< प्रेरितों के काम 9 >

1 इस समय शाऊल पर प्रभु के शिष्यों को धमकाने तथा उनकी हत्या करने की धुन छाई हुई थी. वह महापुरोहित के पास गया
ཏཏྐཱལཔཪྻྱནཏཾ ཤཽལཿ པྲབྷོཿ ཤིཥྱཱཎཱཾ པྲཱཏིཀཱུལྱེན ཏཱཌནཱབདྷཡོཿ ཀཐཱཾ ནིཿསཱརཡན྄ མཧཱཡཱཛཀསྱ སནྣིདྷིཾ གཏྭཱ
2 और उनसे दमिश्क नगर के यहूदी सभागृहों के लिए इस उद्देश्य के अधिकार पत्रों की विनती की कि यदि उसे इस मत के शिष्य—स्त्री या पुरुष—मिलें तो उन्हें बंदी बनाकर येरूशलेम ले आए.
སྟྲིཡཾ པུརུཥཉྩ ཏནྨཏགྲཱཧིཎཾ ཡཾ ཀཉྩིཏ྄ པཤྱཏི ཏཱན྄ དྷྲྀཏྭཱ བདྡྷྭཱ ཡིརཱུཤཱལམམ྄ ཨཱནཡཏཱིཏྱཱཤཡེན དམྨེཥཀྣགརཱིཡཾ དྷརྨྨསམཱཛཱན྄ པྲཏི པཏྲཾ ཡཱཙིཏཝཱན྄།
3 जब वह दमिश्क नगर के पास पहुंचा, एकाएक उसके चारों ओर स्वर्ग से एक बिजली कौंध गई,
གཙྪན྄ ཏུ དམྨེཥཀྣགརནིཀཊ ཨུཔསྠིཏཝཱན྄; ཏཏོ྅ཀསྨཱད྄ ཨཱཀཱཤཱཏ྄ ཏསྱ ཙཏུརྡིཀྵུ ཏེཛསཿ པྲཀཱཤནཱཏ྄ ས བྷཱུམཱཝཔཏཏ྄།
4 वह भूमि पर गिर पड़ा और उसने स्वयं को संबोधित करता हुआ एक शब्द सुना: “शाऊल! शाऊल! तुम मुझे क्यों सता रहे हो?”
པཤྩཱཏ྄ ཧེ ཤཽལ ཧེ ཤཽལ ཀུཏོ མཱཾ ཏཱཌཡསི? སྭཾ པྲཏི པྲོཀྟམ྄ ཨེཏཾ ཤབྡཾ ཤྲུཏྭཱ
5 इसके उत्तर में उसने कहा, “प्रभु! आप कौन हैं?” प्रभु ने उत्तर दिया, “मैं येशु हूं, जिसे तुम सता रहे हो
ས པྲྀཥྚཝཱན྄, ཧེ པྲབྷོ བྷཝཱན྄ ཀཿ? ཏདཱ པྲབྷུརཀཐཡཏ྄ ཡཾ ཡཱིཤུཾ ཏྭཾ ཏཱཌཡསི ས ཨེཝཱཧཾ; ཀཎྚཀསྱ མུཁེ པདཱགྷཱཏཀརཎཾ ཏཝ ཀཥྚམ྄།
6 किंतु अब उठो, नगर में जाओ और तुम्हें क्या करना है, तुम्हें बता दिया जाएगा.”
ཏདཱ ཀམྤམཱནོ ཝིསྨཡཱཔནྣཤྩ སོཝདཏ྄ ཧེ པྲབྷོ མཡཱ ཀིཾ ཀརྟྟཝྱཾ? བྷཝཏ ཨིཙྪཱ ཀཱ? ཏཏཿ པྲབྷུརཱཛྙཱཔཡད྄ ཨུཏྠཱཡ ནགརཾ གཙྪ ཏཏྲ ཏྭཡཱ ཡཏ྄ ཀརྟྟཝྱཾ ཏད྄ ཝདིཥྱཏེ།
7 शाऊल के सहयात्री अवाक खड़े थे. उन्हें शब्द तो अवश्य सुनाई दे रहा था किंतु कोई दिखाई नहीं दे रहा था.
