< सभोपदेशक 2 >

1 मैंने अपने आपसे कहा, “चलो, मैं आनंद के द्वारा तुम्हें परखूंगा.” इसलिये आनंदित और मगन हो जाओ. मगर मैंने यही पाया कि यह भी बेकार ही है.
我心裏說:「來吧,我以喜樂試試你,你好享福!」誰知,這也是虛空。
2 मैंने हंसी के बारे में कहा, “यह बावलापन है” और आनंद के बारे में, “इससे क्या मिला?”
我指嬉笑說:「這是狂妄。」論喜樂說:「有何功效呢?」
3 जब मेरा मन यह सोच रहा था कि किस प्रकार मेरी बुद्धि बनी रहे, मैंने अपने पूरे मन से इसके बारे में खोज कर डाली कि किस प्रकार दाखमधु से शरीर को बहलाया जा सकता है और किस प्रकार मूर्खता को काबू में किया जा सकता है, कि मैं यह समझ सकूं कि पृथ्वी पर मनुष्यों के लिए उनके छोटे से जीवन में क्या करना अच्छा है.
我心裏察究,如何用酒使我肉體舒暢,我心卻仍以智慧引導我;又如何持住愚昧,等我看明世人,在天下一生當行何事為美。
4 मैंने अपने कामों को बढ़ाया: मैंने अपने लिए घरों को बनाया, मैंने अपने लिए अंगूर के बगीचे लगाए.
我為自己動大工程,建造房屋,栽種葡萄園,
5 मैंने बगीचे और फलों के बागों को बनाया और उनमें सब प्रकार के फलों के पेड़ लगाए.
修造園囿,在其中栽種各樣果木樹;
6 वनों में सिंचाई के लिए मैंने तालाब बनवाए ताकि उससे पेड़ बढ़ सकें.
挖造水池,用以澆灌嫩小的樹木。
7 मैंने दास-दासी खरीदें जिनकी मेरे यहां ही संतानें भी पैदा हुईं. मैं बहुत से गाय-बैलों का स्वामी हो गया. जो मुझसे पहले थे उनसे कहीं अधिक मेरे गाय-बैल थे.
我買了僕婢,也有生在家中的僕婢;又有許多牛群羊群,勝過以前在耶路撒冷眾人所有的。
8 मैंने अपने आपके लिए सोने, चांदी तथा राज्यों व राजाओं से धन इकट्ठा किया, गायक-गायिकाएं चुन लिए और उपपत्नियां भी रखीं जिससे पुरुषों को सुख मिलता है.
我又為自己積蓄金銀和君王的財寶,並各省的財寶;又得唱歌的男女和世人所喜愛的物,並許多的妃嬪。
9 मैं येरूशलेम में अपने से पहले वालों से बहुत अधिक महान हो गया. मेरी बुद्धि ने हमेशा ही मेरा साथ दिया.
這樣,我就日見昌盛,勝過以前在耶路撒冷的眾人。我的智慧仍然存留。
10 मेरी आंखों ने जिस किसी चीज़ की इच्छा की; मैंने उन्हें उससे दूर न रखा और न अपने मन को किसी आनंद से; क्योंकि मेरी उपलब्धियों में मेरी संतुष्टि थी, और यही था मेरे परिश्रम का पुरुस्कार.
凡我眼所求的,我沒有留下不給它的;我心所樂的,我沒有禁止不享受的;因我的心為我一切所勞碌的快樂,這就是我從勞碌中所得的分。
11 इसलिये मैंने अपने द्वारा किए गए सभी कामों को, और अपने द्वारा की गई मेहनत को नापा, और यही पाया कि यह सब भी बेकार और हवा से झगड़ना था; और धरती पर इसका कोई फायदा नहीं.
後來,我察看我手所經營的一切事和我勞碌所成的功。誰知都是虛空,都是捕風;在日光之下毫無益處。
12 सो मैंने बुद्धि, बावलेपन तथा मूर्खता के बारे में विचार किया. राजा के बाद आनेवाला इसके अलावा और क्या कर सकता है? केवल वह जो पहले से होता आया है.
我轉念觀看智慧、狂妄,和愚昧。在王以後而來的人還能做甚麼呢?也不過行早先所行的就是了。
13 मैंने यह देख लिया कि बुद्धि मूर्खता से बेहतर है, जैसे रोशनी अंधकार से.
我便看出智慧勝過愚昧,如同光明勝過黑暗。
14 बुद्धिमान अपने मन की आंखों से व्यवहार करता है, जबकि मूर्ख अंधकार में चलता है. यह सब होने पर भी मैं जानता हूं कि दोनों का अंतिम परिणाम एक ही है.
