बछड़ा प्रायश्चित के लिए चढ़ाना. प्रायश्चित करने के समय वेदी को भी साफ़ करना. और उसे पवित्र करने के लिए उसका अभिषेक करना.
Every day you are to sacrifice a bull as a sin offering for forgiveness. When you do this the altar needs to be purified. Anoint it to make it holy.
37 सात दिन तक वेदी के लिए तुम प्रायश्चित करके उसे पवित्र करना तब यह वेदी महा पवित्र हो जाएगी. जो कोई इस वेदी को छुएगा पवित्र हो जाएगा.
For seven days you shall purify the altar and consecrate it. Then the altar will become completely holy, and everything that touches the altar will become holy.
38 “और एक-एक साल के दो मेमने वेदी पर रोज चढ़ाना.
You are to offer two lambs that are a year old on the altar, daily and continually.
39 एक मेमना सुबह तथा दूसरा शाम को चढ़ाना.
In the morning offer one lamb, and offer the other one in the evening before it gets dark.
40 पहले मेमने के साथ पेरकर निकाले गए एक लीटर तेल में मिला हुआ डेढ़ किलो मैदा तथा पेय बलि के लिए एक लीटर दाखरस चढ़ाना
With the first lamb also offer a tenth of an ephah of best quality flour, mixed with a quarter of a hin of olive oil, and a drink offering of a quarter of a hin of wine.
41 तथा दूसरे मेमने के साथ शाम को अन्नबलि और पेय बलि चढ़ाना होगा, जो याहवेह के लिए चढ़ाया गया एक सुखदायक सुगंध हो जाए.
Then offer the second lamb in the evening, with the same grain and drink offerings as in the morning, a burnt offering to the Lord and accepted by him.
42 “यह याहवेह के सामने, मिलनवाले तंबू के द्वार पर जहां मैं तुमसे मिलकर बातें करूंगा, तुम्हारी समस्त पीढ़ियों द्वारा याहवेह के लिए मिलनवाले तंबू के द्वार पर नियमित रूप से होमबलि चढ़ाई जाएगी.
These burnt offerings will be made continually for all generations at the entrance to the Tent of Meeting in the Lord's presence. I will meet you there to speak with you.
43 वहां मैं इस्राएलियों से मिलूंगा और वह तंबू मेरे तेज से पवित्र किया जायेगा.
I will meet with the Israelites there, and that place will be made holy by my glory.
44 “मैं मिलनवाले तंबू और वेदी को पवित्र करूंगा और अहरोन एवं उसके पुत्रों को भी पुरोहित के रूप में सेवा के लिए पवित्र करूंगा.
In this way I will dedicate the Tent of Meeting and the altar, and I will dedicate Aaron and his sons to serve me as priests.
45 मैं इस्राएलियों के साथ रहूंगा तथा मैं उनका परमेश्वर ठहरूंगा.
Then I will live with the Israelites and be their God.
46 तब वे जान लेंगे कि मैं याहवेह उनका परमेश्वर हूं, जिसने उन्हें मिस्र देश से निकाला ताकि मैं उनके साथ रहूं. मैं याहवेह उनका परमेश्वर हूं.
They will know that I am the Lord their God, who led them out of Egypt, so that I could live with them. I am the Lord their God.