< निर्गमन 28 >

1 “इस्राएलियों में से अपने भाई अहरोन और उसके पुत्र नादाब और अबीहू, एलिएज़र और इथामार को बुलाना, ताकि वे मेरे लिए पुरोहित का काम करें.
וְאַתָּ֡ה הַקְרֵ֣ב אֵלֶיךָ֩ אֶת־אַהֲרֹ֨ן אָחִ֜יךָ וְאֶת־בָּנָ֣יו אִתּ֔וֹ מִתּ֛וֹךְ בְּנֵ֥י יִשְׂרָאֵ֖ל לְכַהֲנוֹ־לִ֑י אַהֲרֹ֕ן נָדָ֧ב וַאֲבִיה֛וּא אֶלְעָזָ֥ר וְאִיתָמָ֖ר בְּנֵ֥י אַהֲרֹֽן׃
2 अपने भाई अहरोन के लिए, उसकी मर्यादा और शोभा के लिए, पवित्र वस्त्र बनवाना.
וְעָשִׂ֥יתָ בִגְדֵי־קֹ֖דֶשׁ לְאַהֲרֹ֣ן אָחִ֑יךָ לְכָב֖וֹד וּלְתִפְאָֽרֶת׃
3 उन सब कुशल शिल्पकारों को, जिन्हें मैंने इस काम के लिए चुना है, वे अहरोन के अभिषेक के लिए वस्त्र बनाएं, जिसे पहनकर वह मेरे लिए पुरोहित का काम कर सके.
וְאַתָּ֗ה תְּדַבֵּר֙ אֶל־כָּל־חַכְמֵי־לֵ֔ב אֲשֶׁ֥ר מִלֵּאתִ֖יו ר֣וּחַ חָכְמָ֑ה וְעָשׂ֞וּ אֶת־בִּגְדֵ֧י אַהֲרֹ֛ן לְקַדְּשׁ֖וֹ לְכַהֲנוֹ־לִֽי׃
4 उन्हें वक्षपेटिका, एफ़ोद, अंगरखा, बेलबूटेदार कुर्ता, पगड़ी और कमरबंध आदि वस्त्र बनाना होगा. वे तुम्हारे भाई अहरोन और उसके पुत्रों के लिए पवित्र वस्त्र बनाएं, वे इन्हें पहनकर मेरे लिए पुरोहित का काम करें.
וְאֵ֨לֶּה הַבְּגָדִ֜ים אֲשֶׁ֣ר יַעֲשׂ֗וּ חֹ֤שֶׁן וְאֵפוֹד֙ וּמְעִ֔יל וּכְתֹ֥נֶת תַּשְׁבֵּ֖ץ מִצְנֶ֣פֶת וְאַבְנֵ֑ט וְעָשׂ֨וּ בִגְדֵי־קֹ֜דֶשׁ לְאַהֲרֹ֥ן אָחִ֛יךָ וּלְבָנָ֖יו לְכַהֲנוֹ־לִֽי׃
5 वे सुनहरे, नीले, बैंगनी और लाल रंग के कपड़े और मलमल का उपयोग करें.
וְהֵם֙ יִקְח֣וּ אֶת־הַזָּהָ֔ב וְאֶת־הַתְּכֵ֖לֶת וְאֶת־הָֽאַרְגָּמָ֑ן וְאֶת־תּוֹלַ֥עַת הַשָּׁנִ֖י וְאֶת־הַשֵּֽׁשׁ׃ פ
6 “तुम एक कुशल शिल्पकार द्वारा सोने के तारों से, नीले, बैंगनी और लाल रंग के कपड़ों तथा बंटी हुई मलमल से, एफ़ोद बनवाना.
וְעָשׂ֖וּ אֶת־הָאֵפֹ֑ד זָ֠הָב תְּכֵ֨לֶת וְאַרְגָּמָ֜ן תּוֹלַ֧עַת שָׁנִ֛י וְשֵׁ֥שׁ מָשְׁזָ֖ר מַעֲשֵׂ֥ה חֹשֵֽׁב׃
7 एफ़ोद को जोड़ने के लिए कंधों की पट्टियां बनाना और कंधे की इन पट्टियों को एफ़ोद के कंधे से उसके दोनों भाग जोड़ देना.
