< प्रेरितों के काम 26 >
1 इसलिये राजा अग्रिप्पा ने पौलॉस को संबोधित करते हुए कहा, “तुम्हें अपना पक्ष प्रस्तुत करने की आज्ञा है.” इसलिये पौलॉस ने एक बोलनेवाले की मुद्रा में हाथ उठाते हुए अपने बचाव में कहना शुरू किया.
ସିଲତ୍ତେ ଆଗ୍ରିପାନ୍ ପାଓଲନ୍ଆଡଙ୍ ବରେନ୍, “ଆମନ୍ଡମ୍ ଡନେଲନ୍ ବର୍ନେନ୍ ଆସନ୍ ରୟଙନ୍ ଏତିୟ୍ଲମ୍ ।” ଆରି ପାଓଲନ୍ ତେକ୍କେସିଲନ୍ ବର୍ନେନ୍ ଉଲନ୍;
2 “महाराज अग्रिप्पा, आज मैं स्वयं को धन्य मान रहा हूं, जो मैं यहां यहूदियों द्वारा लगाए गए आरोपों के विरुद्ध उत्तर देनेवाले के रूप में आपके सामने खड़ा हुआ हूं.
“ଏ ଆଗ୍ରିପା ରାଜା, ଜିଉଦିମରଞ୍ଜି ବିରୁଦଲୋଙ୍ଞେନ୍ ଇନିଜି ଆ ବର୍ନେଜି କାୟ୍କାୟ୍ଡାଲେ ଅବ୍ଡୋସାତିଁୟ୍ଜି, ତି ଆ ବର୍ନେଜି ଆସନ୍ ଞେନ୍ଡମ୍ ଡନେଡମ୍ଲନ୍ ମୁକ୍କାବାନମ୍ ବର୍ନେନ୍ ଆସନ୍ ରୟଙନ୍ ଞରାଙ୍ଲାଞନ୍ ଞେନ୍ କରମ୍ମାଡମ୍ ଗାମ୍ଡମ୍ତନାୟ୍;
3 विशेष रूप से इसलिये भी कि आप यहूदी प्रथाओं तथा समस्याओं को भली-भांति जानते हैं. इसलिये मैं आपसे विनती करता हूं कि आप मेरा पक्ष धीरज से सुनें.
ଇନିଆସନ୍ଗାମେଣ୍ଡେନ୍ ଜିଉଦିମରଞ୍ଜି ଆନୋକ୍କା ଞଣ୍ଡ୍ରମ୍ନେଞ୍ଜି ଡ ଆ ବର୍ନେଞ୍ଜି ଆମନ୍ ମନଙ୍ଡମ୍ ଜନା, ତିଆସନ୍ ବର୍ନେଞେନ୍ ଆମନ୍ ମନଙ୍ ଡାଲୁଡା ଗାମ୍ଲେ ଞେନ୍ ବର୍ତମ୍ ।”
4 “मेरे देश तथा येरूशलेम में सभी यहूदी मेरी युवावस्था से लेकर अब तक की जीवनशैली से अच्छी तरह से परिचित हैं.
“ବେଣ୍ଡିଆ ଇଙନ୍ ସିଲଡ୍ ଞେନ୍ ମନ୍ରାଞେଞ୍ଜି ଆମଙ୍ ଆରି ତିକ୍କି ଜିରୁସାଲମ୍ ଗଡ଼ାଲୋଙନ୍ ଞେନ୍ ଏଙ୍ଗାଲେ ଞଣ୍ଡ୍ରମ୍ଲନାୟ୍ ତିଆତେ ଆନିଞ୍ଜି ଜନାଜି;
5 इसलिये कि लंबे समय से वे मुझसे परिचित हैं, वे चाहें तो, इस सच्चाई की गवाही भी दे सकते हैं कि मैंने फ़रीसी संप्रदाय के अनुरूप, जो कट्टरतम मत है, जीवन जिया है.
