< दानिय्येल 2 >

1 नबूकदनेज्ज़र ने अपने शासनकाल के दूसरे साल में स्वप्न देखे; जिससे उसका मन व्याकुल हो गया और वह सो न सका.
নেবুখাদনেজারের রাজত্বের দ্বিতীয় বছরে, তিনি স্বপ্ন দেখলেন; তার মন অস্থির হয়ে উঠল এবং তিনি ঘুমাতে পারলেন না।
2 इसलिये राजा ने आदेश दिया कि जादूगरों, टोन्हों, तांत्रिकों और ज्योतिषियों को बुलाया जाए कि वे राजा को उसका स्वप्न बताएं. जब वे आकर राजा के सामने खड़े हुए,
তিনি রাজ্যের সমস্ত মন্ত্রবেত্তা, মায়াবী, জাদুকর ও জ্যোতিষীদের ডেকে পাঠালেন এবং তাদের কাছে জানতে চাইলেন যে তিনি কী স্বপ্ন দেখেছেন। যখন তারা এলেন ও রাজার সামনে দাঁড়ালেন,
3 तो राजा ने उनसे कहा, “मैंने एक स्वप्न देखा है जो मुझे व्याकुल कर रहा है और मैं जानना चाहता हूं कि इसका मतलब क्या है.”
তিনি তাদের বললেন, “আমি একটি স্বপ্ন দেখেছি যা আমাকে দুশ্চিন্তায় ফেলেছে এবং আমি এর মানে জানতে চাই।”
4 तब ज्योतिषियों ने राजा को उत्तर दिया, “राजा चिरंजीवी हों! आप अपना स्वप्न अपने सेवकों को बताईये, और हम उसका अर्थ बताएंगे.”
জ্যোতিষীগণ রাজাকে অরামীয় ভাষায় উত্তর দিলেন, “মহারাজ দীর্ঘজীবী হোন। আপনার দাসদের বলুন আপনি কী স্বপ্ন দেখেছেন, আমরা তার মানে ব্যাখ্যা করব।”
5 राजा ने ज्योतिषियों को उत्तर दिया, “मैंने यह दृढ़ निश्चय किया है: यदि तुम लोग मुझे स्वप्न सहित उसका अर्थ नहीं बताओगे, तो मैं तुम्हें टुकड़े-टुकड़े कर दूंगा और तुम्हारे घरों को कचरे के ढेर में बदल दूंगा.
কিন্তু রাজা জ্যোতিষীদের বললেন, “আমি দৃঢ়ভাবে স্থির করেছি যে, যদি তোমরা আমার স্বপ্ন ও তার মানে বলতে না পারো তবে তোমাদের কেটে টুকরো টুকরো করে ফেলা হবে এবং তোমাদের ঘরবাড়ি ধ্বংসস্তূপে পরিণত করা হবে।
6 पर यदि तुम स्वप्न को बताकर उसका अर्थ भी बताते हो, तो तुमको उपहार और ईनाम और बहुत आदरमान दिया जाएगा. इसलिये तुम मुझे स्वप्न बताओ और उसका अर्थ भी बताओ.”
কিন্তু যদি তোমরা আমার স্বপ্ন ও তার মানে বলতে পারো, তবে তোমরা অনেক উপহার, পুরস্কার ও মহা সম্মান পাবে। তাই তোমরা আমার স্বপ্নটি ও তার মানে বলো।”
7 एक बार फिर उन्होंने उत्तर दिया, “राजा अपना स्वप्न अपने सेवकों को बताएं, और हम उसका अर्थ बताएंगे.”