שְׁתֵּ֧י כְתֵפֹ֣ת חֹֽבְרֹ֗ת יִֽהְיֶה־לּ֛וֹ אֶל־שְׁנֵ֥י קְצוֹתָ֖יו וְחֻבָּֽר׃
8 कमरबंध एफ़ोद के साथ बुना हुआ हो और एक ही प्रकार की सामग्री से बना हो, अर्थात् सुनहरे, नीले, बैंगनी और लाल रंग के कपड़ों से और बंटी हुई मलमल से बनाना.
וְחֵ֤שֶׁב אֲפֻדָּתוֹ֙ אֲשֶׁ֣ר עָלָ֔יו כְּמַעֲשֵׂ֖הוּ מִמֶּ֣נּוּ יִהְיֶ֑ה זָהָ֗ב תְּכֵ֧לֶת וְאַרְגָּמָ֛ן וְתוֹלַ֥עַת שָׁנִ֖י וְשֵׁ֥שׁ מָשְׁזָֽר׃
9 “सुलेमानी दो मणियों पर इस्राएल के पुत्रों के नाम खुदवाना,
וְלָ֣קַחְתָּ֔ אֶת־שְׁתֵּ֖י אַבְנֵי־שֹׁ֑הַם וּפִתַּחְתָּ֣ עֲלֵיהֶ֔ם שְׁמ֖וֹת בְּנֵ֥י יִשְׂרָאֵֽל׃
10 उनके जन्म के अनुसार, एक मणि पर छः नाम और दूसरी मणि पर बाकी छः नाम खुदवाना.
שִׁשָּׁה֙ מִשְּׁמֹתָ֔ם עַ֖ל הָאֶ֣בֶן הָאֶחָ֑ת וְאֶת־שְׁמ֞וֹת הַשִּׁשָּׁ֧ה הַנּוֹתָרִ֛ים עַל־הָאֶ֥בֶן הַשֵּׁנִ֖ית כְּתוֹלְדֹתָֽם׃
11 जिस प्रकार जौहरी मुद्राओं को खोदता है, उसी प्रकार इन दोनों मणियों पर इस्राएल के पुत्रों के नाम खुदवाना. उन्हें सोने के खांचों में जड़वा देना.
מַעֲשֵׂ֣ה חָרַשׁ֮ אֶבֶן֒ פִּתּוּחֵ֣י חֹתָ֗ם תְּפַתַּח֙ אֶת־שְׁתֵּ֣י הָאֲבָנִ֔ים עַל־שְׁמֹ֖ת בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֑ל מֻסַבֹּ֛ת מִשְׁבְּצ֥וֹת זָהָ֖ב תַּעֲשֶׂ֥ה אֹתָֽם׃
12 इन दोनों मणियों को इस्राएल के पुत्रों के यादगार मणियों के रूप में एफ़ोद के कंधे में लगवाना. अहरोन अपने दोनों कंधों पर उनके नाम याहवेह के सामने याद कराने वाली ये मणि हो.
וְשַׂמְתָּ֞ אֶת־שְׁתֵּ֣י הָאֲבָנִ֗ים עַ֚ל כִּתְפֹ֣ת הָֽאֵפֹ֔ד אַבְנֵ֥י זִכָּרֹ֖ן לִבְנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֑ל וְנָשָׂא֩ אַהֲרֹ֨ן אֶת־שְׁמוֹתָ֜ם לִפְנֵ֧י יְהוָ֛ה עַל־שְׁתֵּ֥י כְתֵפָ֖יו לְזִכָּרֹֽן׃ ס
13 फिर सोने के खाने बनवाना.
וְעָשִׂ֥יתָ מִשְׁבְּצֹ֖ת זָהָֽב׃
14 और रस्सियों के समान गुंथी हुई कुन्दन की दो जंजीरें बनवाना और इन गुंथी हुई जंजीरों को खांचों में लगवाना.
וּשְׁתֵּ֤י שַׁרְשְׁרֹת֙ זָהָ֣ב טָה֔וֹר מִגְבָּלֹ֛ת תַּעֲשֶׂ֥ה אֹתָ֖ם מַעֲשֵׂ֣ה עֲבֹ֑ת וְנָתַתָּ֛ה אֶת־שַׁרְשְׁרֹ֥ת הָעֲבֹתֹ֖ת עַל־הַֽמִּשְׁבְּצֹֽת ׃ ס
15 “तुम एक कुशल शिल्पकार द्वारा न्याय की पेटी बनवाना, उसे बेलबूटेदार एफ़ोद के समान बनवाना. उसे सुनहरे, नीले, बैंगनी और लाल रंग के कपड़े तथा बंटी हुई मलमल से बनवाना.
