< एस्तेर 3 >

1 इन घटनाओं के बाद राजा अहषवेरोष ने अगागी हम्मेदाथा के पुत्र हामान को वर्णन किया. राजा ने उसे उन सभी के ऊपर अधिकार प्रदान कर उसे सम्मानित किया, जो राजा के साथ शासक थे.
Après ces événements, le roi Assuérus agrandit Aman, fils de Medatha, l'Agagite, et il l'éleva et plaça son siège au-dessus de tous les Grands de son entourage.
2 राजमहल परिसर के द्वार पर सभी अधिकारी-सेवक झुककर हामान को दंडवत किया करते थे क्योंकि राजा के ही ओर से उसके संबंध यह आदेश प्रसारित किया जा चुका था. परंतु मोरदकय न तो झुकता था और न उसको दण्डवत् करता था.
Et tous les serviteurs du roi qui se tenaient à la porte du roi, se courbaient et se prosternaient devant Aman, car tel était l'ordre du roi à son égard. Mais Mardochée ne se courbait, ni ne se prosternait.
3 एक अवसर पर प्रवेश द्वार पर नियुक्त राजा के अधिकारियों ने मोरदकय से प्रश्न किया, “तुम राजा की आज्ञा का पालन क्यों नहीं करते?”
Alors les serviteurs du roi qui se tenaient à la porte du roi, dirent à Mardochée: Pourquoi contreviens-tu à l'ordre du roi?
4 जब वे मोरदकय को प्रतिदिन इसका स्मरण दिलाते रहे और फिर भी उसने उनकी चेतावनी की ओर ध्यान नहीं दिया, तब उन्होंने इस विषय का उल्लेख हामान से किया, कि वे यह मालूम कर सकें कि मोरदकय का विचार स्वीकार्य होगा अथवा नहीं, क्योंकि मोरदकय उन पर यह प्रकट कर चुका था कि वह एक यहूदी है.
Et comme ils le lui disaient chaque jour, et qu'il ne les écoutait point, ils informèrent Aman pour voir si les discours de Mardochée tiendraient. Car il leur avait découvert qu'il était Juif.
5 जब हामान ने यह देखा कि मोरदकय न तो उसके सामने झुकता है और न ही उसका आदर करता है, तब हामान क्रुद्ध हो गया!
Et Aman voyant que Mardochée ne se courbait ni ne se prosternait devant lui, il fut rempli de fureur.
6 क्योंकि उन्होंने उसे यह भी सूचित किया था, कि मोरदकाय किस समुदाय से था. इस कारण हामान यह युक्ति करने लगा कि किस रीति से समस्त यहूदियों को नष्ट किया जा सकता है, जो मोरदकय के सजातीय थे, जो अहषवेरोष के साम्राज्य में फैल गये थे.
Mais Aman trouvait indigne de lui de mettre la main sur Mardochée seul; car on lui avait découvert quel était le peuple de Mardochée, et Aman chercha à exterminer tous les Juifs qui se trouvaient dans tout l'empire d'Assuérus, le peuple de Mardochée.
7 राजा अहषवेरोष के शासन के बारहवें वर्ष के पहले महीने निसान में हामान के सामने दिन-दिन तथा महीने-महीने करके बारहवें महीने के लिए अर्थात् अदार के लिए पुर अर्थात् चिट्ठी डाली गई.
Au premier mois, qui est le mois de Nisan, la douzième année du roi Assuérus, on consulta le Pur, c'est-à-dire le sort, devant Aman pour tous les jours et pour tous les mois jusqu'au douzième mois qui est le mois d'Adar.
8 हामान ने राजा अहषवेरोष से निवेदन किया, “आपके सारे साम्राज्य में कुछ विशेष जाति समूह के लोग बिखरे हुए रह रहे हैं. इनका अपना नियम है, जो सभी अन्यों से अलग हैं. ये वे हैं, जो राजा के नियम को महत्व नहीं देते. इन्हें बने रहने देना राजा के लाभ में न होगा.
Et Aman dit au roi Assuérus: Il est un peuple séparé, et disséminé parmi les peuples dans toutes les provinces de ton empire, dont les lois diffèrent de celles de tous les peuples, et il ne pratique point les lois du roi; et il ne convient point au roi de le tolérer.
