< दानिय्येल 9 >
1 (मेदिया वंश) के अहषवेरोष के पुत्र दारयावेश को बाबेलवासियों के राज्य का शासक ठहराया गया था.
米底亚族亚哈随鲁的儿子大流士立为迦勒底国的王元年,
2 उसके राज्य के पहले साल, मैं, दानिएल, ग्रंथों से, येरेमियाह भविष्यवक्ता को दिये गये याहवेह के वचन के अनुसार यह समझ गया कि येरूशलेम की निर्जनता सत्तर वर्षों तक रहेगी.
就是他在位第一年,我—但以理从书上得知耶和华的话临到先知耶利米,论耶路撒冷荒凉的年数,七十年为满。
3 अतः मैं टाट का वस्त्र पहने, राख लगाये, उपवास करते हुए प्रभु परमेश्वर से गिड़गिड़ाकर प्रार्थना और याचना करने लगा.
我便禁食,披麻蒙灰,定意向主 神祈祷恳求。
4 मैंने याहवेह, अपने परमेश्वर से इस प्रकार प्रार्थना की और अपने पापों को माना: “हे प्रभु, महान और अद्भुत परमेश्वर, आप उनके साथ अपने प्रेम की वाचा को बनाए रखते हैं, जो आपसे प्रेम करते और आपकी आज्ञाओं को मानते हैं,
我向耶和华—我的 神祈祷、认罪,说:“主啊,大而可畏的 神,向爱主、守主诫命的人守约施慈爱。
5 हमने पाप और गलत काम किए हैं. हमने बुरे काम करके विद्रोह किया है; हमने आपकी आज्ञाओं और कानूनों को नहीं माना है.
我们犯罪作孽,行恶叛逆,偏离你的诫命典章,
6 हमने आपके उन सेवक भविष्यवक्ताओं की बातों को नहीं सुना, जिन्होंने आपके नाम से हमारे राजाओं, हमारे राजकुमारों और हमारे पूर्वजों, और देश के सारे लोगों से बातें की.
没有听从你仆人众先知奉你名向我们君王、首领、列祖,和国中一切百姓所说的话。
7 “हे प्रभु, आप धर्मी हैं, परंतु आज हम बहुत लज्जित हैं—यहूदिया के लोग, येरूशलेम के निवासी और सब इस्राएली, जो पास और दूर हैं, हमारे विश्वासघात के कारण आपने उन्हें सब देशों में तितर-बितर कर दिया है.
主啊,你是公义的,我们是脸上蒙羞的;因我们犹大人和耶路撒冷的居民,并以色列众人,或在近处,或在远处,被你赶到各国的人,都得罪了你,正如今日一样。
8 हे याहवेह, हम और हमारे राजा, हमारे राजकुमार और हमारे पूर्वज बहुत लज्जित हैं, क्योंकि हमने आपके विरुद्ध पाप किया है.
主啊,我们和我们的君王、首领、列祖因得罪了你,就都脸上蒙羞。
9 यद्यपि हमने आपके विरुद्ध विद्रोह किया है, तो भी हे प्रभु हमारे परमेश्वर, आप दयालु और क्षमा-शील हैं;
主—我们的 神是怜悯饶恕人的,我们却违背了他,
10 हमने याहवेह हमारे परमेश्वर की बातों को नहीं माना है या उन कानूनों का पालन नहीं किया है, जिसे उन्होंने अपने सेवक भविष्यवक्ताओं के ज़रिए हमें दिया था.
也没有听从耶和华—我们 神的话,没有遵行他借仆人众先知向我们所陈明的律法。
11 सारे इस्राएल ने आपके कानून का उल्लंघन किया है और आपकी बातों को मानने के बदले उससे दूर हट गये हैं. “इसलिये परमेश्वर के सेवक, मोशेह के कानून में लिखित शाप और ठहराया गया दंड हमारे ऊपर उंडेल दिया गया है, क्योंकि हमने आपके विरुद्ध पाप किया है.
