< प्रेरितों के काम 7 >
1 महापुरोहित ने उनसे प्रश्न किया, “क्या यह आरोप सच है?”
Εἶπε δὲ ὁ ἀρχιερεύς, Εἰ ἄρα ταῦτα οὕτως ἔχει;
2 स्तेफ़ानॉस ने उसे उत्तर दिया, “आदरणीय गुरुवर और बंधुओं,” कृपया सुनिए: महामहिम परमेश्वर ने हमारे पूर्वज अब्राहाम को उनके हारान प्रदेश में आकर बसने के पूर्व, जब वह मेसोपोतामिया में थे, दिव्य दर्शन देते हुए आज्ञा दी:
Ὁ δὲ ἔφη, Ἄνδρες ἀδελφοὶ καὶ πατέρες, ἀκούσατε. Ὁ Θεὸς τῆς δόξης ὤφθη τῷ πατρὶ ἡμῶν Ἀβραὰμ ὄντι ἐν τῇ Μεσοποταμίᾳ, πρὶν ἢ κατοικῆσαι αὐτὸν ἐν Χαρράν,
3 अपने पिता के घर तथा अपने रिश्तेदारों को छोड़कर उस देश को चला जा, जो मैं तुझे दिखाऊंगा.
καὶ εἶπε πρὸς αὐτόν, Ἔξελθε ἐκ τῆς γῆς σου καὶ ἐκ τῆς συγγενείας σου, καὶ δεῦρο εἰς γῆν ἣν ἄν σοι δείξω.
4 “इसलिये वह कसदियों के देश को छोड़कर हारान नगर में बस गए. इसके बाद उनके पिता की मृत्यु के बाद, परमेश्वर उन्हें इस भूमि पर ले आए जिस पर आप निवास कर रहे हैं. परमेश्वर ने उन्हें इस भूभाग का कोई उत्तराधिकार नहीं दिया;
Τότε ἐξελθὼν ἐκ γῆς Χαλδαίων κατῴκησεν ἐν Χαρράν· κἀκεῖθεν, μετὰ τὸ ἀποθανεῖν τὸν πατέρα αὐτοῦ, μετῴκισεν αὐτὸν εἰς τὴν γῆν ταύτην εἰς ἣν ὑμεῖς νῦν κατοικεῖτε·
5 यहां तक कि पैर रखने का भी स्थान नहीं. किंतु परमेश्वर ने उनके उस समय निःसंतान होने पर भी उनसे यह प्रतिज्ञा की कि उनके बाद वह उनके वंशजों को यह भूमि उनकी संपत्ति के रूप में प्रदान करेंगे.
καὶ οὐκ ἔδωκεν αὐτῷ κληρονομίαν ἐν αὐτῇ, οὐδὲ βῆμα ποδός· καὶ ἐπηγγείλατο δοῦναι αὐτῷ εἰς κατάσχεσιν αὐτήν, καὶ τῷ σπέρματι αὐτοῦ μετ᾽ αὐτόν, οὐκ ὄντος αὐτῷ τέκνου.
6 तब परमेश्वर ने अब्राहाम से कहा, ‘यह सच है तुम्हारे वंश के लोग पराए देश में परदेशी होकर रहेंगे, जहां उन्हें दास बना लिया जाएगा, और उन्हें चार सौ वर्ष तक दुःख देंगे.
Ἐλάλησε δὲ οὕτως ὁ Θεός, ὅτι ἔσται τὸ σπέρμα αὐτοῦ πάροικον ἐν γῇ ἀλλοτρίᾳ, καὶ δουλώσουσιν αὐτὸ καὶ κακώσουσιν, ἔτη τετρακόσια.
7 फिर जिस देश के वे दास होंगे, उस देश के लोगों को मैं दंड दूंगा, फिर तुम्हारे वंश के लोग वहां से बहुत धन लेकर निकलेंगे.’
Καὶ τὸ ἔθνος, ᾧ ἐὰν δουλεύσωσι, κρινῶ ἐγώ, εἶπεν ὁ Θεός· καὶ μετὰ ταῦτα ἐξελεύσονται, καὶ λατρεύσουσί μοι ἐν τῷ τόπῳ τούτῳ.
