< प्रेरितों के काम 18 >

1 इसके बाद पौलॉस अथेनॉन नगर से कोरिन्थॉस नगर चले गए.
ତି ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ପାଓଲନ୍‌ ଏତେନ୍‌ସ ଗଡ଼ାନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ କରନ୍ତି ଗଡ଼ାନ୍‌ ଜିରେନ୍‌ ।
2 वहां उनकी भेंट अकुलॉस नामक एक यहूदी से हुई. वह जन्मतः पोन्तॉस नगर का निवासी था. कुछ ही समय पूर्व वह अपनी पत्नी प्रिस्का के साथ इतालिया से पलायन कर आया था क्योंकि सम्राट क्लॉदियॉस ने रोम से सारे यहूदियों के निकल जाने की आज्ञा दी थी. पौलॉस उनसे भेंट करने गए.
ଆରି, ଆନିନ୍‌ ଆକିଲା ଗାମ୍‌ଲେ ଅବୟ୍‌ ଜିଉଦିମରନ୍‌ ରବାଙେନ୍‌, ଆନିନ୍‌ ପନ୍ତବାୟ୍‌; ଆନିନ୍‌ ଅସୋୟ୍‌ ଡିନ୍ନା ଡେଏନ୍‌ ଆ ଡୁକ୍ରିନ୍‌ ବୟନ୍‌ ଇଟାଲିନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଜିର୍ରାଜି, ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ କ୍ଲାଉଦିଅ ରାଜାନ୍‌ ରୋମ୍‌ ଡେସାନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଅଡ଼୍‌କୋ ଜିଉଦିମରଞ୍ଜି ଡୁଙ୍‌ଲନ୍‌ ଜିର୍ବା ଗାମେଞ୍ଜି ।
3 पौलॉस और अकुलॉस का व्यवसाय एक ही था इसलिये पौलॉस उन्हीं के साथ रहकर काम करने लगे—वे दोनों ही तंबू बनानेवाले थे.
ଆନିଞ୍ଜି ଆବୟନ୍‌ ଆ ବେପାରମର୍‌ଜି ଡକୋଏଞ୍ଜି, ତିଆସନ୍‌ ପାଓଲନ୍‌ ଆମଙଞ୍ଜି ଇୟେନ୍‌ କି ଆନିଞ୍ଜି ସରିନ୍‌ ମାୟ୍‌ଲନ୍‌ ଇୟ୍‌ଲେ ଡକୋନେ, ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ନିୟ୍‌ ଆନିଞ୍ଜି ଅନ୍ତମ୍‌ ତମ୍ବୁତୁବ୍‌ମର୍‌ ।
4 हर एक शब्बाथ पर पौलॉस यहूदी आराधनालय में प्रवचन देते और यहूदियों तथा यूनानियों की शंका दूर करते थे.
ଆରି, ଜିଉଦିମରଞ୍ଜି ଡ ଗ୍ରିକ୍‌ମରଞ୍ଜି ଆ ମନ୍ନଲୋଙ୍‌ ପ୍ରବୁନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ଅନବ୍‌ଡର୍ନେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଆଏଡ଼ର୍‌ ଲୋଲୋନେ ଡିନ୍ନାଇଙନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ରନୁକ୍କୁସିଂଲୋଙନ୍‌ କଡାଡ଼ିଲଞ୍ଜି ।
5 जब मकेदोनिया से सीलास और तिमोथियॉस वहां आए तो पौलॉस मात्र वचन की शिक्षा देने के प्रति समर्पित हो गए और यहूदियों के सामने यह साबित करने लगे कि येशु ही वह मसीह हैं.
