< सभोपदेशक 2 >
1 मैंने अपने आपसे कहा, “चलो, मैं आनंद के द्वारा तुम्हें परखूंगा.” इसलिये आनंदित और मगन हो जाओ. मगर मैंने यही पाया कि यह भी बेकार ही है.
Jeg sagde ved mig selv: "Vel, jeg vil prøve med Glæde; så nyd da det gode!" Men se, også det var Tomhed.
2 मैंने हंसी के बारे में कहा, “यह बावलापन है” और आनंद के बारे में, “इससे क्या मिला?”
Om Latteren sagde jeg: "Dårskab!" og om Glæden: "Hvad gavner den?"
3 जब मेरा मन यह सोच रहा था कि किस प्रकार मेरी बुद्धि बनी रहे, मैंने अपने पूरे मन से इसके बारे में खोज कर डाली कि किस प्रकार दाखमधु से शरीर को बहलाया जा सकता है और किस प्रकार मूर्खता को काबू में किया जा सकता है, कि मैं यह समझ सकूं कि पृथ्वी पर मनुष्यों के लिए उनके छोटे से जीवन में क्या करना अच्छा है.
Jeg kom på den Tanke at kvæge mit Legeme med Vin, medens mit Hjerte dog rådede med Visdom, og at slå mig på Dårskab, indtil jeg så, hvad det båder Menneskens Børn at gøre under Himmelen, det Dagetal de lever.
4 मैंने अपने कामों को बढ़ाया: मैंने अपने लिए घरों को बनाया, मैंने अपने लिए अंगूर के बगीचे लगाए.
Jeg fuldbyrdede store Værker, byggede mig Huse, plantede mig Vingårde,
5 मैंने बगीचे और फलों के बागों को बनाया और उनमें सब प्रकार के फलों के पेड़ लगाए.
anlagde mig Haver og Lunde og plantede alle Hånde Frugttræer deri,
6 वनों में सिंचाई के लिए मैंने तालाब बनवाए ताकि उससे पेड़ बढ़ सकें.
anlagde mig Damme til at vande en Skov i Opvækst;
7 मैंने दास-दासी खरीदें जिनकी मेरे यहां ही संतानें भी पैदा हुईं. मैं बहुत से गाय-बैलों का स्वामी हो गया. जो मुझसे पहले थे उनसे कहीं अधिक मेरे गाय-बैल थे.
jeg købte Trælle og Trælkvinder, og jeg havde hjemmefødte Trælle; også Kvæg, Hornkvæg og Småkvæg, havde jeg i større Måder end nogen af dem, der før mig havde været i Jerusalem;
8 मैंने अपने आपके लिए सोने, चांदी तथा राज्यों व राजाओं से धन इकट्ठा किया, गायक-गायिकाएं चुन लिए और उपपत्नियां भी रखीं जिससे पुरुषों को सुख मिलता है.
jeg samlede mig også Sølv og Guld, Skatte fra Konger og Lande; jeg tog mig Sangere og Sangerinder og Menneskens Børns Lyst: Hustru og Hustruer.
9 मैं येरूशलेम में अपने से पहले वालों से बहुत अधिक महान हो गया. मेरी बुद्धि ने हमेशा ही मेरा साथ दिया.
Og jeg blev stor, større end nogen af dem, der før mig havde været i Jerusalem; desuden blev min Visdom hos mig.
10 मेरी आंखों ने जिस किसी चीज़ की इच्छा की; मैंने उन्हें उससे दूर न रखा और न अपने मन को किसी आनंद से; क्योंकि मेरी उपलब्धियों में मेरी संतुष्टि थी, और यही था मेरे परिश्रम का पुरुस्कार.
Intet, som mine Øjne attråede, unddrog jeg dem; jeg nægtede ikke mit Hjerte nogen Glæde thi mit Hjerte havde Glæde af al min Flid, og deri lå Lønnen for al min Flid.
11 इसलिये मैंने अपने द्वारा किए गए सभी कामों को, और अपने द्वारा की गई मेहनत को नापा, और यही पाया कि यह सब भी बेकार और हवा से झगड़ना था; और धरती पर इसका कोई फायदा नहीं.
Men da jeg overskuede alt, hvad mine Hænder havde virket, og den Flid, det havde kostet mig, se, da var det alt sammen Tomhed og Jag efter Vind, og der er ingen Vinding under Solen.
12 सो मैंने बुद्धि, बावलेपन तथा मूर्खता के बारे में विचार किया. राजा के बाद आनेवाला इसके अलावा और क्या कर सकता है? केवल वह जो पहले से होता आया है.
Thi hvad gør det Menneske, som kommer efter Kongen? Det samme, som tilforn er gjort? Jeg gav mig da til at sammenligne Visdom med Dårskab og Tåbelighed.
13 मैंने यह देख लिया कि बुद्धि मूर्खता से बेहतर है, जैसे रोशनी अंधकार से.
Jeg så, at Visdom har samme Fortrin for Tåbelighed som Lys for Mørke:
14 बुद्धिमान अपने मन की आंखों से व्यवहार करता है, जबकि मूर्ख अंधकार में चलता है. यह सब होने पर भी मैं जानता हूं कि दोनों का अंतिम परिणाम एक ही है.