8 परमेश्वर ने अब्राहाम के साथ ख़तना की वाचा स्थापित की. जब अब्राहाम के पुत्र यित्सहाक का जन्म हुआ, तो आठवें दिन उनका ख़तना किया गया. यित्सहाक के पुत्र थे याकोब और याकोब से बारह गोत्रपिता पैदा हुए.
Καὶ ἔδωκεν αὐτῷ διαθήκην περιτομῆς· καὶ οὕτως ἐγέννησε τὸν Ἰσαάκ, καὶ περιέτεμεν αὐτὸν τῇ ἡμέρᾳ τῇ ὀγδόῃ· καὶ ὁ Ἰσαὰκ τὸν Ἰακώβ, καὶ ὁ Ἰακὼβ τοὺς δώδεκα πατριάρχας.
9 “जलन के कारण गोत्रपिताओं ने योसेफ़ को मिस्र देश में बेच दिया किंतु परमेश्वर की कृपादृष्टि योसेफ़ पर बनी रही.
Καὶ οἱ πατριάρχαι ζηλώσαντες τὸν Ἰωσὴφ ἀπέδοντο εἰς Αἴγυπτον· καὶ ἦν ὁ Θεὸς μετ᾽ αὐτοῦ,
10 इसलिये परमेश्वर ने योसेफ़ को सभी यातनाओं से मुक्त कर उन्हें बुद्धि प्रदान की और मिस्र देश के राजा फ़रोह की कृपादृष्टि प्रदान की तथा फ़रोह ने उन्हें मिस्र देश और पूरे राजमहल पर अधिकारी बना दिया.
καὶ ἐξείλετο αὐτὸν ἐκ πασῶν τῶν θλίψεων αὐτοῦ, καὶ ἔδωκεν αὐτῷ χάριν καὶ σοφίαν ἐναντίον Φαραὼ βασιλέως Αἰγύπτου, καὶ κατέστησεν αὐτὸν ἡγούμενον ἐπ᾽ Αἴγυπτον καὶ ὅλον τὸν οἶκον αὐτοῦ.
11 “तब सारे मिस्र और कनान देश में अकाल पड़ा जिससे हर जगह हाहाकार मच गया और हमारे पूर्वजों के सामने भोजन का अभाव हो गया.
Ἦλθε δὲ λιμὸς ἐφ᾽ ὅλην τὴν γῆν Αἰγύπτου καὶ Χαναάν, καὶ θλίψις μεγάλη· καὶ οὐχ εὕρισκον χορτάσματα οἱ πατέρες ἡμῶν.
12 किंतु जब याकोब को यह मालूम हुआ कि मिस्र देश में अन्न उपलब्ध है, उन्होंने हमारे पूर्वजों को अन्न लेने वहां भेजा, जिनकी यह पहली मिस्र की यात्रा थी.
Ἀκούσας δὲ Ἰακὼβ ὄντα σῖτα ἐν Αἰγύπτῳ, ἐξαπέστειλε τοὺς πατέρας ἡμῶν πρῶτον.
13 जब वे अन्न लेने वहां दूसरी बार गए, योसेफ़ ने स्वयं को अपने भाइयों पर प्रकट कर दिया, जिससे फ़रोह योसेफ़ के परिवार से परिचित हो गया.
Καὶ ἐν τῷ δευτέρῳ ἀνεγνωρίσθη Ἰωσὴφ τοῖς ἀδελφοῖς αὐτοῦ, καὶ φανερὸν ἐγένετο τῷ Φαραὼ τὸ γένος τοῦ Ἰωσήφ.
14 तब योसेफ़ ने अपने पिता और सारे परिवार को, जिनकी संख्या पचहत्तर थी, मिस्र देश में बुला लिया.
Ἀποστείλας δὲ Ἰωσὴφ μετεκαλέσατο τὸν πατέρα αὐτοῦ Ἰακώβ, καὶ πᾶσαν τὴν συγγένειαν, ἐν ψυχαῖς ἑβδομήκοντα πέντε.
