< व्यवस्था विवरण 32 >
1 आकाशमंडल, यहां ध्यान दो, मुझे सम्भाषण का अवसर प्रदान करो; पृथ्वी मेरे मुख से मुखरित शब्द सुने.
"Dengarlah, hai langit, aku ingin berbicara; hai bumi, pasanglah telinga!
2 मेरी शिक्षा वृष्टि-समान टपके, मेरा सम्भाषण कोमल घास पर लघु बूंदों के समान, वनस्पति पर वृष्टि फुहार समान और ओस की बूंदों समान पड़े.
Semoga ajaranku turun seperti hujan, dan kata-kataku menetes seperti embun, laksana hujan rintik-rintik di atas rerumputan, dan hujan deras di atas tanam-tanaman.
3 क्योंकि मेरी घोषणा है याहवेह के सम्मान; हमारे परमेश्वर की महानता की स्तुति करो!
Aku akan memuji nama TUHAN. Wartakanlah kebesaran Allah kita!
4 वह चट्टान! त्रुटिहीन है उनकी रचना, क्योंकि उनकी सारी युक्तियां नीतियुक्त ही हैं; विश्वासयोग्य परमेश्वर, अन्याय विहीन, न्यायपूर्ण और सत्यनिष्ठ हैं वह.
TUHAN Pembelamu yang perkasa, karya-Nya sempurna, dan semua jalan-Nya adil. Allahmu setia, tak ada kecurangan pada-Nya, Ia melakukan yang baik dan benar.
5 याहवेह के प्रति उनका पालन विकृत रहा है, उनके दोष पूरा होने के कारण वे उनकी संतान नहीं रह गए, परंतु अब वे हैं पतनोन्मुख और कुटिल पीढ़ी!
Tetapi kamu adalah bangsa yang tidak setia, dan tidak pantas lagi menjadi umat-Nya, bangsa yang penuh kecurangan dan dosa.
6 ओ मूर्खो, और मन्दमति लोगो, क्या तुम यही प्रतिफल दे रहे हो याहवेह को? क्या वह तुम्हारे पिता नहीं, जो तुम्हें यहां तक ले आए हैं? तुम उन्हीं की कृति हो और उन्हीं के द्वारा तुम प्रतिष्ठित किए गए हो?
Begitukah kamu balas kebaikan TUHAN, hai orang-orang bodoh dan tidak berakal? Bukankah Ia Bapamu, Penciptamu, yang menjadikan kamu satu bangsa?
7 अतीत के उन दिनों का स्मरण करो; सारी पीढ़ियों के सालों का विचार करो. अपने पिता से विवेचना करो, तो वह तुम्हें अवगत करा देंगे, तुम्हारे पुरनिए, और वे इसका उल्लेख करेंगे.
Ingatlah akan zaman dahulu, perhatikan zaman angkatan-angkatan yang lalu. Tanyakanlah kepada orang tuamu, supaya mereka memberitahukannya kepadamu.
8 जब सर्वोच्च ने राष्ट्रों में उनकी मीरास आवंटित की, जब उन्होंने आदम के वंशजों को वर्गीकृत किया, उन्होंने राष्ट्रों की सीमाएं इस्राएलियों की गिनती के आधार पर तब तय कर दीं.
Ketika Yang Mahatinggi membagikan tanah, setiap bangsa ditentukan wilayahnya dengan suatu ilah sebagai penguasa.
9 क्योंकि याहवेह की संपदा है उनकी प्रजा; याकोब उनकी मीरास का आवंटन है.
Tetapi keturunan Yakub ini dipilih TUHAN bagi diri-Nya sendiri.
10 एक मरुभूमि में उनकी उससे भेंट हुई, वस्तुतः वह सांय-सांय करता निर्जन क्षेत्र था. उन्होंने उसके आस-पास बाड़ खड़ी कर दी, वह उसकी देखभाल करते रहे; यहां तक कि उन्होंने उसकी सुरक्षा अपनी आंख की पुतली-समान की,
Ia mendapati mereka sedang mengembara di tempat yang sepi di padang belantara. Lalu Ia melindungi dan memelihara mereka dan menjaga mereka seperti milik-Nya.
11 उस गरुड़-समान, जो अपने नीड़ को हिला कर अपने बच्चों को जगाता, उनके ऊपर मंडराता रहता है, वह अपने डैने फैलाकर उन्हें उठा लेता है, और अपने डैनों पर ही ले जाता है.
