< व्यवस्था विवरण 6 >

1 तुम्हारे परमेश्वर द्वारा दिए गए आदेश, नियम और विधियां इस प्रकार हैं, जिनकी शिक्षा तुम्हें देने का आदेश याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर ने मुझे दिया है, कि उनका अनुपालन तुम उस देश में कर सको, तुम जिसका अभिग्रहण करने के उद्देश्य से जा रहे हो.
و این است اوامر و فرایض و احکامی که یهوه، خدای شما، امر فرمود که به شماتعلیم داده شود، تا آنها را در زمینی که شما بسوی آن برای تصرفش عبور می‌کنید، بجا آورید.۱
2 यह इसलिये, कि तुम, तुम्हारी संतान और उनकी भी संतान, याहवेह तुम्हारे परमेश्वर के प्रति श्रद्धा और भय बनाए रखें, मेरे द्वारा लाए गए नियम और आदेशों का जीवन भर पालन करते रहें, और तुम लंबी आयु के हो जाओ.
و تااز یهوه خدای خود ترسان شده، جمیع فرایض واوامر او را که من به شما امر می‌فرمایم نگاه داری، تو و پسرت و پسر پسرت، در تمامی ایام عمرت و تا عمر تو دراز شود.۲
3 इस्राएलियो, ज़रूरी है कि तुम इसे बड़े यत्न से सुनो और इसका पालन करने के विषय में सावधान रहो, कि उस देश में, जहां दूध और मधु की बहुतायत है तुम्हारा भला हो, तुम्हारा वंश बहुत बढ़ जाए; ठीक जैसी याहवेह, तुम्हारे पूर्वजों के परमेश्वर ने तुमसे प्रतिज्ञा की है.
پس‌ای اسرائیل بشنو، و به عمل نمودن آن متوجه باش، تا برای تو نیکوباشد، و بسیار افزوده شوی در زمینی که به شیر وشهد جاری است، چنانکه یهوه خدای پدرانت تورا وعده داده است.۳
4 सुनो, इस्राएलियो! याहवेह हमारे परमेश्वर अद्वितीय याहवेह हैं.
‌ای اسرائیل بشنو، یهوه، خدای ما، یهوه واحد است.۴
5 तुम याहवेह तुम्हारे परमेश्वर से अपने सारे हृदय, सारे प्राण, सारे मस्तिष्क तथा सारी शक्ति से प्रेम करो.
پس یهوه خدای خود را به تمامی جان و تمامی قوت خود محبت نما.۵
6 ये आदेश, जो आज मैं तुम्हारे सामने स्पष्ट कर रहा हूं, तुम्हारे हृदय में बैठ जाए.
و این سخنانی که من امروز تو را امر می‌فرمایم، بر دل توباشد.۶
7 तुम ये आदेश अपनी संतान को सिखाया करना. जब तुम अपने घर में बैठे हुए हो, तब तुम इनका उल्लेख करोगे, जब तुम मार्ग में आगे बढ़ रहे हो, और जब तुम विश्राम के लिए लेटोगे या जब तुम नींद से उठोगे.
و آنها را به پسرانت به دقت تعلیم نما، وحین نشستنت در خانه، و رفتنت به راه، و وقت خوابیدن و برخاستنت از آنها گفتگو نما.۷
8 तुम इन्हें अपने हाथ पर चिन्ह के रूप में बांध लोगे, ये तुम्हारे माथे पर टीका होंगे.
و آنهارا بردست خود برای علامت ببند، و در میان چشمانت عصابه باشد.۸
9 तुम उन्हें अपने घर की चौखटों पर और अपने द्वारों पर लिखोगे.
و آنها را بر باهوهای درخانه ات و بر دروازه هایت بنویس.۹
10 तब याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर जब तुम्हें उस देश में ले आएंगे, जिसके विषय में उन्होंने तुम्हारे पूर्वजों अब्राहाम, यित्सहाक और याकोब से प्रतिज्ञा की थी, कि वह तुम्हें यह देश देंगे, जिस देश में विशाल और भव्य नगर हैं, जिनका निर्माण तुम्हारे द्वारा नहीं किया गया,
و چون یهوه، خدایت، تو را به زمینی که برای پدرانت ابراهیم و اسحاق و یعقوب قسم خورد که به تو بدهد، درآورد، به شهرهای بزرگ وخوشنمایی که تو بنا نکرده‌ای،۱۰
11 जहां घर उत्तम वस्तुओं से भरे होंगे जो तुम्हारे द्वारा इकट्ठा नहीं की गई होंगी, पत्थरों में खोदकर बनाए गए कुंड; जिनको तुमने नहीं बनाया होगा, अंगूर के बगीचे और ज़ैतून के पेड़; जिन्हें तुमने नहीं लगाया, जिनको खाकर तुम बहुत तृप्‍त होगे,
و به خانه های پر از هر چیز نیکو که پر نکرده‌ای، و حوضهای کنده شده‌ای که نکنده‌ای، و تاکستانها و باغهای زیتونی که غرس ننموده‌ای، و از آنها خورده، سیرشدی.۱۱
12 तब सावधान रहना, कि तुम उन याहवेह को, जो तुम्हें मिस्र देश से, दासत्व के जीवन से, निकालकर लाए हैं, भुला न दो.
