< आमोस 3 >

1 हे इस्राएलियो, सुनो यह वह संदेश है, जिसे याहवेह ने तुम्हारे विरुद्ध कहा है—पूरे वंश के विरुद्ध जिसे मैंने मिस्र देश से बाहर निकाल लाया है:
Enfants d'Israël, écoutez la parole que l'Eternel a prononcée contre vous, contre toutes les familles, [dis-je], que j'ai tirées du pays d'Egypte, en disant:
2 “केवल तुम हो जिसे मैंने पृथ्वी के सब कुलों में से चुना है; तब मैं तुम्हारे सब पापों के लिये तुम्हें दंड दूंगा.”
Je vous ai connus vous seuls d'entre toutes les familles de la terre; c'est pourquoi je visiterai sur vous toutes vos iniquités.
3 क्या यह संभव है कि बिना सहमति के दो व्यक्ति एक साथ चलें?
Deux hommes marcheront-ils ensemble, s'ils ne s'en sont accordés?
4 क्या सिंह वन में शिकार के दिखे बिना दहाड़ता है? क्या वह अपनी मांद में से कुछ पकड़े बिना गुर्राता है?
Le lion rugira-t-il dans la forêt, s'il n'a quelque proie? Le lionceau jettera-t-il son cri de son gîte, s'il n'a pris quelque chose?
5 क्या कोई पक्षी भूमि पर बिना चारा डाले बिछाए गये जाल की ओर झपटेगा? क्या भूमि पर से फंदा अपने आप उछलता है जब उसमें कुछ न फंसा हो?
L'oiseau tomberait-il dans le filet sur la terre, sans qu'on lui eût tendu des pièges? Lèverait-on le filet de dessus la terre, sans avoir du tout rien pris?
6 जब तुरही की आवाज से नगर में चेतावनी दी जाती है, तो क्या लोग डर से नहीं कांपते हैं? जब किसी नगर पर विपत्ति आती है, तो क्या यह याहवेह की ओर से नहीं होता?
Le cor sonnera-t-il par la ville sans que le peuple en étant tout effrayé [s'assemble]? ou y aura-t-il dans la ville quelque mal que l'Éternel n'ait fait?
7 निश्चित रूप से प्रभु याहवेह अपने सेवक भविष्यवक्ताओं पर अपनी योजना प्रकट किए बिना कुछ भी नहीं करते.
Car le Seigneur l'Eternel ne fera aucune chose qu'il n'ait révélé son secret aux Prophètes ses serviteurs.
8 जब सिंह की गर्जना सुनाई देती है— तो कौन है, जो भयभीत न होगा? प्रभु याहवेह ने कहा है— तो कौन है, जो भविष्यवाणी न करेगा?
Le lion a rugi, qui ne craindra? Le Seigneur l'Eternel a parlé, qui ne prophétisera?
9 अशदोद के राजमहलों में और मिस्र देश के राजमहलों में यह घोषणा की जाए: “शमरिया के पर्वतों पर इकट्‍ठे हो जाओ; और उसके बीच हो रहे शोरगुल और उसके लोगों पर हो रहे अत्याचार पर ध्यान दो.”
Faites entendre ceci dans les palais d'Asdod, et dans les palais du pays d'Egypte, et dites: Assemblez-vous sur les montagnes de Samarie, et regardez les grands désordres qui y sont, et ceux auxquels on fait tort au-dedans d'elle.
10 “वे सही काम करना जानते ही नहीं,” यह याहवेह का कहना है, “उनके लूटे और छीने गये माल को उनके राजमहलों में किसने इकट्ठा किया है.”
Car ils n'ont point su faire ce qui est juste, dit l'Eternel, amassant la violence et la rapine dans leurs palais.
11 तब प्रभु याहवेह का यह संदेश है: “एक शत्रु तुम्हारे देश को घेर लेगा, वह तुम्हारे भवनों को गिरा देगा और तुम्हारे राजमहलों को लूटेगा.”
C'est pourquoi ainsi a dit le Seigneur l'Eternel: L'ennemi [viendra], et sera autour du pays, et il t'ôtera ta force, et tes palais seront pillés.
12 याहवेह का यह कहना है: “जिस प्रकार चरवाहा छुड़ाने के प्रयास में सिंह के मुंह से सिर्फ पैर की दो हड्डी या कान का एक टुकड़ा ही बचा पाता है, उसी प्रकार से वे इस्राएली, जो शमरिया में निवास करते हैं, ऐसे बचाए जायेंगे, जैसे पलंग का सिरहाना और बिस्तर से कपड़े का एक टुकड़ा.”
Ainsi a dit l'Eternel: comme si un berger sauvait de la gueule d'un lion les deux jarrets, ou le bout d'une oreille, ainsi les enfants d'Israël, qui demeurent en Samarie, seront arrachés du coin du lit, et de leur asile de Damas.
13 “यह बात सुनो और याकोब के घराने विरुद्ध में कहो,” प्रभु याहवेह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की यह घोषणा है.
Ecoutez, et protestez contre la maison de Jacob, dit le Seigneur l'Eternel, le Dieu des armées;
14 “जिस दिन मैं इस्राएल को उसके पापों के लिए दंड दूंगा, मैं बेथेल की वेदियों को नष्ट कर दूंगा; वेदी के सींग जो वेदी की संरचना का अंग हैं, काट दिए जाएंगे और वे भूमि पर गिर पड़ेंगे.
qu'au jour que je visiterai les crimes d'Israël sur lui, aussi je ferai visitation sur les autels de Béthel, et les cornes de l'autel seront retranchées, et tomberont par terre.
15 मैं शीतकालीन भवन और साथ में ग्रीष्मकालीन भवन को गिरा दूंगा; वे भवन, जो हाथी-दांत से सजाए गये हैं, नाश किए जायेंगे और हवेलियों को नष्ट कर दिया जाएगा,” यह याहवेह का कहना है.
Et je frapperai la maison d'hiver et la maison d'été; et les maisons d'ivoire seront détruites, et les grandes maisons prendront fin, dit l'Eternel.

< आमोस 3 >