< व्यवस्था विवरण 11 >
1 इसलिये ज़रूरी है कि तुम याहवेह, अपने परमेश्वर से प्रेम करो और हमेशा उनके निर्देशों, नियमों, अध्यादेशों का और आदेशों का पालन करो.
Amarás pois ao Senhor teu Deus, e guardarás a sua observância, e os seus estatutos, e os seus juízos, e os seus mandamentos, todos os dias.
2 आज यह भी समझ लो: मैं तुम्हारी संतानों से बातें नहीं करता हूं, जिन्होंने न तो याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर के अनुशासन-शिक्षण को समझा है, न उन्होंने इसे देखा है न उन्होंने याहवेह की महानता को: उनके शक्तिशाली हाथ को, न उनकी बढ़ाई हुई भुजा को;
E hoje sabereis que falo, não com vossos filhos, que o não sabem, e não viram a instrução do Senhor vosso Deus, a sua grandeza, a sua mão forte, e o seu braço estendido;
3 उनके द्वारा दिखाए गए चिन्ह, उनके द्वारा किए अद्धुत काम, जो उन्होंने मिस्र देश में मिस्र के राजा फ़रोह के और मिस्र की सारी प्रजा के सामने किए;
Nem tão pouco os seus sinais, nem os seus feitos, que fez no meio do Egito a faraó, rei do Egito, e a toda a sua terra;
4 मिस्र की सेना के साथ, उसके घोड़ों और रथों के साथ, जब वे तुम्हारा पीछा करते चले जा रहे थे, कैसे याहवेह ने उन्हें लाल सागर के जल में डुबोकर पूरी तरह से नाश कर डाला था.
Nem o que fez ao exército dos egípcios, aos seus cavalos e aos seus carros, fazendo passar sobre eles as águas do Mar Vermelho quando vos perseguiam: e o Senhor os destruiu até ao dia de hoje;
5 और उन्होंने निर्जन प्रदेश में तुम्हारे साथ क्या-क्या किया था, जब तक तुम यहां न पहुंच गए,
Nem o que vos fez no deserto, até que chegastes a este lugar;
6 और याहवेह ने दाथान और अबीराम के साथ, जो एलियाब के पुत्र और रियूबेन के पोते थे, क्या किया था, जब धरती ने अपना मुख खोल उन्हें, सारे इस्राएल के बीच से, उनके घर-परिवारों को, उनके शिविरों को और उनके साथ आ रहे हर एक जीवधारी को कौर बना लिया.
E o que fez a Dathan e a Abiram, filhos de Eliab, filho de Ruben: como a terra abriu a sua boca e os tragou com as suas casas e com as suas tendas, como também tudo o que subsistia, e lhes pertencia, no meio de todo o Israel:
7 मगर तुम तो याहवेह द्वारा किए हर एक महान काम के गवाह हो.
Porquanto os vossos olhos são os que viram toda a grande obra que fez o Senhor.
8 फिर तुम आज मेरे द्वारा भेजे हर एक आदेश का पालन करोगे, कि तुम मजबूत हो जाओ और आगे बढ़कर उस देश पर अधिकार कर सको, जिसे पार करने के बाद तुम उस पर अधिकार करने पर हो,
Guardai pois todos os mandamentos que eu vos ordeno hoje, para que vos esforceis, e entreis, e possuais a terra que passais a possuir;
9 कि तुम उस देश में, जिसमें दूध और शहद की बहुतायत है, जिसे उन्हें और उनके वंशजों को देने की शपथ याहवेह ने तुम्हारे पूर्वजों से की थी, तुम लंबी उम्र के हो सको.
E para que prolongueis os dias na terra que o Senhor jurou a vossos pais da-la a eles e à sua semente, terra que mana leite e mel.
10 क्योंकि जिस देश के अधिकार के लक्ष्य से तुम वहां प्रवेश करने पर हो, वह मिस्र देश समान नहीं है, तुम जहां से निकलकर यहां आ पहुंचे हो, जहां तुम बीज बोते और सब्जी के बगीचे के समान अपने पैरों का प्रयोग सिंचाई के लिए किया करते थे.
Porque a terra que entras a possuir não é como a terra do Egito, de onde saístes, em que semeavas a tua semente, e a regavas com o teu pé, como a uma horta.
11 वस्तुतः जिस देश पर अधिकार करने के उद्देश्य से तुम उसमें प्रवेश करने ही पर हो, वह पहाड़ियों और घाटियों का देश है, जो आकाश से हुई बारिश का जल जमा करता रहता है.