ସିଲାନ୍‌ ଡ ତିମତିନ୍‌ ମାକିଦନିଆନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଆୟର୍ରନାଞଞ୍ଜି ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ପାଓଲନ୍‌ ଜିଉଦିମରଞ୍ଜି ଆମଙ୍‌ ଜିସୁ କ୍ରିସ୍ଟନ୍‌ ଆ ମନଙ୍‌ବର୍‌ ଅପ୍ପୁଙ୍‌ବରେନ୍‌, ଆରି ଜିସୁନ୍‌ ମା କ୍ରିସ୍ଟନ୍‌ ଗାମ୍‌ଲେ ଆନିନ୍‌ ସାକିନ୍‌ ତିୟେନ୍‌ ।
6 उनकी ओर से प्रतिरोध और निंदा की स्थिति में पौलॉस अपने वस्त्र झटक कर कह दिया करते थे, “अपने विनाश के लिए तुम स्वयं दोषी हो—मैं निर्दोष हूं. अब मैं गैर-यहूदियों के मध्य जा रहा हूं.”
ବନ୍‌ଡ ତେତ୍ତେ ଆ ମନ୍‌ରାଜି ମନଙ୍‌ବରନ୍‌ ଏଅପ୍ପୁଙ୍‌ବର୍‌ଡଙ୍‌ ଗାମ୍‌ଲେ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ରଙେଞ୍ଜି ଆରି ନିଣ୍ଡୟେଞ୍ଜି, ତିଆସନ୍‌ ପାଓଲନ୍‌ ଆ ଅଙ୍ଗିନ୍‌ ଉୟ୍‌ଲନ୍‌ କି ତୁୟ୍‌ତୁୟ୍‌ଡାଲେ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବରେଞ୍ଜି, “ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ସେଏଡ୍‌ଲବେନ୍‌ ଡେନ୍‌, ତି ଆ ଡୋସା ଡଅଙ୍‌ଲୋଙ୍‌ବେନ୍‌ ମା ଗତର୍‌ବେନ୍‌ତୋ, ଞେନ୍‌ ତେତ୍ତେ ଇନ୍ନିଙ୍‌ ଡୋସା ତଡ୍‌, କେନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ଞେନ୍‌ ଏର୍‌ଜିଉଦିମରଞ୍ଜି ଆମଙ୍‌ ଜିର୍ତେ ।”
7 पौलॉस यहूदी आराधनालय से निकलकर तीतॉस युस्तस नामक व्यक्ति के घर चले गए. वह परमेश्वर भक्त व्यक्ति था. उसका घर यहूदी आराधनालय के पास ही था.
ସିଲତ୍ତେ ଆନିନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଅମ୍‌ରେଙ୍‌ଲେ ଇସ୍ୱରନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଆସ୍ରେବାତେନ୍‌ ଆ ମନ୍‌ରା ତିତସ ଗାମ୍‌ଲେ ଡକୋଏନ୍‌, ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଜୁସ୍ତ ଗାମ୍‌ଲେ ନିୟ୍‌ ଓଡ୍ଡେତଜି ଆସିଙନ୍‌ ଜିରେନ୍‌; ଜୁସ୍ତନ୍‌ ଆସିଂ ରନୁକ୍କୁସିଙନ୍‌ ଆତୟ୍‌ତୟ୍‌ ଡକୋଏନ୍‌ ।
8 यहूदी आराधनालय के प्रभारी क्रिस्पॉस ने सपरिवार प्रभु में विश्वास किया. अनेक कोरिन्थवासी वचन सुन विश्वास कर बपतिस्मा लेते जा रहे थे.
କ୍ରିସ୍ପ ଗାମ୍‌ଲେ ଅବୟ୍‌ ମନ୍‌ରାନ୍‌ ଡକୋଏନ୍‌, ଆନିନ୍‌ ରନୁକ୍କୁସିଙନ୍‌ ଆ ସୋଡ଼ାମର୍‌, ଆନିନ୍‌ ଡ ଆସିଙନ୍‌ ଆ ମନ୍‌ରାଜି ଅଡ଼୍‌କୋଞ୍ଜି ପ୍ରବୁନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ଡର୍ରଞ୍ଜି, ଆରି କରନ୍ତି ଗଡ଼ାଲୋଙନ୍‌ ଜବ୍ର ମନ୍‌ରା ମନଙ୍‌ବରନ୍‌ ଅମ୍‌ଡଙ୍‌ଲେ ଡର୍ରଞ୍ଜି କି ତବ୍ବୁବ୍‌ଡାଲଞ୍ଜି ।
9 प्रभु ने पौलॉस से रात में दर्शन में कहा, “अब भयभीत न होना. वचन का प्रचार करते जाओ. मौन न रहो.
