< व्यवस्था विवरण 28 >

1 अब भविष्य यह होगा, कि यदि तुम सावधानीपूर्वक याहवेह, अपने परमेश्वर के प्रति आज्ञाकारी रहोगे, जो आदेश मैं आज तुम्हें सौंप रहा हूं, याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर तुम्हें पृथ्वी के सारे राष्ट्रों से अति महान बनाए रखेंगे.
E será que, se ouvires a voz do Senhor teu Deus, tendo cuidado de guardar todos os seus mandamentos que eu te ordeno hoje, o Senhor teu Deus te exaltará sobre todas as nações da terra.
2 तुम इन सभी सुख समृद्धि से अभिभूत हो जाओगे, ये तुम तक पहुंच जाएंगी, सिर्फ यदि तुम याहवेह, अपने परमेश्वर के प्रति आज्ञाकारी बने रहोगे:
E todas estas bençãos virão sobre ti e te alcançarão, quando ouvires a voz do Senhor teu Deus
3 याहवेह तुम्हारे नगरों और खेतों को आशीष प्रदान करेंगे.
Bendito serás tu na cidade, e bendito serás no campo.
4 याहवेह तुम्हारे बच्चों को आशीर्वाद देंगे. वे तुम्हारी भूमि की फसल आशीषित होगी, और तुम्हारे जानवरों के बच्‍चे आशीषित होंगे.
Bendito o fruto do teu ventre, e o fruto da tua terra, e o fruto dos teus animais; e a criação das tuas vacas, e os rebanhos das tuas ovelhas.
5 आशीषित रहेगी तुम्हारी टोकरी और तुम्हारा आटा गूंथने का कटोरा.
Bendito o teu cesto e a tua amassadeira;
6 आशीषित रहोगे तुम, जब तुम कुछ करोगे और धन्य रहोगे तुम, जब तुम लौटकर आओगे.
Bendito serás ao entrares, e bendito serás ao saires.
7 याहवेह तुम्हारे उठे हुए शत्रुओं को हराने की योजना करेंगे; वे एक मार्ग से तुम पर हमला करने तो आएंगे. मगर तुम्हारे सामने भागते हुए सात दिशाओं में बिखर जाएंगे.
O Senhor entregará os teus inimigos, que se levantarem contra ti, feridos diante de ti: por um caminho sairão contra ti, mas por sete caminhos fugirão diante de ti
8 याहवेह तुम्हारे अन्‍नभण्डारों को, तुम्हारे हर एक उपक्रम को और उस देश को, जो याहवेह तुम्हारे परमेश्वर तुम्हें प्रदान कर रहे हैं, समृद्धि का आदेश देंगे.
O Senhor mandará a benção, que esteja contigo nos teus celeiros, e em tudo o que puseres a tua mão: e te abençoará na terra que te der o Senhor teu Deus.
9 याहवेह तुम्हें अपने ही लिए पवित्र प्रजा-स्वरूप प्रतिष्ठित करेंगे; जैसी प्रतिज्ञा वह तुमसे खुद कर चुके हैं, यदि तुम याहवेह अपने परमेश्वर के आदेशों का पालन करते हुए उनकी नीतियों का पालन करते रहोगे.
O Senhor te confirmará para si por povo santo, como te tem jurado, quando guardares os mandamentos do Senhor teu Deus, e andares nos seus caminhos.
10 परिणामस्वरूप सारी पृथ्वी के लोग इस बात के गवाह होंगे कि तुम वह प्रजा हो, जिसका सम्मान याहवेह के नाम से है. इससे उन पर तुम्हारा आतंक स्थापित हो जाएगा.
E todos os povos da terra verão que é chamado sobre ti o nome do Senhor, e terão temor de ti
11 याहवेह, तुम्हारी संतान में, तुम्हारे पशुओं की सन्तति में और तुम्हारी भूमि के उत्पाद में, तुम्हारी समृद्धि को उस देश में, जो याहवेह ने तुम्हारे पूर्वजों को देने की प्रतिज्ञा की थी, पूरा करेंगे.
E o Senhor te fará abundar de bem no fruto do teu ventre, e no fruto dos teus animais, e no fruto da tua terra, sobre a terra que o Senhor jurou a teus pais te dar.
