< आमोस 5 >
1 हे इस्राएल के वंशज, तुमसे संबंधित मेरे इस विलापगीत को सुनो:
Écoutez cette parole, Cette complainte que je prononce sur vous, Maison d’Israël!
2 “कुमारी कन्या इस्राएल का ऐसा गिरना हुआ है, कि अब उसका पुनः उठ खड़ा होना असंभव है, वह अपने ही देश में उपेक्षित हो गई, और उसको उठानेवाला कोई नहीं है.”
Elle est tombée, elle ne se relèvera plus, La vierge d’Israël; Elle est couchée par terre, Nul ne la relève.
3 प्रभु याहवेह का इस्राएल को यह कहना है: “तुम्हारा शहर, जो एक हजार योद्धाओं को लेकर आगे बढ़ता है उसमें से सिर्फ एक सौ ही बचेंगे; तुम्हारा नगर, जो सौ योद्धाओं को लेकर आगे बढ़ता है उसमें से सिर्फ दस ही बचेंगे.”
Car ainsi parle le Seigneur, l’Éternel: La ville qui mettait en campagne mille hommes N’en conservera que cent, Et celle qui mettait en campagne cent hommes N’en conservera que dix, pour la maison d’Israël.
4 इस्राएल वंश के लिए याहवेह का यह कहना है: “मेरी खोज करो और जीवित रहो;
Car ainsi parle l’Éternel à la maison d’Israël: Cherchez-moi, et vous vivrez!
5 बेथेल की खोज न करना, गिलगाल में प्रवेश न करना. बेअरशेबा की यात्रा पर न जाना. क्योंकि यह निश्चित है कि गिलगाल निवासी बंधुआई में जायेंगे, तथा बेथेल की विपत्तियों का अंत न होगा.”
Ne cherchez pas Béthel, N’allez pas à Guilgal, Ne passez pas à Beer-Schéba. Car Guilgal sera captif, Et Béthel anéanti.
6 याहवेह की खोज करो और जीवित रहो, नहीं तो वह योसेफ़ के गोत्रों पर आग के समान भड़केगा; यह उन्हें भस्म कर देगा, और इसे बुझानेवाला बेथेल में कोई न होगा.
Cherchez l’Éternel, et vous vivrez! Craignez qu’il ne saisisse comme un feu la maison de Joseph, Et que ce feu ne la dévore, sans personne à Béthel pour l’éteindre,
7 ऐसे लोग हैं जो न्याय को बिगाड़ते हैं और धर्मीपन को मिट्टी में मिला देते हैं.
O vous qui changez le droit en absinthe, Et qui foulez à terre la justice!
8 जिसने कृतिका तथा मृगशीर्ष नक्षत्रों की सृष्टि की, जो मध्य रात्रि को भोर में बदल देते हैं तथा दिन को रात्रि में, जो महासागर के जल का बुलाते हैं और फिर उसे पृथ्वी के ऊपर उंडेल देते हैं— याहवेह है उनका नाम.
Il a créé les Pléiades et l’Orion, Il change les ténèbres en aurore, Il obscurcit le jour pour en faire la nuit, Il appelle les eaux de la mer, Et les répand à la surface de la terre: L’Éternel est son nom.
9 पलक झपकते ही वे किले को नाश कर देते हैं और गढ़वाले शहर का विनाश कर देते हैं.
Il fait lever la ruine sur les puissants, Et la ruine vient sur les forteresses.
10 ऐसे लोग हैं जो अदालत में न्याय का पक्ष लेनेवाले से घृणा करते हैं और सत्य बोलनेवाले को तुच्छ समझते हैं.
Ils haïssent celui qui les reprend à la porte, Et ils ont en horreur celui qui parle sincèrement.
11 तुम निर्धनों के भूंसा पर भी कर लेते हो और उनके अन्न पर कर लगाते हो. इसलिये, यद्यपि तुमने पत्थर की हवेलियां बनाई है, पर तुम उनमें निवास न कर सकोगे; यद्यपि तुमने रसदार अंगूर की बारियां लगाई हैं, पर तुम उनका दाखरस पी न सकोगे.
Aussi, parce que vous avez foulé le misérable, Et que vous avez pris de lui du blé en présent, Vous avez bâti des maisons en pierres de taille, Mais vous ne les habiterez pas; Vous avez planté d’excellentes vignes, Mais vous n’en boirez pas le vin.
12 क्योंकि मैं जानता हूं कि तुम्हारे अपराध कितने ज्यादा हैं और तुमने कितने गंभीर पाप किए हैं. ऐसे लोग हैं जो निर्दोष पर अत्याचार करते और घूस लेते हैं तथा निर्धन को न्यायालय में न्याय पाने से वंचित कर देते हैं.
Car, je le sais, vos crimes sont nombreux, Vos péchés se sont multipliés; Vous opprimez le juste, vous recevez des présents, Et vous violez à la porte le droit des pauvres.
13 तब समझदार ऐसे समय में चुपचाप रहते हैं, क्योंकि यह समय बुरा है.
Voilà pourquoi, en des temps comme ceux-ci, le sage se tait; Car ces temps sont mauvais.
