< दानिय्येल 11 >

1 मादी वंश के राजा दारयावेश के शासन के पहले साल में, मैं उसको समर्थन देने और उसके बचाव के लिए खड़ा हुआ.)
মাদীয় দারিয়াবসের রাজত্বের প্রথম বছরে, আমি তাকে শক্তি দেবার ও রক্ষা করার জন্য পদক্ষেপ নিয়েছিলাম।)
2 “अब, मैं तुमको सच्ची बात बताता हूं: फारस में तीन और राजाओं का उदय होगा, और उसके बाद एक चौथा राजा होगा, जो दूसरे सब राजाओं से बहुत अधिक धनी होगा. जब वह अपने धन से शक्ति प्राप्‍त कर लेगा, तब वह सब लोगों को यावन राज्य के विरुद्ध भड़काएगा.
“আমি, এখন, তোমাকে সত্যি বলছি: পারস্যে আরও তিনজন রাজা রাজত্ব করবে, তারপরে চতুর্থ একজন রাজা আসবে যে অন্যদের থেকে অনেক বেশি ঐশ্বর্যশালী হবে। ঐশ্বর্যের বলে ক্ষমতার শিখরে উঠে সে গ্রীস রাজ্যের বিরুদ্ধে সকলকে প্ররোচিত করবে।
3 तब एक पराक्रमी राजा का उदय होगा, जो बड़ी शक्ति से राज्य करेगा और उसे जो अच्छा लगेगा, वही करेगा.
পরে এক শক্তিশালী রাজার উত্থান হবে যে মহাশক্তিতে এবং নিজের ইচ্ছা অনুযায়ী শাসন করবে।
4 उसके उदय होने के बाद, उसका राज्य टूट जाएगा और चारों दिशाओं में बंट जाएगा. यह उसके संतानों के पास नहीं जाएगा और न ही उसके शक्ति का प्रभाव उस राज्य में होगा, क्योंकि उसका राज्य उससे छीनकर दूसरों को दे दिया जाएगा.
কিন্তু উত্থানের পরে তার সাম্রাজ্য ভেঙে দেওয়া হবে ও আকাশের চারদিকে ছড়িয়ে দেওয়া হবে। সেই ভাগ তার বংশধরদের দেওয়া হবে না; এমনকি তার মতো প্রচণ্ড প্রতাপ তাদের থাকবে না কারণ তার সাম্রাজ্য উপড়ে ফেলা হবে ও অন্যদের দেওয়া হবে।
5 “दक्षिण का राजा शक्तिशाली हो जाएगा, परंतु उसका ही एक सेनापति उससे भी ज्यादा शक्तिशाली हो जाएगा और अपने स्वयं के राज्य पर बड़े शक्ति से शासन करेगा.
“এরপর দক্ষিণের রাজার শক্তিবৃদ্ধি পাবে কিন্তু তার একজন সেনাপতি তার তুলনায় বেশি শক্তিশালী হবে এবং সে মহাশক্তিতে নিজের রাজ্য শাসন করবে।
6 कुछ सालों के बाद, वे सहयोगी बन जाएंगे. दक्षिण के राजा की बेटी उत्तर के राजा के पास एक संधि करने के लिये जाएगी, परंतु उसके पास उसके राज्य की शक्ति न रहेगी, और न ही उत्तर के राजा के पास कोई शक्ति बचेगी. उन दिनों, दक्षिण के राजा की बेटी को उसके शाही रक्षकों और उसके पिता और उसकी मदद करनेवाले सहित धोखा दिया जाएगा.
কয়েক বছর পরে, উত্তরের রাজা ও দক্ষিণের রাজার মধ্যে মিত্রতা স্থাপন হবে। দক্ষিণের রাজার কন্যা উত্তরের রাজার সঙ্গে নিয়ম স্থাপন করতে যাবে কিন্তু সেই কন্যা তার শক্তি ধরে রাখতে পারবে না এবং সেই রাজাও তার ক্ষমতায় স্থায়ী হবে না। তারপর সেই কন্যা, তার রাজকীয় সহচর, তার বাবা ও যে তাকে সমর্থন করেছিল সকলেই বিশ্বাসঘাতকতার শিকার হবে।
7 “उसके परिवार का एक जन उसकी जगह में उठ खड़ा होगा. वह उत्तर के राजा के सेना पर आक्रमण करेगा और उसके किले में प्रवेश करेगा; वह उनसे लड़ेगा और विजयी होगा.