12 याहवेह अपने बड़े भंडार को तुम्हारे लिए उपलब्ध कर देंगे; आकाश अपनी तय ऋतु में भूमि पर वृष्टि करेगा, तुम्हारे सारे काम सफल होंगे और तुम अनेक राष्ट्रों को ऋण दोगे, मगर खुद तुम्हें किसी से ऋण लेने की ज़रूरत न होगी.
O Senhor te abrirá o seu bom tesouro, o céu, para dar chuva à tua terra no seu tempo, e para abençoar toda a obra das tuas mãos; e emprestarás a muitas gentes, porém tu não tomarás emprestado.
13 याहवेह तुम्हें सबसे ऊंचा ही बनाए रखेंगे, पूंछ नहीं; तुम ऊंचाई पर ही रहोगे, अधीन कभी नहीं, यदि तुम याहवेह, अपने परमेश्वर के आदेशों का पालन करोगे, जो आज मैं तुम्हें सौंप रहा हूं; कि तुम सावधानीपूर्वक उनका पालन करते रहो,
E o Senhor te porá por cabeça, e não por cauda; e só estarás em cima, e não debaixo, quando obedeceres aos mandamentos do Senhor teu Deus, que hoje te ordeno, para os guardar e fazer
14 कि तुम इनसे, इनमें से किसी के मर्म से ज़रा भी विचलित न होओ, और पराए देवताओं की उपासना-सेवा में लीन हो जाओ.
E não te desviarás de todas as palavras que hoje te ordeno, nem para a direita nem para a esquerda, para andares após outros deuses, para os servires.
15 मगर यदि स्थिति यह हो जाए, कि आज तुम मेरे द्वारा दिए जा रहे, याहवेह तुम्हारे परमेश्वर के आदेशों और नियमों का पालन न करो, तो ये सारे शाप तुम्हें आ घेरेंगे, और तुम पर प्रभावी हो जाएंगे:
Será porém que, se não deres ouvidos à voz do Senhor teu Deus, para não cuidares em fazer todos os seus mandamentos e os seus estatutos, que hoje te ordeno, então sobre ti virão todas estas maldições, e te alcançarão:
16 तुम अपने नगर में शापित होंगे, तुम अपने देश में शापित होंगे.
Maldito serás tu na cidade, e maldito serás no campo.
17 शापित होंगी तुम्हारी टोकरी और तुम्हारे गूंथने का पात्र.
Maldito o teu cesto e a tua amassadeira;
18 शापित होंगी तुम्हारी अपनी संतान, तुम्हारी भूमि की उपज, तुम्हारे पशुओं और भेड़ों की वृद्धि.
Maldito o fruto do teu ventre, e o fruto da tua terra, e a criação das tuas vacas, e os rebanhos das tuas ovelhas.
19 शापित होगा तुम्हारा कूच और तुम्हारा लौटकर आना.
Maldito serás ao entrares, e maldito serás ao saires.
20 तुम्हारे सारे कामों में तुम्हारे कामों के दुराचार और तुम्हारे द्वारा याहवेह का त्याग किए जाने के कारण याहवेह तुम पर शाप, डर और कुंठा डाल देंगे, कि तुम नाश हो जाओ और तेजी से तुम्हारा विनाश हो जाए.
O Senhor mandará sobre ti a maldição; a turbação e a perdição em tudo em que puseres a tua mão para fazer; até que sejas destruído, e até que repentinamente pereças, por causa da maldade das tuas obras, com que me deixaste.
21 याहवेह तुम पर महामारी सम्बद्ध कर देंगे, जब तक वह तुम्हें उस देश से नाश न कर दें, जिसमें अधिकार करने के लिये तुम उसमें प्रवेश कर रहे हो.
O Senhor te fará pegar a pestilência, até que te consuma da terra a que passas a possuir.
22 याहवेह तुम पर क्षय रोग, बुखार, सूजन, बड़ी जलन और तलवार का प्रहार प्रभावी करेंगे, जब तक तुम मिट न जाओ.
