< आमोस 3 >
1 हे इस्राएलियो, सुनो यह वह संदेश है, जिसे याहवेह ने तुम्हारे विरुद्ध कहा है—पूरे वंश के विरुद्ध जिसे मैंने मिस्र देश से बाहर निकाल लाया है:
Écoutez cette parole que Yahvé a prononcée contre vous, enfants d'Israël, contre toute la famille que j'ai fait monter du pays d'Égypte, en disant:
2 “केवल तुम हो जिसे मैंने पृथ्वी के सब कुलों में से चुना है; तब मैं तुम्हारे सब पापों के लिये तुम्हें दंड दूंगा.”
« Je t'ai seulement choisi parmi toutes les familles de la terre. C'est pourquoi je vous punirai pour tous vos péchés. »
3 क्या यह संभव है कि बिना सहमति के दो व्यक्ति एक साथ चलें?
Deux personnes marchent ensemble, à moins qu'ils ne soient d'accord?
4 क्या सिंह वन में शिकार के दिखे बिना दहाड़ता है? क्या वह अपनी मांद में से कुछ पकड़े बिना गुर्राता है?
Le lion rugit dans le fourré, quand il n'a pas de proie? Est-ce qu'un jeune lion crie hors de sa tanière, s'il n'a rien attrapé?
5 क्या कोई पक्षी भूमि पर बिना चारा डाले बिछाए गये जाल की ओर झपटेगा? क्या भूमि पर से फंदा अपने आप उछलता है जब उसमें कुछ न फंसा हो?
Un oiseau peut-il tomber dans un piège sur la terre, où aucun piège ne lui est tendu? Est-ce qu'un piège jaillit du sol, quand il n'y a rien à attraper?
6 जब तुरही की आवाज से नगर में चेतावनी दी जाती है, तो क्या लोग डर से नहीं कांपते हैं? जब किसी नगर पर विपत्ति आती है, तो क्या यह याहवेह की ओर से नहीं होता?
Est-ce que l'alarme de la trompette sonne dans une ville, sans que les gens aient peur? Le mal arrive-t-il à une ville, et Yahvé ne l'a pas fait?
7 निश्चित रूप से प्रभु याहवेह अपने सेवक भविष्यवक्ताओं पर अपनी योजना प्रकट किए बिना कुछ भी नहीं करते.
Le Seigneur Yahvé ne fera rien, à moins qu'il ne révèle son secret à ses serviteurs les prophètes.
8 जब सिंह की गर्जना सुनाई देती है— तो कौन है, जो भयभीत न होगा? प्रभु याहवेह ने कहा है— तो कौन है, जो भविष्यवाणी न करेगा?
Le lion a rugi. Qui n'aura pas peur? Le Seigneur Yahvé a parlé. Qui ne peut que prophétiser?
9 अशदोद के राजमहलों में और मिस्र देश के राजमहलों में यह घोषणा की जाए: “शमरिया के पर्वतों पर इकट्ठे हो जाओ; और उसके बीच हो रहे शोरगुल और उसके लोगों पर हो रहे अत्याचार पर ध्यान दो.”
Proclamez dans les palais d'Ashdod, et dans les palais du pays d'Égypte, et dire: « Rassemblez-vous sur les montagnes de Samarie, et voir quelle agitation règne en elle, et quelle oppression il y a parmi eux. »
10 “वे सही काम करना जानते ही नहीं,” यह याहवेह का कहना है, “उनके लूटे और छीने गये माल को उनके राजमहलों में किसने इकट्ठा किया है.”
« En effet, ils ne savent pas faire le bien, dit l'Éternel, « Qui amassent le pillage et le butin dans leurs palais. »
11 तब प्रभु याहवेह का यह संदेश है: “एक शत्रु तुम्हारे देश को घेर लेगा, वह तुम्हारे भवनों को गिरा देगा और तुम्हारे राजमहलों को लूटेगा.”
C'est pourquoi le Seigneur Yahvé dit: « Un adversaire envahira le pays; et il abattra vos forteresses, et vos forteresses seront pillées. »
12 याहवेह का यह कहना है: “जिस प्रकार चरवाहा छुड़ाने के प्रयास में सिंह के मुंह से सिर्फ पैर की दो हड्डी या कान का एक टुकड़ा ही बचा पाता है, उसी प्रकार से वे इस्राएली, जो शमरिया में निवास करते हैं, ऐसे बचाए जायेंगे, जैसे पलंग का सिरहाना और बिस्तर से कपड़े का एक टुकड़ा.”
Yahvé dit: « Comme le berger qui sauve de la gueule du lion deux pattes, ou un morceau d'oreille, Ainsi seront sauvés les enfants d'Israël qui sont assis à Samarie sur le coin d'un divan, et sur les coussins de soie d'un lit. »
13 “यह बात सुनो और याकोब के घराने विरुद्ध में कहो,” प्रभु याहवेह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की यह घोषणा है.
« Écoutez, et témoignez contre la maison de Jacob, dit le Seigneur Yahvé, le Dieu des armées.
14 “जिस दिन मैं इस्राएल को उसके पापों के लिए दंड दूंगा, मैं बेथेल की वेदियों को नष्ट कर दूंगा; वेदी के सींग जो वेदी की संरचना का अंग हैं, काट दिए जाएंगे और वे भूमि पर गिर पड़ेंगे.
« Car le jour où je visiterai sur lui les transgressions d'Israël, Je visiterai aussi les autels de Béthel; et les cornes de l'autel seront coupées, et tombent sur le sol.
15 मैं शीतकालीन भवन और साथ में ग्रीष्मकालीन भवन को गिरा दूंगा; वे भवन, जो हाथी-दांत से सजाए गये हैं, नाश किए जायेंगे और हवेलियों को नष्ट कर दिया जाएगा,” यह याहवेह का कहना है.
Je frapperai la maison d'hiver avec la maison d'été; et les maisons d'ivoire périront, et les grandes maisons auront une fin, » dit Yahvé.