“কিন্তু যখন সেই কন্যার এক আত্মীয় দক্ষিণের রাজা হবে তখন সে উত্তরের রাজার সেনাবাহিনীকে আক্রমণ করবে ও তার দুর্গে প্রবেশ করবে; তাদের বিরুদ্ধে সে যুদ্ধ করবে ও বিজয়ী হবে।
8 वह उनके देवताओं को, उनके धातु की मूर्तियों को और उनके चांदी एवं सोने के बहुमूल्य पात्रों को ज़ब्त कर लेगा और अपने साथ मिस्र देश ले जाएगा. कुछ वर्षों तक, वह उत्तर के राजा को अकेला छोड़ देगा.
বিজয়ী এই রাজা তাদের দেবতাদের, তাদের ধাতুর তৈরি বিগ্রহ এবং তাদের রুপো ও সোনার মূল্যবান বস্তুসকল দখল করে মিশরে নিয়ে যাবে। কয়েক বছর সে উত্তরের রাজার বিরোধিতা করবে না।
9 तब उत्तर का राजा दक्षिण के राजा की सीमा का अतिक्रमण करेगा परंतु अपने ही देश को लौट जाएगा.
তারপর উত্তরের রাজা দক্ষিণের রাজার রাজত্ব আক্রমণ করবে কিন্তু পরাজিত হয়ে নিজের দেশে ফিরে যাবে।
10 उसके बेटे युद्ध की तैयारी करेंगे और एक बड़ी सेना इकट्ठा करेंगे, जो न रोके जा सकनेवाले बाढ़ के समान तेजी से आगे बढ़ेंगे और लड़ाई को उसके किले तक ले जाएंगे.
তার পুত্রেরা যুদ্ধের প্রস্তুতি করবে ও এক মহা সৈন্যদল একত্রিত করবে। তারা ভীষণ বন্যার মতো অগ্রসর হবে ও যুদ্ধ করতে করতে দক্ষিণের রাজার দুর্গ পর্যন্ত পৌঁছে যাবে।
11 “तब दक्षिण का राजा क्रोधित होकर आगे बढ़ेगा और वह उत्तर के राजा से लड़ाई करेगा, और उत्तर का राजा एक बड़ी सेना खड़ी करेगा, परंतु वह हार जाएगा.
“তখন দক্ষিণের রাজা প্রচণ্ড ক্ষোভে উত্তরের রাজার বিরুদ্ধে যাত্রা করবে ও যুদ্ধ করবে। উত্তরের রাজা বিশাল সেনাবাহিনী নিয়ে যুদ্ধ করলেও পরাজিত হবে।
12 जब इस बड़ी सेना को हरा दिया जाएगा, तब दक्षिण के राजा मन घमंड से भर जाएगा और कई हजार लोगों को मार डालेगा, तौभी वह विजयी बना न रह सकेगा.
যখন সৈন্যদের বন্দি করা হবে তখন দক্ষিণের রাজা অহংকারে মত্ত হয়ে উঠবে এবং হাজার হাজার জনকে হত্যা করবে অথচ সে বিজয়ী রইবে না।
13 क्योंकि उत्तर का राजा एक दूसरी सेना खड़ी कर लेगा, जो उसके पहले की सेना से बड़ी होगी; और कई सालों के बाद, वह पूरी तैयारी के साथ एक बड़ी सेना को लेकर आगे बढ़ेगा.
