< व्यवस्था विवरण 28 >

1 अब भविष्य यह होगा, कि यदि तुम सावधानीपूर्वक याहवेह, अपने परमेश्वर के प्रति आज्ञाकारी रहोगे, जो आदेश मैं आज तुम्हें सौंप रहा हूं, याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर तुम्हें पृथ्वी के सारे राष्ट्रों से अति महान बनाए रखेंगे.
Und es soll geschehen, wenn du auf die Stimme Jehovahs, deines Gottes, hörst, daß du hältst und tust alle Seine Gebote, die ich dir heute gebiete, daß Jehovah, dein Gott, dich höher machen wird denn alle Völkerschaften der Erde.
2 तुम इन सभी सुख समृद्धि से अभिभूत हो जाओगे, ये तुम तक पहुंच जाएंगी, सिर्फ यदि तुम याहवेह, अपने परमेश्वर के प्रति आज्ञाकारी बने रहोगे:
Und werden über dich kommen alle diese Segnungen und dich erreichen, wenn du hörst auf die Stimme Jehovahs, deines Gottes.
3 याहवेह तुम्हारे नगरों और खेतों को आशीष प्रदान करेंगे.
Gesegnet wirst du sein in der Stadt und gesegnet wirst du sein auf dem Feld.
4 याहवेह तुम्हारे बच्चों को आशीर्वाद देंगे. वे तुम्हारी भूमि की फसल आशीषित होगी, और तुम्हारे जानवरों के बच्‍चे आशीषित होंगे.
Gesegnet wird sein die Frucht deines Leibes und die Frucht deines Bodens, und die Frucht deines Viehs, der Wurf deiner Rinder und die Zucht deines Kleinviehs.
5 आशीषित रहेगी तुम्हारी टोकरी और तुम्हारा आटा गूंथने का कटोरा.
Gesegnet wird dein Korb sein und dein Backtrog.
6 आशीषित रहोगे तुम, जब तुम कुछ करोगे और धन्य रहोगे तुम, जब तुम लौटकर आओगे.
Gesegnet wirst du sein in deinem Eingang und gesegnet in deinem Ausgang.
7 याहवेह तुम्हारे उठे हुए शत्रुओं को हराने की योजना करेंगे; वे एक मार्ग से तुम पर हमला करने तो आएंगे. मगर तुम्हारे सामने भागते हुए सात दिशाओं में बिखर जाएंगे.
Jehovah läßt deine Feinde, die wider dich aufstehen, vor dir geschlagen werden. Auf einen Weg ziehen sie gegen dich aus und auf sieben Wegen fliehen sie vor dir.
8 याहवेह तुम्हारे अन्‍नभण्डारों को, तुम्हारे हर एक उपक्रम को और उस देश को, जो याहवेह तुम्हारे परमेश्वर तुम्हें प्रदान कर रहे हैं, समृद्धि का आदेश देंगे.
Jehovah entbietet den Segen in deine Speicher bei dir und in alles, wo deine Hand du ausreckst; und Er segnet dich in dem Land, das Jehovah, dein Gott, dir gibt.
9 याहवेह तुम्हें अपने ही लिए पवित्र प्रजा-स्वरूप प्रतिष्ठित करेंगे; जैसी प्रतिज्ञा वह तुमसे खुद कर चुके हैं, यदि तुम याहवेह अपने परमेश्वर के आदेशों का पालन करते हुए उनकी नीतियों का पालन करते रहोगे.
Jehovah richtet dich für Sich zu einem heiligen Volke auf, wie Er dir geschworen hat, wenn du die Gebote Jehovahs, deines Gottes, hältst und in Seinen Wegen wandelst.
10 परिणामस्वरूप सारी पृथ्वी के लोग इस बात के गवाह होंगे कि तुम वह प्रजा हो, जिसका सम्मान याहवेह के नाम से है. इससे उन पर तुम्हारा आतंक स्थापित हो जाएगा.