ཏསྱ སངྒིནོ ལོཀཱ ཨཔི ཏཾ ཤབྡཾ ཤྲུཏཝནྟཿ ཀིནྟུ ཀམཔི ན དྲྀཥྚྭཱ སྟབྡྷཱཿ སནྟཿ སྠིཏཝནྟཿ།
8 तब शाऊल भूमि पर से उठा. यद्यपि उसकी आंखें तो खुली थी, वह कुछ भी देख नहीं पा रहा था. इसलिये उसका हाथ पकड़कर वे उसे दमिश्क नगर में ले गए.
ཨནནྟརཾ ཤཽལོ བྷཱུམིཏ ཨུཏྠཱཡ ཙཀྵུཥཱི ཨུནྨཱིལྱ ཀམཔི ན དྲྀཥྚཝཱན྄། ཏདཱ ལོཀཱསྟསྱ ཧསྟཽ དྷྲྀཏྭཱ དམྨེཥཀྣགརམ྄ ཨཱནཡན྄།
9 तीन दिन तक वह अंधा रहा. उसने न कुछ खाया और न कुछ पिया.
ཏཏཿ ས དིནཏྲཡཾ ཡཱཝད྄ ཨནྡྷོ བྷཱུཏྭཱ ན བྷུཀྟཝཱན྄ པཱིཏཝཱཾཤྩ།
10 दमिश्क में हननयाह नामक व्यक्ति मसीह येशु के एक शिष्य थे. उनसे प्रभु ने दर्शन में कहा. “हननयाह!” “क्या आज्ञा है, प्रभु?” उन्होंने उत्तर दिया.
ཏདནནྟརཾ པྲབྷུསྟདྡམྨེཥཀྣགརཝཱསིན ཨེཀསྨཻ ཤིཥྱཱཡ དརྴནཾ དཏྭཱ ཨཱཧཱུཏཝཱན྄ ཧེ ཨནནིཡ། ཏཏཿ ས པྲཏྱཝཱདཱིཏ྄, ཧེ པྲབྷོ པཤྱ ཤྲྀཎོམི།
11 प्रभु ने उनसे कहा, “सीधा नामक गली पर जाकर यहूदाह के घर में तारस्यॉसवासी शाऊल के विषय में पूछो, जो प्रार्थना कर रहा है.
ཏདཱ པྲབྷུསྟམཱཛྙཱཔཡཏ྄ ཏྭམུཏྠཱཡ སརལནཱམཱནཾ མཱརྒཾ གཏྭཱ ཡིཧཱུདཱནིཝེཤནེ ཏཱརྵནགརཱིཡཾ ཤཽལནཱམཱནཾ ཛནཾ གཝེཥཡན྄ པྲྀཙྪ;
12 उसने दर्शन में देखा है कि हननयाह नामक एक व्यक्ति आकर उस पर हाथ रखे कि वह दोबारा देखने लगें.”
པཤྱ ས པྲཱརྠཡཏེ, ཏཐཱ ཨནནིཡནཱམཀ ཨེཀོ ཛནསྟསྱ སམཱིཔམ྄ ཨཱགཏྱ ཏསྱ གཱཏྲེ ཧསྟཱརྤཎཾ ཀྲྀཏྭཱ དྲྀཥྚིཾ དདཱཏཱིཏྠཾ སྭཔྣེ དྲྀཥྚཝཱན྄།
13 हननयाह ने संदेह व्यक्त किया, “किंतु प्रभु! मैंने इस व्यक्ति के विषय में अनेकों से सुन रखा है कि उसने येरूशलेम में आपके पवित्र लोगों का कितना बुरा किया है
ཏསྨཱད྄ ཨནནིཡཿ པྲཏྱཝདཏ྄ ཧེ པྲབྷོ ཡིརཱུཤཱལམི པཝིཏྲལོཀཱན྄ པྲཏི སོ྅ནེཀཧིཾསཱཾ ཀྲྀཏཝཱན྄;
14 और यहां भी वह प्रधान पुरोहितों से यह अधिकार पत्र लेकर आया है कि उन सभी को बंदी बनाकर ले जाए, जो आपके शिष्य हैं.”