তারা আবার বললেন, “মহারাজ, আপনি শুধু স্বপ্নটি বলুন, আমরা তার মানে বলে দেব।”
8 राजा ने उत्तर दिया, “मुझे पूरा निश्चय हो गया है कि तुम लोग समय को टालने की कोशिश कर रहे हो, क्योंकि तुम समझ चुके हो कि मैंने यह दृढ़ निश्चय कर लिया है:
তখন রাজা উত্তর দিলেন, “আমি নিশ্চিত যে তোমরা বেশি সময় নেবার চেষ্টা করছ, কারণ তোমরা বুঝেছ যে আমি এটি দৃঢ়ভাবে স্থির করেছি:
9 यदि तुम मुझे स्वप्न नहीं बताते हो, तो तुम्हारे लिये सिर्फ एक ही दंड है. यह आशा करते हुए कि परिस्थिति बदलेगी, तुम लोगों ने मुझसे झूठी और बुरी बातें कहने का षड़्‍यंत्र रचा है. इसलिये अब, तुम मुझे मेरा स्वप्न बताओ, और तब मैं जान लूंगा कि तुम मुझे उस स्वप्न का अर्थ भी बता सकते हो.”
যদি তোমরা আমার স্বপ্নটি বলতে না পারো, তাহলে তোমাদের জন্য একটিই শাস্তি হবে। তোমরা আমার বিরুদ্ধে মিথ্যা কথা ও বঞ্চনাবাক্য বলার মন্ত্রণা করেছ, এই ভেবে যে পরিস্থিতির পরিবর্তন হবে। অতএব তোমরা আমার স্বপ্নটি বলো, তাতে আমি বুঝব যে তার মানেও তোমরা বলতে পারবে।”
10 ज्योतिषियों ने राजा को उत्तर दिया, “पृथ्वी पर ऐसा कोई व्यक्ति नहीं जो राजा के इस पूछे गये प्रश्न का उत्तर दे सके! पर तो भी न तो किसी बड़े और शक्तिशाली राजा ने किसी जादूगर या टोन्हा या ज्योतिषी से कभी इस प्रकार की कोई बात पूछी है.
জ্যোতিষীরা রাজাকে উত্তর দিলেন, “মহারাজ, আপনি যা জানতে চাইছেন তা বলবার মতো লোক সারা পৃথিবীতে পাওয়া যাবে না! আজ পর্যন্ত কোনো রাজা, যত মহান ও ক্ষমতাশালী হোন না কেন, এরকম কথা মন্ত্রবেত্তা, মায়াবী বা জ্যোতিষীদের কাছে জানতে চাননি।
11 राजा जो बात पूछ रहे हैं, वह बहुत कठिन है. देवताओं को छोड़, और कोई राजा को यह बात नहीं बता सकता, और देवता मानव प्राणी के बीच नहीं रहते.”
মহারাজ, যে কথা আপনি জানতে চাইছেন তা খুব কঠিন। দেবতারা ব্যতিরেকে আর কেউ রাজার কাছে এই কথা প্রকাশ করতে পারবেন না এবং দেবতারা মানুষের মধ্যে বাস করে না।”
12 यह सुनकर राजा इतना क्रोधित और आग बबूला हो गया कि उसने बाबेल के सब बुद्धिमान लोगों को मार डालने की आज्ञा दे दी.
এটি শুনে রাজা এতটাই ক্রুদ্ধ ও ক্ষিপ্ত হয়ে উঠলেন যে তিনি ব্যাবিলনের সব জ্ঞানীদের হত্যা করার আদেশ দিলেন।
13 इसलिये सब बुद्धिमान लोगों को मार डालने का आदेश निकाला गया, और लोगों को दानिएल तथा उसके मित्रों के खोज में भेजा गया कि वे भी मार डाले जाएं.
তাই আদেশ দেওয়া হল যেসব জ্ঞানীদের হত্যা করা হবে এবং রাজা লোকেদের পাঠালেন যেন তারা দানিয়েল ও তার বন্ধুদের খুঁজে তাদের হত্যা করতে পারে।
14 जब राजा के अंगरक्षकों का प्रधान आरिओख, बाबेल के बुद्धिमान लोगों को मार डालने के लिये निकला था, तो दानिएल ने उससे बुद्धिमानी और व्यवहार कुशलता से बात की.
রাজার প্রহরীদের সেনাপতি অরিয়োক, যখন ব্যাবিলনের জ্ঞানীদের হত্যা করতে গেল, দানিয়েল তার সঙ্গে জ্ঞান ও কৌশলের সাথে কথা বললেন।
15 उसने राजा के अधिकारी से पूछा, “राजा ने ऐसा कठोर आदेश क्यों निकाला है?” तब आरिओख ने दानिएल को वह बात बताई.