Und sehen sollen alle Völker der Erde, daß Jehovahs Namen über dir genannt ist, und sich vor dir fürchten.
11 याहवेह, तुम्हारी संतान में, तुम्हारे पशुओं की सन्तति में और तुम्हारी भूमि के उत्पाद में, तुम्हारी समृद्धि को उस देश में, जो याहवेह ने तुम्हारे पूर्वजों को देने की प्रतिज्ञा की थी, पूरा करेंगे.
Und Jehovah wird dir einen Überfluß geben vom Guten in der Frucht deines Leibes und in der Frucht deines Viehs, und in der Frucht deines Bodens, auf dem Boden, den dir zu geben Jehovah deinen Vätern geschworen hat.
12 याहवेह अपने बड़े भंडार को तुम्हारे लिए उपलब्ध कर देंगे; आकाश अपनी तय ऋतु में भूमि पर वृष्टि करेगा, तुम्हारे सारे काम सफल होंगे और तुम अनेक राष्ट्रों को ऋण दोगे, मगर खुद तुम्हें किसी से ऋण लेने की ज़रूरत न होगी.
Öffnen wird Jehovah dir Seinen guten Schatz, die Himmel, um Regen zu geben in deinem Land zu seiner Zeit und zu segnen alles Tun deiner Hand, und du leihst vielen Völkerschaften, du aber entlehnst nicht.
13 याहवेह तुम्हें सबसे ऊंचा ही बनाए रखेंगे, पूंछ नहीं; तुम ऊंचाई पर ही रहोगे, अधीन कभी नहीं, यदि तुम याहवेह, अपने परमेश्वर के आदेशों का पालन करोगे, जो आज मैं तुम्हें सौंप रहा हूं; कि तुम सावधानीपूर्वक उनका पालन करते रहो,
Und Jehovah wird dich machen zum Haupt und nicht zum Schwanze, daß du nur oben bist und nicht unten seiest, wenn du hörst auf Jehovahs, deines Gottes, Gebote, die ich dir heute gebiete, daß du sie haltest und tust;
14 कि तुम इनसे, इनमें से किसी के मर्म से ज़रा भी विचलित न होओ, और पराए देवताओं की उपासना-सेवा में लीन हो जाओ.
Und nicht von all den Worten, die ich euch heute gebiete, weder zur Rechten noch zur Linken abweichest, so daß du anderen Göttern nachgehst ihnen zu dienen.
15 मगर यदि स्थिति यह हो जाए, कि आज तुम मेरे द्वारा दिए जा रहे, याहवेह तुम्हारे परमेश्वर के आदेशों और नियमों का पालन न करो, तो ये सारे शाप तुम्हें आ घेरेंगे, और तुम पर प्रभावी हो जाएंगे:
Aber wenn du nicht hörst auf die Stimme Jehovahs, deines Gottes, so daß du haltest zu tun alle Seine Gebote und Seine Satzungen, die ich dir heute gebiete, so wird geschehen, daß alle diese Flüche über dich kommen und dich erreichen.
16 तुम अपने नगर में शापित होंगे, तुम अपने देश में शापित होंगे.
Verflucht bist du in der Stadt und verflucht bist du auf dem Felde;
17 शापित होंगी तुम्हारी टोकरी और तुम्हारे गूंथने का पात्र.
Verflucht dein Korb und dein Backtrog;
18 शापित होंगी तुम्हारी अपनी संतान, तुम्हारी भूमि की उपज, तुम्हारे पशुओं और भेड़ों की वृद्धि.
Verflucht ist deines Leibes Frucht und die Frucht deines Bodens, der Wurf deiner Rinder und die Zucht deines Kleinviehs;
19 शापित होगा तुम्हारा कूच और तुम्हारा लौटकर आना.
Verflucht bist du in deinem Eingang und verflucht in deinem Ausgang.
20 तुम्हारे सारे कामों में तुम्हारे कामों के दुराचार और तुम्हारे द्वारा याहवेह का त्याग किए जाने के कारण याहवेह तुम पर शाप, डर और कुंठा डाल देंगे, कि तुम नाश हो जाओ और तेजी से तुम्हारा विनाश हो जाए.