15 तब याकोब मिस्र देश में बस गए और वहीं उनकी और हमारे पूर्वजों की मृत्यु हुई.
Κατέβη δὲ Ἰακὼβ εἰς Αἴγυπτον, καὶ ἐτελεύτησεν αὐτὸς καὶ οἱ πατέρες ἡμῶν·
16 उनके अवशेष शेकेम नगर लाए गए तथा उन्हें अब्राहाम द्वारा मोल ली गई कंदरा-क़ब्र में रखा गया, जिसे अब्राहाम ने शेकेम नगर के निवासी हामोर के पुत्रों को दाम देकर खरीदा था.
καὶ μετετέθησαν εἰς Συχέμ, καὶ ἐτέθησαν ἐν τῷ μνήματι ὃ ὠνήσατο Ἀβραὰμ τιμῆς ἀργυρίου παρὰ τῶν υἱῶν Ἐμμὸρ τοῦ Συχέμ.
17 “जब परमेश्वर द्वारा अब्राहाम से की गई प्रतिज्ञा को पूरी करने का समय आया तब मिस्र देश में हमारे पूर्वजों की संख्या में कई गुणा वृद्धि हो चुकी थी.
Καθὼς δὲ ἤγγιζεν ὁ χρόνος τῆς ἐπαγγελίας ἧς ὤμοσεν ὁ Θεὸς τῷ Ἀβραάμ, ηὔξησεν ὁ λαὸς καὶ ἐπληθύνθη ἐν Αἰγύπτῳ,
18 उस समय मिस्र में एक नया राजा बना, जो योसेफ़ को नहीं जानता था.
ἄχρις οὗ ἀνέστη βασιλεὺς ἕτερος, ὃς οὐκ ᾔδει τὸν Ἰωσήφ.
19 उसने हमारे पूर्वजों के साथ चालाकी से बुरा व्यवहार किया और नवजात शिशुओं को नाश करने के लिए विवश किया कि एक भी शिशु बचा न रहे.
Οὗτος κατασοφισάμενος τὸ γένος ἡμῶν, ἐκάκωσε τοὺς πατέρας ἡμῶν, τοῦ ποιεῖν ἔκθετα τὰ βρέφη αὐτῶν, εἰς τὸ μὴ ζῳογονεῖσθαι.
20 “इसी काल में मोशेह का जन्म हुआ. वह परमेश्वर की दृष्टि में चाहने योग्य थे. तीन माह तक उनका पालन पोषण उनके पिता के ही परिवार में हुआ.
Ἐν ᾧ καιρῷ ἐγεννήθη Μωσῆς, καὶ ἦν ἀστεῖος τῷ Θεῷ· ὃς ἀνετράφη μῆνας τρεῖς ἐν τῷ οἴκῳ τοῦ πατρός.
21 जब उनको छुपाए रखना असंभव हो गया, तब फ़रोह की पुत्री उन्हें ले गई. उसने उनका पालन पोषण अपने पुत्र जैसे किया.
Ἐκτεθέντα δὲ αὐτόν, ἀνείλετο ἡ θυγάτηρ Φαραώ, καὶ ἀνεθρέψατο αὐτὸν ἑαυτῇ εἰς υἱόν.
22 मिस्र देश की सारी विद्या में मोशेह को प्रशिक्षित किया गया. वह बातचीत और कर्तव्य-पालन करने में प्रभावशाली थे.
Καὶ ἐπαιδεύθη Μωσῆς πάσῃ σοφίᾳ Αἰγυπτίων· ἦν δὲ δυνατὸς ἐν λόγοις καὶ ἔργοις.
23 “जब मोशेह लगभग चालीस वर्ष के हुए, उनके मन में अपने इस्राएली बंधुओं से भेंट करने का विचार आया.
Ὡς δὲ ἐπληροῦτο αὐτῷ τεσσαρακονταετὴς χρόνος, ἀνέβη ἐπὶ τὴν καρδίαν αὐτοῦ ἐπισκέψασθαι τοὺς ἀδελφοὺς αὐτοῦ τοὺς υἱοὺς Ἰσραήλ.