তিনি রাজার কর্মচারীকে জিজ্ঞাসা করলেন, “কেন রাজা এমন কঠোর আদেশ দিয়েছেন?” অরিয়োক তখন দানিয়েলকে সমস্ত বিষয় ব্যাখ্যা করলেন।
16 यह जानकर दानिएल राजा के पास गया और कुछ समय देने की मांग की, ताकि वह राजा को उसके स्वप्न का अर्थ बता सके.
এতে দানিয়েল রাজার কাছে গেলেন এবং সময় চেয়ে নিলেন যাতে তিনি রাজার স্বপ্নের মানে ব্যাখ্যা করতে পারেন।
17 तब दानिएल अपने घर लौटा और उसने अपने मित्रों हननियाह, मिषाएल तथा अज़रियाह को इस विषय में बताया.
দানিয়েল তখন বাড়ি ফিরে এলেন ও তার বন্ধু হনানিয়, মীশায়েল ও অসরিয়কে সব কথা ব্যাখ্যা করলেন।
18 उसने उनको उत्साहित किया कि वे स्वर्ग के परमेश्वर से इस रहस्य के बारे में कृपा करने की बिनती करें, ताकि वह और उसके मित्र बाबेल के बाकी बुद्धिमान लोगों के साथ न मार डाले जाएं.
দানিয়েল তাদের স্বর্গের ঈশ্বরের কাছে এই স্বপ্নের রহস্য জানার জন্য করুণা ভিক্ষা করতে বললেন, যেন সে ও তার বন্ধুরা ব্যাবিলনের অন্য জ্ঞানীদের সঙ্গে বিনষ্ট না হয়।
19 रात के समय वह रहस्य एक दर्शन के रूप में दानिएल पर प्रगट हुआ. तब दानिएल ने स्वर्ग के परमेश्वर की महिमा की
সেরাতেই স্বপ্নের রহস্য দানিয়েলের কাছে এক দর্শনের মাধ্যমে প্রকাশ পেল। তখন দানিয়েল স্বর্গের ঈশ্বরের প্রশংসা করলেন।
20 और कहा: “परमेश्वर के नाम की महिमा सदा-सर्वदा होती रहे; क्योंकि बुद्धि और शक्ति उसकी है.
তিনি বললেন: “ঈশ্বরের নামের চিরকাল প্রশংসা হোক; কারণ জ্ঞান ও শক্তি তাঁরই।
21 वही हैं, जो समय एवं ऋतुओं को बदलते हैं; वे राजाओं को गद्दी से हटाते और दूसरों को गद्दी पर बैठाते हैं. वे बुद्धिमान को बुद्धि और समझदार को ज्ञान देते हैं.
তিনি সময় ও ঋতু পরিবর্তন করেন; তিনি রাজাদের অপসারণ করেন ও অন্য রাজাদের উত্থাপন করেন। তিনি জ্ঞানীকে জ্ঞান দেন, আর বিচক্ষণকে বুদ্ধি দেন।
22 वे गूढ़ और छिपी बातों को प्रगट करते हैं; वे जानते हैं कि अंधेरे में क्या रखा है, और उनके साथ प्रकाश बना रहता है.
তিনি গভীর ও লুকানো বিষয় ব্যক্ত করেন; তিনি জানেন অন্ধকারে কী লুকিয়ে আছে, আর আলো ঈশ্বরেই বাস করে।
23 हे मेरे पूर्वजों के परमेश्वर, मैं आपको धन्यवाद देता और आपकी प्रशंसा करता हूं: क्योंकि आपने मुझे बुद्धि एवं शक्ति दी है, आपने मुझे वह बात बताई है जो हमने आपसे पूछी, आपने हम पर राजा के स्वप्न को प्रगट किया है.”