Mas a terra que passais a possuir é terra de montes e de vales: da chuva dos céus beberá as águas:
12 यह एक ऐसा देश है, जिसकी देखभाल याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर करते हैं; इस देश पर याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर की दृष्टि सदैव लगी रहती है, साल के शुरू से लेकर साल के अंत होने तक.
Terra de que o Senhor teu Deus tem cuidado: os olhos do Senhor teu Deus estão sobre ela continuamente, desde o princípio até ao fim do ano.
13 यह तय है कि यदि तुम मेरे द्वारा आज दिए जा रहे इन आदेशों का पालन करोगे, अर्थात् याहवेह अपने परमेश्वर से प्रेम करोगे, और उन्हीं की सेवा अपने पूरा हृदय और अपने पूरा प्राणों से करोगे,
E será que, se diligentemente obedecerdes a meus mandamentos que hoje te ordeno, de amar ao Senhor teu Deus, e de o servir de todo o teu coração e de toda a tua alma,
14 तो वह उपयुक्त मौसम में तुम्हारी भूमि के लिए बारिश भेजेंगे, शुरुआती और अंतिम बारिश, ताकि तुम अपने अन्न, नई दाखमधु और अपना तेल इकट्ठा कर सको.
Então darei a chuva da vossa terra a seu tempo, a temporã e a serodia, para que recolhas o teu grão, e o teu mosto e o teu azeite.
15 वह तुम्हारे पशुओं के लिए मैदानों में घास उत्पन्न करते रहेंगे. तुम भरपूर खाकर तृप्त हो जाओगे.
E darei erva no teu campo às tuas bestas, e comerás, e fartar-te-ás.
16 यह ध्यान रहे कि तुम्हारे हृदय के साथ छल न कर दिया जाए, कि तुम पराए देवताओं की ओर होकर उनकी सेवा और उपासना न करने लगो.
Guardai-vos, que o vosso coração não se engane, e vos desvieis, e sirvais a outros deuses, e vos inclineis perante eles:
17 नहीं तो याहवेह का कोप तुम पर भड़क उठेगा. तब वह आकाश को इस प्रकार रोक देंगे, कि बारिश के अभाव में भूमि अपनी उपज न दे सकेगी; फलस्वरूप तुम याहवेह द्वारा उत्तम देश से शीघ्र ही नाश हो जाओगे.
E a ira do Senhor se acenda contra vós, e feche ele os céus, e não haja água, e a terra não dê a sua novidade, e cedo pereçais da boa terra que o Senhor vos dá.
18 तुम मेरे ये आदेश हृदय में रखोगे, अपनी आत्मा में उतार लोगे; तुम इन्हें अपने हाथ पर चिन्ह के रूप में बांध लोगे, ये तुम्हारे माथे पर टीका होंगे.
Ponde pois estas minhas palavras no vosso coração e na vossa alma, e atai-as por sinal na vossa mão, para que estejam por testeiras entre os vossos olhos,
19 तुम ये आदेश अपनी संतान को सिखाया करना. जब तुम अपने घर में बैठे हुए हो, तब तुम इनका उल्लेख करोगे, जब तुम मार्ग में आगे बढ़ रहे हो और जब तुम विश्राम के लिए लेटोगे या जब तुम नींद से उठोगे.
E ensinai-as a vossos filhos, falando delas assentado em tua casa, e andando pelo caminho, e deitando-te, e levantando-te;
20 तुम उन्हें अपने घर की चौखटों पर और अपने द्वारों पर लिखोगे,
E escreve-as nos umbrais de tua casa, e nas tuas portas:
21 कि उस देश में, जिसे देने की प्रतिज्ञा याहवेह ने शपथपूर्वक तुम्हारे पूर्वजों से की थी, आकाश और पृथ्वी के बने रहने तक तुम्हारी संतान गिनती में बढ़ती जाएं.
Para que se multipliquem os vossos dias e os dias de vossos filhos na terra que o Senhor jurou a vossos pais dar-lhes, como os dias dos céus sobre a terra.
22 क्योंकि यदि तुम बड़ी सच्चाई से आदेशों का पालन करते रहोगे, जो मैं तुम्हें पालन करने का आदेश दे रहा हूं—याहवेह, अपने परमेश्वर से प्रेम करने का, उनकी पूरी नीतियों का पालन करने का और उनसे पूरी तरह सच्चा बने रहने का.