24 वहां उन्होंने एक इस्राएली के साथ अन्याय से भरा व्यवहार होते देख उसकी रक्षा की तथा सताए जानेवाले के बदले में मिस्रवासी की हत्या कर दी.
Καὶ ἰδών τινα ἀδικούμενον, ἠμύνατο καὶ ἐποίησεν ἐκδίκησιν τῷ καταπονουμένῳ, πατάξας τὸν Αἰγύπτιον·
25 उनका विचार यह था कि उनके इस काम के द्वारा इस्राएली यह समझ जाएंगे कि परमेश्वर स्वयं उन्हीं के द्वारा इस्राएलियों को मुक्त करा रहे हैं किंतु ऐसा हुआ नहीं.
ἐνόμιζε δὲ συνιέναι τοὺς ἀδελφοὺς αὐτοῦ ὅτι ὁ Θεὸς διὰ χειρὸς αὐτοῦ δίδωσιν αὐτοῖς σωτηρίαν· οἱ δὲ οὐ συνῆκαν.
26 दूसरे दिन जब उन्होंने आपस में लड़ते हुए दो इस्राएलियों के मध्य यह कहते हुए मेल-मिलाप का प्रयास किया, ‘तुम भाई-भाई हो, क्यों एक दूसरे को आहत करना चाह रहे हो?’
Τῇ τε ἐπιούσῃ ἡμέρᾳ ὤφθη αὐτοῖς μαχομένοις, καὶ συνήλασεν αὐτοὺς εἰς εἰρήνην, εἰπών, Ἄνδρες, ἀδελφοί ἐστε ὑμεῖς· ἵνα τί ἀδικεῖτε ἀλλήλους;
27 “उस अन्याय करनेवाले इस्राएली ने मोशेह को धक्का देते हुए कहा, ‘किसने तुम्हें हम पर राजा और न्याय करनेवाला ठहराया है?
Ὁ δὲ ἀδικῶν τὸν πλησίον ἀπώσατο αὐτόν, εἰπών, Τίς σε κατέστησεν ἄρχοντα καὶ δικαστὴν ἐφ᾽ ἡμᾶς;
28 कहीं तुम्हारा मतलब कल उस मिस्री जैसे मेरी भी हत्या का तो नहीं है? बोलो!’
Μὴ ἀνελεῖν με σὺ θέλεις, ὃν τρόπον ἀνεῖλες χθὲς τὸν Αἰγύπτιον;
29 यह सुन मोशेह वहां से भाग खड़े हुए और मिदियान देश में परदेशी होकर रहने लगे. वहां उनके दो पुत्र पैदा हुए.
Ἔφυγε δὲ Μωσῆς ἐν τῷ λόγῳ τούτῳ, καὶ ἐγένετο πάροικος ἐν γῇ Μαδιάμ, οὗ ἐγέννησεν υἱοὺς δύο.
30 “चालीस वर्ष व्यतीत होने पर सीनाय पर्वत के बंजर भूमि में एक जलती हुई कंटीली झाड़ी आग की लौ में उन्हें एक स्वर्गदूत दिखाई दिया.
Καὶ πληρωθέντων ἐτῶν τεσσαράκοντα, ὤφθη αὐτῷ ἐν τῇ ἐρήμῳ τοῦ ὄρους Σινᾶ ἄγγελος Κυρίου ἐν φλογὶ πυρὸς βάτου.
31 इस दृश्य ने उन्हें आश्चर्यचकित कर दिया. जब वह इसे नज़दीकी से देखने के उद्देश्य से झाड़ी के पास गए तो परमेश्वर ने उनसे कहा:
Ὁ δὲ Μωσῆς ἰδὼν ἐθαύμαζε τὸ ὅραμα· προσερχομένου δὲ αὐτοῦ κατανοῆσαι, ἐγένετο φωνὴ Κυρίου πρὸς αὐτόν,
32 ‘मैं तुम्हारे पूर्वजों के पिता अर्थात् अब्राहाम, यित्सहाक तथा याकोब का परमेश्वर हूं.’ मोशेह भय से कांपने लगे और ऊपर आंख उठाने का साहस न कर सके.