ଞେନ୍ ଆମ୍ମୁଙ୍ ପାରୁସି ଗାମ୍ଲେ ଡରମ୍ମଲୋଙ୍ଲେନ୍ ଅବୟ୍ ଡଡ଼ନ୍ ଡକୋ, ତି ଆ ଡଡ଼ଲୋଙ୍ ଞେନ୍ ମାୟ୍ଲନାୟ୍, ଆନିଞ୍ଜି ତିଆତେ ଜନାଜି, ଆରି ଆନିଞ୍ଜି ଲଡଜେଞ୍ଜି ଡେନ୍ ତିଆତେ ଆସନ୍ ନିୟ୍ ସାକିନ୍ ତିୟେତଜି ।
6 आज मैं परमेश्वर द्वारा हमारे पूर्वजों को दी गई प्रतिज्ञा की आशा के कारण यहां दोषी के रूप में खड़ा हूं.
ଆରି ପୁର୍ବା ଜୋଜୋଲେଞ୍ଜି ଆମଙ୍ ଇସ୍ୱରନ୍ ଅଙ୍ଗାତେ ବାସାଲନେ, ତି ଆବ୍ରାସାଲନ୍ ଆ ବର୍ନେ ଅରାସାତନାଞନ୍, ଞେନ୍ଆଡଙ୍ ଅନବ୍ପନ୍ସୁଆତିନ୍ ଆସନ୍ ତବ୍ନଙ୍ଲିଁୟ୍ଜି ।
7 यह वही प्रतिज्ञा है, जिसके पूरे होने की आशा हमारे बारह गोत्र दिन-रात सच्चाई में परमेश्वर की सेवा-उपासना करते हुए कर रहे हैं. महाराज, आज मुझ पर यहूदियों द्वारा मुकद्दमा इसी आशा के कारण चलाया जा रहा है.
ବାର କେଜ୍ଜାଲେନ୍ ଆ ମନ୍ରାଜି ତିଆତେ ଏଞାଙ୍ତାୟ୍ ଗାମ୍ଲେ ଆସାଲନ୍ ତଗଲ୍ ତମ୍ବା ଇସ୍ୱରନ୍ ଆମଙ୍ ପାର୍ତନାତଞ୍ଜି । ଏ ରାଜା, ତି ଆସାଲୋଙ୍ ଆସନ୍ ଜିଉଦିମରଞ୍ଜି ଞେନ୍ଆଡଙ୍ ଅବ୍ଡୋସାତିଁୟ୍ଜି ।
8 किसी के लिए भला यह अविश्वसनीय क्यों है कि परमेश्वर मरे हुओं को जीवित करते हैं?
ଇସ୍ୱରନ୍ ଆରବୁମରଞ୍ଜି ଅବ୍ଡୋତଜି, ଇନିବା ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି କେନ୍ ଆ ବର୍ନେ କଣ୍ଡାୟ୍ ଏବ୍ଡିସୟ୍ତେ?”
9 “मेरी अपनी मान्यता भी यही थी कि नाज़रेथवासी येशु के नाम के विरोध में मुझे बहुत कुछ करना ज़रूरी है.
“ଞେନ୍ ନିୟ୍ ନାଜରିତବାୟ୍ ଜିସୁନ୍ ଆଞୁମ୍ ଆ ବିରୁଦଲୋଙ୍ ଜବ୍ର ଲନୁମଞ୍ଜି ଲୁମ୍ତାୟ୍ ଅବ୍ଡିସୟ୍ଲାୟ୍ ।
10 येरूशलेम में मैंने ठीक यही किया भी. प्रधान पुरोहितों से अधिकार पत्र लेकर मैं अनेक शिष्यों को कारागार में डाल देता था, जब उनकी हत्या की जाती थी तो उसमें मेरी भी सम्मति होती थी.
