< व्यवस्था विवरण 2 >

1 याहवेह के आदेश के अनुसार तब हमने लाल सागर की दिशा में कूच किया, जो निर्जन प्रदेश की ओर गया है. हम लंबे समय तक सेईर पर्वत के चारों ओर घूमते रहे.
Then we turned, and took our journey into the wilderness by the way to the Red Sea, as the LORD spoke to me; and we encircled Mount Seir many days.
2 फिर याहवेह ने मुझसे कहा,
The LORD spoke to me, saying,
3 “बहुत हो चुका तुम्हारा इस पर्वत के चारों ओर घूमना; अब उत्तर दिशा की ओर घूम जाओ.
“You have encircled this mountain long enough. Turn northward.
4 तब तुम इन लोगों को आदेश दो: ‘तुम अपने भाइयों सेईरवासियों, एसाव वंशजों के क्षेत्र से होकर निकल जाओ; उन पर तुम्हारा भय होगा, तब तुम बहुत सावधान रहना.
Command the people, saying, ‘You are to pass through the border of your brothers, the children of Esau, who dwell in Seir; and they will be afraid of you. Therefore be careful.
5 उन्हें उकसाना मत, क्योंकि मैं तुम्हें उनकी भूमि से ज़रा भी नहीं दूंगा, इतनी भी नहीं कि तुम उस पर पैर रख सको; क्योंकि एसाव को मैं सेईर पर्वत मीरास के रूप में दे चुका हूं.
Do not contend with them; for I will not give you any of their land, no, not so much as for the sole of the foot to tread on, because I have given Mount Seir to Esau for a possession.
6 तुम रुपया देकर उनसे भोजन ख़रीदोगे, कि तुम अपनी भूख मिटा सको; तुम जल भी रुपया देकर ख़रीदोगे, कि तुम जल पीकर अपनी प्यास बुझा सको.’”
You shall purchase food from them for money, that you may eat. You shall also buy water from them for money, that you may drink.’”
7 क्योंकि याहवेह तुम्हारे परमेश्वर ने तुम्हारे हर एक काम में आशीष प्रदान की है. इस विशाल निर्जन प्रदेश में तुम्हारा भटकना वह जानता है. याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर इन चालीस सालों में तुम्हारे साथ साथ रहे हैं; तुम्हें किसी भी रूप में कुछ भी कम नहीं हुआ है.
For the LORD your God has blessed you in all the work of your hands. He has known your walking through this great wilderness. These forty years, the LORD your God has been with you. You have lacked nothing.
8 फिर हम सेईरवासी अपने भाइयों से दूर ही दूर, अराबाह मार्ग से दूर, एलाथ और एज़िओन-गेबेर से दूर ही दूर रहते हुए वहां से निकल गए.
So we passed by from our brothers, the children of Esau, who dwell in Seir, from the way of the Arabah from Elath and from Ezion Geber. We turned and passed by the way of the wilderness of Moab.
9 फिर याहवेह ने मुझे आदेश दिया, “मोआब को उत्पीड़ित न करना, न ही उन्हें युद्ध के लिए उकसाना, क्योंकि मैं तुम्हें रहने के लिए वहां ज़रा सी भूमि भी न दूंगा, क्योंकि मैं लोत की संतानों को आर निज भाग के रूप में दे चुका हूं.”
The LORD said to me, “Do not bother Moab, neither contend with them in battle; for I will not give you any of his land for a possession, because I have given Ar to the children of Lot for a possession.”
10 (यहां के मूल निवासी एमिम थे, जो डीलडौल में अनाकियों के समान लंबे और अनगिनत थे.
(The Emim lived there before, a great and numerous people, and tall as the Anakim.
11 अनाकियों के समान उन्हें रेफाइम भी माना जाता है, मगर मोआबी उन्हें एमिम ही कहकर पुकारते हैं.
These also are considered to be Rephaim, as the Anakim; but the Moabites call them Emim.
12 इसके पहले सेईर में होरी लोग ही बसे थे, मगर एसाव के वंशजों ने आकर देखते ही देखते उनसे यह देश छीनकर उन्हें नाश कर दिया और उनके स्थान पर वहां रहने लगे, ठीक उसी प्रकार, जिस प्रकार इस्राएलियों ने याहवेह के दिए हुए उस देश के साथ किया था.)
The Horites also lived in Seir in the past, but the children of Esau succeeded them. They destroyed them from before them, and lived in their place, as Israel did to the land of his possession, which the LORD gave to them.)