Ἐγὼ ὁ Θεὸς τῶν πατέρων σου, ὁ Θεὸς Ἀβραὰμ καὶ ὁ Θεὸς Ἰσαὰκ καὶ ὁ Θεὸς Ἰακώβ. Ἔντρομος δὲ γενόμενος Μωσῆς οὐκ ἐτόλμα κατανοῆσαι.
33 “प्रभु ने मोशेह से कहा, अपनी पैरों से जूते उतार दो, क्योंकि यह स्थान, जिस पर तुम खड़े हो, पवित्र है.
Εἶπε δὲ αὐτῷ ὁ Κύριος, Λῦσον τὸ ὑπόδημα τῶν ποδῶν σου· ὁ γὰρ τόπος ἐν ᾧ ἕστηκας γῆ ἁγία ἐστίν.
34 मिस्र देश में मेरी प्रजा पर हो रहा अत्याचार मैंने अच्छी तरह से देखा है. ‘मैंने उनका कराहना भी सुना है. मैं उन्हें मुक्त कराने नीचे उतर आया हूं. सुनो, मैं तुम्हें मिस्र देश भेजूंगा.’
Ἰδὼν εἶδον τὴν κάκωσιν τοῦ λαοῦ μου τοῦ ἐν Αἰγύπτῳ, καὶ τοῦ στεναγμοῦ αὐτῶν ἤκουσα· καὶ κατέβην ἐξελέσθαι αὐτούς· καὶ νῦν δεῦρο, ἀποστελῶ σε εἰς Αἴγυπτον.
35 “यह वही मोशेह हैं, जिन्हें इस्राएलियों ने यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया था, ‘किसने तुम्हें हम पर राजा और न्याय करनेवाला ठहराया है?’ परमेश्वर ने उन्हीं को उस स्वर्गदूत द्वारा, जो झाड़ी में उन्हें दिखाई दिया था, राजा तथा छुड़ाने वाला ठहराकर भेज दिया.
Τοῦτον τὸν Μωσῆν ὃν ἠρνήσαντο εἰπόντες, Τίς σε κατέστησεν ἄρχοντα καὶ δικαστήν; τοῦτον ὁ Θεὸς ἄρχοντα καὶ λυτρωτὴν ἀπέστειλεν ἐν χειρὶ ἀγγέλου τοῦ ὀφθέντος αὐτῷ ἐν τῇ βάτῳ.
36 यह वही मोशेह थे, जिन्होंने उनका नायक होकर उन्हें बाहर निकाला और मिस्र देश, लाल सागर तथा चालीस वर्ष बंजर भूमि में अद्भुत चिह्न दिखाते हुए उनका मार्गदर्शन किया.
Οὗτος ἐξήγαγεν αὐτούς, ποιήσας τέρατα καὶ σημεῖα ἐν γῇ Αἰγύπτῳ καὶ ἐν Ἐρυθρᾷ θαλάσσῃ, καὶ ἐν τῇ ἐρήμῳ ἔτη τεσσαράκοντα.
37 “यही थे वह मोशेह, जिन्होंने इस्राएल की संतान के सामने यह घोषणा पहले से ही की थी, ‘तुम्हारे ही देशवासियों में से परमेश्वर मेरे ही समान एक भविष्यवक्ता को उठाएंगे.’
Οὗτός ἐστιν ὁ Μωσῆς ὁ εἰπὼν τοῖς υἱοῖς Ἰσραήλ, Προφήτην ὑμῖν ἀναστήσει Κύριος ὁ Θεὸς ἡμῶν ἐκ τῶν ἀδελφῶν ὑμῶν ὡς ἐμέ.
38 यह वही हैं, जो बंजर भूमि में इस्राएली समुदाय में उस स्वर्गदूत के साथ मौजूद थे, जिसने उनसे सीनाय पर्वत पर बातें की और जो हमारे पूर्वजों के साथ थे तथा मोशेह ने तुम्हें सौंप देने के लिए जिनसे जीवित वचन प्राप्त किए.
