< दानिय्येल 12 >
1 “उस समय मिखाएल, महान राजकुमार का उदय होगा, जो तुम्हारे लोगों की रक्षा करता है. तब ऐसी विपत्ति का समय होगा, जैसे जनताओं के उत्पन्न होने से लेकर अब तक कभी हुआ न होगा. पर उस समय तुम्हारे लोगों में से हर वह व्यक्ति बचाया जाएगा, जिसका नाम पुस्तक में लिखा हुआ पाया जाएगा.
И в онова време великият княз Михаил, който се застъпва за твоите люде, ще се повдигне; и ще настане време на страдание, каквото никога не е бивало, откакто народ съществува до онова време; и в онова време твоите люде ще се отърват, - всеки, който се намери записан в книгата.
2 मरे हुए लोगों के समूह जो भूमि में दफनाए गये हैं, वे जी उठेंगे: कुछ तो अनंत जीवन के लिये, तथा अन्य लज्जा और अनंत अपमान के लिये.
И множеството от спящите в пръстта на земята ще се събудят, едни за вечен живот, а едни за срам и вечно презрение.
3 जो बुद्धिमान हैं, वे आकाश के ज्योति के समान चमकेंगे, और जो बहुतों को धर्मीपन की ओर ले जाते हैं, वे तारों के समान सर्वदा चमकते रहेंगे.
Разумните ще сияят със светлостта на простора, и ония, които обръщат мнозина в правда като звездите до вечни векове.
4 परंतु हे दानिएल, तुम अंत समय के आते तक इस पुस्तक की बातों पर मुहर लगाकर इसे बंद रखो. बहुत से लोग ज्ञान बढ़ाने के लिये इधर-उधर जाएंगे.”
А ти, Данииле, затвори думите и запечатай книгата до края на времето, когато мнозина ще я изследват, и знанието за нея ще се умножава.
5 तब मैं, दानिएल ने देखा कि वहां दो और व्यक्ति खड़े थे, एक नदी के इस किनारे पर और एक नदी के उस किनारे पर.
Тогава, като погледнах аз Даниил, ето, стояха двама други, един на брега отсам реката, и един на брега оттам реката.
6 उनमें से एक ने मलमल कपड़े पहने उस व्यक्ति से कहा, जो नदी के पानी के ऊपर था, “इसके पहले कि ये अचंभित करनेवाली बातें पूरी हों, और कितना समय लगेगा?”
И единият рече на облечения в ленени дрехи човек, който бе над водата на реката: Докога ще се чака за края на тия чудеса?
7 वह व्यक्ति जो मलमल के कपड़े पहना था और नदी के दानी के ऊपर था, उसने अपना दहिना हाथ और अपना बायां हाथ आकाश की ओर उठाया और मैंने सुना कि वह सदा जीवित रहनेवाले की शपथ खाकर यह कह रहा था, “यह एक समय, समयों और आधे समय के लिये होगा. जब आखिर में पवित्र लोगों की शक्ति खत्म कर दी जाएगी, तब ये सारी बातें पूरी हो जाएंगी.”
И чух облечения в ленени дрехи човек, който бе над водата на реката, когато издигна десницата си и левицата си към небето и се закле в Оня, който живее до века, че това ще бъде след време, времена, и половина време, и че всичко това ще се изпълни, когато ще са свършили да смажат силата на светите люде.
8 मैंने ये बातें सुनी, पर न समझा. इसलिये मैंने पूछा, “हे मेरे प्रभु, इन सब बातों का परिणाम क्या होगा?”
И аз чух, но не разбрах. Тогава рекох: Господарю, мой, каква ще бъде сетнината на това?
9 उसने उत्तर दिया, “हे दानिएल, तुम जाओ, क्योंकि अंत समय आने तक के लिए इन बातों पर मुहर लगाकर इन्हें बंद कर दिया गया है.
А той рече: Иди си, Данииле; защото думите са затворени и запечатани до края на времето.
10 बहुत से लोग शुद्ध, दाग रहित और स्वच्छ किए जाएंगे; किंतु वे जो दुष्ट हैं, वे दुष्टता ही करते रहेंगे. दुष्टों में से कोई भी ये बातें न समझेगा, परंतु जो बुद्धिमान हैं, वे समझेंगे.
Мнозина ще се чистят и избелят и ще бъдат опитани; а нечестивите ще вършат нечестие, и никой от нечестивите не ще разбере; но разумните ще разберат.
11 “जब से प्रतिदिन का बलिदान बंद कर दिया जाएगा और उजाड़नेवाली घृणित वस्तु स्थापित की जाएगी, तब से 1,290 दिनों का समय होगा.
И от времето, когато се премахне всегдашната жертва, и се постави мерзостта, която докарва запустение; ще има хиляда и двеста и деветдесет дена.
12 धन्य है वह, जो इंतजार करता है और 1,335 दिनों के अंत तक पहुंचता है.
Блажен, който изтърпи и стигне до хиляда и триста и тридесет и петте дена.
13 “जहां तक तुम्हारा सवाल है, तुम अंत के आने तक जाओ. तुम विश्राम करोगे, और उन दिनों के अंत में, तुम अपना निर्धारित उत्तराधिकार पाने के लिए खड़े होगे.”
Но ти си иди, додето настане краят; и ще се успокоиш, и в края на дните ще застанеш в дела си.