Senden wird Jehovah wider dich die Verfluchung, die Bestürzung und die Bedrohung in allem, wozu du deine Hand ausreckst, das du tust, bis du vernichtet wirst, und du eilends umkommst, vor dem Bösen deiner Handlungen, daß du Mich verlassen hast.
21 याहवेह तुम पर महामारी सम्बद्ध कर देंगे, जब तक वह तुम्हें उस देश से नाश न कर दें, जिसमें अधिकार करने के लिये तुम उसमें प्रवेश कर रहे हो.
Jehovah wird dir anhängen die Pest, bis daß sie dich verzehrt von dem Boden, auf den du kommen wirst, ihn einzunehmen.
22 याहवेह तुम पर क्षय रोग, बुखार, सूजन, बड़ी जलन और तलवार का प्रहार प्रभावी करेंगे, जब तक तुम मिट न जाओ.
Schlagen wird dich Jehovah mit Schwindsucht und mit Fieberglut und mit hitzigem und mit entzündlichem Fieber, und mit Dürre und mit Kornbrand und mit Vergilbung, und sie werden dir nachsetzen, bis du umkommst.
23 तुम्हारे सिर के ऊपर विशाल आकाश कांसे और पांवों के नीचे की धरती लोहा हो जाएगी.
Und deine Himmel über deinem Haupte werden Erz und unter dir die Erde wird Eisen sein.
24 याहवेह, तुम पर बालू और धूल की बारिश करेंगे; ये आकाश से तुम पर ये तब तक बरसते रहेंगे जब तक तुम नाश न हो जाओ.
Als Regen für dein Land wird Jehovah dir Staubpulver und Flugsand geben; vom Himmel kommt er herab über dich, bis daß du vernichtet bist.
25 याहवेह, ऐसा करेंगे, कि तुम अपने शत्रुओं द्वारा हरा दिए जाओगे. उन पर हमला करने तो तुम एक मार्ग से जाओगे, मगर तुम सात दिशाओं में पलायन करोगे. सारी पृथ्वी के राज्यों के लिए तुम आतंक का पर्याय हो जाओगे.
Jehovah wird dich geschlagen dahingeben vor deinem Feind; auf einem Wege wirst du wider ihn ausziehen, und auf sieben Wegen vor ihm fliehen, und wirst zum Grauen werden allen Königreichen der Erde.
26 तुम्हारे शव आकाश के सारे पक्षियों और पृथ्वी के पशुओं का आहार हो जाएंगे और उन्हें खदेड़ने के लिए वहां कोई भी न रहेगा.
Und dein Leichnam wird zur Speise allem Gevögel des Himmels und für das Getier der Erde, und niemand wird sie von dannen aufscheuchen.
27 मिस्र देश के समान याहवेह तुम पर फोड़ों, बतौरियों का वार करेंगे और उसके अलावा चकत्ते और खुजली का भी, जिनसे तुम्हें छुड़ौती प्राप्‍त हो ही न सकेगी.
Und Jehovah wird dich schlagen mit dem Geschwür Ägyptens und mit Goldaderknoten und mit Krätze und mit Ausschlag, die niemand zu heilen vermag.
28 याहवेह तुम पर पागलपन, अंधेपन और हृदय की घबराहट का वार कर देंगे.
Schlagen wird dich Jehovah mit Wahnsinn und mit Blindheit und Stumpfsinn des Herzens.
29 परिणामस्परूप तुम दिन-दोपहरी टटोलते रहोगे, जिस प्रकार अंधा टटोलता रहता है. तुम्हारे कामों से तुम्हें कोई लाभ न मिलेगा, बल्कि तुम लगातार उत्पीड़ित भी किए जाओगे और लूटते जाओगे, मगर वहां तुम्हारी रक्षा के लिए कोई भी न रह जाएगा.