וְעָשִׂ֜יתָ חֹ֤שֶׁן מִשְׁפָּט֙ מַעֲשֵׂ֣ה חֹשֵׁ֔ב כְּמַעֲשֵׂ֥ה אֵפֹ֖ד תַּעֲשֶׂ֑נּוּ זָ֠הָב תְּכֵ֨לֶת וְאַרְגָּמָ֜ן וְתוֹלַ֧עַת שָׁנִ֛י וְשֵׁ֥שׁ מָשְׁזָ֖ר תַּעֲשֶׂ֥ה אֹתֽוֹ׃
16 वक्ष पटल को मोड़कर दो भाग बनाना. और इसका आकार चौकोर हो, और यह साढ़े बाईस सेंटीमीटर लंबा तथा साढ़े बाईस सेंटीमीटर चौड़ा हो.
רָב֥וּעַ יִֽהְיֶ֖ה כָּפ֑וּל זֶ֥רֶת אָרְכּ֖וֹ וְזֶ֥רֶת רָחְבּֽוֹ׃
17 उसमें मणियों की चार पंक्तियां लगवाना. पहली पंक्ति में एक माणिक्य, एक पुखराज और एक मरकत हो.
וּמִלֵּאתָ֥ בוֹ֙ מִלֻּ֣אַת אֶ֔בֶן אַרְבָּעָ֖ה טוּרִ֣ים אָ֑בֶן ט֗וּר אֹ֤דֶם פִּטְדָה֙ וּבָרֶ֔קֶת הַטּ֖וּר הָאֶחָֽד׃
18 दूसरी पंक्ति में एक लाल मणि, एक नीलम और एक हीरा हो.
וְהַטּ֖וּר הַשֵּׁנִ֑י נֹ֥פֶךְ סַפִּ֖יר וְיָהֲלֹֽם׃
19 तीसरी पंक्ति में एक तृणमणि, एक यशब और एक याकूत.
וְהַטּ֖וּר הַשְּׁלִישִׁ֑י לֶ֥שֶׁם שְׁב֖וֹ וְאַחְלָֽמָה׃
20 चौथी पंक्ति में एक स्वर्णमणि, एक सुलेमानी और एक सूर्यकांत मणि इन्हें नक्काशी किए हुए सोने के खांचों में लगवाना.
וְהַטּוּר֙ הָרְבִיעִ֔י תַּרְשִׁ֥ישׁ וְשֹׁ֖הַם וְיָשְׁפֵ֑ה מְשֻׁבָּצִ֥ים זָהָ֛ב יִהְי֖וּ בְּמִלּוּאֹתָֽם׃
21 इस्राएल के बारह पुत्रों के अनुसार बारह मणियां हों. हर मणि पर बारह गोत्रों में से एक नाम लिखा हो जिस तरह मोहरों पर होता है.
וְ֠הָאֲבָנִים תִּֽהְיֶ֜יןָ עַל־שְׁמֹ֧ת בְּנֵֽי־יִשְׂרָאֵ֛ל שְׁתֵּ֥ים עֶשְׂרֵ֖ה עַל־שְׁמֹתָ֑ם פִּתּוּחֵ֤י חוֹתָם֙ אִ֣ישׁ עַל־שְׁמ֔וֹ תִּֽהְיֶ֕יןָ לִשְׁנֵ֥י עָשָׂ֖ר שָֽׁבֶט׃
22 “वक्षपेटिका के लिए बंटी हुई डोरियों के रूप में सोने की गुंथी हुई जंजीर बनवाना.
וְעָשִׂ֧יתָ עַל־הַחֹ֛שֶׁן שַֽׁרְשֹׁ֥ת גַּבְלֻ֖ת מַעֲשֵׂ֣ה עֲבֹ֑ת זָהָ֖ב טָהֽוֹר׃
23 वक्षपेटिका के लिए सोने के दो कड़े भी बनवाना और इन दोनों कड़ों को वक्षपेटिका के दोनों सिरों पर लगवाना.