以色列众人都犯了你的律法,偏行,不听从你的话;因此,在你仆人摩西律法上所写的咒诅和誓言都倾在我们身上,因我们得罪了 神。
12 आपने हमारे ऊपर बड़ी विपत्ति लाकर हमारे और हमारे शासकों के विरुद्ध कहे गये वचन को आपने पूरा किया है. आकाश के नीचे सारी पृथ्वी पर ऐसी विपत्ति और कहीं नहीं पड़ी, जैसी विपत्ति येरूशलेम में पड़ी है.
他使大灾祸临到我们,成就了警戒我们和审判我们官长的话;原来在普天之下未曾行过像在耶路撒冷所行的。
13 जैसा कि मोशेह के कानून में लिखा है, ये सारी विपत्ति हम पर आ पड़ी है, फिर भी हमने न तो याहवेह हमारे परमेश्वर का अनुग्रह पाने का यत्न किया है, और न ही अपने पापों को छोड़कर आपकी सच्चाई पर ध्यान दिया है.
这一切灾祸临到我们身上是照摩西律法上所写的,我们却没有求耶和华—我们 神的恩典,使我们回头离开罪孽,明白你的真理。
14 इसलिये याहवेह हमारे ऊपर विपत्ति लाने में नहीं हिचकिचाये, क्योंकि याहवेह हमारे परमेश्वर जो कुछ भी करते हैं, उन सब बातों में वे धर्मीपन दिखाते हैं; तौभी हमने उनकी बातों को नहीं माना.
所以耶和华留意使这灾祸临到我们身上,因为耶和华—我们的 神在他所行的事上都是公义;我们并没有听从他的话。
15 “और अब, हे प्रभु, हमारे परमेश्वर, जिसने अपने बलवान हाथ से अपने लोगों को मिस्र देश से निकाल लाया और अपने लिये एक नाम स्थापित किया, जो आज तक बना हुआ है, परंतु हमने पाप किया है, हमने दुष्टता ही की है.
主—我们的 神啊,你曾用大能的手领你的子民出埃及地,使自己得了名,正如今日一样。我们犯了罪,作了恶。
16 हे प्रभु, आप अपने सारे धर्मी कामों को ध्यान में रखते हुए, अपने क्रोध और कोप को येरूशलेम शहर से दूर करिये, जो आपका शहर और आपका पवित्र पर्वत है. हमारे पापों और हमारे पूर्वजों के अपराधों ने येरूशलेम और आपके लोगों को उन सबके सामने उपेक्षा का पात्र बना दिया है, जो हमारे आस-पास रहते हैं.
主啊,求你按你的大仁大义,使你的怒气和忿怒转离你的城耶路撒冷,就是你的圣山。耶路撒冷和你的子民,因我们的罪恶和我们列祖的罪孽被四围的人羞辱。
17 “अब, हे हमारे परमेश्वर, अपने सेवक की प्रार्थना और विनती को सुनिये. हे प्रभु, अपने हित में, अपने उजड़े हुए पवित्र स्थान पर कृपादृष्टि कीजिये.
我们的 神啊,现在求你垂听仆人的祈祷恳求,为自己使脸光照你荒凉的圣所。
18 हे हमारे परमेश्वर, कान लगाकर सुनिये और आंख खोलकर उजड़े हुए उस शहर को देखिये, जो आपके नाम से जाना जाता है. हम इसलिये विनती नहीं कर रहे हैं कि हम धर्मी हैं, पर इसलिये कि आप बड़े दयालु हैं.
我的 神啊,求你侧耳而听,睁眼而看,眷顾我们荒凉之地和称为你名下的城。我们在你面前恳求,原不是因自己的义,乃因你的大怜悯。
19 हे प्रभु, सुन लीजिए! हे प्रभु, क्षमा कर दीजिए! हे प्रभु, सुनिए और करिये! हे मेरे परमेश्वर, अपने ही हित में, विलंब न कीजिए, क्योंकि आपका शहर और आपके लोग आपके नाम से जाने जाते हैं.”