Und du wirst tappen in der Mittagshelle, wie der Blinde tappt im Dunkeln, du wirst kein Gelingen haben auf deinen Wegen, und wirst eitel Unterdrückung und Plünderung erleiden alle Tage, und niemand wird dich retten.
30 जिस कन्या से तुम्हारी सगाई होगी, कोई अन्य पुरुष शीलभंग करेगा; तुम अपने घर का निर्माण तो करोगे, मगर उसमें निवास न कर सकोगे. तुम अंगूर के बगीचे तो लगाओगे मगर अंगूरों का उपभोग न कर सकोगे.
Du wirst dir ein Weib verloben, aber ein anderer Mann wird sie beschlafen. Ein Haus wirst du bauen, aber nicht darin wohnen, einen Weinberg pflanzen, aber nicht genießen.
31 तुम्हारे बछड़े का वध तुम्हारे सामने तो होगा मगर तुम उसका उपभोग न कर सकोगे. तुम्हारा गधा तुमसे छीन लिया जाएगा. और तुम उसे पुनः प्राप्‍त न कर सकोगे. तुम्हारी भेड़ें तुम्हारे शत्रुओं की संपत्ति हो जाएंगी और कोई भी तुम्हारी रक्षा के लिए वहां न रहेगा.
Dein Ochse wird vor deinen Augen geschlachtet und du wirst nicht davon essen. Dein Esel wird dir vor deinem Angesicht entrissen und er wird nicht zu dir zurückkehren. Dein Kleinvieh wird deinem Feind gegeben, und niemand ist da, der dich rettete.
32 तुम्हारे पुत्र-पुत्रियां तुम्हारे देखते-देखते बंधुआई में चले जाएंगे और तुम हमेशा उनकी लालसा करते रह जाओगे, मगर इसके लिए तुम कुछ भी न कर सकोगे.
Deine Söhne und deine Töchter werden einem anderen Volke gegeben, und deine Augen sehen es und verzehren ob ihnen den ganzen Tag, aber nichts ist in der Kraft deiner Hand.
33 तुम्हारी भूमि का उत्पाद विदेशियों का आहार हो जाएगा और तुम आजीवन उत्पीड़ित और दमित किए जाते रहोगे.
Die Frucht deines Bodens und all deinen Erwerb verzehrt ein Volk, das du nicht kennst, und nur unterdrückt und zerschlagen bist du alle deine Tage.
34 तुम्हारे सामने जो कुछ आएगा उसे देख तुम विक्षिप्‍त हो जाओगे.
Und wirst wahnsinnig sein ob all dem Anblick dessen, was dein Auge sehen muß.
35 याहवेह तुम्हारे पैरों और घुटनों में ऐसे पीड़ादायक फोड़े उत्पन्‍न कर देंगे, जिनसे तुम स्वस्थ नहीं हो सकोगे, वस्तुतः तुम सिर से पांव तक घावों से भर जाओगे.
Schlagen wird dich Jehovah mit dem bösen Geschwür an den Knien und an den Schenkeln, von dem du nicht vermagst geheilt zu werden, von der Sohle deines Fußes bis zu deinem Scheitel.
36 याहवेह तुम्हें और उस राजा को, जो तुम्हारे द्वारा प्रतिष्ठित किया गया होगा, एक ऐसे राष्ट्र में भेज देंगे, जिसे न तो तुम जानते हो और न ही जिसे तुम्हारे पूर्वजों ने जाना था. उस राष्ट्र में तुम काठ और पत्थर की मूर्तियों की सेवा-उपासना करोगे.
Jehovah läßt dich und deinen König, den du über dich eingesetzt, zu einer Völkerschaft gehen, die du nicht kennst, weder du, noch deine Väter, und wirst dort anderen Göttern dienen, dem Holz und Stein.
37 तब तुम उन लोगों के बीच, जिनके बीच में याहवेह तुम्हें हकाल देंगे, भय, लोकोक्ति और उपहास का विषय होकर रह जाओगे.
