< निर्गमन 15 >
1 तब मोशेह तथा इस्राएलियों ने याहवेह के लिए यह गीत गाया: “मैं याहवेह के लिए गीत गाऊंगा, क्योंकि वे अति महान परमेश्वर हैं. घोड़ों एवं चालकों को उन्होंने समुद्र में डाल दिया.
Então Moisés e as crianças de Israel cantaram esta canção para Javé, e disseram, “Vou cantar para Javé, pois ele triunfou gloriosamente. Ele jogou o cavalo e seu cavaleiro no mar.
2 “याहवेह मेरा बल और मेरा गीत हैं, वही मेरा उद्धार बना हैं. यही हैं मेरे परमेश्वर, मैं उनकी स्तुति करूंगा; मेरे पिता के परमेश्वर, उनकी मैं प्रशंसा करूंगा,
Yah é minha força e meu canto. Ele se tornou minha salvação. Este é meu Deus, e eu o louvarei; o Deus de meu pai, e eu o exaltarei.
3 याहवेह योद्धा हैं और उनका नाम याहवेह है.
Yahweh é um homem de guerra. Yahweh é seu nome.
4 याहवेह ने फ़रोह के रथों एवं उसकी सेना को समुद्र में फेंक दिया; उसके सभी अधिकारी लाल सागर में डूब गए,
Ele lançou as carruagens do faraó e seu exército no mar. Seus capitães escolhidos estão afundados no Mar Vermelho.
5 वे पत्थर के समान गहराइयों में डूब गये, और गहरा पानी ने उन्हें ढंक दिया.
As profundezas as cobrem. Eles desceram às profundezas como uma pedra.
6 हे याहवेह, आपका दायां हाथ सामर्थ्य से भरा है. और आपका बायां हाथ शत्रु को चूर-चूर कर देता है.
Sua mão direita, Yahweh, é gloriosa no poder. Sua mão direita, Yahweh, trai o inimigo em pedaços.
7 “शत्रुओं को अपने बड़े पराक्रम से आप पराजित कर देते हैं, जो आपके विरुद्ध सिर उठाते हैं; आप उन पर अपना क्रोध प्रकट करते हैं. और उन्हें भूसे के समान जला देते है.
Na grandeza de sua excelência, o senhor derruba aqueles que se levantam contra o senhor. Você envia sua fúria. Ela os consome como restolho.
8 आपके नथुनों की सांस से समुद्र का जल इकट्ठा हो गया और जल का बहाव रुक जाता है. बढ़ता पानी दीवार की तरह उठ खड़ा हुआ, समुद्र के हृदय में गहरा जल जमा हो गया!
Com o sopro de suas narinas, as águas foram empilhadas. As enchentes se ergueram como uma pilha. As profundezas foram congeladas no coração do mar.
9 शत्रु ने कहा था, ‘मैं पीछा करूंगा, मैं उन्हें पकड़ लूंगा और लूटकर चीज़ों को बांट लूंगा तब मुझे तसल्ली मिलेगी, मैं तलवार निकालूंगा और अपने हाथ से उन्हें नष्ट कर दूंगा.’
O inimigo disse: 'Eu perseguirei'. Eu irei superar. Vou dividir o saque. Meu desejo será satisfeito com eles. Eu desembainharei minha espada. Minha mão vai destruí-los'.
10 आपने अपना सांस फूंका तब सागर ने उन्हें ढंक लिया. वे महा समुद्र में सीसे के समान डूब गए.
Você soprou com seu vento. O mar os cobriu. Afundaram como chumbo nas águas impetuosas.
11 हे याहवेह, देवताओं में आपके तुल्य कौन है? कौन है आपके समान, पवित्रता में सर्वोपरि, स्तुति के योग्य और अनोखे काम करनेवाले?
Quem é como você, Yahweh, entre os deuses? Quem é como você, glorioso em santidade, temeroso em elogios, fazendo maravilhas?
12 “आपने अपना दायां हाथ बढ़ाया और पृथ्वी ने उन्हें निगल लिया.
Você esticou sua mão direita. A terra os engoliu.
13 आपने अपनी कृपा से छुड़ाए हुए लोगों को चलाया, आप अपने सामर्थ्य से उन्हें अपनी पवित्रता के स्थान में ले गए.
“Você, em sua bondade amorosa, conduziu o povo que você resgatou. Você os guiou em suas forças para sua morada sagrada.
14 देश-देश के लोग यह सब सुनकर घबरा जाएंगे; फिलिस्तीनियों पर डर छा जाएगा,
Os povos já ouviram falar. Eles tremem. As panelas se apoderaram dos habitantes da Filístia.
15 एदोम के प्रधान निराश हो जायेंगे; मोआब के ताकतवर कांपने लगेंगे; कनान के निवासी उदास हो जाएंगे.
Então os chefes da Edom ficaram consternados. O tremor se apodera dos poderosos homens de Moab. Todos os habitantes de Canaã derreteram.