ଆରି ସୋଡ଼ା ରାଓଡ଼ାଞ୍ଜି ଆମଙ୍ ସିଲଡ୍ ଅନଡ଼େଅଲନ୍ ପାଙ୍ଲେ ବୟ୍ଲେମରଞ୍ଜି ବଣ୍ଡିସିଂଲୋଙନ୍ ବଣ୍ଡିଲାଜି, ଆରି ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଆର୍ରବ୍ବୁଏଞ୍ଜି ଆଡିଡ୍ ଞେନ୍ ନିୟ୍ ବୋଟନ୍ ତିୟ୍ଲାୟ୍, ଜିରୁସାଲମ୍ ଗଡ଼ାଲୋଙନ୍ କେନ୍ ଆ କାବ୍ବାଡ଼ାଜି ଞେନ୍ ଲୁମ୍ଲାୟ୍ ।
11 अक्सर सभी यहूदी आराधनालयों में जाकर मैं उन्हें दंडित करते हुए मसीह येशु की निंदा के लिए बाध्य करने का प्रयास भी करता था और क्रोध में पागल होकर मैं उनका पीछा करते हुए सीमा पार के नगरों में भी उन्हें सताया करता था.
ଆରି ଅଡ଼୍କୋ ରନୁକ୍କୁସିଂଲୋଙନ୍ ଜିସୁନ୍ଆଡଙ୍ ନିଣ୍ଡୟ୍ଲେ ବର୍ନେନ୍ ଆସନ୍ ଆଏଡ଼ର୍ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଡଣ୍ଡାୟ୍ଲାଜି, ଆରି ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଏତ୍ତେଲେ ବରାବ୍ଲିଁୟ୍ ଡ ଆନ୍ନା ଆ ଗଡ଼ାରେଙ୍ ନିୟ୍ ଇୟ୍ଲେ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଇୟ୍ଲେ ଡଣ୍ଡାୟ୍ନାଜି ।”
12 “इसी उद्देश्य से एक बार मैं प्रधान पुरोहितों से अधिकार पत्र प्राप्त कर दमिश्क नगर जा रहा था.
“କେନ୍ ଏନ୍ନେଲେ ମନ୍ରାଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଡନଣ୍ଡାୟନ୍ ଆସନ୍ ସୋଡ଼ା ରାଓଡ଼ାଞ୍ଜି ଆମଙ୍ ସିଲଡ୍ ଅନଡ଼େଅଲନ୍ ପାଙ୍ଲେ ଦମ୍ମେସକନ୍ ଅରିୟେନ୍ ଆଡିଡ୍,
13 महाराज! दोपहर के समय मैंने और मेरे सहयात्रियों ने आकाश से सूर्य से भी कहीं अधिक तेज ज्योति देखी.
ଏ ରାଜା, ତଡ଼ିଙ୍ ତମ୍ବାନ୍ ତଙରନ୍ ଏଜିର୍ରେନ୍ ଆଡିଡ୍ ଓୟୋଙନ୍ ସିଲଡ୍ ଆରି ଗୋଗୋୟ୍ ଆ ସନାଆର୍ ଞେନ୍ ଗିୟ୍ଲାୟ୍, ତି ଆ ସନାଆର୍ ରୁଆଙନ୍ ସିଲଡ୍ ଜିର୍ରେ ଅମଙ୍ଞେନ୍ ଡ ସରିନ୍ ଏଜିର୍ରେନ୍ ଆ ମନ୍ରାଜି ଆମଙ୍ ଇୟ୍ଲାୟ୍ ତରାଡେ ।
14 जब हम सब भूमि पर गिर पड़े, मुझे इब्री भाषा में संबोधित करता हुआ एक शब्द सुनाई दिया, ‘शाऊल! शाऊल! तुम मुझे क्यों सता रहे हो? पैने पर लात मारना तुम्हारे लिए ही हानिकारक है.’