Seperti burung elang yang mengajar anaknya terbang menangkapnya di sayapnya yang terbentang dan mendukungnya di atas kepak-kepaknya,
12 सिर्फ याहवेह ही उसके दिग्दर्शक थे; याहवेह को किसी परकीय देवता की ज़रूरत न थी.
demikian TUHAN sendiri memimpin umat-Nya, tak ada ilah asing menyertai dia.
13 याहवेह ने उसे अपने देश के ऊंचे क्षेत्रों में विचरण करने योग्य बना दिया था. उसके उपयोग के लिए भूमि की उपज उपलब्ध थी. याहवेह ने उसके लिए चट्टान में से मधु परोस दी, और वज्र चट्टान में से तेल भी!
Ia membuat mereka menguasai gunung-gunung; mereka makan hasil ladang-ladang dan minum madu liar dari bukit batu. Mereka mendapat minyak dari pohon zaitun yang tumbuh di tanah berbatu.
14 गाय-दुग्ध-दही, भेड़-बकरियों का दूध, और मेमनों और बाशान प्रजाति के मेढ़ों, और बकरों का वसा, इसके अलावा सर्वोत्कृष्ट गेहूं! और तुमने लाल रंग के बेहतरीन दाखमधु का सेवन किया.
Sapi dan kambing domba mereka menghasilkan banyak susu; ternak mereka paling bermutu, gandum dan air anggur mereka paling baik.
15 मगर यशुरून स्वस्थ होकर उद्दंड हो गया; तुम तो हृष्ट-पुष्ट और आकर्षक हो गए थे. तब उसने अपने सृष्टिकर्ता परमेश्वर ही का परित्याग कर दिया, उसे अपने उद्धार की चट्टान से ही घृणा हो गई.
Umat TUHAN menjadi kaya, tetapi suka berontak, mereka gemuk-gemuk, kenyang makanan. Lalu mereka meninggalkan Allah, Penciptanya dan menolak Penyelamatnya yang perkasa.
16 विदेशी देवताओं के द्वारा उन्होंने याहवेह को ईर्ष्यालु बना दिया, घृणित मूर्तियों के द्वारा उन्होंने याहवेह के कोप को उद्दीप्त कर दिया.
Mereka menyembah berhala, sehingga TUHAN cemburu, kemarahan-Nya bangkit karena kejahatan itu.
17 उन्होंने प्रेत आत्माओं को बलि अर्पित की, जो परमेश्वर ही नहीं होती. उन परकीय देवताओं को, जो उनके लिए अज्ञात ही हैं, नए देवता, जिनका अस्तित्व हाल ही में प्रकट हुआ है, जिन्हें तुम्हारे पूर्वज जानते भी न थे.
Mereka mempersembahkan kurban kepada roh-roh jahat yang bukan Allah, kepada ilah-ilah yang tidak mereka kenal, ilah-ilah baru yang tidak ditakuti leluhur mereka.
18 तुमने उस चट्टान की उपेक्षा की, जिसने तुम्हें पाला पोसा.
Mereka melalaikan Penyelamat mereka yang perkasa, melupakan Allah mereka yang memberi kehidupan.
19 यह सब याहवेह की दृष्टि में आ गया और उन्हें उनसे घृणा हो गई, क्योंकि यह उत्तेजना उन्हीं के पुत्र-पुत्रियों द्वारा की गई थी.
Melihat hal itu, TUHAN menjadi marah, dan menolak anak-anak-Nya.
20 तब याहवेह ने कहा, “मैं उनसे अपना मुख छिपा लूंगा, मैं देखना चाहूंगा कि कैसा होता है, उनका अंत; क्योंकि वे विकृत पीढ़ी हैं; ऐसी सन्तति हैं, जो विश्वासयोग्य हैं ही नहीं.
Kata-Nya, 'Aku tidak mau menolong mereka lagi; biar Kulihat bagaimana kesudahan mereka. Sebab bangsa itu keras kepala dan sama sekali tidak setia.
21 उन्होंने मुझे उसके द्वारा ईर्ष्यालु बना दिया, जो ईश्वर है ही नहीं; उन्होंने अपनी मूर्तियों द्वारा मुझे उत्तेजित किया है. तब अब मैं उन्हें उनके द्वारा ईर्ष्या पैदा करूंगा जिन्हें राष्ट्र ही नहीं माना जा सकता; एक मूर्ख राष्ट्र के द्वारा मैं उन्हें क्रोध के लिए उकसाऊंगा.