হে আমার পূর্বপুরুষের ঈশ্বর, আমি তোমার ধন্যবাদ ও প্রশংসা করি; তুমি আমায় জ্ঞান ও শক্তি দিয়েছ, আমরা তোমার কাছে যা জানতে চেয়েছিলাম তা তুমি আমার কাছে প্রকাশ করেছ, তুমি আমাদের কাছে রাজার সেই স্বপ্নের রহস্য প্রকাশ করেছ।”
24 तब दानिएल, आरिओख के पास गया जिसे राजा ने बाबेल के बुद्धिमान लोगों को मार डालने के लिये नियुक्त किया था, और उसने आरिओख से कहा, “बाबेल के बुद्धिमान लोगों को मार डालने का काम रोक दीजिए. मुझे राजा के पास ले चलिए, और मैं राजा को उनके स्वप्न का अर्थ बताऊंगा.”
তখন দানিয়েল অরিয়োকের কাছে গেলেন, যাকে রাজা ব্যাবিলনের সব জ্ঞানীদের হত্যা করার জন্য নিযুক্ত করেছিলেন। দানিয়েল তাকে বললেন, “ব্যাবিলনের সব জ্ঞানীদের হত্যা করবেন না। আমাকে মহারাজের কাছে নিয়ে চলুন, আমি তার স্বপ্নের মানে ব্যাখ্যা করব।”
25 आरिओख तुरंत दानिएल को राजा के पास ले गया और उसने राजा से कहा, “यहूदिया से बंधुआई में आये लोगों के बीच मुझे एक ऐसा व्यक्ति मिला है, जो राजा को उसके स्वप्न का अर्थ बता सकता है.”
অরিয়োক তখনই দানিয়েলকে রাজার কাছে নিয়ে গেলেন এবং বললেন, “মহারাজ, যিহূদার বন্দিদের মধ্যে এমন একজনকে খুঁজে পেয়েছি যে আপনার স্বপ্নের মানে বলে দিতে পারবে।”
26 राजा ने दानिएल से पूछा (जिसे बैलशत्सर भी कहा जाता था), “क्या तुम इस योग्य हो कि मैंने स्वप्न में जो देखा है उसे और उसका अर्थ बता सको?”
রাজা দানিয়েলকে, যাকে বেল্টশৎসর নামেও ডাকা হত, জিজ্ঞাসা করলেন, “আমি স্বপ্নে কী দেখেছি তা কি বলতে ও মানে ব্যাখ্যা করতে পারবে?”
27 दानिएल ने उत्तर दिया, “राजा जिस रहस्य के बारे में पूछ रहे हैं, उसके बारे में कोई भी बुद्धिमान व्यक्ति, ज्योतिषी, जादूगर या भविष्य बतानेवाला राजा को कुछ नहीं बता सकता,
দানিয়েল উত্তরে বললেন, “কোনো জ্ঞানী, মায়াবী, মন্ত্রবেত্তা বা গনকের পক্ষে আপনার স্বপ্নের রহস্য ব্যাখ্যা করা সম্ভব নয়।
28 लेकिन स्वर्ग में एक परमेश्वर हैं, जो रहस्यों को प्रगट करते हैं. उन्होंने ने ही राजा नबूकदनेज्ज़र को दिखाया है कि आनेवाले दिनों में क्या होनेवाला है. जब आप अपने पलंग पर लेटे हुए थे, तब आपने जो स्वप्न और दर्शन देखे, वे ये हैं:
কিন্তু স্বর্গে এক ঈশ্বর আছেন যিনি রহস্য প্রকাশ করেন। তিনি ভবিষ্যতে যা ঘটবে তা রাজা নেবুখাদনেজারকে দেখিয়েছেন। আপনি যখন বিছানায় শুয়েছিলেন তখন যে স্বপ্ন ও দর্শন দেখেছেন তা এই:
29 “महाराज, जब आप अपने पलंग पर लेटे थे, तब आपका मन भविष्य में होनेवाली घटनाओं की ओर हो गया, और रहस्यों के प्रगट करनेवाले ने आपको दिखाया कि भविष्य में क्या होनेवाला है.