ଇନ୍ଲେନ୍ ଅଡ଼୍କୋନ୍ଲେନ୍ ଲବଲୋଙନ୍ ଅକୁଡ୍ଲଲେନ୍, ଆରି ଏବ୍ରିଲଙନ୍ ବାତ୍ତେ ଞେନ୍ ଆସନ୍ ଅବୟ୍ ସର୍ରଙନ୍ ଅମ୍ଡଙ୍ଲାୟ୍, ‘ସାଓଲ, ସାଓଲ, ଇନିଆସନ୍ ଆମନ୍ ଞେନ୍ଆଡଙ୍ ଡଣ୍ଡାୟ୍ତିଁୟ୍? ସୁଜେର୍ଡାଙ୍ଲୋଙନ୍ ତଙ୍ଞାଏନ୍ ଡେନ୍ ଆମନ୍ଡମ୍ ପାରାତମ୍ ।’
15 “मैंने प्रश्न किया, ‘आप कौन हैं, प्रभु?’ “प्रभु ने उत्तर दिया ‘मैं येशु हूं तुम जिसे सता रहे हो,
ସିଲତ୍ତେ ଞେନ୍ ଗାମ୍ଲାୟ୍, ‘ପ୍ରବୁ, ଆମନ୍ ଆନା?’ ଆରି ପ୍ରବୁନ୍ ଜାଲଙ୍ଲିଁୟ୍, ‘ଆମନ୍ ଅଙ୍ଗା ଜିସୁଆଡଙ୍ ଡଣ୍ଡାୟ୍ତେ, ଆନିନ୍ ଞେନ୍ ।
16 किंतु उठो, खड़े हो जाओ क्योंकि तुम्हें दर्शन देने का मेरा उद्देश्य यह है कि न केवल, जो कुछ तुमने देखा है परंतु वह सब, जो मैं तुम्हें अपने विषय में दिखाऊंगा, उसके लिए तुम्हें सेवक और गवाह ठहराऊं.
ଡୋନା, ତାଲ୍ଜଙ୍ନମ୍ ବାତ୍ତେ ତନଙା, ଇନିଆସନ୍ଗାମେଣ୍ଡେନ୍ ଆମନ୍ କବ୍ବାଡ଼ାମର୍ଞେନ୍ ଅମ୍ମେଲେ ସନେଡାନ୍ ଆସନ୍ ଅମଙ୍ନମ୍ ଅବ୍ଗିୟ୍ତାଲନାୟ୍, ଆରି ଆମନ୍ ଇନିଜି ଇନିଜି ତନାଲ୍ମଡଞ୍ଜି ଗିଜେନ୍ ଆରି ବିଅଜି ନିୟ୍ ଗିୟ୍ତେ, ତି ଆ ବର୍ନେଜି ଆନ୍ନାମରଞ୍ଜି ଆମଙ୍ ସାକିନ୍ ତିୟା ।
17 यहूदियों तथा गैर-यहूदियों से, जिनके बीच मैं तुम्हें भेज रहा हूं, मैं तुम्हारी रक्षा करूंगा
ଅଙ୍ଗା ଜିଉଦିମର୍ଜି ଡ ଏର୍ଜିଉଦିମର୍ଜି ଆମଙ୍ ଞେନ୍ ଆମନ୍ ଆପ୍ପାୟ୍ତମ୍ ଆମଙଞ୍ଜି ସିଲଡ୍ ଞେନ୍ ଆମନ୍ଆଡଙ୍ ଡୋବ୍ତମ୍ ।
18 कि उनकी आंखें खोलूं तथा उन्हें अंधकार से निकालकर ज्योति में और शैतान के अधिकार से परमेश्वर के राज्य में ले आऊं कि वे पाप क्षमा प्राप्त कर सकें और उनके सामने आ जाएं, जो मुझमें विश्वास के द्वारा परमेश्वर के लिए अलग किए गए हैं.’
ଆମନ୍ ଆମଡଞ୍ଜି ସନାବ୍କୁଡନ୍ ଆସନ୍, ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଲୋଙଡନ୍ ସିଲଡ୍ ସନାଆର୍ଗଡନ୍ ଅନାବ୍ଡିଡନ୍ ଆସନ୍, ସନୁମନ୍ ଆ ବୋର୍ସା ସିଲଡ୍ ତାଣ୍ଡେଲେ ଇସ୍ୱରନ୍ ଆମଙ୍ ଓରୋଙ୍ଡାଲେ ଆ ଇର୍ସେଞ୍ଜି ସିଲଡ୍ କେମାନ୍ ଆଞନାଙ୍ ଆସନ୍, ଆରି ଅମଙ୍ଞେନ୍ ଆଡର୍ତନେଞ୍ଜି ବୟ୍ଲେମରଞ୍ଜି ସରିନ୍ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଅନବ୍ମାୟ୍ମାୟନ୍ ଆସନ୍, ଞେନ୍ ଆମନ୍ଆଡଙ୍ ଆମଙ୍ବାଞ୍ଜି ଆପ୍ପାୟ୍ତମ୍ ।’”
19 “इसलिये महाराज अग्रिप्पा, मैंने स्वर्गीय दर्शन की बात नहीं टाली.