Οὗτός ἐστιν ὁ γενόμενος ἐν τῇ ἐκκλησίᾳ ἐν τῇ ἐρήμῳ μετὰ τοῦ ἀγγέλου τοῦ λαλοῦντος αὐτῷ ἐν τῷ ὄρει Σινᾶ καὶ τῶν πατέρων ἡμῶν· ὃς ἐδέξατο λόγον ζῶντα δοῦναι ἡμῖν·
39 “हमारे पूर्वज उनके आज्ञापालन के इच्छुक नहीं थे. वे मन ही मन मिस्र देश की कामना करने लगे.
ᾧ οὐκ ἠθέλησαν ὑπήκοοι γενέσθαι οἱ πατέρες ἡμῶν, ἀλλ᾽ ἀπώσαντο, καὶ ἐστράφησαν τῇ καρδίᾳ αὐτῶν εἰς Αἴγυπτον,
40 वे हारोन से कहते रहे, ‘हमारे आगे-आगे जाने के लिए देवताओं को स्थापित करो. इस मोशेह की, जो हमें मिस्र साम्राज्य से बाहर लेकर आया है, कौन जाने क्या हुआ!’
εἰπόντες τῷ Ἀαρών, Ποίησον ἡμῖν θεοὺς οἳ προπορεύσονται ἡμῶν· ὁ γὰρ Μωσῆς οὗτος, ὃς ἐξήγαγεν ἡμᾶς ἐκ γῆς Αἰγύπτου, οὐκ οἴδαμεν τί γέγονεν αὐτῷ.
41 तब उन्होंने बछड़े की एक मूर्ति बनाई, उसे बलि चढ़ाई तथा अपने हाथों के कामों पर उत्सव मनाने लगे.
Καὶ ἐμοσχοποίησαν ἐν ταῖς ἡμέραις ἐκείναις, καὶ ἀνήγαγον θυσίαν τῷ εἰδώλῳ, καὶ εὐφραίνοντο ἐν τοῖς ἔργοις τῶν χειρῶν αὐτῶν.
42 इससे परमेश्वर ने उनसे मुंह मोड़कर उन्हें आकाश के नक्षत्रों की उपासना करने के लिए छोड़ दिया, जैसा भविष्यद्वक्ताओं के अभिलेख में लिखा है: “‘हे इस्राएल के वंशजों, निर्जन प्रदेश में चालीस साल तक क्या तुमने मुझे बलिदान और भेंट चढ़ाया?
Ἔστρεψε δὲ ὁ Θεός, καὶ παρέδωκεν αὐτοὺς λατρεύειν τῇ στρατιᾷ τοῦ οὐρανοῦ· καθὼς γέγραπται ἐν βίβλῳ τῶν προφητῶν, Μὴ σφάγια καὶ θυσίας προσηνέγκατέ μοι ἔτη τεσσαράκοντα ἐν τῇ ἐρήμῳ, οἶκος Ἰσραήλ;
43 तुमने देवता मोलेक की वेदी की स्थापना की, अपने देवता रेफ़ान के तारे को ऊंचा किया और उन्हीं की मूर्तियों को आराधना के लिए स्थापित किया. इसलिये मैं तुम्हें बाबेल से दूर निकाल ले जाऊंगा.’
Καὶ ἀνελάβετε τὴν σκηνὴν τοῦ Μολόχ, καὶ τὸ ἄστρον τοῦ Θεοῦ ὑμῶν Ῥεμφάν, τοὺς τύπους οὓς ἐποιήσατε προσκυνεῖν αὐτοῖς· καὶ μετοικιῶ ὑμᾶς ἐπέκεινα Βαβυλῶνος.
44 “बंजर भूमि में गवाही का तंबू हमारे पूर्वजों के पास था. इसका निर्माण ठीक-ठीक परमेश्वर द्वारा मोशेह को दिए गए निर्देश के अनुसार किया गया था, जिसका आकार स्वयं मोशेह देख चुके थे.