কারণ উত্তরের রাজা আগের তুলনায় আরও বিশাল এক সৈন্যবাহিনী প্রস্তুত করবে এবং কয়েক বছর পরে সম্পূর্ণ সুসজ্জিত এক বিশাল বাহিনী নিয়ে আক্রমণ করবে।
14 “उन दिनों में, बहुत से लोग दक्षिण के राजा के विरुद्ध उठ खड़े होंगे. तुम्हारे अपने लोगों के बीच जो हिंसक प्रवृत्ति के हैं, वे इस दर्शन के पूर्ति में विद्रोह करेंगे, किंतु वे सफल न होंगे.
“সেই সময়ে অনেকে দক্ষিণের রাজার বিরুদ্ধে মাথা তুলে দাঁড়াবে। তোমার স্বজাতির মধ্যে যারা উগ্র তারা বিদ্রোহ করবে; এতে দর্শন সম্পূর্ণ হবে কিন্তু তারা সফল হবে না।
15 तब उत्तर का राजा आकर सैनिकों का घेरा डालेगा और एक किला वाले शहर पर कब्जा कर लेगा. दक्षिण की सेना में विरोध करने की शक्ति न होगी, और तो और उनके सबसे अच्छे सैन्य-दलों के पास भी सामना करने की शक्ति न होगी.
এসময় উত্তরের রাজা আসবে, আক্রমণ করে এক সুরক্ষিত নগর অবরোধ করবে এবং দখল করে নেবে। দক্ষিণের সেনাবাহিনী প্রতিরোধ করতে শক্তিহীন হয়ে পড়বে; তাদের শ্রেষ্ঠ যোদ্ধারাও প্রতিরোধ করার শক্তি পাবে না।
16 आक्रमणकारी जैसा चाहेगा, वैसा करेगा; कोई भी उसके सामने ठहर न सकेगा. वह अपने आपको उस सुंदर देश में स्थापित करेगा और उसके पास उसे नाश करने की शक्ति होगी.
সেই আক্রমণকারী যেমন খুশি তেমনই করবে; কেউই তার বিরুদ্ধে মাথা তুলে দাঁড়াতে পারবে না। সে মনোরম দেশে নিজেকে প্রতিষ্ঠিত করবে ও সেটিকে ধ্বংস করার ক্ষমতা তার হাতেই থাকবে।
17 वह अपने सारे राज्य की शक्ति के साथ आने की ठान लेगा और वह दक्षिण के राजा के साथ एक संधि करेगा. और उसके राज्य को जीतने के लिये उस राजा को अपनी एक बेटी विवाह में देगा, परंतु उसकी योजना सफल न होगी या उससे उसे कोई मदद नहीं मिलेगी.
সে তার রাজ্যের সর্বশক্তি প্রয়োগ করে আসবার পরিকল্পনা করবে ও দক্ষিণের রাজার সঙ্গে মিত্রতা স্থাপন করবে। এবং সেই রাজা দক্ষিণের রাজার সঙ্গে তার এক মেয়ের বিয়ে দেবে এবং তার সাম্রাজ্য উৎখাত করতে চাইবে। কিন্তু তার এই অভিসন্ধি সফল হবে না।
18 तब वह अपना ध्यान समुद्रतटों पर लगाएगा और उनमें से बहुतों को अपने अधिकार में कर लेगा, परंतु एक सेनापति उसके अहंकार का अंत कर देगा और उसके अहंकार के अनुसार उससे बदला लेगा.
এরপর সেই রাজা উপকূলের অঞ্চলের দিকে দৃষ্টি দেবে ও তাদের অনেক অংশ নিজের হস্তগত করবে, কিন্তু এক সেনানায়ক তার ঔদ্ধত্য শেষ করবে এবং লজ্জায় তাকে পিছু ফিরতে বাধ্য করবে।
19 इसके बाद, वह अपने ही देश के किलों की ओर मुंह मोड़ेगा, किंतु वह लड़खड़ा कर गिरेगा और उसका अस्तित्व ही मिट जाएगा.