آنگاه با حذر باش مبادا خداوند را که تورا از زمین مصر، از خانه بندگی بیرون آورد، فراموش کنی.۱۲
13 श्रद्धा तुम सिर्फ याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर के प्रति रखोगे, तुम आराधना सिर्फ उनकी करोगे, और शपथ उन्हीं की लिया करोगे.
از یهوه خدای خود بترس و اورا عبادت نما و به نام او قسم بخور.۱۳
14 तुम पराए देवताओं का अनुगमन नहीं करोगे; तुम्हारे पड़ोसी राष्ट्रों के किसी भी देवता का;
خدایان دیگر را از خدایان طوایفی که به اطراف تومی باشند، پیروی منمایید.۱۴
15 क्योंकि याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर, जिनकी उपस्थिति तुम्हारे बीच में है, जलन रखनेवाले परमेश्वर हैं; नहीं तो याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर का कोप तुम्हारे विरुद्ध भड़क उठेगा और वह तुम्हें पृथ्वी पर से मिटा डालेंगे.
زیرا یهوه خدای تودر میان تو خدای غیور است، مبادا غضب یهوه، خدایت، برتو افروخته شود، و تو را از روی زمین هلاک سازد.۱۵
16 तुम याहवेह, अपने परमेश्वर को न परखना; जैसा तुमने मस्साह में किया था.
یهوه خدای خود را میازمایید، چنانکه او رادر مسا آزمودید.۱۶
17 चाहिए कि तुम याहवेह, अपने परमेश्वर द्वारा दिए आदेशों, घोषणाओं और नियमों का पालन सावधानीपूर्वक करो.
توجه نمایید تا اوامر یهوه خدای خود را و شهادات و فرایض او را که به شما امر فرموده است، نگاه دارید.۱۷
18 तुम वही करोगे, जो याहवेह की दृष्टि में सही और उचित है, कि इसमें तुम्हारा भला हो और तुम जाकर उत्तम देश पर अधिकार करो, जिसे देने की प्रतिज्ञा याहवेह ने तुम्हारे पूर्वजों से की थी.
و آنچه درنظر خداوند راست و نیکوست، به عمل آور تابرای تو نیکو شود، و داخل شده آن زمین نیکو راکه خداوند برای پدرانت قسم خورد به تصرف آوری.۱۸
19 यह तुम याहवेह के आदेश के अनुसार अपने सभी शत्रुओं को अपने सामने से खदेड़ने के द्वारा करोगे.
و تا جمیع دشمنانت را از حضورت اخراج نماید، چنانکه خداوند گفته است.۱۹
20 भविष्य में जब तुम्हारी संतान तुमसे यह प्रश्न करे: “क्या मतलब है इन घोषणाओं, नियमों और विधियों का, जो याहवेह, हमारे परमेश्वर द्वारा दिए गए हैं?”
چون پسر تو در ایام آینده از تو سوال نموده، گوید که مراد از این شهادات و فرایض واحکامی که یهوه خدای ما به شما امر فرموده است، چیست؟۲۰
21 तब उनके लिए तुम्हारा उत्तर होगा, “मिस्र देश में हम फ़रोह के दास थे, तब याहवेह ने हमें अपनी सामर्थी भुजा के द्वारा मिस्र देश से निकाल लिया.
پس به پسر خود بگو: ما درمصر غلام فرعون بودیم، و خداوند ما را از مصر بادست قوی بیرون آورد.۲۱
22 इसके अलावा याहवेह ने हमारे सामने मिस्र, फ़रोह और उसके सारे परिवार के विरुद्ध अद्भुत और विपत्ति भरे चिन्हों और चमत्कारों को दिखाया.
و خداوند آیات ومعجزات عظیم و ردی‌ای بر مصر و فرعون وتمامی اهل خانه او در نظر ما ظاهر ساخت.۲۲
23 उन्होंने हमें वहां से निकाल लिया, कि हमें उस देश में प्रवेश कराएं, जिस देश की प्रतिज्ञा उन्होंने हमारे पूर्वजों से की थी.
وما را از آنجا بیرون آورد تا ما را به زمینی که برای پدران ما قسم خورد که به ما بدهد، درآورد.۲۳
24 तब याहवेह ने इन सभी नियमों को पालन करने का आदेश दिया और हम हमारे परमेश्वर से डरें कि हमारा भला हो और हम जीवित रहें, जैसा कि अभी भी दिखता ही है.
وخداوند ما را مامور داشت که تمام این فرایض رابجا آورده، از یهوه خدای خود بترسیم، تا برای ماهمیشه نیکو باشد و ما را زنده نگاه دارد، چنانکه تاامروز شده است.۲۴
25 यदि हम सावधानीपूर्वक इन आदेशों का पालन करते रहें, ठीक जैसा उन्होंने आदेश दिया है, तो हम याहवेह अपने परमेश्वर के सामने निर्दोष रहेंगे.”
و برای ما عدالت خواهد بودکه متوجه شویم که جمیع این اوامر را به حضوریهوه خدای خود بجا آوریم، چنانکه ما را امرفرموده است.۲۵

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