וְעָשִׂ֙יתָ֙ עַל־הַחֹ֔שֶׁן שְׁתֵּ֖י טַבְּע֣וֹת זָהָ֑ב וְנָתַתָּ֗ אֶת־שְׁתֵּי֙ הַטַּבָּע֔וֹת עַל־שְׁנֵ֖י קְצ֥וֹת הַחֹֽשֶׁן׃
24 इसके बाद सोने की इन दोनों डोरियों को वक्षपेटिका के सिरों में लगे हुए दोनों कड़ों में लगवाना.
וְנָתַתָּ֗ה אֶת־שְׁתֵּי֙ עֲבֹתֹ֣ת הַזָּהָ֔ב עַל־שְׁתֵּ֖י הַטַּבָּעֹ֑ת אֶל־קְצ֖וֹת הַחֹֽשֶׁן׃
25 दोनों डोरियों के दूसरे सिरों को नक्काशी किए हुए दोनों खांचों में जुड़वाना. उन्हें एफ़ोद के कंधों में सामने की ओर लगवाना.
וְאֵ֨ת שְׁתֵּ֤י קְצוֹת֙ שְׁתֵּ֣י הָעֲבֹתֹ֔ת תִּתֵּ֖ן עַל־שְׁתֵּ֣י הַֽמִּשְׁבְּצ֑וֹת וְנָתַתָּ֛ה עַל־כִּתְפ֥וֹת הָאֵפֹ֖ד אֶל־מ֥וּל פָּנָֽיו׃
26 फिर सोने के दो और कड़े बनवाकर इन्हें वक्षपेटिका के सिरों पर अंदर की ओर एफ़ोद से सटाकर लगवाना.
וְעָשִׂ֗יתָ שְׁתֵּי֙ טַבְּע֣וֹת זָהָ֔ב וְשַׂמְתָּ֣ אֹתָ֔ם עַל־שְׁנֵ֖י קְצ֣וֹת הַחֹ֑שֶׁן עַל־שְׂפָת֕וֹ אֲשֶׁ֛ר אֶל־עֵ֥בֶר הָאֵפֹ֖ד בָּֽיְתָה׃
27 दो कड़े बनवाना और उन्हें एफ़ोद के कंधों की तरफ़ की छोर के सामने की तरफ़ से मिला देना, जो एफ़ोद के बुनी हुई पट्टी के पास से हो.
וְעָשִׂיתָ֮ שְׁתֵּ֣י טַבְּע֣וֹת זָהָב֒ וְנָתַתָּ֣ה אֹתָ֡ם עַל־שְׁתֵּי֩ כִתְפ֨וֹת הָאֵפ֤וֹד מִלְּמַ֙טָּה֙ מִמּ֣וּל פָּנָ֔יו לְעֻמַּ֖ת מֶחְבַּרְתּ֑וֹ מִמַּ֕עַל לְחֵ֖שֶׁב הָאֵפֽוֹד׃
28 वक्ष पटल को उसके कड़ों के द्वारा एफ़ोद के कड़ों से एक नीले रंग की रस्सी द्वारा बांधना, जिससे यह अब एफ़ोद के बुने हुए भाग पर जुड़ जायें ताकि वक्ष पटल एवं एफ़ोद एक दूसरे से जुड़े रहेंगे.
וְיִרְכְּס֣וּ אֶת־הַ֠חֹשֶׁן מטבעתו אֶל־טַבְּעֹ֤ת הָאֵפֹד֙ בִּפְתִ֣יל תְּכֵ֔לֶת לִֽהְי֖וֹת עַל־חֵ֣שֶׁב הָאֵפ֑וֹד וְלֹֽא־יִזַּ֣ח הַחֹ֔שֶׁן מֵעַ֖ל הָאֵפֽוֹד׃
29 “जब अहरोन पवित्र स्थान में जाएगा, तब वह न्याय पेटी पर लिखे इस्राएल के नाम अपने हृदय पर लगाकर रखें जिससे याहवेह के सामने हमेशा उसे याद करते रहे.
וְנָשָׂ֣א אַ֠הֲרֹן אֶת־שְׁמ֨וֹת בְּנֵֽי־יִשְׂרָאֵ֜ל בְּחֹ֧שֶׁן הַמִּשְׁפָּ֛ט עַל־לִבּ֖וֹ בְּבֹא֣וֹ אֶל־הַקֹּ֑דֶשׁ לְזִכָּרֹ֥ן לִפְנֵֽי־יְהוָ֖ה תָּמִֽיד׃
30 न्याय पेटी में उरीम और थुम्मीम को रखना, जिससे अहरोन उन्हें अपने हृदय पर लिए हुए याहवेह के सामने आए. इस प्रकार अहरोन याहवेह के सामने आते समय इस्राएल को हमेशा अपने हृदय पर लगाए रखे.