O Senhor te ferirá com a tísica e com a febre, e com a quentura, e com o ardor, e com a secura, e com corrupção de sementeiras e com ferrugem; e te perseguirão até que pereças.
23 तुम्हारे सिर के ऊपर विशाल आकाश कांसे और पांवों के नीचे की धरती लोहा हो जाएगी.
E os teus céus que estão sobre a cabeça, serão de bronze; e a terra que está debaixo de ti, será de ferro
24 याहवेह, तुम पर बालू और धूल की बारिश करेंगे; ये आकाश से तुम पर ये तब तक बरसते रहेंगे जब तक तुम नाश न हो जाओ.
O Senhor por chuva da tua terra te dará pó e poeira; dos céus descerá sobre ti, até que pereças.
25 याहवेह, ऐसा करेंगे, कि तुम अपने शत्रुओं द्वारा हरा दिए जाओगे. उन पर हमला करने तो तुम एक मार्ग से जाओगे, मगर तुम सात दिशाओं में पलायन करोगे. सारी पृथ्वी के राज्यों के लिए तुम आतंक का पर्याय हो जाओगे.
O Senhor te fará cair diante dos teus inimigos; por um caminho sairás contra eles, e por sete caminhos fugirás diante deles, e serás espalhado por todos os reinos da terra.
26 तुम्हारे शव आकाश के सारे पक्षियों और पृथ्वी के पशुओं का आहार हो जाएंगे और उन्हें खदेड़ने के लिए वहां कोई भी न रहेगा.
E o teu cadáver será por comida a todas as aves dos céus, e aos animais da terra: e ninguém os espantará.
27 मिस्र देश के समान याहवेह तुम पर फोड़ों, बतौरियों का वार करेंगे और उसके अलावा चकत्ते और खुजली का भी, जिनसे तुम्हें छुड़ौती प्राप्‍त हो ही न सकेगी.
O Senhor te ferirá com as úlceras do Egito, com hemorróidas, e com sarna, e com coceira, de que não possas curar-te;
28 याहवेह तुम पर पागलपन, अंधेपन और हृदय की घबराहट का वार कर देंगे.
O Senhor te ferirá com loucura, e com cegueira, e com pasmo do coração:
29 परिणामस्परूप तुम दिन-दोपहरी टटोलते रहोगे, जिस प्रकार अंधा टटोलता रहता है. तुम्हारे कामों से तुम्हें कोई लाभ न मिलेगा, बल्कि तुम लगातार उत्पीड़ित भी किए जाओगे और लूटते जाओगे, मगर वहां तुम्हारी रक्षा के लिए कोई भी न रह जाएगा.
E apalparás ao meio dia, como o cego apalpa na escuridade, e não prosperarás nos teus caminhos: porém somente serás oprimido e roubado todos os dias, e não haverá quem te salve.
30 जिस कन्या से तुम्हारी सगाई होगी, कोई अन्य पुरुष शीलभंग करेगा; तुम अपने घर का निर्माण तो करोगे, मगर उसमें निवास न कर सकोगे. तुम अंगूर के बगीचे तो लगाओगे मगर अंगूरों का उपभोग न कर सकोगे.
Desposar-te-ás com uma mulher, porém outro homem dormirá com ela; edificarás uma casa, porém não morarás nela; plantarás uma vinha, porém não lograrás o seu fruto.
31 तुम्हारे बछड़े का वध तुम्हारे सामने तो होगा मगर तुम उसका उपभोग न कर सकोगे. तुम्हारा गधा तुमसे छीन लिया जाएगा. और तुम उसे पुनः प्राप्‍त न कर सकोगे. तुम्हारी भेड़ें तुम्हारे शत्रुओं की संपत्ति हो जाएंगी और कोई भी तुम्हारी रक्षा के लिए वहां न रहेगा.
O teu boi será morto aos teus olhos, porém dele não comerás: o teu jumento será roubado diante de ti, e não voltará a ti: as tuas ovelhas serão dadas aos teus inimigos, e não haverá quem te salve.
32 तुम्हारे पुत्र-पुत्रियां तुम्हारे देखते-देखते बंधुआई में चले जाएंगे और तुम हमेशा उनकी लालसा करते रह जाओगे, मगर इसके लिए तुम कुछ भी न कर सकोगे.