Porque, se diligentemente guardardes todos estes mandamentos que vos ordeno para os guardardes, amando ao Senhor vosso Deus, andando em todos os seus caminhos, e a ele vos achegardes,
23 तब याहवेह इन सभी राष्ट्रों को तुम्हारे सामने से खदेड़ देंगे और तुम ऐसे राष्ट्रों को उनके देश से दूर कर दोगे, जो गिनती में तुमसे अधिक और तुमसे अधिक शक्तिशाली हैं.
Também o Senhor de diante de vós lançará fora todas estas nações, e possuireis nações maiores e mais poderosas do que vós
24 ऐसा हर एक भूभाग, जिससे तुम्हारे पांवों के तलवे छुएंगे, तुम्हारी संपत्ति हो जाएगा. तुम्हारी सीमा निर्जन प्रदेश से लेकर लबानोन तक और उस नदी, यानी फरात से पश्चिम सागर तक.
Todo o lugar que pisar a planta do vosso pé será vosso: desde o deserto, e desde o líbano, desde o rio, o rio Euphrates, até ao mar ocidental, será o vosso termo.
25 कोई भी व्यक्ति तुम्हारे सामने ठहर न सकेगा. याहवेह तुम्हारे परमेश्वर, अपनी प्रतिज्ञा के अनुरूप, उस पूरे देश पर, जिसे तुम्हारे पैर छुएंगे, तुम्हारा भय, तुम्हारा आतंक भर देंगे.
Ninguém parará diante de vós: o Senhor vosso Deus porá sobre toda a terra que pisardes o vosso terror e o vosso temor, como já vos tem dito.
26 अब सुनो, आज मैं तुम्हारे सामने एक आशीर्वाद और एक शाप प्रस्तुत कर रहा हूं—
Eis que hoje eu ponho diante de vós a benção e a maldição:
27 आशीर्वाद उस स्थिति में, जब तुम याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर के आदेशों का पालन करोगे, जिनका आदेश आज मैं तुम्हें दे रहा हूं;
A benção, quando ouvirdes os mandamentos do Senhor vosso Deus, que hoje vos mando;
28 और शाप उस स्थिति में, जब तुम याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर के आदेशों को ठुकराओगे, उस मार्ग से भटक जाओगे, जिसका आदेश मैं आज तुम्हें दे रहा हूं, और उन पराए देवताओं का अनुसरण शुरू कर दोगे, जिन्हें तुम जानते भी न थे.
Porém a maldição, se não ouvirdes os mandamentos do Senhor vosso Deus, e vos desviardes do caminho que hoje vos ordeno, para seguirdes outros deuses que não conhecestes.
29 और तब उस समय, जब याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर तुम्हें उस देश में पहुंचा देंगे, जिस पर अधिकार करने के लिए तुम उसमें प्रवेश करने पर हो, तुम आशीर्वाद तो गेरिज़िम पर्वत पर से और शाप एबल पर्वत पर से घोषित करोगे.
E será que, havendo-te o Senhor teu Deus introduzido na terra, a que vais para possui-la, então pronunciarás a benção sobre o monte de Gerizim, e a maldição sobre o monte de Ebal
30 ये पर्वत यरदन नदी के पार हैं, पश्चिम दिशा में कुछ ही दूरी पर यह कनानियों का देश है, जो अराबाह में गिलगाल के सामने, मोरेह के बांज वृक्षों के निकट, निवास करते हैं.
Porventura não estão eles de aquém do Jordão, junto ao caminho do pôr do sol, na terra dos cananeus, que habitam na campina defronte do Gilgal, junto aos carvalhais de Moreh?
31 क्योंकि अब तुम इस यरदन नदी को पार कर उस देश पर अधिकार करने पर ही हो, जो याहवेह तुम्हारे परमेश्वर तुम्हें प्रदान कर रहे हैं. तुम इस पर अधिकार करके इसमें निवास करने लगोगे.
Porque passareis o Jordão para entrardes a possuir a terra, que vos dá o Senhor vosso Deus: e a possuireis, e nela habitareis.
32 जो जो आदेश और विधान मैं आज तुम्हारे सामने स्पष्ट कर रहा हूं, तुम उनको पूरा करने में सावधान रहोगे.
Tende pois cuidado em fazer todos os estatutos e os juízos, que eu hoje vos proponho.