9 यदि यह राजा को उत्तम लगे, यह राजाज्ञा प्रसारित की जाए, कि इन्हें नष्ट कर दिया जाए. मैं स्वयं कोषाधिकारियों के हाथ में दस हजार चांदी के सिक्‍के सौंपूंगा, कि जो जो राजाज्ञा का पालन करेगा, उन्हें दी जायें.”
Si le roi le trouve bon, qu'on rédige l'édit de leur destruction; et je paierai dix mille talents d'argent pesant, entre les mains des intendants pour les faire entrer au trésor royal.
10 इस पर राजा ने अपनी उंगली से राजकीय अंगूठी निकाली और यहूदियों के शत्रु अगागवासी हम्मेदाथा के पुत्र हामान को सौंप दी.
Alors le roi tira son anneau de son doigt, et le donna à Aman, fils de Medatha, l'Agagite, l'ennemi des Juifs.
11 राजा ने हामान को आश्वासन दिया, “तुम्हें धनराशि भी दी जा रही है और सहायक भी. अब तुम्हें जो कुछ ज़रूरी लगे वही करो.”
Et le roi dit à Aman: L'argent t'est donné, le peuple aussi, pour que tu en fasses ce que tu voudras.
12 तब प्रथम महीने की तेरहवीं तिथि पर राजा के लेखकों को आमंत्रित किया गया और हामान द्वारा दी गयी राजाज्ञा सारे साम्राज्य के हर एक राज्य के हाकिमो एवं राज्यपालों के नाम तथा प्रजा पर नियुक्त अधिकारियों के लिए उसी राज्य की भाषा एवं अक्षर में लिखवा दी गई. यह राजाज्ञा अहषवेरोष के नाम में लिख दी गई थी. तथा इस पर राजा की राजमुद्रा की मोहर लगा दी गई थी.
Alors furent convoqués les Secrétaires du roi, le premier mois, le treizième jour du mois, et l'on écrivit en tout point dans le sens que prescrivait Aman, aux satrapes du roi et aux gouverneurs de chaque province, et aux chefs de chaque peuple, province par province, dans leur écriture, et peuple par peuple, dans sa langue; c'est au nom du roi Assuérus que l'on écrivit, et on scella avec l'anneau du roi.
13 ये चिट्ठी सारे साम्राज्य के हर एक राज्य को चिट्ठी संदेशवाहकों द्वारा दी गई थी. इनमें संदेश यह था: यहूदियों का संहार हो, उन्हें नष्ट कर दो, उन सभी का अस्तित्व ही समाप्‍त कर दो, चाहे युवा हों, वृद्ध हों, स्त्रियां हों, अथवा बालक हों, यह एक ही दिन में पूरा हो, बारहवें महीने अदार की तेरहवीं तिथि पर. इसी दिन उनकी संपत्ति भी लूट ली जाए.
Et des lettres furent expédiées par courriers dans toutes les provinces du roi, à l'effet d'exterminer, massacrer et faire périr tous les Juifs, de l'adolescent au vieillard, petits enfants et femmes, en un jour, le treizième du douzième mois, c'est-à-dire du mois d'Adar, et de livrer leurs dépouilles au pillage.
14 इस लेख की एक प्रति हर एक राज्य में लोगों के सामने इस घोषणा के साथ सौंपी जाए कि समस्त लोग उस विशेष दिन के लिए तैयार रहें.
Une copie du rescrit, afin que l'ordre fût donné dans toutes les provinces, fut communiquée à tous les peuples, afin qu'ils se tinssent prêts pour cette journée.
15 राजा के आदेश पर संदेशवाहक तुरंत चले गए. राजाज्ञा को गढ़नगर शूशन में जाहिर कर दिया गया. राजा एवं हामान साथ बैठे हुए दाखमधु में मस्त थे जबकि शूशन नगर में घबराहट फैल चुकी थी.
Les courriers partirent aussitôt sur l'ordre du roi, et l'édit fut promulgué dans Suse, la ville capitale. Et le roi et Aman s'attablèrent et burent; mais toute la ville de Suse était dans la consternation.

< एस्तेर 3 >