তারপর সে নিজের দেশের দুর্গে ফিরে যাওয়ার চেষ্টা করবে কিন্তু হোঁচট খাবে এবং তার পতন হবে, তাকে পরবর্তীকালে আর খুঁজে পাওয়া যাবে না।
20 “तब जो उसकी जगह लेगा, वह राजकीय वैभव को बनाए रखने के लिये कर इकट्ठा करनेवाला भेजेगा. फिर भी, कुछ ही सालों में, वह नाश हो जाएगा, पर उसका विनाश क्रोध में या युद्ध में न होगा.
“তার উত্তরাধিকারী রাজ্যের প্রতিপত্তি বজায় রাখতে এক কর আদায়কারীকে পাঠাবে। কিন্তু কয়েক বছরের মধ্যে সেও ধ্বংস হবে, যদিও তার মৃত্যু ক্রোধে বা যুদ্ধে ঘটবে না।
21 “उसके जगह को लेनेवाला एक तिरस्कृत व्यक्ति होगा, जिसे राजसत्ता से सम्मान न मिला होगा. जब लोग सुरक्षित महसूस कर रहे होंगे, तभी वह राज्य पर आक्रमण करेगा और षड़्‍यंत्र करके उसे अपने कब्जे में कर लेगा.
“তার স্থানে এক তুচ্ছ ব্যক্তি রাজা হবে, যার রাজকীয় সম্মান পাবার কোনো অধিকার নেই। যখন লোকেরা সুরক্ষিত বোধ করবে তখন সে আক্রমণ করবে এবং ছলনায় রাজপদ অধিকার করবে।
22 तब एक बड़ी सेना उसके सामने से पलायन कर जाएगी; इसे और वाचा के एक राजकुमार को नष्ट कर दिया जाएगा.
তখন অদম্য এক সেনাবাহিনী তার সামনে বহিষ্কৃত হবে; সেই সেনাবাহিনী ও নিয়মের অধিপতি উভয়েই ধ্বংস হবে।
23 उस राजकुमार के साथ एक समझौता होने के बाद, वह छल करेगा, और सिर्फ थोड़े ही लोगों के साथ वह शक्तिशाली हो जाएगा.
তার সাথে নিয়ম স্থাপন করে সে ছলনা করবে ও অল্প কয়েকজনকে নিয়ে সে ক্ষমতায় আসবে।
24 जब धनी राज्य सुरक्षित महसूस कर रहे होंगे, तभी वह उन पर आक्रमण करेगा और ऐसी सफलता प्राप्‍त करेगा, जैसी न तो उसके बाप-दादों और न ही उसके पूर्वजों ने प्राप्‍त की थी. वह लूटी और छीनी गई चीज़ों और संपत्ति को अपने अनुयायियों के बीच बांट देगा. वह किलों को जीतने के लिये षड़्‍यंत्र करेगा—पर सिर्फ थोड़े समय के लिये.
যখন ঐশ্বর্যশালী অঞ্চলগুলি সুরক্ষিত বোধ করবে, সে তখন সেইসব অঞ্চল আক্রমণ করবে এবং এমন সবকিছু হস্তগত করবে যা তার পিতৃপুরুষ বা পূর্বপুরুষেরাও পারেনি। যুদ্ধে লুন্ঠিত দ্রব্য ও লুট করা ধনসম্পদ তার অনুচরদের মধ্যে সে ভাগ করে দেবে। সে অনেক সামরিক দুর্গ দখল করার পরিকল্পনা করবে কিন্তু সীমিত সময়ের জন্যই তা স্থায়ী হবে।
25 “एक बड़ी सेना लेकर वह दक्षिण के राजा के विरुद्ध अपनी शक्ति एवं साहस लगा देगा. दक्षिण का राजा भी एक बड़ी और शक्तिशाली सेना लेकर युद्ध करेगा, किंतु उसके विरुद्ध रचे गये षड़्‍यंत्र के कारण, वह ठहर न सकेगा.
“এক বিশাল বাহিনী নিয়ে সে দক্ষিণের রাজার বিরুদ্ধে নিজের শক্তি ও সাহস বৃদ্ধি করবে। দক্ষিণের রাজা বিশাল ও শক্তিশালী এক সেনাবাহিনী নিয়ে যুদ্ধ করবে কিন্তু ষড়যন্ত্রের শিকার হয়ে তার বিরুদ্ধে টিকতে পারবে না।
26 जो राजा के द्वारा दिये गये भोजन को खाया करते थे, वे ही उसे नाश करने की कोशिश करेंगे; उसकी सेना भगा दी जाएगी, और बहुत सारे लोग युद्ध में मारे जाएंगे.