“হে মহারাজ, যখন আপনি শুয়েছিলেন, আপনি স্বপ্নে আগত ঘটনাসকল দেখলেন। ঈশ্বর যিনি রহস্য প্রকাশ করেন, ভবিষ্যতে কী ঘটতে চলেছে তা আপনাকে দেখিয়েছেন।
30 जहां तक मेरी बात है, तो यह रहस्य मुझ पर इसलिये प्रकट नहीं किया गया कि मेरे पास किसी और जीवित व्यक्ति से ज्यादा बुद्धि है, पर इसलिये कि महाराज को रहस्य का अर्थ मालूम हो जाए और आप समझ जाएं कि आपके मन में क्या आया था.
অন্য কোনো জীবিত মানুষের থেকে আমার বেশি জ্ঞান আছে বলে যে আপনার স্বপ্নের রহস্য আমার কাছে প্রকাশিত হয়েছে এমন নয়; কিন্তু উদ্দেশ্য এই, যেন আপনি মহারাজ এর মানে বুঝতে পারেন এবং আপনার মনের মধ্যে কী হয়েছিল তা বুঝতে পারেন।
31 “महाराज, आपने देखा कि आपके सामने एक बड़ी मूर्ति खड़ी थी—एक बहुत बड़ी, चौंधियानेवाली मूर्ति, दिखने में अद्भुत.
“মহারাজ, আপনি দেখলেন যে আপনার সামনে একটি প্রকাণ্ড মূর্তি; বৃহৎ, অতিশয় তেজোবিশিষ্ট ও দেখতে ভয়ংকর।
32 उस मूर्ति का सिर शुद्ध सोने से बना था, उसकी छाती और भुजाएं चांदी की, उसका पेट और जांघें कांसे की,
মূর্তিটির মাথা ছিল বিশুদ্ধ সোনার, বুক ও বাহু রুপোর, পেট ও ঊরু পিতলের,
33 उसके टांगे लोहे की और उसके पांव कुछ लोहे के और कुछ सेंके गये मिट्टी के थे.
পা-দুটি লোহার, আর পায়ের পাতা লোহা ও মাটি দিয়ে তৈরি ছিল।
34 जब आप देख रहे थे, तो एक चट्टान बिना किसी मानवीय प्रयास के अपने आप कटकर आई और उस मूर्ति के लोहे और मिट्टी के पांव को ऐसी ठोकर मारी कि वे चूर-चूर हो गए.
আপনি যখন মূর্তিটির দিকে তাকিয়েছিলেন, তখন একটি বিরাট পাথরখণ্ড কাটা হল কিন্তু মানুষের হাত দিয়ে নয়; যা মূর্তিটির লোহা ও মাটি দিয়ে গঠিত পায়ের পাতায় আঘাত করে চূর্ণ করল।
35 तब लोहा, मिट्टी, कांसा, चांदी और सोना सब टूटकर टुकड़े-टुकड़े हो गए और ग्रीष्मकाल में खलिहान के भूंसे के समान हो गये. हवा उनको ऐसे उड़ा ले गई कि उनका कोई छोटा टुकड़ा भी न बचा. पर जिस चट्टान ने मूर्ति को ठोकर मारी थी, वह चट्टान एकाएक बहुत बड़ा पहाड़ बन गई और सारी पृथ्वी में फैल गई.
এরপরে লোহা, মাটি, পিতল, রুপো ও সোনা সবকিছুই চূর্ণবিচূর্ণ হল ও গ্রীষ্মকালে খামারের তুষের মতো গুঁড়ো হল। বাতাস সেগুলি সব উড়িয়ে নিয়ে গেল, কিছুই পড়ে রইল না। কিন্তু ওই পাথরখণ্ডটি, যেটি মূর্তিটিকে আঘাত করেছিল, ক্রমে এক বিশাল পাহাড়ে পরিণত হয়ে সারা পৃথিবী পূর্ণ করল।
36 “यही था आपका स्वप्न, और अब हम राजा को उसका अर्थ बताएंगे.
