< सभोपदेशक 5 >

1 परमेश्वर के भवन में जाने पर अपने व्यवहार के प्रति सावधान रहना और मूर्खों के समान बलि भेंट करने से बेहतर है परमेश्वर के समीप आना. मूर्ख तो यह जानते ही नहीं कि वे क्या गलत कर रहे हैं.
Vokt din fot når du går til Guds hus! Å komme dit for å høre er bedre enn når dårene bærer frem offer; for de vet ikke at de gjør ondt.
2 अपनी किसी बात में उतावली न करना, न ही परमेश्वर के सामने किसी बात को रखने में जल्दबाजी करना, क्योंकि परमेश्वर स्वर्ग में हैं और तुम पृथ्वी पर हो, इसलिये अपने शब्दों को थोड़ा ही रखना.
Vær ikke for snar med din munn, og la ikke ditt hjerte forhaste sig med å bære frem et ord for Guds åsyn! For Gud er i himmelen og du på jorden; la derfor dine ord være få!
3 स्वप्न किसी काम में बहुत अधिक लीन होने के कारण आता है, और मूर्ख अपने बक-बक करने की आदत से पहचाना जाता है.
For av meget strev og kav kommer drømmer, og med for mange ord følger dårlig tale.
4 यदि तुमने परमेश्वर से कोई मन्नत मानी तो उसे पूरा करने में देर न करना; क्योंकि परमेश्वर मूर्ख से प्रसन्‍न नहीं होते; पूरी करो अपनी मन्नत.
Når du gjør Gud et løfte, så dryg ikke med å holde det, for han har ikke behag i dårer! Hold det du lover!
5 मन्नत मानकर उसे पूरी न करने से कहीं अधिक अच्छा है कि तुम मन्नत ही न मानो.
Bedre er det at du ikke lover, enn at du lover og ikke holder det.
6 तुम्हारी बातें तुम्हारे पाप का कारण न हों. परमेश्वर के स्वर्गदूत के सामने तुम्हें यह न कहना पड़े, “मुझसे गलती हुई.” परमेश्वर कहीं तुम्हारी बातों के कारण क्रोधित न हों और तुम्हारे कामों को नाश कर डालें.
La ikke din munn føre synd over ditt legeme og si ikke til Guds sendebud: Det var av vanvare jeg gjorde det! Hvorfor skal Gud harmes over din tale og ødelegge dine henders verk?
7 क्योंकि स्वप्नों की अधिकता और बक-बक करने में खोखलापन होता है, इसलिए तुम परमेश्वर के प्रति भय बनाए रखो.
For hvor det er mange drømmer, er det også megen tomhet, og likeså hvor det er mange ord. Frykt heller Gud!
8 अगर तुम अपने क्षेत्र में गरीब पर अत्याचार और उसे न्याय और धर्म से दूर होते देखो; तो हैरान न होना क्योंकि एक अधिकारी दूसरे अधिकारी के ऊपर होता है और उन पर भी एक बड़ा अधिकारी.
Om du ser at den fattige undertrykkes, og at rett og rettferdighet tredes under føtter i landet, så undre dig ikke over den ting! For den som er høitstående, har en høiere til å vokte på sig, og en høieste vokter på dem begge.
9 वास्तव में जो राजा खेती को बढ़ावा देता है, वह सारे राज्य के लिए वरदान साबित होता है.
Og en velsignelse for et land er det med alt dette at det har en konge som folket lyder.
10 जो धन से प्रेम रखता है, वह कभी धन से संतुष्ट न होगा; और न ही वह जो बहुत धन से प्रेम करता है. यह भी बेकार ही है.
Den som elsker penger, blir ikke mett av penger, og den som elsker rikdom, får aldri nok; også det er tomhet.
11 जब अच्छी वस्तुएं बढ़ती हैं, तो वे भी बढ़ते हैं, जो उनको इस्तेमाल करते हैं. उनके स्वामी को उनसे क्या लाभ? सिवाय इसके कि वह इन्हें देखकर संतुष्ट हो सके.
Jo mere gods dess flere til å fortære det; og hvad gagn har dets eier av det, annet enn at han får se det?
12 मेहनत करनेवाले के लिए नींद मीठी होती है, चाहे उसने ज्यादा खाना खाया हो या कम, मगर धनी का बढ़ता हुआ धन उसे सोने नहीं देता.
Arbeiderens søvn er søt, enten han eter lite eller meget; men den rikes metthet lar ham ikke få sove.
13 एक और बड़ी बुरी बात है जो मैंने सूरज के नीचे देखी: कि धनी ने अपनी धन-संपत्ति अपने आपको ही कष्ट देने के लिए ही कमाई थी.
Der er et stort onde, som jeg har sett under solen: rikdom gjemt av sin eier til hans egen ulykke.
14 उसने धन-संपत्ति निष्फल जगह लगा दी है, वह धनी एक पुत्र का पिता बना. मगर उसकी सहायता के लिए कोई नहीं है.
Går denne rikdom tapt ved et uhell, og han har fått en sønn, så blir det intet igjen for ham.
15 जैसे वह अपनी मां के गर्भ से नंगा आया था, उसे लौट जाना होगा, जैसे वह आया था. ठीक वैसे ही वह अपने हाथ में अपनी मेहनत के फल का कुछ भी नहीं ले जाएगा.
Som han kom ut av mors liv, skal han igjen gå bort naken som han kom; og ved sitt strev vinner han ikke noget som han kunde ta med sig.
16 यह भी एक बड़ी बुरी बात है: ठीक जैसे एक व्यक्ति का जन्म होता है, वैसे ही उसकी मृत्यु भी हो जाएगी. तो उसके लिए इसका क्या फायदा, जो हवा को पकड़ने के लिए मेहनत करता है?
Også dette er et stort onde: Aldeles som han kom, skal han gå bort; hvad vinning har han da av at han gjør sig møie bort i været?
17 वह अपना पूरा जीवन रोग, क्रोध और बहुत ही निराशा में बिताता है.
Dessuten eter han alle sine dager sitt brød i mørket, og megen gremmelse har han og sykdom og vrede.
18 मैंने जो एक अच्छी बात देखी वह यह है: कि मनुष्य परमेश्वर द्वारा दिए गए जीवन में खाए, पिए और अपनी मेहनत में, जो वह सूरज के नीचे करता है, के ईनाम में खुश रहे.
Se, dette er det jeg har funnet godt og skjønt: å ete og drikke og å gjøre sig til gode til gjengjeld for alt det strev som en møier sig med under solen alle de levedager som Gud gir ham; for det er det gode som blir ham til del.
19 और हर एक व्यक्ति जिसे परमेश्वर ने धन-संपत्ति दी है तो परमेश्वर ने उसे उनका इस्तेमाल करने, उनके ईनाम को पाने और अपनी मेहनत से खुश होने की योग्यता भी दी है; यह भी परमेश्वर द्वारा दिया गया ईनाम ही है.
Og når Gud gir et menneske rikdom og skatter og setter ham i stand til å nyte godt av det og ta det som blir ham til del, og glede sig i sitt strev, så er det en Guds gave;
20 मनुष्य अपने पूरे जीवन को हमेशा के लिए याद नहीं रखेगा, क्योंकि परमेश्वर उसे उसके दिल के आनंद में व्यस्त रखते हैं.
for da vil han ikke tenke så meget på sine levedager, fordi Gud svarer ham med å gi ham glede i hjertet.

< सभोपदेशक 5 >