Und wirst zum Entsetzen, zum Sprichwort und zur Stachelrede werden unter allen den Völkern, unter die dich Jehovah führen läßt.
38 तुम विपुल बीज बोओगे, मगर फसल काटने के अवसर पर तुम बहुत अल्प एकत्र कर सकोगे, क्योंकि टिड्डियां इसे चट कर जाएंगी.
Viel Samen wirst du in das Feld hinausbringen und wenig einsammeln; denn die Heuschrecke frißt es ab.
39 तुम द्राक्षा उद्यानों का रोपण और कृषि ज़रूर करोगे, मगर तुम न तो द्राक्षा एकत्र कर सकोगे और न ही द्राक्षारस का सेवन कर सकोगे, इन्हें कीट चट कर जाएंगे.
Weinberge wirst du pflanzen und bebauen; aber den Wein sollst du nicht trinken noch heimbringen, weil der Wurm ihn fressen wird.
40 तुम्हारे देश की सारी सीमा में ज़ैतून वृक्ष तो होंगे, मगर तुम ज़ैतून तेल का प्रयोग अभ्यंजन के लिए नहीं कर सकोगे, क्योंकि ज़ैतून फलों का अवपात हो जाएगा.
Ölbäume wirst du haben in all deiner Grenze; aber nicht mit Öl dich salben; denn dein Ölbaum wirft ab.
41 तुम्हारे पुत्र-पुत्रियां पैदा ज़रूर होंगे, मगर वे तुम्हारे होकर न रह सकेंगे, क्योंकि उन्हें बन्दीत्व में ले जाया जाएगा.
Söhne und Töchter wirst du zeugen, aber sie werden dein nicht sein, denn sie werden in die Gefangenschaft gehen.
42 कीट तुम्हारे सारे वृक्षों और भूमि की उपज में समा जाएंगे.
Alle deine Bäume und deines Bodens Frucht nimmt die Grille ein.
43 तुम्हारे बीच प्रवास कर रहा विदेशी तुमसे अधिक उन्‍नत होता जाएगा, मगर खुद तुम्हारा ह्रास ही ह्रास होता चला जाएगा.
Der Fremdling, der in deiner Mitte ist, wird höher und höher hinaufsteigen über dich, und du wirst immer tiefer und tiefer hinabkommen.
44 वह विदेशी ही तुम्हें ऋण देने की स्थिति में होगा, मगर तुम उसे ऋण देने की स्थिति में न रहोगे. वह तो शीर्ष पर पहुंच जाएगा, मगर तुम निम्नतम स्तर पर रह जाओगे.
Er wird dir leihen und du wirst ihm nicht leihen. Er wird zum Haupte sein, du aber wirst zum Schwanze werden.
45 इस प्रकार ये सारे शाप तुम पर प्रभावी हो जाएंगे, तुम्हारा पीछा करते रहेंगे, तुम्हें पकड़ लेंगे, कि तुम पूरी तरह नाश हो जाओ, क्योंकि तुमने याहवेह तुम्हारे परमेश्वर के आदेशों का पालन नहीं किया, उनके अध्यादेशों को पूरा नहीं किया, जो खुद उन्हीं ने तुम्हें प्रदान किए हैं.
Und all diese Flüche kommen über dich, und setzen dir nach und erreichen dich, bis du vernichtet bist, denn du hast auf die Stimme Jehovahs, deines Gottes nicht gehört, so daß du hieltest Seine Gebote und Seine Satzungen, die Er dir gebot.
46 ये शाप तुम्हारे और तुम्हारे वंशजों के लिए चिन्ह और अलौकिक घटनाएं होकर रह जाएंगे.
Und sie werden zum Zeichen und Wahrzeichen an dir und an deinem Samen werden ewiglich.
47 इसलिये कि तुमने इन सारी समृद्धि के लिए याहवेह, अपने परमेश्वर की वंदना न तो सहर्ष भाव में की और न सच्चे हृदय के साथ,
Darum, daß du bei all dem Vielen Jehovah, deinem Gott, nicht mit Fröhlichkeit und gutem Herzen gedient hast.