“ଏ ରାଜା ଆଗ୍ରିପା, ଞେନ୍ ରୁଆଙନ୍ ସିଲଡ୍ ତନାଲ୍ମଡନ୍ ଗିୟ୍ଲାୟ୍, ତିଆତେ ଞେନ୍ ଅଃନ୍ନାଲ୍ଲେଲାୟ୍ ।
20 मैंने सबसे पहले दमिश्क नगर में, इसके बाद येरूशलेम तथा सारे यहूदिया प्रदेश तथा गैर-यहूदियों में भी यह प्रचार किया कि वे पश्चाताप करके परमेश्वर की ओर लौट आएं तथा अपने स्वभाव के द्वारा अपने पश्चाताप को प्रमाणित करें.
ମନ୍ରାଞ୍ଜି ଆବ୍ୟର୍ବୁଡ୍ଡିଲନ୍ ଇସ୍ୱରନ୍ ଆମଙ୍ ୟର୍ନାୟ୍ତଜି ଆରି ଆବ୍ୟର୍ବୁଡ୍ଡିନ୍ ଆ କାବ୍ବାଡ଼ାଜି ଲୁମେତଜି ଗାମ୍ଲେ ପର୍ତମ୍ମୁ ଦମ୍ମେସକନ୍ ଡ ଜିରୁସାଲମବାଜି ଆମଙ୍, ତିକ୍କି ସମ୍ପରା ଜିଉଦା ରାଜ୍ୟନ୍ ଡ ଏର୍ଜିଉଦିମରଞ୍ଜି ଆମଙ୍ ନିୟ୍ ମନଙ୍ବରନ୍ ଅପ୍ପୁଙ୍ବର୍ରାୟ୍ ।
21 यही वह कारण है कि कुछ यहूदियों ने मंदिर में मुझे पकड़कर मेरी हत्या करनी चाही.
କେନ୍ ଆସନ୍ଲନ୍ ଜିଉଦିମରଞ୍ଜି ସରେବାସିଂଲୋଙନ୍ ଞେନ୍ଆଡଙ୍ ଞମ୍ଲେ ରନବ୍ବୁନ୍ ଆସନ୍ ଏରେଞ୍ଜି ଗୋଜେଞ୍ଜି ।
22 अब तक मुझे परमेश्वर की सहायता प्राप्त होती रही, जिसके परिणामस्वरूप मैं आप और छोटे-बड़े सभी के सामने उसी सच्चाई के पूरा होने की घोषणा कर रहा हूं जिसका वर्णन मोशेह और भविष्यद्वक्ताओं ने किया था
ଇସ୍ୱରନ୍ ଆ ସନାୟୁମ୍ ବାତ୍ତେ ଞେନ୍ ନମିନ୍ତାନ୍ ସନ୍ନା, ସୋଡ଼ା ଅଡ଼୍କୋ ମନ୍ରାନ୍ ଆମଙ୍ ସାକିନ୍ ତିୟ୍ଲେ ଜିର୍ତାୟ୍, ଆରି, ପୁର୍ବାଃତେ ବର୍ନେମରଞ୍ଜି ଡ ମୋସାନ୍ ଇନିଜି ଇନିଜି ଡେତେ ଗାମ୍ଲେ ବର୍ରଞ୍ଜି, ତିଆତେଜି ତୁମ୍ ଞେନ୍ ବର୍ତନାୟ୍;
23 कि मसीह दुःख भोगेंगे और मरे हुओं में से जी उठने में सबसे पहले होने के कारण वह यहूदियों और गैर-यहूदियों दोनों ही में ज्योति की घोषणा करेंगे.”