Mereka membuat Aku cemburu kepada yang bukan Allah, dan marah kepada patung berhala mereka. Maka Kubuat umat-Ku cemburu kepada yang bukan bangsa, dan marah kepada bangsa yang dungu.
22 क्योंकि मेरी क्रोध की अग्नि प्रज्वलित हो चुकी है, वह अधोलोक के निम्नतम स्तर तक प्रज्वलित है. पृथ्वी की उपज इसने भस्म कर दी है, और पर्वतों की नींव तक इसने ज्वलित कर दी है. (Sheol )
Kemarahan-Ku akan berkobar seperti api yang membakar sampai ke dunia orang mati. Api itu membakar bumi dan segala hasilnya, dan gunung-gunung sampai ke akar-akarnya. (Sheol )
23 “उन पर तो मैं विपत्तियों के ढेर लगा दूंगा उन पर मैं अपने बाणों का प्रहार करूंगा.
Terus-menerus Kudatangkan malapetaka, Kutembakkan semua panah-Ku kepada mereka.
24 वे दुर्भिक्ष के प्रभाव से नाश हो जाएंगे, महामारी उन्हें चट कर जाएगी और बड़ा दयनीय होगा उनका विनाश; मैं उन पर वन्य पशुओं के दांत प्रभावी कर दूंगा, धूलि में रेंगते जंतुओं का विष भी.
Mereka akan mati karena demam dan kelaparan, dan karena penyakit yang mengerikan. Kubiarkan mereka diterkam binatang buas, dan dipagut ular berbisa.
25 घर के बाहर तलवार द्वारा निर्वंश किए जाएंगे; वे घर के भीतर भयाक्रान्त होंगे. युवक और युवतियां, दूध पीते शिशु और वृद्ध.
Peperangan membawa maut di jalan-jalan; kengerian menimpa orang-orang di rumah. Orang muda dan gadis remaja akan dibinasakan, juga anak bayi dan orang lanjut usia.
26 मैं कह सकता था, मैं उन्हें काटकर टुकड़े-टुकड़े कर दूंगा, मैं मनुष्यों के बीच से उनकी स्मृति ही मिटा दूंगा,
Aku ingin melenyapkan mereka sama sekali, supaya mereka tidak diingat lagi.
27 यदि मुझे शत्रु की ओर से उत्तेजना का भय न होता, कि उनके विरोधी गलत अनुमान लगाकर यह कहें, ‘विजय तो हमारे बाहुबल का परिणाम है; इसमें याहवेह का कोई योग नहीं था.’”
Tetapi Aku tak mau musuh Israel berbangga; jangan-jangan mereka salah sangka dan berkata bahwa mereka mengalahkan umat-Ku,' padahal Akulah yang melakukannya.
28 क्योंकि वे ऐसे राष्ट्र हैं, जिसमें बुद्धि का नितांत अभाव है, कुछ भी समझ नहीं है उनमें.
Israel suatu bangsa yang tidak punya pertimbangan; pengertian tak ada pada mereka.
29 यदि उनमें बुद्धिमता होती वे यह समझ लेते, उन्हें अपने अंत का अंतर्बोध हो जाता!
Sekiranya mereka bijaksana, mereka akan mengerti, dan memikirkan kesudahan mereka.
30 भला यह कैसे संभव हो सकता है, कि सिर्फ एक व्यक्ति एक सहस्र को खदेड़ दे, और दो व्यक्ति दस सहस्र को, यदि उनकी उस चट्टान ने अपने हाथ उन्हें न सौंपे होते, और याहवेह ने उन्हें उनके अधीन न किया होता?
Bagaimana seorang dapat mengejar seribu orang, dan dua orang membuat sepuluh ribu orang lari? TUHAN, Allah mereka, telah menjual mereka; mereka telah ditinggalkan oleh Allah yang perkasa.
31 बात यह है कि उनकी चट्टान हमारी चट्टान के तुल्य नहीं है, यहां तक कि हमारे शत्रु तक यह मानते हैं.
Musuh Israel tahu bahwa pelindung mereka tidak seperti Allah pelindung Israel.
32 उनकी द्राक्षालता का मूल है सोदोम की द्राक्षालता और अमोराह के खेत. उनके द्राक्षा विषैली कोटि के द्राक्षा हैं, द्राक्षा पुंज कड़वे हैं.