智慧人的眼目光明,愚昧人在黑暗裏行。我卻看明有一件事,這兩等人都必遇見。
15 मैंने मन में विचार किया, जो दशा मूर्ख की है वही मेरी भी होगी. तो मैं अधिक बुद्धिमान क्यों रहा? “मैंने स्वयं को याद दिलाया, यह भी बेकार ही है.”
我就心裏說:「愚昧人所遇見的,我也必遇見,我為何更有智慧呢?」我心裏說,這也是虛空。
16 बुद्धिमान को हमेशा याद नहीं किया जाएगा जैसे मूर्ख को; कुछ दिनों में ही वे भुला दिए जाएंगे. बुद्धिमान की मृत्यु कैसे होती है? मूर्ख के समान ही न!
智慧人和愚昧人一樣,永遠無人記念,因為日後都被忘記;可歎智慧人死亡,與愚昧人無異。
17 इसलिये मुझे जीवन से घृणा हो गई क्योंकि धरती पर जो कुछ किया गया था वह मेरे लिए तकलीफ़ देनेवाला था; क्योंकि सब कुछ बेकार और हवा से झगड़ना था.
我所以恨惡生命;因為在日光之下所行的事我都以為煩惱,都是虛空,都是捕風。
18 इसलिये मैंने जो भी मेहनत इस धरती पर की थी उससे मुझे नफ़रत हो गई, क्योंकि इसे मुझे अपने बाद आनेवाले के लिए छोड़ना पड़ेगा.
我恨惡一切的勞碌,就是我在日光之下的勞碌,因為我得來的必留給我以後的人。
19 और यह किसे मालूम है कि वह बुद्धिमान होगा या मूर्ख. मगर वह उन सभी वस्तुओं का अधिकारी बन जाएगा जिनके लिए मैंने धरती पर बुद्धिमानी से मेहनत की. यह भी बेकार ही है.
那人是智慧是愚昧,誰能知道?他竟要管理我勞碌所得的,就是我在日光之下用智慧所得的。這也是虛空。
20 इसलिये धरती पर मेरे द्वारा की गई मेहनत के प्रतिफल से मुझे घोर निराशा हो गई.
故此,我轉想我在日光之下所勞碌的一切工作,心便絕望。
21 कभी एक व्यक्ति बुद्धि, ज्ञान और कुशलता के साथ मेहनत करता है और उसे हर एक वस्तु उस व्यक्ति के आनंद के लिए त्यागनी पड़ती है जिसने उसके लिए मेहनत ही नहीं की. यह भी बेकार और बहुत बुरा है.
因為有人用智慧、知識、靈巧所勞碌得來的,卻要留給未曾勞碌的人為分。這也是虛空,也是大患。
22 मनुष्य को अपनी सारी मेहनत और कामों से, जो वह धरती पर करता है, क्या मिलता है?
人在日光之下勞碌累心,在他一切的勞碌上得着甚麼呢?
23 वास्तव में सारे जीवन में उसकी पूरी मेहनत दुःखों और कष्टों से भरी होती है; यहां तक की रात में भी उसके मन को और दिमाग को आराम नहीं मिल पाता. यह भी बेकार ही है.
因為他日日憂慮,他的勞苦成為愁煩,連夜間心也不安。這也是虛空。
24 मनुष्य के लिए इससे अच्छा और कुछ नहीं है कि वह खाए, पिए और खुद को विश्वास दिलाए कि उसकी मेहनत उपयोगी है. मैंने यह भी पाया है कि इसमें परमेश्वर का योगदान होता है,
人莫強如吃喝,且在勞碌中享福,我看這也是出於上帝的手。
25 नहीं तो कौन परमेश्वर से अलग हो खा-पीकर सुखी रह सकता है?
論到吃用、享福,誰能勝過我呢?
26 क्योंकि जो मनुष्य परमेश्वर की नज़रों में अच्छा है, उसे परमेश्वर ने बुद्धि, ज्ञान और आनंद दिया है, मगर पापी को परमेश्वर ने इकट्ठा करने और बटोरने का काम दिया है सिर्फ इसलिये कि वह उस व्यक्ति को दे दे जो परमेश्वर की नज़रों में अच्छा है. यह सब भी बेकार और हवा से झगड़ना है.
上帝喜悅誰,就給誰智慧、知識,和喜樂;惟有罪人,上帝使他勞苦,叫他將所收聚的、所堆積的歸給上帝所喜悅的人。這也是虛空,也是捕風。

< सभोपदेशक 2 >