ཨཏྲ སྠཱནེ ཙ ཡེ ལོཀཱསྟཝ ནཱམྣི པྲཱརྠཡནྟི ཏཱནཔི བདྡྷུཾ ས པྲདྷཱནཡཱཛཀེབྷྱཿ ཤཀྟིཾ པྲཱཔྟཝཱན྄, ཨིམཱཾ ཀཐཱམ྄ ཨཧམ྄ ཨནེཀེཥཱཾ མུཁེབྷྱཿ ཤྲུཏཝཱན྄།
15 किंतु प्रभु ने हननयाह से कहा, “तुम जाओ! वह मेरा चुना हुआ हथियार है, जो गैर-यहूदियों, उनके राजाओं तथा इस्राएलियों के सामने मेरे नाम का प्रचार करेगा.
ཀིནྟུ པྲབྷུརཀཐཡཏ྄, ཡཱཧི བྷིནྣདེཤཱིཡལོཀཱནཱཾ བྷཱུཔཏཱིནཱམ྄ ཨིསྲཱཡེལློཀཱནཱཉྩ ནིཀཊེ མམ ནཱམ པྲཙཱརཡིཏུཾ ས ཛནོ མམ མནོནཱིཏཔཱཏྲམཱསྟེ།
16 मैं उसे यह अहसास दिलाऊंगा कि उसे मेरे लिए कितना कष्ट उठाना होगा.”
མམ ནཱམནིམིཏྟཉྩ ཏེན ཀིཡཱན྄ མཧཱན྄ ཀླེཤོ བྷོཀྟཝྱ ཨེཏཏ྄ ཏཾ དརྴཡིཥྱཱམི།
17 हननयाह ने उस घर में जाकर शाऊल पर अपने हाथ रखे और कहा, “भाई शाऊल, प्रभु येशु मसीह ने, जिन्होंने तुम्हें यहां आते हुए मार्ग में दर्शन दिया, मुझे तुम्हारे पास भेजा है कि तुम्हें दोबारा आंखों की रोशनी मिल जाए और तुम पवित्र आत्मा से भर जाओ.”
ཏཏོ ྅ནནིཡོ གཏྭཱ གྲྀཧཾ པྲཝིཤྱ ཏསྱ གཱཏྲེ ཧསྟཱརྤྲཎཾ ཀྲྀཏྭཱ ཀཐིཏཝཱན྄, ཧེ བྷྲཱཏཿ ཤཽལ ཏྭཾ ཡཐཱ དྲྀཥྚིཾ པྲཱཔྣོཥི པཝིཏྲེཎཱཏྨནཱ པརིཔཱུརྞོ བྷཝསི ཙ, ཏདརྠཾ ཏཝཱགམནཀཱལེ ཡཿ པྲབྷུཡཱིཤུསྟུབྷྱཾ དརྴནམ྄ ཨདདཱཏ྄ ས མཱཾ པྲེཥིཏཝཱན྄།
18 तुरंत ही उसकी आंखों पर से पपड़ी जैसी गिरी और वह दोबारा देखने लगा, वह उठा और उसे बपतिस्मा दिया गया.
ཨིཏྱུཀྟམཱཏྲེ ཏསྱ ཙཀྵུརྦྷྱཱམ྄ མཱིནཤལྐཝད྄ ཝསྟུནི ནིརྒཏེ ཏཏྐྵཎཱཏ྄ ས པྲསནྣཙཀྵུ རྦྷཱུཏྭཱ པྲོཏྠཱཡ མཛྫིཏོ྅བྷཝཏ྄ བྷུཀྟྭཱ པཱིཏྭཱ སབལོབྷཝཙྩ།
19 भोजन के बाद उसके शरीर में बल लौट आया. वह कुछ दिन दमिश्क नगर के शिष्यों के साथ ही रहा.
