< निर्गमन 19 >

1 इस्राएलियों के मिस्र छोड़ने के तीसरे महीने के पहले दिन वे सीनायी के रेगिस्तान में आए, उसी दिन जब उन्हें मिस्र से निकलकर दो महीने पूरे हो गये थे.
وَفِي تَمَامِ الشَّهْرِ الثَّالِثِ مِنْ خُرُوجِ بَنِي إِسْرَائِيلَ مِنْ أَرْضِ مِصْرَ وَصَلُوا إِلَى بَرِّيَّةِ سِينَاءَ.١
2 पहले वे रेफीदीम नामक स्थान में गये, फिर वहां से वह सीनायी के निर्जन देश में आये, फिर उन्होंने अपना पड़ाव निर्जन देश में डाला जो पर्वत के सामने था.
فَقَدِ ارْتَحَلَ الإِسْرَائِيلِيُّونَ مِنْ رَفِيدِيمَ إِلَى أَنْ جَاءُوا إِلَى بَرِّيَّةِ سِينَاءَ، فَنَزَلُوا مُقَابِلَ الْجَبَلِ.٢
3 मोशेह परमेश्वर के पास पर्वत पर गये, याहवेह ने मोशेह को पर्वत से बुलाया. याहवेह ने मोशेह से कहा, “याकोब के घराने से व इस्राएल से कहना:
فَصَعِدَ مُوسَى لِلْمُثُولِ أَمَامَ اللهِ. فَنَادَاهُ الرَّبُّ مِنَ الجَبَلِ: «هَكَذَا تَقُولُ لِآلِ يَعْقُوبَ، وَتُخْبِرُ شَعْبَ إِسْرَائِيلَ:٣
4 ‘तुमने देखा है कि मैंने मिस्रियों के साथ क्या-क्या किया, और किस प्रकार मैं तुम्हें उकाब के तरह पंखों में बैठाकर यहां अपने पास ले आया हूं.
لَقَدْ عَايَنْتُمْ بِأَنْفُسِكُمْ مَا أَجْرَيْتُهُ عَلَى مِصْرَ، وَكَيْفَ حَمَلْتُكُمْ عَلَى أَجْنِحَةِ النُّسُورِ وَجِئْتُ بِكُمْ إِلَيَّ.٤
5 अब यदि तुम वास्तव में मेरे आदेशों को मानोगे, तथा मेरी वाचा का पालन करोगे, तब सब जनता के बीच तुम मेरी अपनी प्रजा कहलाओगे—क्योंकि पूरी पृथ्वी ही मेरी है.
لِذَلِكَ إنْ أَطَعْتُمْ عَهْدِي، تَكُونُوا لِي مِلْكاً خَاصّاً مِنْ بَيْنِ جَمِيعِ الشُّعُوبِ، لأَنَّ لِي كُلَّ الأَرْضِ.٥
6 तुम मेरे लिये राजकीय पुरोहित तथा पवित्र राष्ट्र माने जाओगे.’ तुम यह बातें इस्राएल से कहना!”
وَتَكُونُوا لِي مَمْلَكَةَ كَهَنَةٍ وَأُمَّةً مُقَدَّسَةً. هَذَا هُوَ الْكَلامُ الَّذِي تُخَاطِبُ بِهِ بَنِي إِسْرَائِيلَ».٦
7 तब मोशेह पर्वत से उतरे और सभी अधिकारियों को बुलवाया और उनसे याहवेह की सब बातें बताई जो पर्वत पर याहवेह ने कही थी.
فَاسْتَدْعَى مُوسَى شُيُوخَ الشَّعْبِ وَتَلا أَمَامَهُمْ جَمِيعَ هَذَا الْكَلامِ الَّذِي أَوْصَاهُ بِهِ الرَّبُّ.٧
8 फिर सब मिलकर एक साथ बोले, “हम सब बात मानेंगे जो याहवेह ने कहा है!” मोशेह ने जाकर लोगों का जवाब याहवेह को बता दिया.
فَقَالَ كُلُّ الشَّعْبِ مَعاً: «كُلُّ مَا نَطَقَ بِهِ الرَّبُّ نَعْمَلُ». فَحَمَلَ مُوسَى جَوَابَهُمْ إِلَى الرَّبِّ.٨
9 याहवेह ने मोशेह से कहा, “अब सुनो, मैं एक बादल के अंधियारें में से होकर तुमसे बात करूंगा और जब मैं तुमसे बात करूंगा, तब सब लोग मेरी आवाज को सुनें और उनका विश्वास तुम पर बढ़ जाये.” तब मोशेह ने परमेश्वर को वे सभी बातें बताई जो लोगों ने कहीं थीं.