“এটিই ছিল সেই স্বপ্ন এবং এখন আমরা এর মানে রাজাকে ব্যাখ্যা করব।
37 हे महाराज, आप तो राजाओं के राजा हैं. स्वर्ग के परमेश्वर ने आपको राज्य और अधिकार और शक्ति और महिमा दी है;
মহারাজ, আপনি রাজাদের রাজা। স্বর্গের ঈশ্বর আপনাকে আধিপত্য, শক্তি, প্রতাপ ও মহিমা দিয়েছেন;
38 आपके अधीन, उन्होंने सब मानव प्राणी और भूमि के जानवर और आकाश के पक्षियों को कर दिया है. वे जहां कहीं भी रहते हैं, परमेश्वर ने आपको उनके ऊपर शासक ठहराया है. मूर्ति के सोने का वह सिर आप ही हैं.
এমনকি তিনি সমস্ত মানবজাতি, মাঠের পশু ও আকাশের পাখি আপনার অধীন করেছেন। তাদের সকলের উপরে আপনাকে কর্তৃত্ব দিয়েছেন। সেই সোনার মাথা হলেন আপনিই।
39 “आपके बाद एक दूसरे राज्य का उदय होगा जो आपके राज्य से निचले स्तर का होगा. उसके बाद, एक तीसरे राज्य का उदय होगा, जो कांसे का प्रतिरूप होगा, जिसका शासन संपूर्ण पृथ्वी पर होगा.
“আপনার পর আরেকটি রাজ্য আসবে, তবে তা আপনার থেকে নিকৃষ্ট হবে। তারপর, তৃতীয় এক রাজ্য, পিতলের তৈরি, জগতে আধিপত্য করবে।
40 आखिरी में, एक चौथा राज्य होगा जो लोहे की तरह मजबूत होगा—क्योंकि लोहा सब चीज़ों को तोड़ता और चूर-चूर कर देता है—और जैसे कि लोहा चीज़ों को तोड़कर टुकड़े-टुकड़े कर देता है, वैसे ही यह राज्य भी दूसरे सभी राज्यों को कुचलकर टुकड़े कर देगा.
অবশেষে, চতুর্থ এক রাজ্য আসবে তা হবে লোহার মতো কঠিন। লোহা যেমন সমস্ত কিছু চূর্ণ করে ও পিষে ফেলে তেমনই এই রাজ্যও আগের সব রাজ্যগুলিকে চূর্ণ করবে ও পিষে ফেলবে।
41 जैसा कि आपने देखा कि पांव और उंगलियां कुछ सेंके गये मिट्टी और कुछ लोहे की थीं, इसलिये यह एक विभाजित राज्य होगा; फिर भी इसमें कुछ लोहे का बल होगा, जैसा कि आपने लोहे को मिट्टी के साथ मिला हुआ देखा.
আপনি যেমন দেখেছেন, মূর্তিটির পায়ের পাতা ও আঙুলগুলি লোহা ও মাটি মিশিয়ে তৈরি সেইরূপ এটি একটি বিভক্ত রাজ্য হবে; অথচ লোহার মতো কিছুটা শক্ত হবে, কেননা আপনি দেখেছিলেন লোহার সঙ্গে মাটি মিশানো ছিল।
42 जैसे कि पांव की उंगलियां कुछ लोहा और कुछ मिट्टी की थी, इसलिये यह राज्य कुछ तो मजबूत और कुछ निर्बल होगा.
পায়ের আঙুলগুলি যেমন লোহা ও মাটি মিশিয়ে তৈরি করা ছিল, তাই এই রাজ্য লোহার মতো শক্ত হবে আর মাটির মতো দুর্বল হবে।
43 और जैसा कि आपने लोहे को सेंके गये मिट्टी के साथ मिला हुआ देखा, वैसे ही लोगों का मिश्रण होगा और उनमें एकता न होगी, क्योंकि लोहा मिट्टी के साथ मेल नहीं खाता.
এবং আপনি যেমন দেখেছেন লোহার সঙ্গে মাটি মিশানো ছিল, সেইরূপ এই রাজ্যের সকলে মিশ্রিত হবে এবং একত্রে থাকবে না; লোহা যেমন মাটির সঙ্গে কখনোই মিশে যায় না, তেমনই তারাও এক হতে পারবে না।
44 “उन राजाओं के समय में, स्वर्ग के परमेश्वर एक ऐसे राज्य को स्थापित करेंगे, जो कभी नष्ट न होगा और न ही इस पर किसी अन्य का शासन होगा. यह राज्य उन सब राज्यों को चूर-चूर कर देगा और उनका अंत कर देगा, पर यह स्वयं सदाकाल तक बना रहेगा.