48 इसलिये तुम याहवेह द्वारा उत्प्रेरित अपने शत्रुओं के सेवक होकर रह जाओगे; जब तुम भूख, प्यास, नंगाई और सब प्रकार के अभाव की स्थिति में रहोगे. याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर तुम्हारी गर्दन पर लोहे का जूआ तब तक रखे रहेंगे, जब तक वह तुम्हें नाश न कर दें.
Und dienen sollst du deinen Feinden, denn Jehovah sandte wider dich, mit Hunger und mit Durst und mit Nacktheit und mit Mangel an allem; und ein eisern Joch wird Er auf deinen Nacken legen, bis daß Er dich vernichte.
49 याहवेह दूरस्त देश को तुम पर हमला के लिए प्रेरित करेंगे; हां, पृथ्वी के छोर से, जिस प्रकार गरुड़ झपटता है, वह ऐसा राष्ट्र होगा, जिसकी भाषा तुम समझ नहीं पाओगे,
Aus der Ferne vom Ende der Erde wird Jehovah eine Völkerschaft heraufbringen wider dich, wie der Adler daherschießt, eine Völkerschaft, deren Zunge du nicht verstehst.
50 वह रौद्र स्वरूप राष्ट्र होगा. उसके हृदय में न तो वृद्धों के प्रति सम्मान होगा, न बालकों के प्रति करुणा.
Eine Völkerschaft starken Angesichts, die das Angesicht des Alten nicht ansieht, noch Gnade für den Jungen hat,
51 इसके अलावा वह राष्ट्र तब तक तुम्हारे पशुओं के बच्चों और भूमि की उपज का उपभोग करता रहेगा, जब तक तुम नाश न हो जाओ. अर्थात् वह राष्ट्र तुम्हारे उपभोग के लिए न तो अन्‍न छोड़ेगा, न नया द्राक्षारस न नया तेल, न तुम्हारे पशुओं की सन्तति और न ही भेड़ों के मेमने, जिससे तुम नाश हो ही जाओगे.
Und sie verzehrt die Frucht deines Viehs und deines Bodens Frucht, bis daß du vernichtet bist, die dir nichts verbleiben läßt von Korn, von Most und Öl, vom Wurfe deiner Rinder und von deines Kleinviehs Zucht, bis daß es dich zerstört hat.
52 वह राष्ट्र तुम्हारे सारे नगरों में की घेराबंदी कर लेगा और उसके हमला के परिणामस्वरूप वे उस पूरे देश में, जो तुम्हें याहवेह तुम्हारे परमेश्वर द्वारा प्रदान किया गया था, जिन शहरपनाहों पर तुम्हें पूरा भरोसा रहा था, भंग कर देंगे.
Und wird dich bedrängen in allen deinen Toren, bis herabkommen deine Mauern, die hohen und festen, auf welche du vertrautest, in deinem ganzen Land, und wird dich bedrängen in allen deinen Toren, in deinem ganzen Lande, das Jehovah, dein Gott, dir gegeben hat.
53 शत्रुओं द्वारा की गई घेराबंदी और उसके द्वारा दी गई प्रताड़ना के कारण तुम अपनी निज संतान को खाने लगोगे, तुम्हारे अपने पुत्र-पुत्रियों के मांस को, जो तुम्हें याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर द्वारा प्रदान किए गए हैं.
Und wirst verzehren deine Leibesfrucht, deiner Söhne und deiner Töchter Fleisch, die Jehovah, dein Gott, dir gab, in der Bedrängnis und der Enge, womit dein Feind dich beengt hat.