তার রাজকীয় আদালতের সদস্যরা তাকে ধ্বংস করার চেষ্টা করবে; তার সেনাবাহিনী পরাজিত হবে এবং অনেকে যুদ্ধে প্রাণ হারাবে।
27 दोनों ही राजा अपने मन में बुरी बातें रखकर एक ही मेज़ पर बैठेंगे और एक दूसरे से झूठ बोलेंगे, जिससे कोई फायदा न होगा, क्योंकि ठहराए गये समय पर अंत आ जाएगा.
দুই রাজা, হিংসায় পূর্ণ হয়ে, এক টেবিলে বসে আহার করবে অথচ পরস্পরকে মিথ্যা কথা বলবে, কিন্তু তাদের অভিসন্ধি সফল হবে না, কারণ নির্ধারিত সময়েই বিনাশ ঘটবে।
28 उत्तर का राजा बहुत संपत्ति के साथ अपने देश को लौट जाएगा, परंतु उसका मन पवित्र वाचा के विरुद्ध लगा रहेगा. वह इसके विरुद्ध कार्यवाही करेगा और तब वह अपने देश लौट जाएगा.
উত্তরের রাজা প্রচুর ধনসম্পদ নিয়ে স্বদেশে ফিরে যাবে। কিন্তু তার হৃদয় পবিত্র নিয়মের বিপক্ষে যাবে এবং তার বিরুদ্ধে কাজ করবে; পরে সে দেশে ফিরে যাবে।
29 “निर्धारित समय पर वह फिर से दक्षिण पर आक्रमण करेगा, परंतु इस समय परिणाम पहले से अलग होगा.
“নির্ধারিত সময়ে আবার সে দক্ষিণ দেশ আক্রমণ করবে কিন্তু আগের তুলনায় ফলাফল এবার ভিন্ন হবে।
30 पश्चिमी समुद्रतट के जहाज़ उसका विरोध करेंगे, और वह हिम्मत हार जाएगा. वह लौटेगा और पवित्र वाचा के विरुद्ध अपना गुस्सा दिखाएगा. वह लौटेगा और उन पर कृपा करेगा, जो पवित्र वाचा को छोड़ देंगे.
পশ্চিম উপকূলীয় অঞ্চলের যুদ্ধজাহাজগুলি তার অভিযান প্রতিরোধ করবে এবং সে সাহস হারাবে। তখন সে ফিরে যাবে এবং পবিত্র নিয়মের বিরুদ্ধে ক্রোধ প্রকাশ করবে। সে ফিরে গিয়ে যারা পবিত্র নিয়ম পরিত্যাগ করেছে তাদের প্রতি পক্ষপাতিত্ব করবে।
31 “उसकी सशस्त्र सेनायें मंदिर के किले को अपवित्र करने के लिये आगे बढ़ेंगी और प्रतिदिन चढ़ाये जानेवाला बलिदान बंद कर दिया जाएगा. तब वे घृणित वस्तु की स्थापना करेंगे, जो उजाड़ का कारण बनता है.
“তার সশস্ত্র সেনাবাহিনী অগ্রসর হয়ে সুরক্ষিত পবিত্রস্থান অশুচি করবে এবং নিত্য-নৈবেদ্য উৎসর্গ বন্ধ করে দেবে। তারপর তারা ধ্বংস-আনয়নকারী সেই ঘৃণ্য বস্তুকে স্থাপন করবে।
32 लुभावने शब्दों से वह उनको भ्रष्‍ट करेगा, जो वाचा को तोड़ दिये होंगे, पर जो लोग अपने परमेश्वर को जानते हैं, वे दृढ़ता से उसका विरोध करेंगे.