Sebab mereka jahat seperti Sodom dan Gomora, seperti pohon anggur yang pahit dan beracun buahnya.
33 क्योंकि उनका द्राक्षारस सर्पों का विष है, नागों का घातक ज़हर.
Air anggur mereka adalah racun ular berbisa.
34 “क्या यह सब मेरे भंडार में संग्रहीत नहीं है; मेरे कोष में मोहर के द्वारा सुरक्षित?
TUHAN ingat perbuatan musuh umat-Nya dan akan menghukum mereka pada waktunya.
35 प्रतिशोध मेरा दायित्व है; प्रतिदण्ड मैं दूंगा. वह अवसर आएगा, जब उनका पैर तो फिसलेगा ही; क्योंकि उनका विपदा दिवस आसन्न है, और द्रुत गति है उन पर आ रही नियति की.”
TUHAN akan membalas dan menghukum mereka, tak lama lagi mereka jatuh binasa; saat kehancuran mereka segera tiba.
36 क्योंकि जब याहवेह यह देखेंगे कि उनकी प्रजा की शक्ति का ह्रास हो चुका है, और दास अथवा स्वतंत्र कोई शेष न रहा है, याहवेह तब उनके सेवकों पर कृपा करेंगे और वह अपनी प्रजा का प्रतिशोध ज़रूर लेंगे.
TUHAN akan menyelamatkan umat-Nya dan mengasihani hamba-hamba-Nya, bila Ia melihat mereka tak berdaya dan sudah kehabisan tenaga.
37 याहवेह प्रश्न करेंगे: “कहां हैं उनके देवता; वह चट्टान, जिसमें उन्होंने आश्रय लिया था?
Maka TUHAN akan bertanya kepada umat-Nya, 'Di mana ilah-ilah kuat yang kamu andalkan?'
38 वे देवता, जो उनकी बलियों की वसा का सेवन करते रहे थे, और उनकी भेंट से दाखमधु का पान किया था? वे तुम्हारी सहायता के लिए सक्रिय हो जाएं! हो जाएं वे तुम्हारा आश्रय-स्थल!
Mereka makan lemak yang kamu persembahkan, dan minum air anggur yang kamu kurbankan. Suruhlah mereka datang menolong kamu, biarlah mereka menjadi perlindunganmu.
39 “ध्यान से देख लो कि मैं ही याहवेह हूं, कोई भी मेरे अलावा नहीं है—ये देवता भी नहीं; मेरे ही आदेश पर मृत्यु होती है और जीवन का प्रदाता भी मैं ही हूं, घाव मेरे द्वारा किए गए हैं, और मैं ही घाव भर भी देता हूं! कोई भी ऐसा नहीं है, जो मेरे हाथों से कुछ छीन सके.
Lihatlah, Aku Allah Yang Esa, tak ada Allah kecuali Aku. Aku membunuh dan menghidupkan, melukai dan menyembuhkan. Bila Aku bertindak, tak seorang pun dapat melawan.
40 मैं ही हूं, जो स्वर्ग की ओर अपना हाथ बढ़ाकर यह कहता हूं: शपथ मेरे जीवन की,
Demi Aku sendiri, Allah yang hidup, Kuangkat tangan-Ku dan bersumpah:
41 जब मैं अपने शत्रुओं से प्रतिशोध लूंगा, जब मैं अपने विरोधियों को उसका प्रतिफल दूंगा, मैं अपनी तलवार पर धार लगा उसे चमकाऊंगा और मेरा हाथ न्याय को पुष्ट करेगा.
Aku akan mengasah pedang-Ku yang berkilauan, dan menjalankan penghukuman. Kubalas semua lawan-Ku dan Kuhukum semua yang membenci Aku.
42 मैं अपने बाणों को रक्त से मदमस्त कर दूंगा, मेरी तलवार मारे गये लोगों और बंदियों के रक्त के साथ मांस को, शत्रुओं के लंबे-लंबे केशवाले अधिकारियों के सिरों को ग्रास लेगी.”
Panah-panah-Ku akan dilumuri darah mereka; semua yang menentang Aku Kubunuh dengan pedang-Ku. Tidak Kubiarkan siapa pun melawan Aku; orang tahanan dan yang luka-luka mesti mati juga.