וְנָתַתָּ֞ אֶל־חֹ֣שֶׁן הַמִּשְׁפָּ֗ט אֶת־הָאוּרִים֙ וְאֶת־הַתֻּמִּ֔ים וְהָיוּ֙ עַל־לֵ֣ב אַהֲרֹ֔ן בְּבֹא֖וֹ לִפְנֵ֣י יְהוָ֑ה וְנָשָׂ֣א אַ֠הֲרֹן אֶת־מִשְׁפַּ֨ט בְּנֵי־יִשְׂרָאֵ֧ל עַל־לִבּ֛וֹ לִפְנֵ֥י יְהוָ֖ה תָּמִֽיד׃ ס
31 “एफ़ोद का पूरा अंगरखा नीले कपड़े का बनवाना.
וְעָשִׂ֛יתָ אֶת־מְעִ֥יל הָאֵפ֖וֹד כְּלִ֥יל תְּכֵֽלֶת׃
32 बीच में सिर के लिए एक छेद हो और उस छेद के चारों ओर गिरेबां जैसी एक गोट हो, जिससे वह फटे नहीं.
וְהָיָ֥ה פִֽי־רֹאשׁ֖וֹ בְּתוֹכ֑וֹ שָׂפָ֡ה יִֽהְיֶה֩ לְפִ֨יו סָבִ֜יב מַעֲשֵׂ֣ה אֹרֵ֗ג כְּפִ֥י תַחְרָ֛א יִֽהְיֶה־לּ֖וֹ לֹ֥א יִקָּרֵֽעַ׃
33 इस वस्त्र की किनारी पर नीली, बैंगनी तथा लाल सूक्ष्म बंटी हुई सन के रेशों से अनार बनवाना. सोने की घंटियां भी बनवाना और इन्हें वस्त्र की किनारी के चारों ओर अनारों के बीच में लगा देना.
וְעָשִׂ֣יתָ עַל־שׁוּלָ֗יו רִמֹּנֵי֙ תְּכֵ֤לֶת וְאַרְגָּמָן֙ וְתוֹלַ֣עַת שָׁנִ֔י עַל־שׁוּלָ֖יו סָבִ֑יב וּפַעֲמֹנֵ֥י זָהָ֛ב בְּתוֹכָ֖ם סָבִֽיב׃
34 अंगरखे के निचले घेरे में एक अनार के बाद सोने की एक घंटी हो, फिर एक अनार के बाद फिर एक सोने की घंटी.
פַּעֲמֹ֤ן זָהָב֙ וְרִמּ֔וֹן פַּֽעֲמֹ֥ן זָהָ֖ב וְרִמּ֑וֹן עַל־שׁוּלֵ֥י הַמְּעִ֖יל סָבִֽיב׃
35 अहरोन सेवा करते समय उसे पहन लेगा जब वह याहवेह के सामने पवित्र स्थान में जाएगा और उसमें से निकल आएगा, तो घण्टियों का शब्द सुनाई देगा, ऐसा नहीं होने पर उसकी मृत्यु हो जाएगी.
וְהָיָ֥ה עַֽל־אַהֲרֹ֖ן לְשָׁרֵ֑ת וְנִשְׁמַ֣ע ק֠וֹלוֹ בְּבֹא֨וֹ אֶל־הַקֹּ֜דֶשׁ לִפְנֵ֧י יְהוָ֛ה וּבְצֵאת֖וֹ וְלֹ֥א יָמֽוּת׃ ס
36 “शुद्ध सोने की एक पट पर मुहर के समान ये अक्षर खोदे जायें: याहवेह के लिए पवित्र
וְעָשִׂ֥יתָ צִּ֖יץ זָהָ֣ב טָה֑וֹר וּפִתַּחְתָּ֤ עָלָיו֙ פִּתּוּחֵ֣י חֹתָ֔ם קֹ֖דֶשׁ לַֽיהוָֽה׃
37 तुम उसे नीला फीता से सामने की ओर पगड़ी में बांधना
וְשַׂמְתָּ֤ אֹתוֹ֙ עַל־פְּתִ֣יל תְּכֵ֔לֶת וְהָיָ֖ה עַל־הַמִּצְנָ֑פֶת אֶל־מ֥וּל פְּנֵֽי־הַמִּצְנֶ֖פֶת יִהְיֶֽה׃
38 अहरोन उसे अपने सिर पर रखे और इससे वह इस्राएलियों द्वारा चढ़ाए पवित्र चढ़ावों का दोष अहरोन अपने ऊपर उठाए रखे. वह उस पटिए को सदा अपने सिर पर उठाए रखे, जिससे याहवेह उससे खुश रहे.