যারা সেই পবিত্র নিয়ম লঙ্ঘন করেছে তাদের সে তোষামোদ করবে ও নিজের দলে করবে কিন্তু যেসব মানুষ তাদের ঈশ্বরকে জানে তারা দৃঢ়ভাবে তার প্রতিরোধ করবে।
33 “वे जो बुद्धिमान हैं, बहुतों को समझाएंगे, हालांकि कुछ समय के लिये, वे तलवार से मारे जाएंगे या जला दिये जाएंगे या पकड़ लिये जाएंगे या लूट लिये जाएंगे.
“এসময় যারা জ্ঞানী তারা অনেককে সুপরামর্শ দেবে, কিন্তু পরিণামে তাদের তরোয়াল দিয়ে বধ করা হবে, অথবা আগুনে পুড়িয়ে দেওয়া হবে, অথবা বন্দি করা হবে, অথবা তাদের সর্বস্ব লুট করে নেওয়া হবে।
34 जब वे गिरेंगे, तो उन्हें बहुत थोड़ी मदद मिलेगी, और बहुत लोग जो ईमानदार नहीं हैं, उनमें शामिल हो जाएंगे.
যখন তাদের পতন হবে, তারা স্বল্প সাহায্য পাবে, কিন্তু অনেকে যারা নিষ্ঠাহীন তাদের সঙ্গে যোগদান করবে।
35 बुद्धिमान लोगों में से कुछ लड़खड़ाएंगे, ताकि अंत समय के आने तक उन्हें स्वच्छ, शुद्ध और दाग रहित किया जाए, क्योंकि अंत निर्धारित समय पर होगा.
জ্ঞানী লোকদের মধ্যে কেউ কেউ কষ্ট পাবে; এভাবে তারা পরীক্ষাসিদ্ধ, পরিষ্কৃত ও শুচিশুদ্ধ হয়ে উঠবে যতক্ষণ না পর্যন্ত শেষ সময় ঘনিয়ে আসছে কারণ নির্ধারিত সময়েই তা উপস্থিত হবে।
36 “राजा जैसा चाहेगा, वैसा करेगा. वह अपने आपको सारे देवताओं से ऊंचा और बड़ा करेगा और देवताओं के परमेश्वर के विरुद्ध अनसुनी बातें कहेगा. वह तब तक सफल होता रहेगा, जब तक कि कोप का समय पूरा न हो जाएगा; क्योंकि जो ठहराया गया है, वह अवश्य पूरा होगा.
“রাজা নিজের ইচ্ছামতো কাজ করবে। সব দেবতাদের ঊর্ধ্বে সে নিজেকে উন্নত ও মহিমান্বিত করবে এবং দেবতাদের ঈশ্বরের বিরুদ্ধে এমন কথা বলবে যা আগে কখনও শোনা যায়নি। ক্রোধের সময় সম্পূর্ণ না হওয়া পর্যন্ত সে সফল হবে, যা নির্ধারিত হয়েছে তা অবশ্যই ঘটবে।
37 वह न तो अपने पूर्वजों के देवताओं के प्रति कोई सम्मान दिखाएगा और न ही वह स्त्रियों के इच्छा की चिंता करेगा, और न किसी देवता का सम्मान करेगा, पर वह अपने आपको उन सबसे ऊपर ठहराएगा.
তার পূর্বপুরুষদের আরাধ্য দেবতাদের ও নারীদের কাম্য দেবতাকে সে মানবে না, এমনকি সে কোনো দেবতাকেই মানবে না, কিন্তু সব দেবতাদের উপরে নিজেকে মহিমান্বিত করবে।
38 उनके बदले, वह किलों के एक देवता को सम्मानित करेगा; एक ऐसा देवता, जिससे उसके पूर्वज भी अनजान थे. वह उस देवता का सम्मान सोना, चांदी, बहुमूल्य रत्नों तथा कीमती उपहारों से करेगा.