54 उस समय वह व्यक्ति, जो तुम्हारे बीच में बहुत शालीन और संवेदनशील माना जाता है, वही अपने सहनागरिकों, अपनी प्रिय पत्नी और अपनी शेष संतान के प्रति निर्मम हो जाएगा,
Der Mann, der weichlich und sehr üppig ist in dir, - sein Auge wird böse sein wider seinen Bruder und wider das Weib seines Busens und wider die übrigen seiner Söhne, die er übrigließ,
55 वह अपनी संतान के मांस में से किसी को कुछ न देगा, क्योंकि अभाव इतना ज्यादा हो जाएगा. ऐसी भयावह हो जाएगी वह स्थिति, जब तुम्हारे वे शत्रु तुम्हारे सारे नगरों में तुम पर अत्याचार करते रहें.
Wenn er einem von ihnen geben sollte von dem Fleisch seiner Söhne, die er ißt; weil ihm nichts von allem war, bleibt in der Bedrängnis und in der Enge, womit der Feind dich beengen wird in all deinen Toren.
56 तुम्हारे बीच वह स्त्री, जो बहुत शालीन और सुकुमारी मानी जाती है, जो इतनी परिष्कृत और सुकुमारी है, कि वह अपने पांव तक भूमि पर नहीं पड़ने देती, वही अपने प्रिय पति और पुत्र-पुत्री के प्रतिकूल हो जाएगी.
Die Weichlichste und die Üppigste unter dir, die niemals versuchte, die Fußsohle auf die Erde zu setzen, vor Üppigkeit und vor Weichlichkeit, ihr Auge wird böse auf den Mann ihres Busens und auf ihren Sohn und auf ihre Tochter,
57 वह उन्हें न तो अपने गर्भ की ममता दिखाएगी और न नवजात शिशु की, क्योंकि शत्रुओं द्वारा घेरे गए तुम्हारे नगर की स्थिति ऐसी शोचनीय हो चुकी होगी, कि वह खुद इन्हें छिप-छिप कर खाती रहना चाहेगी.
Und ob ihrer Nachgeburt, die zwischen ihren Füßen herausging, und ob ihren Söhnen, die sie gebiert; denn sie ißt sie im Geheimen auf, aus Mangel an allem, in der Bedrängnis und Enge, womit dich dein Feind in deinen Toren beengt;
58 यदि तुम इस व्यवस्था में लिखित विधि के सब वचनों का पालन के प्रति सावधान न रहोगे, इस सम्मान्य और उदात्त नाम याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर के प्रति श्रद्धा न रखो,
Wenn du nicht hältst, daß du tust alle die Worte dieses Gesetzes, die in diesem Buch geschrieben sind, so daß du fürchtest diesen herrlichen und furchtbaren Namen, Jehovah, deinen Gott:
59 तब याहवेह तुम पर और तुम्हारे वंशजों पर अभूतपूर्व महामारियां ले आएंगे. ये महामारियां बहुत पीड़ादायी और स्थायी प्रकृति की और चिरकालिक और दयनीय व्याधियां होंगी.
So wird Jehovah wundersame Schläge führen wider dich und Schläge wider deinen Samen, große, dauernde Schläge, und böse, dauernde Krankheiten.
60 याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर मिस्र देश पर प्रभावी की गई सारी व्याधियां तुम पर प्रभावी कर देंगे, जो तुम्हारे लिए भयावह बनी हुई थीं, वे तुम पर संलग्न हो जाएंगी.
Und Er wird wieder bringen über dich all die Seuchen Ägyptens, von denen dir bangte, und sie werden dir anhangen.
61 यहां तक कि वे सारी व्याधियां और वे सारी महामारियां, जिनका उल्लेख इस विधान अभिलेख में नहीं किया गया है, याहवेह तुम पर प्रभावी कर देंगे, कि तुम्हारा विनाश हो जाए.
Auch allerlei Krankheiten und allerlei Schläge, die nicht in dem Buche des Gesetzes geschrieben sind, wird Jehovah über dich heraufbringen, bis daß du vernichtet bist.
62 तब तुम्हारी गिनती कम रह जाएगी, जबकि एक समय तुम ऐसे अनगिनत थे, जैसे आकाश के तारे. कारण यह है, कि तुम याहवेह तुम्हारे परमेश्वर के प्रति अनाज्ञाकारी हो गए थे.