Ἡ σκηνὴ τοῦ μαρτυρίου ἦν τοῖς πατράσιν ἡμῶν ἐν τῇ ἐρήμῳ, καθὼς διετάξατο ὁ λαλῶν τῷ Μωσῇ, ποιῆσαι αὐτὴν κατὰ τὸν τύπον ὃν ἑωράκει.
45 हमारे पूर्वज इस गवाही के तंबू को यहोशू के नेतृत्व में अपने साथ उस भूमि पर ले आए, जिसे उन्होंने अपने अधिकार में ले लिया था और जहां से परमेश्वर ने हमारे पूर्वजों के सामने से राष्ट्रों को निकाल दिया था. ऐसा दावीद के समय तक रहा.
Ἣν καὶ εἰσήγαγον διαδεξάμενοι οἱ πατέρες ἡμῶν μετὰ Ἰησοῦ ἐν τῇ κατασχέσει τῶν ἐθνῶν, ὧν ἐξῶσεν ὁ Θεὸς ἀπὸ προσώπου τῶν πατέρων ἡμῶν, ἕως τῶν ἡμερῶν Δαυίδ·
46 दावीद पर परमेश्वर की कृपादृष्टि थी. दावीद ने उनसे याकोब के परमेश्वर के लिए एक निवास स्थान बनाने की आज्ञा चाही.
ὃς εὗρε χάριν ἐνώπιον τοῦ Θεοῦ, καὶ ᾐτήσατο εὑρεῖν σκήνωμα τῷ Θεῷ Ἰακώβ.
47 किंतु इस भवन का निर्माण शलोमोन द्वारा किया गया.
Σολομῶν δὲ ᾠκοδόμησεν αὐτῷ οἶκον.
48 “सच तो यह है कि, परम प्रधान परमेश्वर मनुष्य के हाथ से बने भवन में वास नहीं करते. भविष्यवक्ता की घोषणा है:
Ἀλλ᾽ οὐχ ὁ ὕψιστος ἐν χειροποιήτοις ναοῖς κατοικεῖ, καθὼς ὁ προφήτης λέγει,
49 “‘स्वर्ग मेरा सिंहासन तथा पृथ्वी मेरे पैरों की चौकी है. किस प्रकार का घर बनाओगे तुम मेरे लिए? परमेश्वर का कहना है, या कहां होगा मेरा विश्राम स्थान?
Ὁ οὐρανός μοι θρόνος, ἡ δὲ γῆ ὑποπόδιον τῶν ποδῶν μου· ποῖον οἶκον οἰκοδομήσετέ μοι; λέγει Κύριος· ἢ τίς τόπος τῆς καταπαύσεώς μου;
50 क्या ये सभी मेरे ही हाथों की रचना नहीं?’
Οὐχὶ ἡ χείρ μου ἐποίησε ταῦτα πάντα;
51 “आप, जो हठीले हृदय और कान के ख़तना रहित लोग हैं, हमेशा पवित्र आत्मा का विरोध करते रहते हैं. आप ठीक वही कर रहे हैं, जो आपके पूर्वजों ने किया.
Σκληροτράχηλοι καὶ ἀπερίτμητοι τῇ καρδίᾳ καὶ τοῖς ὠσίν, ὑμεῖς ἀεὶ τῷ Πνεύματι τῷ Ἁγίῳ ἀντιπίπτετε· ὡς οἱ πατέρες ὑμῶν, καὶ ὑμεῖς.
52 क्या कभी भी कोई ऐसा भविष्यवक्ता हुआ है, जिसे आपके पूर्वजों ने सताया न हो? यहां तक कि उन्होंने तो उन भविष्यद्वक्ताओं की हत्या भी कर दी जिन्होंने उस धर्मी जन के आगमन की पहले से ही घोषणा की थी. यहां उसी की हत्या करके आप लोग विश्वासघाती और हत्यारे बन गए हैं.