তাদের পরিবর্তে সে এক দুর্গ দেবতার সম্মান করবে, যে দেবতা তার পিতৃপুরুষদের অজ্ঞাত ছিল; কিন্তু সেই দেবতাকে সোনা, রুপো, মণিমাণিক্য ও উৎকৃষ্ট উপহার দিয়ে সম্মান করবে।
39 वह एक विदेशी देवता की सहायता से सबसे शक्तिशाली किलों पर आक्रमण करेगा और वह उन्हें बहुत सम्मानित करेगा, जो उसे राजा-स्वरूप स्वीकार करेंगे. वह उन्हें बहुत से लोगों के ऊपर शासक नियुक्त करेगा और एक दाम लेकर भूमि को वितरित करेगा.
অইহুদি দেবতার সাহায্যে সে শক্তিশালী দুর্গসকল আক্রমণ করবে এবং যারা তাকে স্বীকার করবে তাদের অনেক সম্মানিত করবে। অনেক লোকেদের উপরে সে তাদের শাসক রূপে প্রতিষ্ঠা করবে ও মূল্যের বিনিময়ে তাদের মধ্যে জমি ভাগ করে দেবে।
40 “अंत के समय में, दक्षिण का राजा उसको युद्ध में लगाये रखेगा, और उत्तर का राजा भी रथों, घुड़सवारों और एक बड़े पानी जहाज़ के बेड़ों के साथ उस पर आक्रमण करेगा. वह बहुत से देशों पर आक्रमण करेगा और बाढ़ के पानी की तरह उनमें से होता हुआ निकल जाएगा.
“শেষ সময়ে দক্ষিণের রাজা তাকে যুদ্ধে রত করবে এবং উত্তরের রাজা মহাবিক্রমে তার রথ, ঘোড়া ও নৌবাহিনী নিয়ে তার বিরুদ্ধে যুদ্ধ করবে। সে অনেক দেশ আক্রমণ করবে ও জলস্রোতের মতো তাদের বিরুদ্ধে জয়লাভ করবে।
41 वह सुंदर देश पर भी आक्रमण करेगा. बहुत से देशों का अंत हो जाएगा, परंतु एदोम, मोआब और अम्मोन के अगुओं को उसके हाथ से बचाया जाएगा.
সে মনোরম দেশও আক্রমণ করবে। অনেক দেশ তার হাতে পরাস্ত হবে কিন্তু ইদোম, মোয়াব এবং অম্মোনের রাজারা তার হাত থেকে রক্ষা পাবে।
42 वह कई देशों पर अपनी शक्ति का विस्तार करेगा; मिस्र देश भी न बचेगा.
এইভাবে বিভিন্ন দেশের উপর সে ক্ষমতা বিস্তার করবে; মিশরও রক্ষা পাবে না।
43 वह मिस्र देश के सोने और चांदी के खजानों और सब बहुमूल्य चीज़ों को अपने अधीन कर लेगा, और लिबिया तथा कूश देशवासी उसकी अधीनता स्वीकार कर लेंगे.
মিশরে সুরক্ষিত সোনা, রুপো ও বিভিন্ন মূল্যবান সামগ্রী তার হস্তগত হবে; এমনকি লিবিয়া ও কূশকেও সে পদানত করবে।
44 किंतु पूर्व और उत्तर दिशाओं से आनेवाले समाचार को सुनकर वह बेचैन हो जाएगा, और बहुत क्रोधित होकर वह बहुतों का नाश करने और उनका अस्तित्व मिटाने को निकल पड़ेगा.
কিন্তু পূর্ব ও উত্তর থেকে আগত সংবাদ তাকে আতঙ্কিত করে তুলবে এবং মহাক্রোধে সে অনেককে ধ্বংস ও বিনাশ করবে।
45 वह अपना राजकीय तंबू समुद्र और सुंदर पवित्र पर्वत के बीच खड़ा करेगा. तो भी उसका अंत हो जाएगा, और कोई भी उसकी सहायता करने नहीं आएगा.
সমুদ্র ও পবিত্র পর্বতের মাঝখানে সে রাজকীয় তাঁবু স্থাপন করবে। অথচ তার শেষকাল উপস্থিত হবে এবং কেউ তাকে সাহায্য করবে না।

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