16 याहवेह, जब तक आपकी प्रजा वहां से निकल न जाए, जब तक आपके द्वारा बचाये हुए लोग वहां से आ न जाए तब तक उनमें डर बना रहेगा; आपके बाहों की ताकत से वे अब पत्थर समान बन जाएंगे;
O terror e o pavor caem sobre eles. Pela grandeza de seu braço, eles são tão imóveis quanto uma pedra, até que seu povo passe para o outro lado, Yahweh, até que as pessoas que você comprou passem por cima.
17 आप उन्हें लाकर अपने पहाड़ पर बसाएंगे. उस स्थान पर, हे याहवेह, जो आपने अपने लिए अलग किया है; वही पवित्र स्थान, जिसे आपने अपने हाथों से बनाया है.
Você os trará e os plantará na montanha de sua herança, o lugar, Yahweh, que você mesmo fez para morar: o santuário, Senhor, que suas mãos estabeleceram.
18 “याहवेह का राज्य सदा-सर्वदा स्थिर रहेगा.”
Yahweh reinará para todo o sempre”.
19 जब फ़रोह के घोड़े, उसके रथों तथा चालकों के साथ सब समुद्र में डूब गए और याहवेह समुद्र के जल को उनके ऊपर ले आए—लेकिन इस्राएली समुद्र के बीच से सूखी भूमि पर चलते हुए निकल गए.
Pois os cavalos do Faraó entraram com suas carruagens e com seus cavaleiros no mar, e Javé trouxe de volta as águas do mar sobre eles; mas os filhos de Israel caminharam em terra firme no meio do mar.
20 तब अहरोन की बहन मिरियम ने, जो नबिया थी, खंजरी उठाई और उसके साथ सभी स्त्रियां अपने-अपने हाथों में खंजरी लेकर नाचने लगीं.
Miriam, a profetisa, irmã de Aarão, pegou um pandeiro na mão; e todas as mulheres saíram atrás dela com pandeiros e com danças.
21 मिरियम खुशी से गाने लगी, “याहवेह का गीत गाओ, क्योंकि वे अति महान हैं; उन्होंने तो घोड़ों को चालकों सहित समुद्र में डूबा दिया.”
Miriam respondeu-lhes, “Canta para Javé, pois ele triunfou gloriosamente”. Ele jogou o cavalo e seu cavaleiro no mar”.
22 फिर मोशेह इस्राएलियों को लाल सागर से शूर के निर्जन देश में ले गए. वे तीन दिन पानी ढूंढ़ते रहे, किंतु उन्हें कहीं भी पानी का सोता नहीं दिखा.
Moisés conduziu Israel em frente do Mar Vermelho, e eles saíram para o deserto de Shur; e foram três dias no deserto, e não encontraram água.
23 वे माराह नामक स्थान पर पहुंचे, किंतु माराह का पानी कड़वा था; इस कारण इस स्थान का नाम माराह पड़ा;
Quando chegaram a Marah, não puderam beber das águas de Marah, pois estavam amargurados. Portanto, seu nome era Marah.
24 इसलिये लोग मोशेह पर बड़बड़ाने लगे. वे कहने लगे, “हम क्या पिएंगे?”
O povo murmurou contra Moisés, dizendo: “O que devemos beber?”.
25 मोशेह ने याहवेह को पुकारा और याहवेह ने उन्हें एक लकड़ी का टुकड़ा दिखाया. जब मोशेह ने उस पेड़ को पानी में डाला, पानी मीठा बन गया. उसी जगह याहवेह ने उनके लिए एक नियम और विधि बनाई.
Então ele gritou a Javé. Javé lhe mostrou uma árvore, e ele a jogou nas águas, e as águas se tornaram doces. Ali ele fez um estatuto e uma portaria para eles, e ali os testou.
26 याहवेह ने उनसे कहा, “यदि तुम याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर के वचन को पूरे मन से मानोगे और सही काम करोगे, उनकी बातों पर ध्यान दोगे तथा उनके सब नियमों को मानोगे तो मिस्रियों के साथ घटित, ऐसी कोई परेशानी तुम पर नहीं आने दूंगा; क्योंकि मैं याहवेह राफ़ा हूं, अर्थात् चंगा करनेवाला हूं.”
Ele disse: “Se ouvirdes diligentemente a voz de Javé, vosso Deus, e fizerdes o que é justo aos seus olhos, e prestardes atenção aos seus mandamentos, e guardardes todos os seus estatutos, não porei sobre vós nenhuma das doenças que pus sobre os egípcios; pois eu sou Javé que vos cura”.
27 तब वे एलिम नामक स्थान पर पहुंचे, जहां बारह झरने तथा सत्तर खजूर के पेड़ थे. इस्राएलियों ने जल के स्रोतों के पास ही अपना पड़ाव डाला.
Eles vieram para Elim, onde havia doze nascentes de água e setenta palmeiras. Eles acamparam ali junto às águas.