< व्यवस्था विवरण 22 >
1 तुम अपने इस्राएली भाई के किसी बैल अथवा भेड़ को भटकते देखकर उसकी उपेक्षा नहीं करोगे. निश्चयतः तुम उसे उसके स्वामी के घर पर छोड़ दोगे.
Non videbis bovem fratris tui, aut ovem errantem, et præteribis: sed reduces fratri tuo,
2 यदि वह इस्राएली तुम्हारे निकट नहीं रहता, अथवा यदि तुम उससे परिचित नहीं हो, तब तुम उस पशु को अपने ही घर पर ले आओगे और वह उस समय तक तुम्हारी देखरेख में रहेगा, जब तक उसका स्वामी उसकी खोज करता हुआ तुम्हारे घर तक न आ पहुंचे. तब तुम उसे लौटा दोगे.
etiamsi non est propinquus frater tuus, nec nosti eum: duces in domum tuam, et erunt apud te quamdiu quærat ea frater tuus, et recipiat.
3 यही तुम उसके गधे के साथ, उसके वस्त्र के साथ, उसकी किसी भी खोई हुई वस्तु के साथ करोगे, जो तुम्हें प्राप्त हो गई है. तुम इनकी अनदेखी न करो.
Similiter facies de asino, et de vestimento, et de omni re fratris tui, quæ perierit: si inveneris eam, ne negligas quasi alienam.
4 यदि तुम्हारे किसी स्वदेशी का गधा अथवा बैल मार्ग में गिर पड़ा है, तो तुम उसकी उपेक्षा नहीं करोगे. तुम्हें उन्हें उठाकर खड़ा करने में सहायता करनी ही होगी.
Si videris asinum fratris tui aut bovem cecidisse in via, non despicies, sed sublevabis cum eo.
5 कोई भी स्त्री-पुरुष के वस्त्र धारण नहीं करेगी और न ही कोई पुरुष स्त्री के; क्योंकि जो कोई यह करता है, याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर के लिए घृणित है.
Non induetur mulier veste virili, nec vir utetur veste feminea: abominabilis enim apud Deum est qui facit hæc.
6 यदि तुम्हें मार्ग में किसी वृक्ष में अथवा भूमि पर किसी पक्षी का नीड़ मिल जाए, जिसमें उसके चूज़े अथवा अंडे हों, और माता पक्षी उन चूज़ों अथवा अण्डों को सहेजे बैठी हो,
Si ambulans per viam, in arbore vel in terra nidum avis inveneris, et matrem pullis vel ovis desuper incubantem: non tenebis eam cum filiis,
7 तुम उस माता पक्षी को उसके चूज़ों से अलग नहीं करोगे, ताकि तुम्हारा भला हो और तुम्हारी उम्र बहुत बढ़ जाए.
sed abire patieris, captos tenens filios: ut bene sit tibi, et longo vivas tempore.
8 जब तुम नए घर का निर्माण करो, तो तुम अपने लिए छत के लिए एक मुण्डेर ज़रूर बनवाना, जिससे कि तुम खुद पर हत्या का दोष न ले आओ, यदि कोई छत से नीचे आ गिरे.
Cum ædificaveris domum novam, facies murum tecti per circuitum: ne effundatur sanguis in domo tua, et sis reus labente alio, et in præceps ruente.
9 अपने अंगूर के बगीचे में तुम दो विभिन्न प्रकार के बीजों को नहीं बोओगे, नहीं तो उन दोनों बीजों की समग्र उपज दूषित हो जाएगी.
Non seres vineam tuam altero semine: ne et sementis quam sevisti, et quæ nascuntur ex vinea, pariter sanctificentur.
10 अपने हल में तुम बैल और गधे को साथ साथ नहीं जोतोगे.
Non arabis in bove simul et asino.
11 तुम ऐसा वस्त्र धारण नहीं करोगे, जो ऊन और सन के मिश्रण से तैयार किया गया है.
Non indueris vestimento, quod ex lana linoque contextum est.
12 तुम अपने बाहरी वस्त्र के चारों कोनों पर फुन्दनों को बनाया करोगे.
Funiculos in fimbriis facies per quatuor angulos pallii tui, quo operieris.
13 यदि कोई पुरुष विवाह करता, पत्नी से शारीरिक संबंध करता और उससे अलग हो जाता है,
Si duxerit vir uxorem, et postea odio habuerit eam,
14 इसके बाद उस पर निंदनीय कामों का आरोप लगाता है; यहां तक कि वह सार्वजनिक रूप से उस पर ये सारे लांछन भी लगाने लगता है, “मैंने इस स्त्री से विवाह किया मगर संबंध के समय पर मुझे उसमें कुंवारीपन के कोई लक्षण प्राप्त न हुए.”
quæsieritque occasiones quibus dimittat eam, objiciens ei nomen pessimum, et dixerit: Uxorem hanc accepi, et ingressus ad eam non inveni virginem:
15 तब कन्या के माता-पिता कन्या के कुंवारीपन का सबूत लेकर नगर प्रवेश पर नगर पुरनियों के सामने प्रस्तुत करेंगे.
tollent eam pater et mater ejus, et ferent secum signa virginitatis ejus ad seniores urbis qui in porta sunt:
16 कन्या का पिता पुरनियों से कहेगा, “मैंने इस पुरुष से अपनी पुत्री का विवाह किया, मगर वह उसे अप्रिय लगने लगी है.