ଆମ୍ମୁଙ୍ କ୍ରିସ୍ଟନ୍ ରୟ୍ ପରାନ୍ଡଣ୍ଡନ୍ ଡେତେ କି ରବୁତେ, ସିଲଡ୍ଲ୍ଲନ୍ ଆନିନ୍ ଆରବୁମରଞ୍ଜି ଆମଙ୍ ସିଲଡ୍ ୟର୍ମେଙ୍ଲେ ଡୋତନେ, ଆରି ଜିଉଦିମରଞ୍ଜି ଡ ଏର୍ଜିଉଦିମରଞ୍ଜି ଆମଙ୍ ଅନୁରନ୍ ଆ ସନାଆର୍ ଅବ୍ଗିୟ୍ତାତେ ।”
24 जब पौलॉस अपने बचाव में यह कह ही रहे थे, फ़ेस्तुस ने ऊंचे शब्द में कहा, “पौलॉस! तुम्हारी तो मति भ्रष्ट हो गई है. तुम्हारी बहुत शिक्षा तुम्हें पागल बना रही है.”
କେନ୍ ଏନ୍ନେଲେ ପାଓଲନ୍ ଆବର୍ରନେନ୍ ଆଡିଡ୍ ପେସ୍ଟସନ୍ ବାବ୍ବାବ୍ଲେ ବର୍ରନେ, “ପାଓଲ, ଆମନ୍ ବାୟାତମ୍, ଆମନ୍ ଗୋଗୋୟ୍ ପଡ଼େଲନ୍ ତିଆସନ୍ ଆମନ୍ ବାୟାଲମ୍ ।”
25 किंतु पौलॉस ने उत्तर दिया, “अत्यंत सम्मान्य फ़ेस्तुस महोदय, मेरी मति भ्रष्ट नहीं हुई है! मेरा कथन सच और ज्ञान के है.
ପାଓଲନ୍ ଗାମେନ୍, “ଏ ପେସ୍ଟସ୍, ଞେନ୍ ଆ ବାୟାମର୍ ତଡ୍, ଞେନ୍ ଅଙ୍ଗାତେ ବର୍ତନାୟ୍ ତିଆତେ ଆଜାଡ଼ିଡମ୍ ।
26 महाराज तो इन विषयों से परिचित हैं. मैं बड़े आत्मविश्वास के साथ उनसे यह सब कह रहा हूं. मुझे पूरा निश्चय है कि इन विषयों में से कुछ भी उनके लिए नया नहीं है क्योंकि इनमें से कुछ भी गुप्त में नहीं किया गया.
ରାଜାନ୍ କେନ୍ ଅଡ଼୍କୋନ୍ ଆ ବର୍ନେଜି ଜନା, ତିଆସନ୍ ଞେନ୍ ଆ ମୁକ୍କାଲୋଙନ୍ ଅବ୍ବୋର୍ସାଲନ୍ ବର୍ତନାୟ୍, ଇନିଆସନ୍ଗାମେଣ୍ଡେନ୍ କେନ୍ ଅଡ଼୍କୋନ୍ ଆ ବର୍ନେଜି ଆନିନ୍ ଏର୍ଜନନା ତଡ୍ ଗାମ୍ଲେ ଆସାତନାୟ୍, ଆରି କେନ୍ ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ ଏର୍ନବ୍ଜନାନ୍ ଅନ୍ନିଙ୍ ଆ କାବ୍ବାଡ଼ା ଅଃଡ୍ଡେଲୋ ।
27 महाराज अग्रिप्पा, क्या आप भविष्यद्वक्ताओं का विश्वास करते हैं? मैं जानता हूं कि आप विश्वास करते हैं.”
ଏ ରାଜା ଆଗ୍ରିପା, ଆମନ୍ ପୁର୍ବାଃତେ ବର୍ନେମରଞ୍ଜି ଡର୍ତନ୍ ପଙ୍? ଆମନ୍ ଡର୍ତନ୍ ଗାମ୍ଲେ ଞେନ୍ ଜନା ।”
28 अग्रिप्पा ने पौलॉस से कहा, “तुम सोच रहे हो कि तुम शीघ्र ही मुझे मसीही होने के लिए सहमत कर लोगे!”