Teus filhos e tuas filhas serão dados a outro povo, os teus olhos o verão, e após deles desfalecerão todo o dia; porém não haverá poder na tua mão.
33 तुम्हारी भूमि का उत्पाद विदेशियों का आहार हो जाएगा और तुम आजीवन उत्पीड़ित और दमित किए जाते रहोगे.
O fruto da tua terra e todo o teu trabalho comerá um povo que nunca conheceste: e tu serás oprimido e quebrantado todos os dias.
34 तुम्हारे सामने जो कुछ आएगा उसे देख तुम विक्षिप्‍त हो जाओगे.
E serás louco pelo que verás com os teus olhos.
35 याहवेह तुम्हारे पैरों और घुटनों में ऐसे पीड़ादायक फोड़े उत्पन्‍न कर देंगे, जिनसे तुम स्वस्थ नहीं हो सकोगे, वस्तुतः तुम सिर से पांव तक घावों से भर जाओगे.
O Senhor te ferirá com úlceras malignas nos joelhos e nas pernas, de que não possas sarar, desde a planta do teu pé até ao alto da cabeça.
36 याहवेह तुम्हें और उस राजा को, जो तुम्हारे द्वारा प्रतिष्ठित किया गया होगा, एक ऐसे राष्ट्र में भेज देंगे, जिसे न तो तुम जानते हो और न ही जिसे तुम्हारे पूर्वजों ने जाना था. उस राष्ट्र में तुम काठ और पत्थर की मूर्तियों की सेवा-उपासना करोगे.
O Senhor te levará a ti e a teu rei, que tiveres posto sobre ti, a uma gente que não conheceste, nem tu nem teus pais; e ali servirás a outros deuses, ao pau e à pedra.
37 तब तुम उन लोगों के बीच, जिनके बीच में याहवेह तुम्हें हकाल देंगे, भय, लोकोक्ति और उपहास का विषय होकर रह जाओगे.
E serás por pasmo, por ditado, e por fábula entre todos os povos a que o Senhor te levará.
38 तुम विपुल बीज बोओगे, मगर फसल काटने के अवसर पर तुम बहुत अल्प एकत्र कर सकोगे, क्योंकि टिड्डियां इसे चट कर जाएंगी.
Lançarás muita semente ao campo; porém colherás pouco, porque o gafanhoto a consumirá.
39 तुम द्राक्षा उद्यानों का रोपण और कृषि ज़रूर करोगे, मगर तुम न तो द्राक्षा एकत्र कर सकोगे और न ही द्राक्षारस का सेवन कर सकोगे, इन्हें कीट चट कर जाएंगे.
Plantarás vinhas, e cultivarás; porém não beberás vinho, nem colherás as uvas; porque o bicho as colherá.
40 तुम्हारे देश की सारी सीमा में ज़ैतून वृक्ष तो होंगे, मगर तुम ज़ैतून तेल का प्रयोग अभ्यंजन के लिए नहीं कर सकोगे, क्योंकि ज़ैतून फलों का अवपात हो जाएगा.
Em todos os termos terás oliveiras; porém não te ungirás com azeite; porque a azeitona cairá da tua oliveira.
41 तुम्हारे पुत्र-पुत्रियां पैदा ज़रूर होंगे, मगर वे तुम्हारे होकर न रह सकेंगे, क्योंकि उन्हें बन्दीत्व में ले जाया जाएगा.
Filhos e filhas gerarás; porém não serão para ti; porque irão em cativeiro.
42 कीट तुम्हारे सारे वृक्षों और भूमि की उपज में समा जाएंगे.
Todo o teu arvoredo e o fruto da tua terra consumirá a lagarta.
43 तुम्हारे बीच प्रवास कर रहा विदेशी तुमसे अधिक उन्‍नत होता जाएगा, मगर खुद तुम्हारा ह्रास ही ह्रास होता चला जाएगा.
O estrangeiro, que está no meio de ti, se elevará muito sobre ti, e tu mui baixo descerás;
44 वह विदेशी ही तुम्हें ऋण देने की स्थिति में होगा, मगर तुम उसे ऋण देने की स्थिति में न रहोगे. वह तो शीर्ष पर पहुंच जाएगा, मगर तुम निम्नतम स्तर पर रह जाओगे.