Τίνα τῶν προφητῶν οὐκ ἐδίωξαν οἱ πατέρες ὑμῶν; Καὶ ἀπέκτειναν τοὺς προκαταγγείλαντας περὶ τῆς ἐλεύσεως τοῦ δικαίου, οὗ νῦν ὑμεῖς προδόται καὶ φονεῖς γεγένησθε·
53 आप वही हैं जिन्हें स्वर्गदूतों द्वारा प्रभावशाली व्यवस्था सौंपी गई थी, फिर भी आपने उसका पालन नहीं किया.”
οἵτινες ἐλάβετε τὸν νόμον εἰς διαταγὰς ἀγγέλων, καὶ οὐκ ἐφυλάξατε.
54 यह सुन सारे सुननेवाले तिलमिला उठे और स्तेफ़ानॉस पर दांत पीसने लगे.
Ἀκούοντες δὲ ταῦτα, διεπρίοντο ταῖς καρδίαις αὐτῶν, καὶ ἔβρυχον τοὺς ὀδόντας ἐπ᾽ αὐτόν.
55 किंतु पवित्र आत्मा से भरकर स्तेफ़ानॉस ने जब अपनी दृष्टि स्वर्ग की ओर उठाई, उन्होंने परमेश्वर की महिमा को और मसीह येशु को परमेश्वर के दाहिनी ओर खड़े हुए देखा.
Ὑπάρχων δὲ πλήρης Πνεύματος Ἁγίου, ἀτενίσας εἰς τὸν οὐρανόν, εἶδε δόξαν Θεοῦ, καὶ Ἰησοῦν ἑστῶτα ἐκ δεξιῶν τοῦ Θεοῦ,
56 स्तेफ़ानॉस ने सुननेवालों को संबोधित करते हुए कहा, “वह देखिए! मुझे स्वर्ग खुला हुआ तथा मनुष्य का पुत्र परमेश्वर के दाहिनी ओर खड़े हुए दिखाई दे रहे हैं.”
καὶ εἶπεν, Ἰδού, θεωρῶ τοὺς οὐρανοὺς ἀνεῳγμένους, καὶ τὸν υἱὸν τοῦ ἀνθρώπου ἐκ δεξιῶν ἑστῶτα τοῦ Θεοῦ.
57 यह सुनते ही सुननेवालों ने चीखते हुए अपने कानों पर हाथ रख लिए. फिर वे गुस्से में स्तेफ़ानॉस पर एक साथ टूट पड़े.
Κράξαντες δὲ φωνῇ μεγάλῃ, συνέσχον τὰ ὦτα αὐτῶν, καὶ ὥρμησαν ὁμοθυμαδὸν ἐπ᾽ αὐτόν·
58 उन्होंने स्तेफ़ानॉस को पकड़ा और घसीटते हुए नगर के बाहर ले गए और वहां उन्होंने पथराव करके उनकी हत्या कर दी. इस समय उन्होंने अपने बाहरी कपड़े शाऊल नामक युवक के पास रख छोड़े थे.
καὶ ἐκβαλόντες ἔξω τῆς πόλεως, ἐλιθοβόλουν· καὶ οἱ μάρτυρες ἀπέθεντο τὰ ἱμάτια παρὰ τοὺς πόδας νεανίου καλουμένου Σαύλου.
59 जब वे स्तेफ़ानॉस का पथराव कर रहे थे, स्तेफ़ानॉस ने प्रभु से इस प्रकार प्रार्थना की, “प्रभु येशु, मेरी आत्मा को स्वीकार कीजिए.”
Καὶ ἐλιθοβόλουν τὸν Στέφανον, ἐπικαλούμενον καὶ λέγοντα, Κύριε Ἰησοῦ, δέξαι τὸ πνεῦμά μου.
60 तब उन्होंने घुटने टेककर ऊंचे शब्द में यह कहा, “प्रभु, इन्हें इस पाप का दोषी न ठहराना.” यह कहते हुए स्तेफ़ानॉस लंबी नींद में सो गए.
Θεὶς δὲ τὰ γόνατα, ἔκραξε φωνῇ μεγάλῃ, Κύριε, μὴ στήσῃς αὐτοῖς τὴν ἁμαρτίαν ταύτην. Καὶ τοῦτο εἰπὼν ἐκοιμήθη.