“এসব রাজাদের শাসনকালে স্বর্গের ঈশ্বর এমন একটি রাজ্যের প্রতিষ্ঠা করবেন, যা কেউ ধ্বংস করতে পারবে না বা কেউ অধিকার করতে পারবে না। কিন্তু এই রাজ্য অন্য সব রাজ্যের অবসান ঘটিয়ে চিরস্থায়ী হবে।
45 यह उस चट्टान के दर्शन का अर्थ है जो मनुष्य के हाथों नहीं, किंतु अपने आप एक पहाड़ से टूटकर अलग हुई थी और जिसने लोहा, कांसा, मिट्टी, चांदी और सोना को टुकड़े-टुकड़े कर दिया था. “महान परमेश्वर ने राजा को दिखाया है कि भविष्य में क्या होनेवाला है. यह स्वप्न सत्य है तथा इसका अर्थ विश्वासयोग्य है.”
মানুষের সাহায্য ছাড়াই যেভাবে পাহাড় থেকে একটি পাথর কেটে লোহা, পিতল, মাটি, রুপো ও সোনা ধ্বংস করা হল, আপনার সেই দর্শনের অর্থ এই। “এ সবকিছুর মাধ্যমে মহান ঈশ্বর ভবিষ্যতে কী ঘটবে তা আপনাকে দেখিয়েছেন। মহারাজ, আপনার স্বপ্ন সত্য ও তার ব্যাখ্যা নিশ্চিত।”
46 तब राजा नबूकदनेज्ज़र ने दानिएल को साष्टांग दंडवत किया और उसे आदर दिया और आज्ञा दी कि दानिएल को भेंट चढ़ाई जाय और उसके सामने सुगंधित धूप जलाया जाय.
তারপর রাজা নেবুখাদনেজার উপুড় হয়ে দানিয়েলকে প্রণাম ও আরাধনা করলেন এবং তার উদ্দেশ্যে নৈবেদ্য ও সুগন্ধিদ্রব্য উৎসর্গ করতে আদেশ দিলেন।
47 राजा ने दानिएल से कहा, “निश्चित रूप से तुम्हारे परमेश्वर देवताओं के परमेश्वर और राजाओं के प्रभु और रहस्यों के प्रगटकर्ता हैं, क्योंकि तुम इस रहस्य का अर्थ बताने में योग्य ठहरे.”
রাজা দানিয়েলকে বললেন, “তোমার ঈশ্বর সব দেবতাগনের ঊর্ধ্বে শ্রেষ্ঠ ঈশ্বর ও রাজাদের ঊর্ধ্বে প্রভু এবং রহস্য প্রকাশকারী, কারণ তুমি এই রহস্য প্রকাশ করতে সক্ষম হয়েছ।”
48 तब राजा ने दानिएल को एक ऊंचे पद पर ठहराया और उसे बहुत सारे कीमती उपहार दिये. राजा ने उसे सारे बाबेल प्रदेश का शासक बनाया और बाबेल के सब बुद्धिमान लोगों के ऊपर उसे अधिकारी ठहराया.
তখন রাজা দানিয়েলকে উচ্চপদে প্রতিষ্ঠিত করলেন এবং অনেক মূল্যবান উপহার দিলেন। রাজা তাকে ব্যাবিলন প্রদেশের শাসক করলেন এবং সব জ্ঞানী লোকেদের প্রধান হিসেবে নিযুক্ত করলেন।
49 और दानिएल के अनुरोध पर राजा ने शद्रख, मेशेख तथा अबेद-नगो को बाबेल प्रदेश पर प्रशासक नियुक्त कर दिया, परंतु दानिएल स्वयं राज-दरबार में बना रहा.
এছাড়াও, দানিয়েলের অনুরোধে রাজা শদ্রক, মৈশক ও অবেদনগোকে ব্যাবিলনের বিভিন্ন প্রদেশের প্রশাসক নিযুক্ত করলেন, যদিও দানিয়েল রাজসভাতেই রইলেন।

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