< निर्गमन 17 >

1 फिर इस्राएल के सभी लोग सिन के निर्जन देश से निकले और एक स्थान से दूसरे स्थान पर कई चरणों में यात्रा करते गए, जैसा याहवेह ने आज्ञा दी थी. उन्होंने रेफीदीम में तंबू डाले. यहां उनको पीने के लिए पानी नहीं मिला.
Toda a congregação dos filhos de Israel viajou do deserto de Pecado, começando segundo o mandamento de Javé, e acampados em Rephidim; mas não havia água para o povo beber.
2 फिर वे मोशेह से यह कहते हुए झगड़ा करना शुरू कर दिया, “हमें पीने के लिए पानी दें!” मोशेह ने उनसे कहा, “क्यों मुझसे लड़कर याहवेह की परीक्षा करते हो?”
Portanto, o povo discutiu com Moisés e disse: “Dê-nos água para beber”. Moisés disse a eles: “Por que discutem comigo? Por que vocês testam Yahweh”?
3 लेकिन लोग बहुत प्यासे थे और वे मोशेह से कहते रहे, “आप हमें मिस्र देश से क्यों लाए हैं—क्या हमारे बच्‍चे और हमारे पशु प्यास से मर जायें?”
O povo estava sedento de água; então o povo murmurou contra Moisés, e disse: “Por que nos trouxeste para fora do Egito, para nos matar, nossos filhos e nosso gado com sede”?
4 तब मोशेह ने याहवेह से कहा, “मैं इन लोगों का क्या करूं? कुछ देर में तो ये मेरे ऊपर पथराव ही कर डालेंगे.”
Moisés gritou a Javé, dizendo: “O que devo fazer com essas pessoas? Eles estão quase prontos para me apedrejar”.
5 तब याहवेह ने मोशेह से कहा, “अपने साथ इस्राएल के कुछ लोगों को ले लो और उसी लाठी को जिससे नील नदी पर मारा था, लेकर आगे बढ़ो
Yahweh disse a Moisés: “Caminhe diante do povo, leve consigo os anciãos de Israel, pegue a vara na mão com a qual você bateu no Nilo e vá.
6 और मैं होरेब पर्वत की एक चट्टान पर तुम्हारे पास खड़ा रहूंगा. तुम उस चट्टान पर अपनी लाठी से मारना, तब उसमें से पानी निकलेगा ताकि लोग उससे पी सकें.” मोशेह ने वैसा ही किया.
Eis que estarei ali diante de vós na rocha de Horeb. Baterás na rocha, e dela sairá água, para que o povo possa beber”. Moisés o fez diante dos olhos dos anciãos de Israel.
7 और उन्होंने उस स्थान का नाम मस्साह तथा मेरिबाह रख दिया, क्योंकि यहां इस्राएलियों ने बहस की और यह कहते हुए याहवेह को परखा था, “हमारे साथ याहवेह हैं या नहीं?”
Ele chamou o nome do lugar Massah, e Meribah, porque os filhos de Israel brigaram, e porque testaram Yahweh, dizendo: “Yahweh está entre nós, ou não?
8 तब रेफीदीम में अमालेक इस्राएलियों से लड़ने लगे.
Então Amalek veio e lutou com Israel em Rephidim.
9 मोशेह ने यहोशू से कहा, “अपनी ओर से युद्ध के लिए कुछ पुरुषों को अलग करे, ताकि वे जाकर अमालेकियों से युद्ध करें. कल मैं परमेश्वर की लाठी लेकर इस पहाड़ी के ऊपर खड़ा रहूंगा.”
Moisés disse a Josué: “Escolha homens para nós, e saia para lutar com Amalek”. Amanhã estarei no topo da colina com a vara de Deus na mão”.
10 यहोशू ने वैसा ही किया और वे अमालेकियों से लड़ने गए उस समय मोशेह, अहरोन तथा हूर पहाड़ी के ऊपर पहुंच गए.
Então Josué fez como Moisés lhe havia dito, e lutou com Amalek; e Moisés, Arão e Hur subiram ao topo da colina.
11 जब मोशेह का हाथ ऊपर रहता, इस्राएली जीत जाते, और जब मोशेह अपना हाथ नीचे करते, अमालेक जीत जाते.
Quando Moisés ergueu sua mão, Israel prevaleceu. Quando ele soltou sua mão, Amalek prevaleceu.
12 जब मोशेह के हाथ थक गये तब उन्होंने एक पत्थर लाकर वहां रखा और मोशेह उस पर बैठ गए और अहरोन और हूर ने उनके दोनों हाथों को ऊपर उठाए रखा. शाम तक मोशेह का हाथ ऊपर रहा.
Mas as mãos de Moisés eram pesadas; então eles pegaram uma pedra e a colocaram debaixo dele, e ele se sentou sobre ela. Aarão e Hur levantaram suas mãos, uma de um lado e a outra do outro. Suas mãos estavam firmes até o pôr-do-sol.
13 इस प्रकार यहोशू ने अमालेकियों को तलवार की ताकत से हरा दिया.
Josué derrotou Amalek e seu povo com o fio da espada.
14 फिर याहवेह ने मोशेह से कहा, “इस बात को याद रखने के लिए किताब में लिख दो और यहोशू को पढ़कर सुनाना कि मैं पृथ्वी पर से अमालेकियों को मिटा डालूंगा.”
Yahweh disse a Moisés: “Escreva isto para um memorial em um livro e ensaie nos ouvidos de Josué: que eu apagarei completamente a memória de Amalek de debaixo do céu”.
15 मोशेह ने एक वेदी बनाई और उसका नाम याहवेह निस्सी रखा.
Moisés construiu um altar, e chamou seu nome de “Yahweh our Banner”.
16 मोशेह ने कहा, “याहवेह पीढ़ी से पीढ़ी तक अमालेकियों से युद्ध करते रहेंगे, क्योंकि उन्होंने याहवेह के सिंहासन के विरुद्ध हाथ उठाया हैं.”
Ele disse: “Yahweh jurou: 'Yahweh terá guerra com Amalek de geração em geração'”.

< निर्गमन 17 >