ସିଲତ୍ତେ ଆଗ୍ରିପାନ୍ ପାଓଲନ୍ଆଡଙ୍ ଜାଲଙେନ୍, “ବଗଡ୍ଡେଃ ଆସନ୍ ଆମନ୍ ଞେନ୍ଆଡଙ୍ କ୍ରିସ୍ଟାନୁମର୍ ଏମ୍ମେତାୟ୍ ଅବ୍ଡିସୟ୍ତେ ପଙ୍?”
29 पौलॉस ने उत्तर दिया, “शीघ्र ही या विलंब से, परमेश्वर से मेरी तो यही विनती है कि न केवल आप, परंतु ये सभी सुननेवाले, जो आज मेरी बातें सुन रहे हैं, मेरे ही समान हो जाएं—सिवाय इन बेड़ियों के.”
ସିଲତ୍ତେ ପାଓଲନ୍ ଗାମେନ୍, “ବଗଡ୍ଡେଃ ଡେଏତୋ କି ଅୟମ୍ଡମ୍ ଡେଏତୋ, ସତ୍ତର୍ ଆମନ୍ ତୁମ୍ ତଡ୍, ଆର୍ପାୟ୍ ଡିଅଙ୍ଗା ମନ୍ରା ଲଙେ ବର୍ନେଞେନ୍ ଅମ୍ଡଙ୍ତଜି, ଅଡ଼୍କୋଞ୍ଜି ଞେନ୍ ଅନ୍ତମ୍ ଡେବେନ୍ତୋ, ବନ୍ଡ ଞେନ୍ ଏଙ୍ଗାଲେ ବଣ୍ଡିଲିଁୟ୍ଜି, ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ନିୟ୍ ଏତ୍ତେଲେ ବଣ୍ଡିଡଙ୍ବେଞ୍ଜି ତଡ୍ ।”
30 तब राजा, राज्यपाल, बेरनिके और वे सभी, जो उनके साथ वहां बैठे हुए थे, खड़े हो गए तथा
ସିଲଡ୍ଲ୍ଲନ୍ ରାଜାନ୍, ରାଜ୍ୟପାଡ଼ନ୍, ବର୍ନିକିନ୍ ଡ ତେତ୍ତେ ଆତଙ୍କୁମନ୍ ଆ ମନ୍ରାଜି ଡୋଲନ୍ ଜିରେଞ୍ଜି ।
31 न्यायालय से बाहर निकलकर आपस में विचार-विमर्श करने लगे: “इस व्यक्ति ने मृत्यु दंड या कारावास के योग्य कोई अपराध नहीं किया है!”
ଆରି ଆନିଞ୍ଜି ଆଜିର୍ରେଞ୍ଜି ଆଡିଡ୍ ତର୍ଡମ୍ ଏନ୍ନେଲେ କଡାଡ଼ିଗଡ୍ଲଞ୍ଜି, “କେନ୍ ଆ ମନ୍ରା ଇନ୍ନିଙ୍ ଆ ଡୋସା ଅଃଲ୍ଲୁମ୍ଲୋ, ତିଆସନ୍ ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ ଅଃର୍ରବ୍ବୁବୋ କି ଅଃବ୍ବଣ୍ଡିବୋ ।”
32 राजा अग्रिप्पा ने राज्यपाल फ़ेस्तुस से कहा, “यदि इस व्यक्ति ने कयसर से दोहाई का प्रस्ताव न किया होता तो इसे छोड़ दिया गया होता!”
ଆରି ଆଗ୍ରିପାନ୍ ପେସ୍ଟସନ୍ଆଡଙ୍ ବରେନ୍, “କେନ୍ ଆ ମନ୍ରା କାଇସରନ୍ ଆମଙ୍ ଅନବ୍ପନ୍ସୁଆତିନ୍ ଆସନ୍ ଅଃବ୍ବର୍ରନ୍ ନଙ୍, ଏତ୍ତେଲ୍ଡେନ୍ ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ ଅମ୍ରେଙ୍ତବୋ ବନ୍ ।”