43 राष्ट्रों, याहवेह की प्रजा के साथ उल्लास मनाओ, क्योंकि वह अपने सेवकों की हत्या का प्रतिशोध लेंगे; अपने शत्रुओं से वह प्रतिशोध लेंगे, इससे वह अपने देश और अपनी प्रजा के लिए प्रायश्चित पूरा कर देंगे.
Hai bangsa-bangsa, pujilah umat TUHAN, sebab TUHAN menghukum semua yang membunuh mereka. Ia membalas dendam kepada musuh-Nya tetapi mengampuni dosa umat-Nya."
44 इसके बाद मोशेह ने जाकर सारी इस्राएली प्रजा के सामने उन्हें सुनाते हुए इस गीत रचना का पठन किया; उन्होंने और उनके साथ नून के पुत्र होशिया (यहोशू) ने.
Musa dan Yosua anak Nun mengucapkan nyanyian itu, sehingga seluruh bangsa Israel dapat mendengarnya.
45 जब मोशेह सारी इस्राएलियों के सामने समग्र गीत का पाठन कर चुके,
Sehabis menyampaikan ajaran-ajaran TUHAN kepada bangsa Israel,
46 उन्होंने इस्राएलियों को आदेश दिया, “इन शब्दों को तुम हृदय में रख लो. ये मैं तुम्हें चेतावनी स्वरूप सौंप रहा हूं. तुम अपनी सन्तति को इन्हें सावधानीपूर्वक पालन करने का आदेश दोगे; इस विधान का पूरी तरह पालन करने का.
Musa berkata, "Perhatikanlah semua perintah yang saya berikan kepadamu hari ini. Ajarkanlah kepada anak-anakmu, supaya mereka dengan setia melakukan semua hukum TUHAN.
47 क्योंकि यह कोई निरर्थक वक्तव्य नहीं है. वस्तुतः यही तुम्हारे जीवन है. इसी के मर्म के द्वारा उस देश में तुम अपने जीवन के दिनों का आवर्धन करोगे, जिसमें तुम यरदन पार करके प्रवेश करने पर हो, जिसका तुम अधिग्रहण करोगे.”
Ajaran itu bukanlah kata-kata kosong, melainkan hidupmu. Taatilah semua perintah itu, supaya kamu panjang umur di negeri yang tak lama lagi kamu duduki di seberang Sungai Yordan."
48 उसी दिन याहवेह ने मोशेह को यह आदेश दिया,
Pada hari itu juga TUHAN berkata kepada Musa,
49 “अब तुम अबारिम के नेबो पर्वत पर चढ़ जाओ, जो येरीख़ो के सम्मुख मोआब देश में है. वहां जाकर तुम कनान देश पर दृष्टिपात करो, जो मैं अभिग्रहण के लिए इस्राएल को प्रदान कर रहा हूं.
"Pergilah ke Pegunungan Abarim di negeri Moab di seberang kota Yerikho. Lalu naiklah ke Gunung Nebo dan pandanglah tanah Kanaan yang tak lama lagi Kuserahkan kepada bangsa Israel.
50 तब तुम जिस पर्वत पर चढ़ोगे, वहीं अपने प्राण विसर्जित कर देना और अपने पूर्वजों में सम्मिलित हो जाना, जिस प्रकार तुम्हारे भाई अहरोन ने होर पर्वत पर जा अपने प्राण विसर्जित किए थे, और वह अपने पूर्वजों में सम्मिलित हो गया.
Engkau akan meninggal di atas gunung itu, seperti Harun saudaramu meninggal di Gunung Hor.
51 क्योंकि तुमने समस्त इस्राएलियों के बीच में मेरिबाह-कादेश के जल-स्रोतों पर ज़िन के निर्जन प्रदेश में मेरे साथ विश्वासघात किया, इस्राएलियों के बीच में मेरे लिए उपयुक्त पवित्रता का व्यवहार नहीं किया.
Kamu berdua tidak setia kepada-Ku dan tidak menghormati Aku di depan bangsa Israel waktu kamu berada di mata air Meriba, dekat kota Kades, di padang gurun Zin.
52 तुम दूर ही से उस देश का दर्शन कर सकोगे; मगर उसमें प्रवेश नहीं करोगे, उस देश में, जो मैं इस्राएलियों को प्रदान कर रहा हूं.”
Karena itu engkau tak boleh masuk ke negeri yang Kuberikan kepada bangsa Israel; engkau hanya boleh memandangnya dari jauh."