فَقَالَ الرَّبُّ لِمُوسَى: «هَا أَنَا مُقْبِلٌ عَلَيْكَ فِي هَيْئَةِ سَحَابٍ مُظْلِمٍ، فَيَسْمَعُنِي الشَّعْبُ حِينَمَا أُخَاطِبُكَ، فَيَثِقُونَ أَيْضاً بِكَ دَائِماً». وَنَقَلَ مُوسَى إِلَى الرَّبِّ كَلامَ الشَّعْبِ.٩
10 याहवेह ने मोशेह से कहा, “लोगों के पास जाओ और उन्हें आज और कल पवित्र करना. वे सब अपने-अपने वस्त्र धोएं,
وَقَالَ الرَّبُّ لِمُوسَى: «انْزِلْ إِلَى الشَّعْبِ وَقَدِّسْهُمُ الْيَوْمَ وَغَداً، وَدَعْهُمْ يَغْسِلُونَ ثِيَابَهُمْ،١٠
11 और तीसरे दिन अपने आपको तैयार करें; क्योंकि तीसरे दिन याहवेह सीनायी पर्वत पर लोगों के सामने उतरेंगे.
لِيَكُونُوا مُتَأَهِّبِينَ لِلْيَوْمِ الثَّالِثِ، لأَنَّهُ فِي اليَوْمِ الثَّالِثِ أَنْزِلُ أَمَامَ جَمِيعِ الشَّعْبِ عَلَى جَبَلِ سِينَاءَ.١١
12 और तुम लोगों के चारों तरफ बाड़ा बांध देना और कोई भी पर्वत पर न चढ़े और इसकी सीमा को भी न छुए और यदि कोई उसे छुएगा वह मर जायेगा.
وَأَقِمْ حُدُوداً حَوْلَ الْجَبَلِ لَا يَتَخَطَّاهَا الشَّعْبُ. وَقُلْ لَهُمْ: حَذَارِ مِنْ أَنْ تَصْعَدُوا إِلَى الْجَبَلِ، أَوْ تَمَسُّوا طَرَفَهُ، فَكُلُّ مَنَ يَمَسُّ الْجَبَلَ حَتْماً يُقْتَلُ.١٢
13 और कोई भी उस व्यक्ति को न छुए. अगर कोई उस व्यक्ति को छुएगा उसे पत्थर से या तीर से मार दिया जाये—चाहे वह पशु हो या मनुष्य, उसे जीवित नहीं छोड़ा जाए. जब तुरही का शब्द देर तक सुनाई दे, तब सब पर्वत के पास आ जाएं.”
لَا تَمَسُّهُ يَدٌ، بَلْ يُرْجَمُ رَجْماً أَوْ يُرْمَى بِالسِّهَامِ، سَوَاءَ أَكَانَ بَهِيمَةً أَمْ إِنْسَاناً. لَا يُبْقَى عَلَيْهِ. أَمَّا عِنْدَمَا يَتَرَدَّدُ صَوْتُ بُوقٍ طَوِيلٍ، فَعِنْدَئِذٍ فَقَطْ يَصْعَدُونَ إِلَى الْجَبَلِ».١٣
14 तब मोशेह पर्वत से उतरकर लोगों के बीच आ गए और लोगों को पवित्र किया और सबने अपने वस्त्र धो लिए.
وَبَعْدَ أَنِ انْحَدَرَ مُوسَى مِنَ الْجَبَلِ إِلَى الشَّعْبِ قَدَّسَهُمْ وَغَسَلُوا ثِيَابَهُمْ،١٤
15 लोगों से मोशेह ने कहा, “तीसरे दिन के लिए अपने आपको तैयार करो. इस समय स्त्री-पुरुष आपस में न मिलें.”
وَقَالَ لِلشَّعْبِ: «كُونُوا مُتَأَهِّبِينَ لِلْيَوْمِ الثَّالِثِ، وَامْتَنِعُوا عَنْ مُعَاشَرَةِ نِسَائِكُمْ».١٥
16 तीसरे दिन, सुबह होते ही, पर्वत पर अंधकार छा गया, बादल गरजने और बिजली चमकने लगी, फिर नरसिंगे की तेज आवाज सुनाई दी और सभी लोग कांपने लगे.
وَفِي صَبَاحِ الْيَوْمِ الثَّالِثِ حَدَثَتْ رُعُودٌ وَبُرُوقٌ، وَخَيَّمَ سَحَابٌ كَثِيفٌ عَلَى الْجَبَلِ، وَدَوَّى صَوْتُ بُوقٍ قَوِيٌّ جِدّاً، فَارْتَعَدَ كُلُّ الشَّعْبِ الَّذِي فِي المُخَيَّمِ،١٦
17 मोशेह सभी को परमेश्वर से मिलाने छावनी से बाहर लाए. वे सभी पर्वत के नीचे खड़े हुए.