ଆରି, ତଗଲନ୍‌ ପାଓଲନ୍‌ ଅବୟ୍‌ ତନାଲ୍‌ମଡନ୍‌ ଗିଜେନ୍‌, ପ୍ରବୁନ୍‌ ଜିର୍ରେ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଇୟ୍‌ଲାୟ୍‌ ବରେ, “ବତଙ୍‌ଡଙମ୍‌, ବର୍ରନ୍‌ ଡକୋନା, ରିଙ୍‌ ଗାମ୍‌ଲେ ଡକୋଡଙ୍‌ନେ,
10 मैं तुम्हारे साथ हूं. कोई तुम पर आक्रमण करके तुम्हें हानि नहीं पहुंचा सकता क्योंकि इस नगर में मेरे अनेक भक्त हैं.”
ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ଞେନ୍‌ ଆମନ୍‌ ସରିନ୍‌ ଡକୋ, ଆନ୍ନିଙ୍‌ ଆମନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଇନ୍ନିଙ୍‌ ଅଃନ୍ନେଙ୍ଗାଅମ୍‌ଜି, ଆରି କେନ୍‌ ଆ ଗଡ଼ାଲୋଙ୍‌ ମନ୍‌ରାଞେନ୍‌ ଗୋଗୋୟ୍‌ ଡକୋଜି ।”
11 इसलिये पौलॉस वहां एक वर्ष छः माह तक रहे और परमेश्वर के वचन की शिक्षा देते रहे.
ପାଓଲନ୍‌ ତେତ୍ତେ ଇସ୍ୱରନ୍‌ ଆ ବର୍ନେ ଞନଙନ୍‌ ତିୟ୍‌ଲେ ବବର୍ସେଙ୍‌ ତୁଡ୍ରୁ ଆଙ୍ଗାୟ୍‌ ଡକୋଲନ୍‌ ।
12 जब गैलियो आखाया प्रदेश का राज्यपाल था, यहूदी एक मत होकर पौलॉस के विरुद्ध खड़े हो गए और उन्हें न्यायालय ले गए.
ଗାଲିୟୋନ୍‌ ଆକାୟା ଡେସାନ୍‌ ଆ ରାଜା ଆଡ୍ରକୋଏନ୍‌ ଆଡିଡ୍‌, ଜିଉଦିମରଞ୍ଜି ରୁକ୍କୁଡାଲନ୍‌ ପାଓଲନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଞମ୍‌ଲେ ପନ୍‌ସୁଆତିସିଙନ୍‌ ଓରୋଙ୍‌ଲାଜି ।
13 उन्होंने उन पर आरोप लगाया, “यह व्यक्ति लोगों को परमेश्वर की आराधना इस प्रकार से करने के लिए फुसला रहा है, जो व्यवस्था के आदेशों के विपरीत है.”