Ele te emprestará a ti, porém tu não lhe emprestarás a ele: ele será por cabeça, e tu serás por cauda.
45 इस प्रकार ये सारे शाप तुम पर प्रभावी हो जाएंगे, तुम्हारा पीछा करते रहेंगे, तुम्हें पकड़ लेंगे, कि तुम पूरी तरह नाश हो जाओ, क्योंकि तुमने याहवेह तुम्हारे परमेश्वर के आदेशों का पालन नहीं किया, उनके अध्यादेशों को पूरा नहीं किया, जो खुद उन्हीं ने तुम्हें प्रदान किए हैं.
E todas estas maldições virão sobre ti, e te perseguirão, e te alcançarão, até que sejas destruído: porquanto não haverás dado ouvidos à voz do Senhor teu Deus, para guardar os seus mandamentos, e o seus estatutos, que te tem ordenado:
46 ये शाप तुम्हारे और तुम्हारे वंशजों के लिए चिन्ह और अलौकिक घटनाएं होकर रह जाएंगे.
E serão entre ti por sinal e por maravilha, como também entre a tua semente para sempre.
47 इसलिये कि तुमने इन सारी समृद्धि के लिए याहवेह, अपने परमेश्वर की वंदना न तो सहर्ष भाव में की और न सच्चे हृदय के साथ,
Porquanto não haverás servido ao Senhor teu Deus com alegria e bondade de coração, pela abundância de tudo.
48 इसलिये तुम याहवेह द्वारा उत्प्रेरित अपने शत्रुओं के सेवक होकर रह जाओगे; जब तुम भूख, प्यास, नंगाई और सब प्रकार के अभाव की स्थिति में रहोगे. याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर तुम्हारी गर्दन पर लोहे का जूआ तब तक रखे रहेंगे, जब तक वह तुम्हें नाश न कर दें.
Assim servirás aos teus inimigos, que o Senhor enviará contra ti, com fome, e com sede, e com nudez, e com falta de tudo: e sobre o teu pescoço porá um jugo de ferro, até que te tenha destruído.
49 याहवेह दूरस्त देश को तुम पर हमला के लिए प्रेरित करेंगे; हां, पृथ्वी के छोर से, जिस प्रकार गरुड़ झपटता है, वह ऐसा राष्ट्र होगा, जिसकी भाषा तुम समझ नहीं पाओगे,
O Senhor levantará contra ti uma nação de longe, da extremidade da terra, que vôa como a águia, nação cuja língua não entenderás;
50 वह रौद्र स्वरूप राष्ट्र होगा. उसके हृदय में न तो वृद्धों के प्रति सम्मान होगा, न बालकों के प्रति करुणा.
Nação feroz de rosto, que não atentará para o rosto do velho, nem se apiedará do moço
51 इसके अलावा वह राष्ट्र तब तक तुम्हारे पशुओं के बच्चों और भूमि की उपज का उपभोग करता रहेगा, जब तक तुम नाश न हो जाओ. अर्थात् वह राष्ट्र तुम्हारे उपभोग के लिए न तो अन्‍न छोड़ेगा, न नया द्राक्षारस न नया तेल, न तुम्हारे पशुओं की सन्तति और न ही भेड़ों के मेमने, जिससे तुम नाश हो ही जाओगे.
E comerá o fruto dos teus animais, e o fruto da tua terra, até que sejas destruído; e não te deixará grão mosto, nem azeite, criação das tuas vacas, nem rebanhos das tuas ovelhas, até que te tenha consumido;
52 वह राष्ट्र तुम्हारे सारे नगरों में की घेराबंदी कर लेगा और उसके हमला के परिणामस्वरूप वे उस पूरे देश में, जो तुम्हें याहवेह तुम्हारे परमेश्वर द्वारा प्रदान किया गया था, जिन शहरपनाहों पर तुम्हें पूरा भरोसा रहा था, भंग कर देंगे.