فَأَخْرَجَ مُوسَى الشَّعْبَ مِنَ المُخَيَّمِ لِلِقَاءِ اللهِ، فَوَقَفُوا عِنْدَ سَفْحِ الجَبَلِ.١٧
18 पूरा सीनायी पर्वत धुएं से भरा था, क्योंकि याहवेह आग में होकर उतरे थे और धुआं ऊपर उठ रहा था, जिस प्रकार भट्टी का धुआं ऊपर उठता है. पूरा पर्वत बहुत कांप रहा था.
وَكَانَ جَبَلُ سِينَاءَ كُلُّهُ مُغَطَّى بِدُخَانٍ، لأَنَّ الرَّبَّ نَزَلَ عَلَيْهِ فِي هَيْئَةِ نَارٍ. وَتَصَاعَدَ دُخَانُهُ كَدُخَانِ الأَتُونِ، وَاهْتَزَّ الجَبَلُ كُلُّهُ بِعُنْفٍ.١٨
19 फिर जब नरसिंगे का शब्द तेज होता गया, तब मोशेह ने परमेश्वर से बात की और परमेश्वर ने उन्हें जवाब दिया.
وَازْدَادَ دَوِيُّ الْبُوقِ أَكْثَرَ فِيمَا كَانَ مُوسَى يَتَكَلَّمُ، وَالرَّبُّ يُجِيبُهُ بِرَعْدٍ.١٩
20 याहवेह सीनायी पर्वत के ऊपर उतरे और परमेश्वर ने मोशेह को ऊपर आने को कहा और मोशेह ऊपर गए.
وَنَزَلَ الرَّبُّ عَلَى قِمَّةِ جَبَلِ سِينَاءَ، وَنَادَى مُوسَى لِيَصْعَدَ إِلَى قِمَّةِ الجَبَلِ، فَصَعِدَ إِلَيْهِ.٢٠
21 तब याहवेह ने मोशेह से कहा, “नीचे जाकर सबसे कहो कि मुझे देखने की इच्छा में सीमा पार न कर दें, और सब नष्ट न हो जाएं.
فَقَالَ لَهُ الرَّبُّ: «انْزِلْ وَحَذِّرِ الشَّعْبَ لِئَلّا يَقْتَحِمُوا الجَبَلَ لِيَرَونِي فَيَهْلِكَ مِنْهُمْ كَثِيرُونَ.٢١
22 और पुरोहित भी, जो मेरे पास आने के लिए अलग किए गए हैं, वे भी अपने आपको पवित्र करें, ताकि याहवेह उन्हें नष्ट न करें.”
وَلْيَتَقَدَّسْ أَيْضاً الْكَهَنَةُ الَّذِينَ يَقْتَرِبُونَ إِلَيَّ لِئَلّا أَبْطُشَ بِهِمْ».٢٢
23 मोशेह ने याहवेह से कहा, “लोग सीनायी पर्वत पर नहीं आएंगे, क्योंकि आप पहले ही बता चुके हैं कि पर्वत के आस-पास बाड़ा लगाकर उसे पवित्र रखना.”
فَقَالَ مُوسَى لِلرَّبِّ: «لا يَقْدِرُ الشَّعْبُ أَنْ يَصْعَدَ إِلَى جَبَلِ سِينَاءَ، لأَنَّكَ أَنْتَ قَدْ حَذَّرْتَنَا قَائِلاً: أَقِمْ حُدُوداً حَوْلَ الجَبَلِ وَقَدِّسْهُ».٢٣
24 याहवेह ने मोशेह से कहा, “तुम नीचे जाओ और फिर तुम और अहरोन दोनों पर्वत पर आना. परंतु इस्राएली और पुरोहित सीमा पार न करने पाएं.”
فَأَجَابَ الرَّبُّ: «انْزِلْ وَاصْعَدْ بِأَخِيكَ هَرُونَ مَعَكَ، أَمَّا الكَهَنَةُ وَالشَّعْبُ فَلا يَقْتَحِمُوا طَرِيقَهُمْ لِيَصْعَدُوا إِلَيَّ لِئَلّا أَبْطُشَ بِهِمْ».٢٤
25 मोशेह पर्वत से नीचे आए और लोगों को सब बातें बताईं.
فَانْحَدَرَ مُوسَى إِلَى الشَّعْبِ وَأَنْذَرَهُمْ.٢٥

< निर्गमन 19 >