求主垂听,求主赦免,求主应允而行,为你自己不要迟延。我的 神啊,因这城和这民都是称为你名下的。”
20 जब मैं अपने पाप और अपने इस्राएली लोगों के पाप को मानते हुए बात और प्रार्थना कर रहा था और याहवेह मेरे परमेश्वर के सामने उसके पवित्र पर्वत के लिये विनती कर रहा था—
我说话,祷告,承认我的罪和本国之民以色列的罪,为我 神的圣山,在耶和华—我 神面前恳求。
21 जब मैं प्रार्थना में ही था, तब गब्रिएल, जिसे मैं पहले दर्शन में देख चुका था, शाम के बलिदान के समय तेज गति से मेरे पास आया.
我正祷告的时候,先前在异象中所见的那位加百列,奉命迅速飞来,约在献晚祭的时候,按手在我身上。
22 उसने निर्देश देकर मुझसे कहा, “हे दानिएल, मैं तुम्हें अंतर्दृष्टि और समझने की शक्ति देने आया हूं.
他指教我说:“但以理啊,现在我出来要使你有智慧,有聪明。
23 जब तुमने प्रार्थना करना शुरू किया, तभी एक आज्ञा दी गई, जिसे मैं तुम्हें बताने आया हूं, क्योंकि तुम बहुत सम्मानीय व्यक्ति हो. इसलिये इन बातों पर विचार करके दर्शन को समझ लो:
你初恳求的时候,就发出命令,我来告诉你,因你大蒙眷爱;所以你要思想明白这以下的事和异象。
24 “तुम्हारे लोगों और तुम्हारे पवित्र शहर के लिए सत्तर ‘सात’ ठहराए गये हैं कि वे अपराध करना छोड़ दें, पापों का अंत कर दें, दुष्टता का प्रायश्चित करें, अपने में सदाकाल का धर्मीपन लाएं, दर्शन और भविष्यवाणी की बातों पर मुहर लगाई जाए और परम पवित्र स्थान का अभिषेक किया जाए.
“为你本国之民和你圣城,已经定了七十个七。要止住罪过,除净罪恶,赎尽罪孽,引进永义,封住异象和预言,并膏至圣者。
25 “इस बात को जानो और समझ लो: येरूशलेम के फिर से स्थापित और पुनर्निर्माण के लिये वचन के निकलने से लेकर अभिषिक्त जन, शासक के आने तक सात ‘सात’ और बासठ ‘सात’ का समय ठहराया गया है. इसका पुनर्निर्माण गलियों और एक खाई के साथ होगा, किंतु यह कठिन समय में होगा.
你当知道,当明白,从出令重新建造耶路撒冷,直到有受膏君的时候,必有七个七和六十二个七。正在艰难的时候,耶路撒冷城连街带濠都必重新建造。
26 बासठ ‘सात’ के बाद अभिषिक्त जन मार डाला जाएगा, और कुछ न होगा. शासन करनेवाले के लोग आकर शहर और पवित्र स्थान को नष्ट कर देंगे. बाढ़ के समान अंत आ जाएगा: अंत तक युद्ध होता रहेगा, और उजाड़ का निर्णय लिया जा चुका है.
过了六十二个七,那受膏者必被剪除,一无所有;必有一王的民来毁灭这城和圣所,至终必如洪水冲没。必有争战,一直到底,荒凉的事已经定了。
27 वह बहुतों के साथ एक ‘सात’ के लिये एक वाचा की पुष्टि करेगा. ‘सात’ के बीच में ही, वह बलिदान और भेंट का अंत कर देगा. और मंदिर में एक विनाशकारी घृणित वस्तु को स्थापित करेगा, जो उजाड़ का कारण होगा. यह तब तक होता रहेगा, जब तक कि ठहराये गए समय के अंत में उस पर यह विनाश न उंडेल दिया जाए.”
一七之内,他必与许多人坚定盟约;一七之半,他必使祭祀与供献止息。那行毁坏可憎的如飞而来,并且有忿怒倾在那行毁坏的身上,直到所定的结局。”