ཏཏཿ པརཾ ཤཽལཿ ཤིཥྱཻཿ སཧ ཀཏིཔཡདིཝསཱན྄ ཏསྨིན྄ དམྨེཥཀནགརེ སྠིཏྭཱ྅ཝིལམྦཾ
20 शाऊल ने बिना देर किए यहूदी सभागृहों में यह शिक्षा देनी शुरू कर दी, “मसीह येशु ही परमेश्वर का पुत्र हैं.”
སཪྻྭབྷཛནབྷཝནཱནི གཏྭཱ ཡཱིཤུརཱིཤྭརསྱ པུཏྲ ཨིམཱཾ ཀཐཱཾ པྲཱཙཱརཡཏ྄།
21 उनके सुननेवाले चकित हो यह विचार करते थे, “क्या यह वही नहीं जिसने येरूशलेम में उनका बुरा किया, जो मसीह येशु के विश्वासी थे और वह यहां भी इसी उद्देश्य से आया था कि उन्हें बंदी बनाकर प्रधान पुरोहितों के सामने प्रस्तुत करे?”
ཏསྨཱཏ྄ སཪྻྭེ ཤྲོཏཱརཤྩམཏྐྲྀཏྱ ཀཐིཏཝནྟོ ཡོ ཡིརཱུཤཱལམྣགར ཨེཏནྣཱམྣཱ པྲཱརྠཡིཏྲྀལོཀཱན྄ ཝིནཱཤིཏཝཱན྄ ཨེཝམ྄ ཨེཏཱདྲྀཤལོཀཱན྄ བདྡྷྭཱ པྲདྷཱནཡཱཛཀནིཀཊཾ ནཡཏཱིཏྱཱཤཡཱ ཨེཏཏྶྠཱནམཔྱཱགཙྪཏ྄ སཨེཝ ཀིམཡཾ ན བྷཝཏི?
22 किंतु शाऊल सामर्थ्यी होते चले गए और दमिश्क के यहूदियों के सामने यह प्रमाणित करते हुए कि येशु ही मसीह हैं, उन्हें निरुत्तर करते रहे.
ཀིནྟུ ཤཽལཿ ཀྲམཤ ཨུཏྶཱཧཝཱན྄ བྷཱུཏྭཱ ཡཱིཤུརཱིཤྭརེཎཱབྷིཥིཀྟོ ཛན ཨེཏསྨིན྄ པྲམཱཎཾ དཏྭཱ དམྨེཥཀ྄-ནིཝཱསིཡིཧཱུདཱིཡལོཀཱན྄ ནིརུཏྟརཱན྄ ཨཀརོཏ྄།
23 कुछ समय बीतने के बाद यहूदियों ने उनकी हत्या की योजना की
ཨིཏྠཾ བཧུཏིཐེ ཀཱལེ གཏེ ཡིཧཱུདཱིཡལོཀཱསྟཾ ཧནྟུཾ མནྟྲཡཱམཱསུཿ
24 किंतु शाऊल को उनकी इस योजना के बारे में मालूम हो गया. शाऊल की हत्या के उद्देश्य से उन्होंने नगर द्वार पर रात-दिन चौकसी कड़ी कर दी
ཀིནྟུ ཤཽལསྟེཥཱམེཏསྱཱ མནྟྲཎཱཡཱ ཝཱརྟྟཱཾ པྲཱཔྟཝཱན྄། ཏེ ཏཾ ཧནྟུཾ ཏུ དིཝཱནིཤཾ གུཔྟཱཿ སནྟོ ནགརསྱ དྭཱརེ྅ཏིཥྛན྄;
25 किंतु रात में उनके शिष्यों ने उन्हें टोकरे में बैठाकर नगर की शहरपनाह से नीचे उतार दिया.