13 याहवेह ने कहा, “अब ज़ेरेद नदी को पार करने के लिए तैयार हो जाओ.” तब हम ज़ेरेद नदी के पार चले गए.
“Now rise up and cross over the brook Zered.” We went over the brook Zered.
14 कादेश-बरनेअ से यात्रा शुरू कर ज़ेरेद नदी के पार उतरने के बीच का समय था अड़तीस साल, जब तक इस पीढ़ी के सारे योद्धा इस्राएली समुदाय से नाश न हो गए, जैसा याहवेह द्वारा ली गई शपथ में कहा गया था.
The days in which we came from Kadesh Barnea until we had come over the brook Zered were thirty-eight years, until all the generation of the men of war were consumed from the middle of the camp, as the LORD swore to them.
15 इसके अलावा याहवेह का हाथ उनके विरुद्ध हो चुका था, कि उन्हें छावनी से नाश कर दिया जाए, कि वे सभी मिट जाएं.
Moreover the LORD’s hand was against them, to destroy them from the middle of the camp, until they were consumed.
16 फिर जब इस्राएली समुदाय से अंत में सभी योद्धा मिट गए,
So, when all the men of war were consumed and dead from among the people,
17 तब याहवेह ने मुझसे कहा,
the LORD spoke to me, saying,
18 “आज तुम आर अर्थात् मोआब की सीमा के पार निकल जाओगे.
“You are to pass over Ar, the border of Moab, today.
19 जब तुम वहां अम्मोनियों के सामने पहुंच जाओगे, तब न तो तुम उन्हें सताना और न उन्हें उकसाना, क्योंकि मैं तुम्हें अम्मोनियों की भूमि में से निज भूमि के लिए कुछ भी न दूंगा; क्योंकि यह मैं लोत के वंशजों को मीरास के रूप में दे चुका हूं.”
When you come near the border of the children of Ammon, do not bother them, nor contend with them; for I will not give you any of the land of the children of Ammon for a possession, because I have given it to the children of Lot for a possession.”
20 (इसे रेफाइम का देश भी माना जाता है, क्योंकि इसके पूर्व यहां उन्हीं का निवास था; मगर अम्मोनी उन्हें ज़मज़ुम्मिम पुकारते हैं.
(That also is considered a land of Rephaim. Rephaim lived there in the past, but the Ammonites call them Zamzummim,
21 ये लोग वह प्रजाति हैं, जो बलवान, अनगिनत और डीलडौल में लंबे हैं, अनाकियों के समान, मगर याहवेह ने इन रेफ़ाइयों को अम्मोनियों के सामने से नाश कर दिया. फलस्वरूप वे इन्हें हटाकर उनके देश में बस गए.
a great people, many, and tall, as the Anakim; but the LORD destroyed them from before Israel, and they succeeded them, and lived in their place,
22 ठीक जैसा उन्होंने एसाव के वंशजों के लिए किया था, जो सेईर में रहते थे. याहवेह ने उनके सामने से होरियों को नाश कर दिया था. वे इन्हें वहां से निकालकर उनके स्थान पर बस गए और आज तक वे उसी स्थान पर रह रहे हैं.
as he did for the children of Esau who dwell in Seir, when he destroyed the Horites from before them; and they succeeded them, and lived in their place even to this day.
23 वैसे ही अव्वी भी अज्जाह तक विभिन्‍न ग्रामों में बस गए हैं, काफ़तोरवासी आए और उन्हें नाश कर उनके नगरों में बस गए.)
Then the Avvim, who lived in villages as far as Gaza: the Caphtorim, who came out of Caphtor, destroyed them and lived in their place.)
24 “अब कूच करो और आरनोन घाटी में से होकर आगे बढ़ो. देखो, मैंने अमोरी सीहोन, जो हेशबोन का राजा है, उसे और उसके देश को तुम्हारे अधीन कर दिया है. उससे युद्ध करना शुरू करके उसके देश पर अधिकार करना शुरू कर दो.
“Rise up, take your journey, and pass over the valley of the Arnon. Behold, I have given into your hand Sihon the Amorite, king of Heshbon, and his land; begin to possess it, and contend with him in battle.
25 आज से मैंने सारी पृथ्वी के जनताओं पर, तुम्हारा भय और थरथराहट पैदा कर दी है, कि वे जैसे ही तुम्हारा नाम सुनेंगे, वे तुम्हारे कारण डर और शिथिल होने की स्थिति में जा पड़ेंगे.”