ଆନିଞ୍ଜି ବର୍ରଞ୍ଜି, “କେନ୍‌ ଆ ମନ୍‌ରା ମୋସାନ୍‌ ଆ ବନାଁୟ୍‌ବର୍‌ ଆଲ୍ଲେଡାଲେ ଅବାଲ୍ଲିନ୍‌ ଇସ୍ୱରନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ସନେଙ୍କେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ମନ୍‌ରାଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଞଙ୍‌ଞଙ୍‌ତଜି ।”
14 जब पौलॉस अपनी-अपनी रक्षा में कुछ बोलने पर ही थे, गैलियो ने यहूदियों से कहा, “ओ यहूदियों! यदि तुम मेरे सामने किसी प्रकार के अपराध या किसी घोर दुष्टता का आरोप लेकर आते तो मैं उसके लिए अपने अधिकार का इस्तेमाल करता
ପାଓଲନ୍‌ ବର୍ନେନ୍‌ ଆସ୍ରାଜେନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌, ଗାଲିୟୋନ୍‌ ରାଜାନ୍‌ ଜିଉଦିମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବରେଞ୍ଜି, “ଏ ଜିଉଦିମର୍‌ଜି, କେନ୍‌ଆତେ ଇନ୍ନିଙ୍‌ ଆ ଡୋସା କି ଇନ୍ନିଙ୍‌ ଆ ଇର୍ସେ ଆ କଡାଡ଼ି ଡକୋଏନ୍‌ ଡେନ୍‌, ଏତ୍ତେଲ୍‌ଡେନ୍‌ ଞେନ୍‌ ସଏଲେ ବର୍ନେବେନ୍‌ ଅମ୍‌ଡଙ୍‌ତାୟ୍‌ ବନ୍‌ ।
15 किंतु यदि यह विवादित शब्दों, नामों या तुम्हारे ही अपने विधान से संबंधित है तो इसका निर्णय तुम स्वयं करो. मैं इसका निर्णय नहीं करना चाहता.”
ବନ୍‌ଡ କେନ୍‌ଆତେ ବର୍ନେନ୍‌, ଅଞୁମନ୍‌ ଡ ବନାଁୟ୍‌ବର୍‌ବେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଏଗୋଡ଼େତନ୍‌, ତିଆସନ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଡମ୍‌ କେନ୍‌ଆତେ ରାଜିନାମା ଏମ୍ମେନାବା; ଏନ୍ନେଗନ୍‌ ଆ କଡାଡ଼ିଜି ଞେନ୍‌ ଅଃନ୍ନବ୍‌ପନ୍‌ସୁଆତିଆୟ୍‌ ।”
16 फिर उसने उन्हें न्यायालय के बाहर खदेड़ दिया.
ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ପନ୍‌ସୁଆତିସିଙନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଅମ୍‌ଡୁଙେଞ୍ଜି ।
17 यहूदियों ने यहूदी आराधनालय के प्रधान सोस्थेनेस को पकड़कर न्यायालय के सामने ही पीटना प्रारंभ कर दिया. गैलियो पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा.
ଆନିଞ୍ଜି ରନୁକ୍କୁସିଙନ୍‌ ଆ ସୋଡ଼ାମର୍‌ ସୋସ୍ତିନାନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଞମେଞ୍ଜି କି ସଦରନ୍‌ ଆ ଡୁଆରାଲୋଙ୍‌ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ତିଡେଞ୍ଜି; ବନ୍‌ଡ କେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଗାଲିୟୋନ୍‌ ଇନ୍ନିଙ୍‌ ଅଃଗାମ୍‌ଲଜି ।
18 वहां अनेक दिन रहने के बाद पौलॉस भाई बहिनों से विदा लेकर जलमार्ग से सीरिया प्रदेश चले गए. उनके साथ प्रिस्का और अकुलॉस भी थे. केनख्रेया नगर में पौलॉस ने अपना मुंडन करवा लिया क्योंकि उन्होंने एक संकल्प लिया था.