ཏསྨཱཏ྄ ཤིཥྱཱསྟཾ ནཱིཏྭཱ རཱཏྲཽ པིཊཀེ ནིདྷཱཡ པྲཱཙཱིརེཎཱཝཱརོཧཡན྄།
26 येरूशलेम पहुंचकर शाऊल ने मसीह येशु के शिष्यों में शामिल होने का प्रयास किया किंतु वे सब उनसे भयभीत थे क्योंकि वे विश्वास नहीं कर पा रहे थे कि शाऊल भी अब वास्तव में मसीह येशु के शिष्य हो गए हैं
ཏཏཿ པརཾ ཤཽལོ ཡིརཱུཤཱལམཾ གཏྭཱ ཤིཥྱགཎེན སཱརྡྡྷཾ སྠཱཏུམ྄ ཨཻཧཏ྄, ཀིནྟུ སཪྻྭེ ཏསྨཱདབིབྷཡུཿ ས ཤིཥྱ ཨིཏི ཙ ན པྲཏྱཡན྄།
27 परंतु बारनबास उन्हें प्रेरितों के पास ले गए और उन्हें स्पष्ट बताया कि मार्ग में किस प्रकार शाऊल को प्रभु का दर्शन प्राप्‍त हुआ और प्रभु ने उनसे बातचीत की तथा कैसे उन्होंने दमिश्क नगर में मसीह येशु के नाम का प्रचार निडरता से किया है.
ཨེཏསྨཱད྄ བརྞབྦཱསྟཾ གྲྀཧཱིཏྭཱ པྲེརིཏཱནཱཾ སམཱིཔམཱནཱིཡ མཱརྒམདྷྱེ པྲབྷུཿ ཀཐཾ ཏསྨཻ དརྴནཾ དཏྟཝཱན྄ ཡཱཿ ཀཐཱཤྩ ཀཐིཏཝཱན྄ ས ཙ ཡཐཱཀྵོབྷཿ སན྄ དམྨེཥཀྣགརེ ཡཱིཤོ རྣཱམ པྲཱཙཱརཡཏ྄ ཨེཏཱན྄ སཪྻྭཝྲྀཏྟཱནྟཱན྄ ཏཱན྄ ཛྙཱཔིཏཝཱན྄།
28 इसलिये शाऊल येरूशलेम में प्रेरितों के साथ स्वतंत्रता पूर्वक आते जाते रहने लगे तथा मसीह येशु के नाम का प्रचार निडरता से करने लगे.
ཏཏཿ ཤཽལསྟཻཿ སཧ ཡིརཱུཤཱལམི ཀཱལཾ ཡཱཔཡན྄ ནིརྦྷཡཾ པྲབྷོ ཪྻཱིཤོ རྣཱམ པྲཱཙཱརཡཏ྄།
29 वह यूनानी भाषा के यहूदियों से बातचीत और वाद-विवाद करते थे जबकि वे भी उनकी हत्या की कोशिश कर रहे थे.
ཏསྨཱད྄ ཨནྱདེཤཱིཡལོཀཻཿ སཱརྡྡྷཾ ཝིཝཱདསྱོཔསྠིཏཏྭཱཏ྄ ཏེ ཏཾ ཧནྟུམ྄ ཨཙེཥྚནྟ།
30 जब अन्य शिष्यों को इसके विषय में मालूम हुआ, वे उन्हें कयसरिया नगर ले गए जहां से उन्होंने उन्हें तारस्यॉस नगर भेज दिया.
ཀིནྟུ བྷྲཱཏྲྀགཎསྟཛྫྙཱཏྭཱ ཏཾ ཀཻསརིཡཱནགརཾ ནཱིཏྭཱ ཏཱརྵནགརཾ པྲེཥིཏཝཱན྄།
31 सारे यहूदिया प्रदेश, गलील प्रदेश और शमरिया प्रदेश में प्रभु में श्रद्धा के कारण कलीसिया में शांति का विकास विस्तार हो रहा था. पवित्र आत्मा के प्रोत्साहन के कारण उनकी संख्या बढ़ती जा रही थी.
ཨིཏྠཾ སཏི ཡིཧཱུདིཡཱགཱལཱིལྴོམིརོཎདེཤཱིཡཱཿ སཪྻྭཱ མཎྜལྱོ ཝིཤྲཱམཾ པྲཱཔྟཱསྟཏསྟཱསཱཾ ནིཥྛཱབྷཝཏ྄ པྲབྷོ རྦྷིཡཱ པཝིཏྲསྱཱཏྨནཿ སཱནྟྭནཡཱ ཙ ཀཱལཾ ཀྵེཔཡིཏྭཱ བཧུསཾཁྱཱ ཨབྷཝན྄།
32 पेतरॉस इन सभी क्षेत्रों में यात्रा करते हुए लुद्दा नामक स्थान के संतों के बीच पहुंचे.