Und euer werden wenig Leute verbleiben, statt daß ihr waret wie die Sterne der Himmel an Menge, weil du nicht gehört hast auf die Stimme Jehovahs, deines Gottes.
63 जिस प्रकार एक समय याहवेह की तुष्टि तुम्हारे जनसंख्या के बढ़ने और समृद्धि में थी, उसी प्रकार याहवेह की तुष्टि होगी तुम्हें नाश कर देने और मिटा देने में. तुम जिस देश पर अधिकार करने के उद्देश्य से उसमें प्रवेश कर रहे हो, तुम वहां से निकाल दिए जाओगे.
Und es wird geschehen, wie Jehovah Sich über euch gefreut hatte, daß Er Gutes täte und euch mehrete, so freuet Sich jetzt Jehovah über euch, euch zu zerstören und auch zu vernichten, daß ihr hingerafft werdet von dem Boden, dahin du kommst, ihn einzunehmen.
64 इसके अलावा, याहवेह ही तुम्हें हर जगह बिखरा देंगे; पृथ्वी के एक छोर से अन्य छोर तक. वहां तुम पराए देवताओं—पत्थर और लकड़ी के देवताओं के सेवक बन जाओगे, तुम्हारे पूर्वजों से सर्वथा अज्ञात देवताओं के.
Und Jehovah wird dich zerstreuen unter alle Völker von einem Ende der Erde bis zum anderen Ende der Erde; und wirst da anderen Göttern dienen, die du nicht kanntest, du, noch deine Väter, Holz und Stein.
65 इन जनताओं के बीच निवास करते हुए तुम्हें ज़रा भी शांति प्राप्‍त न होगी. मगर हां, वहां याहवेह तुम्हें एक चिंतित हृदय प्रदान करेंगे. तुम्हारी दृष्टि क्षीण होती जाएगी और तुममें साहस न रह जाएगा.
Und unter diesen Völkerschaften sollst du nicht rasten und keine Ruhe sein für die Sohle deines Fußes und Jehovah gibt dir dort ein zitterndes Herz und ein Verschmachten der Augen und ein Vergehen der Seele.
66 तुम हमेशा संशय की स्थिति में रहोगे, तुम दिन में और रात में आतंक से भरे रहोगे, तुम्हारे जीवन का कोई निश्चय न रह जाएगा.
Daß dein Leben dir gegenüber hängt und du Nacht und Tag schauderst, und nicht an dein Leben glaubst.
67 प्रातः तुम विचार करोगे, “उत्तम होगा यह प्रातः नहीं, संध्या होती!” वैसे ही तुम संध्याकाल में यह कामना करते रहोगे: “उत्तम होता कि यह प्रभात होता!” यह उस आतंक के कारण होगा, जिसने तुम्हें भर रखा है, उस दृश्य के कारण, जो तुम्हारे सामने छाया रहता है.
Am Morgen wirst du sagen: Ach, wäre es doch Abend, und am Abend wirst du sagen: Wäre es doch Morgen! - Vor Schauer des Herzens, wie es dich schaudert, und bei dem Anblick dessen, das dein Auge sieht.
68 याहवेह, जो तुम्हें जलयानों में मिस्र देश में लौटा ले जाएंगे; उस मार्ग से जिसके विषय में मैंने कहा था, अब तुम इसे फिर कभी न देखोगे. तब तुम वहां खुद को अपने शत्रुओं के सामने पुरुष और स्त्री, दास-दासियों स्वरूप बिकने के लिए प्रस्तुत कर दोगे, मगर तुम्हें वहां कोई खरीददार प्राप्‍त न होगा.
Und Jehovah bringt dich dann zurück auf Schiffen nach Ägypten auf dem Wege, davon ich dir gesagt, du sollst ihn nicht mehr sehen; und ihr müsset euch dort verkaufen an deine Feinde zu Knechten und zu Dienstmägden, und niemand will euch kaufen.

< व्यवस्था विवरण 28 >