וְהָיָה֮ עַל־מֵ֣צַח אַהֲרֹן֒ וְנָשָׂ֨א אַהֲרֹ֜ן אֶת־עֲוֺ֣ן הַקֳּדָשִׁ֗ים אֲשֶׁ֤ר יַקְדִּ֙ישׁוּ֙ בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל לְכָֽל־מַתְּנֹ֖ת קָדְשֵׁיהֶ֑ם וְהָיָ֤ה עַל־מִצְחוֹ֙ תָּמִ֔יד לְרָצ֥וֹן לָהֶ֖ם לִפְנֵ֥י יְהוָֽה׃
39 “कुर्ता और पगड़ी मलमल के और कमरबंध बेलबूटेदार हों.
וְשִׁבַּצְתָּ֙ הַכְּתֹ֣נֶת שֵׁ֔שׁ וְעָשִׂ֖יתָ מִצְנֶ֣פֶת שֵׁ֑שׁ וְאַבְנֵ֥ט תַּעֲשֶׂ֖ה מַעֲשֵׂ֥ה רֹקֵֽם׃
40 अहरोन के पुत्रों की मर्यादा और शोभा के लिए कुर्ता, कमरबंध ओर टोपी बनवाना.
וְלִבְנֵ֤י אַהֲרֹן֙ תַּעֲשֶׂ֣ה כֻתֳּנֹ֔ת וְעָשִׂ֥יתָ לָהֶ֖ם אַבְנֵטִ֑ים וּמִגְבָּעוֹת֙ תַּעֲשֶׂ֣ה לָהֶ֔ם לְכָב֖וֹד וּלְתִפְאָֽרֶת׃
41 अपने भाई अहरोन और उसके पुत्रों को उन्हें पहनाना और उनका पुरोहित के रूप में अभिषेक करना. उन्हें पवित्र करना, जिससे वे मेरे लिए पुरोहित का काम कर सकें.
וְהִלְבַּשְׁתָּ֤ אֹתָם֙ אֶת־אַהֲרֹ֣ן אָחִ֔יךָ וְאֶת־בָּנָ֖יו אִתּ֑וֹ וּמָשַׁחְתָּ֨ אֹתָ֜ם וּמִלֵּאתָ֧ אֶת־יָדָ֛ם וְקִדַּשְׁתָּ֥ אֹתָ֖ם וְכִהֲנ֥וּ לִֽי׃
42 “उनके शरीर ढकने के लिए मलमल के जांघिये बनवाना.
וַעֲשֵׂ֤ה לָהֶם֙ מִכְנְסֵי־בָ֔ד לְכַסּ֖וֹת בְּשַׂ֣ר עֶרְוָ֑ה מִמָּתְנַ֥יִם וְעַד־יְרֵכַ֖יִם יִהְיֽוּ׃
43 उनकी लंबाई कमर से जांघ तक हो जब अहरोन और उसके पुत्र मिलनवाले तंबू में जायें अथवा पवित्र स्थान में सेवा करने के लिए वेदी के पास जायें, तब वे उस वस्त्र को पहनें, जिससे वे अपराधी न बनें और उनकी मृत्यु न हो. “यह उसके और उसके बाद होनेवाले उसके वंश के लिए स्थिर आदेश है.
וְהָיוּ֩ עַל־אַהֲרֹ֨ן וְעַל־בָּנָ֜יו בְּבֹאָ֣ם ׀ אֶל־אֹ֣הֶל מוֹעֵ֗ד א֣וֹ בְגִשְׁתָּ֤ם אֶל־הַמִּזְבֵּ֙חַ֙ לְשָׁרֵ֣ת בַּקֹּ֔דֶשׁ וְלֹא־יִשְׂא֥וּ עָוֺ֖ן וָמֵ֑תוּ חֻקַּ֥ת עוֹלָ֛ם ל֖וֹ וּלְזַרְע֥וֹ אַחֲרָֽיו׃ ס

< निर्गमन 28 >