ཏཏཿ པརཾ པིཏརཿ སྠཱནེ སྠཱནེ བྷྲམིཏྭཱ ཤེཥེ ལོདྣགརནིཝཱསིཔཝིཏྲལོཀཱནཱཾ སམཱིཔེ སྠིཏཝཱན྄།
33 वहां उनकी भेंट ऐनियास नाम के व्यक्ति से हुई, जो आठ वर्ष से लकवे से पीड़ित था.
ཏདཱ ཏཏྲ པཀྵཱགྷཱཏཝྱཱདྷིནཱཥྚཽ ཝཏྶརཱན྄ ཤཡྻཱགཏམ྄ ཨཻནེཡནཱམཱནཾ མནུཥྱཾ སཱཀྵཏ྄ པྲཱཔྱ ཏམཝདཏ྄,
34 पेतरॉस ने उससे कहा, “ऐनियास, मसीह येशु के नाम में चंगे हो जाओ, उठो और अपना बिछौना संभालो.” वह तुरंत उठ खड़ा हुआ.
ཧེ ཨཻནེཡ ཡཱིཤུཁྲཱིཥྚསྟྭཱཾ སྭསྠམ྄ ཨཀཱརྵཱིཏ྄, ཏྭམུཏྠཱཡ སྭཤཡྻཱཾ ནིཀྵིཔ, ཨིཏྱུཀྟམཱཏྲེ ས ཨུདཏིཥྛཏ྄།
35 उसे चंगा हुआ देखकर सभी लुद्दा नगर तथा शारोन नगरवासियों ने प्रभु में विश्वास किया.
ཨེཏཱདྲྀཤཾ དྲྀཥྚྭཱ ལོདྴཱརོཎནིཝཱསིནོ ལོཀཱཿ པྲབྷུཾ པྲཏི པརཱཝརྟྟནྟ།
36 योप्पा नगर में तबीथा नामक एक शिष्या थी. तबीथा नाम का यूनानी अनुवाद है दोरकस. वह बहुत ही भली, कृपालु तथा परोपकारी स्त्री थी और उदारतापूर्वक दान दिया करती थी.
ཨཔརཉྩ བྷིཀྵཱདཱནཱདིཥུ ནཱནཀྲིཡཱསུ ནིཏྱཾ པྲཝྲྀཏྟཱ ཡཱ ཡཱཕོནགརནིཝཱསིནཱི ཊཱབིཐཱནཱམཱ ཤིཥྱཱ ཡཱཾ དརྐྐཱཾ ཨརྠཱད྄ ཧརིཎཱིམཡུཀྟྭཱ ཨཱཧྭཡན྄ སཱ ནཱརཱི
37 किसी रोग से उसकी मृत्यु हो गई. स्‍नान के बाद उसे ऊपरी कमरे में लिटा दिया गया था.
ཏསྨིན྄ སམཡེ རུགྣཱ སཏཱི པྲཱཎཱན྄ ཨཏྱཛཏ྄, ཏཏོ ལོཀཱསྟཱཾ པྲཀྵཱལྱོཔརིསྠཔྲཀོཥྛེ ཤཱཡཡིཏྭཱསྠཱཔཡན྄།
38 लुद्दा नगर योप्पा नगर के पास है. शिष्यों ने पेतरॉस के विषय में सुन रखा था, इसलिये लोगों ने दो व्यक्तियों को इस विनती के साथ पेतरॉस के पास भेजा, “कृपया बिना देर किए यहां आने का कष्ट करें.”