14 बुराई नहीं, पर भलाई करो, कि तुम जीवित रहो. तब याहवेह सर्वशक्तिमान परमेश्वर तुम्हारे साथ रहेंगे, जैसा कि तुम्हारा दावा है कि वह तुम्हारे साथ हैं.
Recherchez le bien et non le mal, afin que vous viviez, Et qu’ainsi l’Éternel, le Dieu des armées, soit avec vous, Comme vous le dites.
15 बुराई से घृणा और भलाई से प्रीति रखो; अदालत में न्याय को बनाए रखो. शायद याहवेह सर्वशक्तिमान परमेश्वर योसेफ़ के बचे हुओं पर कृपा करें.
Haïssez le mal et aimez le bien, Faites régner à la porte la justice; Et peut-être l’Éternel, le Dieu des armées, aura pitié Des restes de Joseph.
16 इसलिये प्रभु, याहवेह सर्वशक्तिमान परमेश्वर का यह कहना है: “सब गलियों में विलाप होगा और सब चौराहों पर पीड़ा से रोने की आवाज सुनाई देगी. किसानों को रोने के लिये और विलाप करनेवालों को विलाप करने के लिये बुलाया जाएगा.
C’est pourquoi ainsi parle l’Éternel, le Dieu des armées, le Seigneur; Dans toutes les places on se lamentera, Dans toutes les rues on dira: Hélas! Hélas! On appellera le laboureur au deuil, Et aux lamentations ceux qui disent des complaintes.
17 अंगूर की सब बारियों में विलाप होगा, क्योंकि उस समय स्वयं मैं तुम्हारे बीच से होकर निकलूंगा,” याहवेह का यह कहना है.
Dans toutes les vignes on se lamentera, Lorsque je passerai au milieu de toi, dit l’Éternel.
18 धिक्कार है तुम पर, जो तुम याहवेह के दिन की अभिलाषा करते हो! तुम याहवेह के दिन की अभिलाषा क्यों करते हो? यह दिन प्रकाश नहीं, अंधकार लेकर आएगा.
Malheur à ceux qui désirent le jour de l’Éternel! Qu’attendez-vous du jour de l’Éternel? Il sera ténèbres et non lumière.
19 यह वैसा ही होगा जैसे कोई व्यक्ति सिंह से प्राण बचाकर भाग रहा हो और भागते हुए उसका सामना भालू से हो जाए, अथवा वह घर के अंदर पहुंचे, और आराम के लिए दीवार पर हाथ रखे और वहीं उसे एक सर्प डस ले.
Vous serez comme un homme qui fuit devant un lion Et que rencontre un ours, Qui gagne sa demeure, appuie sa main sur la muraille, Et que mord un serpent.
20 क्या यह सत्य नहीं कि याहवेह का दिन प्रकाश का नहीं, अंधकार का दिन होगा— घोर अंधकार, प्रकाश की एक किरण भी नहीं?
Le jour de l’Éternel n’est-il pas ténèbres et non lumière? N’est-il pas obscur et sans éclat?
21 “मैं तुम्हारे उत्सवों से घृणा करता हूं, उन्हें तुच्छ समझता हूं; तुम्हारी सभाएं मेरे लिए एक दुर्गंध के समान हैं.
Je hais, je méprise vos fêtes, Je ne puis sentir vos assemblées.
22 भले ही तुम मुझे होमबलि और अन्नबलि चढ़ाओ, पर मैं उन्हें स्वीकार नहीं करूंगा. भले ही तुम मुझे अपना मनपसंद मेल बलि चढ़ाओ, पर मेरे लिये उनका कोई मतलब नहीं होगा.
Quand vous me présentez des holocaustes et des offrandes, Je n’y prends aucun plaisir; Et les veaux engraissés que vous sacrifiez en actions de grâces, Je ne les regarde pas.
23 दूर रखो मुझसे अपने गीतों का शोरगुल! मैं तुम्हारे वीणा के संगीत को नहीं सुनूंगा.
Éloigne de moi le bruit de tes cantiques; Je n’écoute pas le son de tes luths.
24 पर न्याय को नदी के समान, तथा धर्मीपन को कभी न सूखनेवाले सोते के समान बहने दो!
Mais que la droiture soit comme un courant d’eau, Et la justice comme un torrent qui jamais ne tarit.
25 “हे इस्राएल के वंशजों, निर्जन प्रदेश में चालीस साल तक क्या तुमने मुझे बलिदान और भेंट चढ़ाया?
M’avez-vous fait des sacrifices et des offrandes Pendant les quarante années du désert, maison d’Israël?…
26 तुमने अपने साथ राजा की समाधि, अपने मूर्तियों की पीठिका, अपने देवता का तारा लिये फिरते हो— जिन्हें तुमने अपने लिये बनाया है.
Emportez donc la tente de votre roi, Le piédestal de vos idoles, L’étoile de votre Dieu Que vous vous êtes fabriqué!
27 इसलिये मैं तुम्हें दमेशेक से भी बाहर बंधुआई में भेजूंगा,” याहवेह का यह कहना है, जिनका नाम सर्वशक्तिमान परमेश्वर है.
Et je vous emmènerai captifs au-delà de Damas, Dit l’Éternel, dont le nom est le Dieu des armées.