Den vise har Øjne i Hovedet, men Tåben vandrer i Mørke. Men jeg skønnede også, at en og samme Skæbne rammer begge.
15 मैंने मन में विचार किया, जो दशा मूर्ख की है वही मेरी भी होगी. तो मैं अधिक बुद्धिमान क्यों रहा? “मैंने स्वयं को याद दिलाया, यह भी बेकार ही है.”
Da sagde jeg ved mig selv: "Tåbens Skæbne rammer også mig; hvad har jeg da for, at jeg er blevet overvættes viis?" Og jeg sagde ved mig selv, at også det er Tomhed;
16 बुद्धिमान को हमेशा याद नहीं किया जाएगा जैसे मूर्ख को; कुछ दिनों में ही वे भुला दिए जाएंगे. बुद्धिमान की मृत्यु कैसे होती है? मूर्ख के समान ही न!
thi den vises Minde er lige sålidt evigt som Tåbens, fordi nu engang alt glemmes i kommende Dage; ak! den vise må dø så godt som Tåben.
17 इसलिये मुझे जीवन से घृणा हो गई क्योंकि धरती पर जो कुछ किया गया था वह मेरे लिए तकलीफ़ देनेवाला था; क्योंकि सब कुछ बेकार और हवा से झगड़ना था.
Da blev jeg led ved Livet, thi ilde tyktes mig det, som sker under Solen; thi det er alt sammen Tomhed og Jag efter Vind.
18 इसलिये मैंने जो भी मेहनत इस धरती पर की थी उससे मुझे नफ़रत हो गई, क्योंकि इसे मुझे अपने बाद आनेवाले के लिए छोड़ना पड़ेगा.
Og jeg blev led ved al den Flid, jeg, har gjort mig under Solen, fordi jeg må efterlade mit Værk til den, som kommer efter mig.
19 और यह किसे मालूम है कि वह बुद्धिमान होगा या मूर्ख. मगर वह उन सभी वस्तुओं का अधिकारी बन जाएगा जिनके लिए मैंने धरती पर बुद्धिमानी से मेहनत की. यह भी बेकार ही है.
Hvo ved, om det bliver en Vismand eller en Tåbe? Og dog skal han råde over alt, hvad jeg med Flid og Visdom vandt under Solen. Også det er Tomhed.
20 इसलिये धरती पर मेरे द्वारा की गई मेहनत के प्रतिफल से मुझे घोर निराशा हो गई.
Og jeg var ved at fortvivle over al den Flid, jeg har gjort mig under Solen;
21 कभी एक व्यक्ति बुद्धि, ज्ञान और कुशलता के साथ मेहनत करता है और उसे हर एक वस्तु उस व्यक्ति के आनंद के लिए त्यागनी पड़ती है जिसने उसके लिए मेहनत ही नहीं की. यह भी बेकार और बहुत बुरा है.
thi der har et Menneske gjort sig. Flid med Visdom, Kundskab og Dygtighed, og så må han overlade sit Eje til et Menneske, som ikke har lagt Flid derpå. Også det er Tomhed og et stort Onde.
22 मनुष्य को अपनी सारी मेहनत और कामों से, जो वह धरती पर करता है, क्या मिलता है?
Thi hvad får et Menneske for al sin Flid og sit Hjertes Higen, som han gør sig Flid med under Solen?
23 वास्तव में सारे जीवन में उसकी पूरी मेहनत दुःखों और कष्टों से भरी होती है; यहां तक की रात में भी उसके मन को और दिमाग को आराम नहीं मिल पाता. यह भी बेकार ही है.
Alle hans Dage er jo Lidelse, og hans Slid er Græmmelse; end ikke om Natten finder hans Hjerte Hvile. Også det er Tomhed.
24 मनुष्य के लिए इससे अच्छा और कुछ नहीं है कि वह खाए, पिए और खुद को विश्वास दिलाए कि उसकी मेहनत उपयोगी है. मैंने यह भी पाया है कि इसमें परमेश्वर का योगदान होता है,
Intet er bedre for et Menneske end at spise og drikke og give sin Sjæl gode Dage ved sin Flid. Og det skønnede jeg, at også det kommer fra Guds Hånd.
25 नहीं तो कौन परमेश्वर से अलग हो खा-पीकर सुखी रह सकता है?
Thi hvo kan spise eller drikke uden hans Vilje?
26 क्योंकि जो मनुष्य परमेश्वर की नज़रों में अच्छा है, उसे परमेश्वर ने बुद्धि, ज्ञान और आनंद दिया है, मगर पापी को परमेश्वर ने इकट्ठा करने और बटोरने का काम दिया है सिर्फ इसलिये कि वह उस व्यक्ति को दे दे जो परमेश्वर की नज़रों में अच्छा है. यह सब भी बेकार और हवा से झगड़ना है.
Thi det Menneske, som er godt i hans Øjne, giver han Visdom, Kundskab og Glæde; men den, som synder, giver han Slid med at samle og ophobe for så at give det til en, som er god i Guds Øjne. Også det er Tomhed og Jag efter Vind.