ལོདྣགརཾ ཡཱཕོནགརསྱ སམཱིཔསྠཾ ཏསྨཱཏྟཏྲ པིཏར ཨཱསྟེ, ཨིཏི ཝཱརྟྟཱཾ ཤྲུཏྭཱ ཏཱུརྞཾ ཏསྱཱགམནཱརྠཾ ཏསྨིན྄ ཝིནཡམུཀྟྭཱ ཤིཥྱགཎོ དྭཽ མནུཛཽ པྲེཥིཏཝཱན྄།
39 पेतरॉस उठकर उनके साथ चल दिए. उन्हें उस ऊपरी कक्ष में ले जाया गया. वहां सभी विधवाएं उन्हें घेरकर रोने लगी. उन्होंने पेतरॉस को वे सब वस्त्र दिखाए, जो दोरकस ने अपने जीवनकाल में बनाए थे.
ཏསྨཱཏ྄ པིཏར ཨུཏྠཱཡ ཏཱབྷྱཱཾ སཱརྡྡྷམ྄ ཨཱགཙྪཏ྄, ཏཏྲ ཏསྨིན྄ ཨུཔསྠིཏ ཨུཔརིསྠཔྲཀོཥྛཾ སམཱནཱིཏེ ཙ ཝིདྷཝཱཿ སྭཱབྷིཿ སཧ སྠིཏིཀཱལེ དརྐྐཡཱ ཀྲྀཏཱནི ཡཱནྱུཏྟརཱིཡཱཎི པརིདྷེཡཱནི ཙ ཏཱནི སཪྻྭཱཎི ཏཾ དརྴཡིཏྭཱ རུདཏྱཤྩཏསྲྀཥུ དིཀྵྭཏིཥྛན྄།
40 मगर पेतरॉस ने उन सभी को कक्ष से बाहर भेज दिया. तब उन्होंने घुटने टेककर प्रार्थना की और फिर शव की ओर मुंह करके आज्ञा दी, “तबीथा! उठो!” उस स्त्री ने अपनी आंखें खोल दीं और पेतरॉस को देख वह उठ बैठी.
ཀིནྟུ པིཏརསྟཱཿ སཪྻྭཱ བཧིཿ ཀྲྀཏྭཱ ཛཱནུནཱི པཱཏཡིཏྭཱ པྲཱརྠིཏཝཱན྄; པཤྩཱཏ྄ ཤཝཾ པྲཏི དྲྀཥྚིཾ ཀྲྀཏྭཱ ཀཐིཏཝཱན྄, ཧེ ཊཱབཱིཐེ ཏྭམུཏྟིཥྛ, ཨིཏི ཝཱཀྱ ཨུཀྟེ སཱ སྟྲཱི ཙཀྵུཥཱི པྲོནྨཱིལྱ པིཏརམ྄ ཨཝལོཀྱོཏྠཱཡོཔཱཝིཤཏ྄།
41 पेतरॉस ने हाथ बढ़ाकर उसे उठाया और शिष्यों और विधवाओं को वहां बुलाकर जीवित दोरकस उनके सामने प्रस्तुत कर दी.
ཏཏཿ པིཏརསྟསྱཱཿ ཀརཽ དྷྲྀཏྭཱ ཨུཏྟོལྱ པཝིཏྲལོཀཱན྄ ཝིདྷཝཱཤྩཱཧཱུཡ ཏེཥཱཾ ནིཀཊེ སཛཱིཝཱཾ ཏཱཾ སམཱརྤཡཏ྄།
42 सारे योप्पा में यह घटना सबको मालूम हो गई. अनेकों ने प्रभु में विश्वास किया.
ཨེཥཱ ཀཐཱ སམསྟཡཱཕོནགརཾ ཝྱཱཔྟཱ ཏསྨཱད྄ ཨནེཀེ ལོཀཱཿ པྲབྷཽ ཝྱཤྭསན྄།
43 पेतरॉस वहां अनेक दिन शिमओन नामक व्यक्ति के यहां ठहरे रहे, जो व्यवसाय से चमड़े का काम करता था.
ཨཔརཉྩ པིཏརསྟདྱཱཕོནགརཱིཡསྱ ཀསྱཙིཏ྄ ཤིམོནྣཱམྣཤྩརྨྨཀཱརསྱ གྲྀཧེ བཧུདིནཱནི ནྱཝསཏ྄།

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