Today I will begin to put the dread of you and the fear of you on the peoples who are under the whole sky, who shall hear the report of you, and shall tremble and be in anguish because of you.”
26 फिर मैंने केदेमोथ के निर्जन प्रदेश से हेशबोन के राजा सीहोन के दूतों के द्वारा संधि का संदेश भेजा,
I sent messengers out of the wilderness of Kedemoth to Sihon king of Heshbon with words of peace, saying,
27 “मुझे अपने देश की भूमि पर से होकर आगे बढ़ने की आज्ञा दे दीजिए. मैं सिर्फ राजमार्ग पर ही यात्रा करूंगा; मैं इस मार्ग से न तो बाएं मुड़ुंगा न दाएं.
“Let me pass through your land. I will go along by the highway. I will turn neither to the right hand nor to the left.
28 आप मुझे खाने के लिए भोजन और पीने के लिए जल बेचेंगे. सिर्फ कृपा कर आप हमें यहां से पैदल निकल जाने की अनुमति दे दीजिए,
You shall sell me food for money, that I may eat; and give me water for money, that I may drink. Just let me pass through on my feet,
29 ठीक जिस प्रकार सेईरवासी एसाव और आर के निवासी मोआबियों ने हमें यह सुविधा प्रदान की थी, कि हम यरदन को पार कर उस देश में पहुंच सकें, जो याहवेह, हमारे परमेश्वर हमें दे रहे हैं.”
as the children of Esau who dwell in Seir, and the Moabites who dwell in Ar, did to me, until I pass over the Jordan into the land which the LORD our God gives us.”
30 मगर हेशबोन का राजा सीहोन हमें अपने देश में से होकर निकल जाने देने के बारे में राज़ी न हुआ; क्योंकि याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर ने उसकी आत्मा को कठोर बनाकर उसके हृदय को इस उद्देश्य से हठीला बना दिया था, कि उसे तुम्हारे अधीन कर दें; जैसा वह आज भी है.
But Sihon king of Heshbon would not let us pass by him, for the LORD your God hardened his spirit and made his heart obstinate, that he might deliver him into your hand, as it is today.
31 याहवेह ने मुझे संकेत दिया, “अब देखो, मैंने सीहोन और उसके देश को तुम्हारे अधीन करने का काम शुरू कर दिया है. भूमि अपने अधिकार में लेना शुरू कर दो, कि उसका देश तुम्हारे अधिकार में आ जाए.”
The LORD said to me, “Behold, I have begun to deliver up Sihon and his land before you. Begin to possess, that you may inherit his land.”
32 तब सीहोन अपनी सारी सेना को लेकर हमसे युद्ध करने के उद्देश्य से याहज़ नामक स्थान पर आ गया,
Then Sihon came out against us, he and all his people, to battle at Jahaz.
33 याहवेह, हमारे परमेश्वर ने उसे हमारे अधीन कर दिया, हमने उसे और उसके पुत्रों को सारी सेना के साथ हरा दिया.
The LORD our God delivered him up before us; and we struck him, his sons, and all his people.
34 तब हमने उसी समय उसके हर एक नगर को अपने अधीन कर नगर के सारे स्त्री-पुरुषों और बालकों को पूरी तरह से नाश कर दिया. हमने एक भी उत्तरजीवी शेष न रहने दिया.
We took all his cities at that time, and utterly destroyed every inhabited city, with the women and the little ones. We left no one remaining.
35 हमने सिर्फ पशु और नगरों से प्राप्‍त सामग्री को अपने लिए रख लिया.
Only the livestock we took for plunder for ourselves, with the plunder of the cities which we had taken.
36 आरनोन घाटी की सीमा के अरोअर से और घाटों में स्थित नगर से गिलआद तक कोई भी नगर ऐसा न था, जिसकी दीवार हमारे सामने छोटी साबित हुई हो. याहवेह, हमारे परमेश्वर ने सभी को हमारे अधीन कर दिया.
From Aroer, which is on the edge of the valley of the Arnon, and the city that is in the valley, even to Gilead, there was not a city too high for us. The LORD our God delivered up all before us.
37 तुम सिर्फ अम्मोन के वंशजों के देश के निकट नहीं गए और न ही यब्बोक नदी के तट तक और न पर्वतीय क्षेत्रों तक, जहां कहीं याहवेह, हमारे परमेश्वर ने हमें न जाने का आदेश दिया था.
Only to the land of the children of Ammon you did not come near: all the banks of the river Jabbok, and the cities of the hill country, and wherever the LORD our God forbade us.

< व्यवस्था विवरण 2 >