E te angustiará em todas as tuas portas, até que venham a cair os teus altos e fortes muros, em que confiavas em toda a tua terra; e te angustiará até em todas as tuas portas, em toda a tua terra que te tem dado o Senhor teu Deus:
53 शत्रुओं द्वारा की गई घेराबंदी और उसके द्वारा दी गई प्रताड़ना के कारण तुम अपनी निज संतान को खाने लगोगे, तुम्हारे अपने पुत्र-पुत्रियों के मांस को, जो तुम्हें याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर द्वारा प्रदान किए गए हैं.
E comerás o fruto do teu ventre, a carne de teus filhos e de tuas filhas, que te der o Senhor teu Deus, no cerco e no aperto com que os teus inimigos te apertarão.
54 उस समय वह व्यक्ति, जो तुम्हारे बीच में बहुत शालीन और संवेदनशील माना जाता है, वही अपने सहनागरिकों, अपनी प्रिय पत्नी और अपनी शेष संतान के प्रति निर्मम हो जाएगा,
Quanto ao homem mais mimoso e mui delicado entre ti, o seu olho será maligno contra o seu irmão, e contra a mulher de seu regaço, e contra os demais de seus filhos que ainda lhe ficarem;
55 वह अपनी संतान के मांस में से किसी को कुछ न देगा, क्योंकि अभाव इतना ज्यादा हो जाएगा. ऐसी भयावह हो जाएगी वह स्थिति, जब तुम्हारे वे शत्रु तुम्हारे सारे नगरों में तुम पर अत्याचार करते रहें.
De sorte que não dará a nenhum deles da carne de seus filhos, que ele comer; porquanto nada lhe ficou de resto no cerco e no aperto com que o teu inimigo te apertará em todas as tuas portas.
56 तुम्हारे बीच वह स्त्री, जो बहुत शालीन और सुकुमारी मानी जाती है, जो इतनी परिष्कृत और सुकुमारी है, कि वह अपने पांव तक भूमि पर नहीं पड़ने देती, वही अपने प्रिय पति और पुत्र-पुत्री के प्रतिकूल हो जाएगी.
E quanto à mulher mais mimosa e delicada entre ti, que de mimo e delicadeza nunca tentou pôr a planta de seu pé sobre a terra, será maligno o seu olho contra o homem de seu regaço, e contra seu filho, e contra sua filha;
57 वह उन्हें न तो अपने गर्भ की ममता दिखाएगी और न नवजात शिशु की, क्योंकि शत्रुओं द्वारा घेरे गए तुम्हारे नगर की स्थिति ऐसी शोचनीय हो चुकी होगी, कि वह खुद इन्हें छिप-छिप कर खाती रहना चाहेगी.
E isto por causa de suas páreas, que sairem dentre os seus pés, e por causa de seus filhos que parir; porque os comerá às escondidas pela falta de tudo, no cerco e no aperto com que o teu inimigo te apertará nas tuas portas.
58 यदि तुम इस व्यवस्था में लिखित विधि के सब वचनों का पालन के प्रति सावधान न रहोगे, इस सम्मान्य और उदात्त नाम याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर के प्रति श्रद्धा न रखो,
Se não tiveres cuidado de guardar todas as palavras desta lei, que estão escritas neste livro, para temeres este nome glorioso e terrível, o Senhor teu Deus,
59 तब याहवेह तुम पर और तुम्हारे वंशजों पर अभूतपूर्व महामारियां ले आएंगे. ये महामारियां बहुत पीड़ादायी और स्थायी प्रकृति की और चिरकालिक और दयनीय व्याधियां होंगी.
Então o Senhor fará maravilhosas as tuas pragas, e as pragas de tua semente, grandes e certas pragas, e enfermidades más e certas;
60 याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर मिस्र देश पर प्रभावी की गई सारी व्याधियां तुम पर प्रभावी कर देंगे, जो तुम्हारे लिए भयावह बनी हुई थीं, वे तुम पर संलग्न हो जाएंगी.
E fará tornar sobre ti todos os males do Egito, de que tu tiveste temor, e se apegarão a ti.
61 यहां तक कि वे सारी व्याधियां और वे सारी महामारियां, जिनका उल्लेख इस विधान अभिलेख में नहीं किया गया है, याहवेह तुम पर प्रभावी कर देंगे, कि तुम्हारा विनाश हो जाए.