et dicet pater: Filiam meam dedi huic uxorem: quam quia odit,
17 यह भी देखिए कि वह हमारी पुत्री पर लज्जास्पद लांछन लगा रहा है! वह यहां तक घोषित कर रहा है मुझे आपकी पुत्री में कुंवारीपन का चिह्न प्राप्त नहीं हुआ.” मगर यह देखिए: यह है हमारी पुत्री के कुंवारीपन का सबूत. माता-पिता उस वस्त्र को उन पुरनियों के सामने फैला देंगे,
imponit ei nomen pessimum, ut dicat: Non inveni filiam tuam virginem: et ecce hæc sunt signa virginitatis filiæ meæ. Expandent vestimentum coram senioribus civitatis:
18 फिर नगर पुरनिए उस व्यक्ति को प्रताड़ित करेंगे.
apprehendentque senes urbis illius virum, et verberabunt illum,
19 वे उस पुरुष पर चांदी के एक सौ शेकेल का जुर्माना आरोपित करेंगे, जिसे लेकर वे उस कन्या के पिता को सौंप देंगे. कारण यह है कि उस पुरुष ने इस्राएल की उस कुंवारी कन्या को सार्वजनिक रूप से कलंकित किया है. वह आजीवन उसकी पत्नी रहेगी, उनका तलाक कभी न होगा.
condemnantes insuper centum siclis argenti, quos dabit patri puellæ, quoniam diffamavit nomen pessimum super virginem Israël: habebitque eam uxorem, et non poterit dimittere eam omnibus diebus vitæ suæ.
20 मगर यदि इसके विपरीत उस पुरुष का यह आरोप सत्य साबित हो जाता है, वह कन्या कुंवारी नहीं थी,
Quod si verum est quod objicit, et non est in puella inventa virginitas,
21 तब वे उस कन्या को उसके पिता के घर के द्वार पर लाएंगे और उस नगर के पुरुष उसको पथराव करके मार डालेंगे, क्योंकि उसने इस्राएल में यह अनाचार किया और अपने पिता के घर में ही वेश्यावृत्ति की है. यह करने के द्वारा तुम अपने बीच से बुराई को दूर कर दोगे.
ejicient eam extra fores domus patris sui, et lapidibus obruent viri civitatis illius, et morietur: quoniam fecit nefas in Israël, ut fornicaretur in domo patris sui: et auferes malum de medio tui.
22 यदि कोई पुरुष किसी दूसरे व्यक्ति की पत्नी के साथ संबंध बनाते हुए पाया जाए, तो दोनों ही मृत्यु दंड के योग्य हैं; वह पुरुष, जो उस स्त्री से संबंध बना रहा था और वह स्त्री भी. उस प्रकार तुम इस्राएल में से बुराई को दूर करोगे.
Si dormierit vir cum uxore alterius, uterque morietur, id est, adulter et adultera: et auferes malum de Israël.
23 यदि किसी कुंवारी कन्या जिसकी सगाई हो चुकी है, उससे कोई अन्य पुरुष नगर सीमा के भीतर ही संबंध बनाता है,
Si puellam virginem desponderit vir, et invenerit eam aliquis in civitate, et concubuerit cum ea,
24 तब तुम उन दोनों को नगर फाटक से बाहर ले जाओगे और दोनों ही को पथराव करके मार दोगे; कन्या का इसलिये कि उसने नगर में होने पर भी सहायता की गुहार नहीं लगाई और पुरुष का इसलिये कि उसने पड़ोसी की स्त्री का शीलभंग किया है. यह करके तुम अपने बीच से अनिष्ट का बहिष्कार कर दोगे.
educes utrumque ad portam civitatis illius, et lapidibus obruentur: puella, quia non clamavit, cum esset in civitate: vir, quia humiliavit uxorem proximi sui: et auferes malum de medio tui.
25 मगर इसके विपरीत यदि कोई पुरुष किसी विवाह के लिये वचनबद्ध जवान स्त्री को बाहर खेत में पाकर उसके साथ साथ बलात्कार करता है, तो उस पुरुष को मृत्यु दंड दिया जाए.
Sin autem in agro repererit vir puellam, quæ desponsata est, et apprehendens concubuerit cum ea, ipse morietur solus:
26 उस कन्या को कोई दंड न दिया जाए; उसने मृत्यु दंड के योग्य कोई अनाचार नहीं किया है. यह स्थिति वैसी है, जिसमें मानो किसी व्यक्ति ने घात लगाकर अपने पड़ोसी की हत्या कर दी हो,
puella nihil patietur, nec est rea mortis: quoniam sicut latro consurgit contra fratrem suum, et occidit animam ejus, ita et puella perpessa est.
27 जब खेत में उसने उस अकेली कुंवारी कन्या को पाया, उसने तो सहायता की गुहार लगाई थी, मगर उसकी रक्षा के लिए वहां कोई भी न था.
Sola erat in agro: clamavit, et nullus affuit qui liberaret eam.
28 यदि कोई पुरुष ऐसी कुंवारी को पाता है, जिसकी सगाई नहीं हुई है, वह उसे पकड़कर उससे संबंध बनाता है, और यह काम प्रकट हो जाता है,
Si invenerit vir puellam virginem, quæ non habet sponsum, et apprehendens concubuerit cum illa, et res ad judicium venerit:
29 तब वह संबंध बनानेवाला व्यक्ति कन्या के पिता को चांदी के पचास शेकेल देगा और वह कन्या उसकी पत्नी हो जाएगी; क्योंकि उस पुरुष ने उसका शीलभंग किया है. वह आजीवन उससे विवाह विच्छेद नहीं कर सकेगा.
dabit qui dormivit cum ea, patri puellæ quinquaginta siclos argenti, et habebit eam uxorem, quia humiliavit illam: non poterit dimittere eam cunctis diebus vitæ suæ.
30 कोई भी पुरुष अपने पिता की पत्नी से विवाह नहीं करेगा; कि वह ऐसा करने के द्वारा अपने पिता के प्रति लज्जा का कारण न हो जाए.
Non accipiet homo uxorem patris sui, nec revelabit operimentum ejus.