Também o Senhor fará vir sobre ti toda a enfermidade e toda a praga, que não está escrita no livro desta lei, até que sejas destruído.
62 तब तुम्हारी गिनती कम रह जाएगी, जबकि एक समय तुम ऐसे अनगिनत थे, जैसे आकाश के तारे. कारण यह है, कि तुम याहवेह तुम्हारे परमेश्वर के प्रति अनाज्ञाकारी हो गए थे.
E ficareis poucos homens, em lugar de haverem sido como as estrelas dos céus em multidão: porquanto não destes ouvidos à voz do Senhor teu Deus
63 जिस प्रकार एक समय याहवेह की तुष्टि तुम्हारे जनसंख्या के बढ़ने और समृद्धि में थी, उसी प्रकार याहवेह की तुष्टि होगी तुम्हें नाश कर देने और मिटा देने में. तुम जिस देश पर अधिकार करने के उद्देश्य से उसमें प्रवेश कर रहे हो, तुम वहां से निकाल दिए जाओगे.
E será que, assim como o Senhor se deleitava em vós, em fazer-vos bem e multiplicar-vos, assim o Senhor se deleitara em vós, em destruir-vos e consumir-vos; e desarreigados sereis da terra a qual tu passas a possuir.
64 इसके अलावा, याहवेह ही तुम्हें हर जगह बिखरा देंगे; पृथ्वी के एक छोर से अन्य छोर तक. वहां तुम पराए देवताओं—पत्थर और लकड़ी के देवताओं के सेवक बन जाओगे, तुम्हारे पूर्वजों से सर्वथा अज्ञात देवताओं के.
E o Senhor vos espalhará entre todos os povos, desde uma extremidade da terra até à outra extremidade da terra: e ali servirás a outros deuses que não conheceste, nem tu nem teus pais: ao pau e à pedra
65 इन जनताओं के बीच निवास करते हुए तुम्हें ज़रा भी शांति प्राप्‍त न होगी. मगर हां, वहां याहवेह तुम्हें एक चिंतित हृदय प्रदान करेंगे. तुम्हारी दृष्टि क्षीण होती जाएगी और तुममें साहस न रह जाएगा.
E nem ainda entre as mesmas gentes descançarás, nem a planta de teu pé terá repouso: porquanto o Senhor ali te dará coração tremente, e desfalecimento dos olhos, e desmaio da alma.
66 तुम हमेशा संशय की स्थिति में रहोगे, तुम दिन में और रात में आतंक से भरे रहोगे, तुम्हारे जीवन का कोई निश्चय न रह जाएगा.
E a tua vida como em suspenso estará diante de ti; e estremecerás de noite e de dia, e não crerás na tua própria vida.
67 प्रातः तुम विचार करोगे, “उत्तम होगा यह प्रातः नहीं, संध्या होती!” वैसे ही तुम संध्याकाल में यह कामना करते रहोगे: “उत्तम होता कि यह प्रभात होता!” यह उस आतंक के कारण होगा, जिसने तुम्हें भर रखा है, उस दृश्य के कारण, जो तुम्हारे सामने छाया रहता है.
Pela manhã dirás: Ah! quem me dera ver a noite! E à tarde dirás: Ah! quem me dera ver a manhã! pelo pasmo de teu coração, com que pasmarás, e pelo que verás com os teus olhos
68 याहवेह, जो तुम्हें जलयानों में मिस्र देश में लौटा ले जाएंगे; उस मार्ग से जिसके विषय में मैंने कहा था, अब तुम इसे फिर कभी न देखोगे. तब तुम वहां खुद को अपने शत्रुओं के सामने पुरुष और स्त्री, दास-दासियों स्वरूप बिकने के लिए प्रस्तुत कर दोगे, मगर तुम्हें वहां कोई खरीददार प्राप्‍त न होगा.
E o Senhor te fará voltar ao Egito em navios, pelo caminho de que te tenho dito: Nunca jamais o verás: e ali sereis vendidos por servos e por servas aos vossos inimigos; mas não haverá quem vos compre.

< व्यवस्था विवरण 28 >