ପାଓଲନ୍‌ କରନ୍ତି ଗଡ଼ାଲୋଙନ୍‌ ଡର୍ନେ ବୋଞାଙଞ୍ଜି ସରିନ୍‌ ଜବ୍ର ଡିନ୍ନା ଡକୋଡାଲନ୍‌ ତେତ୍ତେ ସିଲଡ୍‌ ଡାଆ ଜାଜଲୋଙନ୍‌ ଡାୟ୍‌ଲେ ସିରିଆ ଡେସାନ୍‌ ଜିରେନ୍‌; ପ୍ରିସ୍କିଲାନ୍‌ ଡ ଆକିଲାନ୍‌ ନିୟ୍‌ ପାଓଲନ୍‌ ସରିନ୍‌ ମାୟ୍‌ଲନ୍‌ ଜିରେଞ୍ଜି । ଆମ୍ମୁଙ୍‌ ଆନିନ୍‌ ଅବୟ୍‌ ବର୍ନେନ୍‌ ବାସାଲନ୍‌; ତିଆସନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜି ତେତ୍ତେ ସିଲଡ୍‌ ଅଣ୍ଡ୍ରଙ୍‌ ଜିରେଞ୍ଜି ଆନିନ୍‌ କେଙ୍କ୍ରେଆନ୍‌ ଇୟ୍‌ଲେ ଅବ୍‌ଡାଗଡ଼ୋନେ ।
19 वे इफ़ेसॉस नगर में आए. पौलॉस उन्हें वहीं छोड़कर यहूदी सभागृह में जाकर यहूदियों से वाद-विवाद करने लगे.
ତିକ୍କି ଆନିଞ୍ଜି ଏପିସି ଗଡ଼ାନ୍‌ ଜିର୍ରାଜି, ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ପାଓଲନ୍‌ ପ୍ରିସ୍କିଲାନ୍‌ ଡ ଆକିଲାନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ତେତ୍ତେ ଅମ୍‌ରେଙ୍‌ଡାଲେ ଆନିନ୍‌ ରନୁକ୍କୁସିଙନ୍‌ ଜିର୍ରେ ଜିଉଦିମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଞନଙନ୍‌ ଇୟ୍‌ଲେ ତିୟେଜି ।
20 वे पौलॉस से कुछ दिन और ठहरने की विनती करते रहे किंतु पौलॉस राज़ी नहीं हुए.
ଆରି, ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଗୋଗୋୟ୍‌ ଡିନ୍ନା ଡକୋନେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ବରେଞ୍ଜି, ବନ୍‌ଡ ଆନିନ୍‌ ଅଃଡ୍ଡର୍ରନ୍‌ ।
21 पौलॉस ने उनसे यह कहते हुए आज्ञा चाही “यदि परमेश्वर चाहेंगे तो मैं दोबारा लौटकर तुम्हारे पास आऊंगा” और वह इफ़ेसॉस नगर छोड़कर जलमार्ग से आगे चले गए.
ଆଜିର୍ରେନ୍‌ ଆଡିଡ୍‌ ଆନିନ୍‌ ଗାମେନ୍‌, “ଇସ୍ୱରନ୍‌ ଆ ଇସ୍ସୁମ୍‌ ଡେଏନ୍‌ ଡେନ୍‌ ଆରି ବତର ଅମଙ୍‌ବେନ୍‌ ଞେନ୍‌ ଇୟ୍‌ତାୟ୍‌ ।” ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ଡାଆ ଜାଜଲୋଙନ୍‌ ଡାୟ୍‌ଲେ ଏପିସି ଗଡ଼ାନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଜିରେନ୍‌ ।
22 कयसरिया नगर पहुंचकर येरूशलेम जाकर उन्होंने कलीसिया से भेंट की और फिर अंतियोख़ नगर चले गए.
ଆନିନ୍‌ କାଇସରିଆ ଗଡ଼ାନ୍‌ ତୁଙେନ୍‌ କି ଡାଆ ଜାଜଲୋଙନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ପଡ୍‌ଲନ୍‌, ମଣ୍ଡଡ଼ିନ୍‌ ଆ ମନ୍‌ରାଜିଆଡଙ୍‌ ନମସ୍କାରଡାଲେ, ତେତ୍ତେ ସିଲଡ୍‌ ଅନ୍ତିଅକିଆନ୍‌ ଜିରେନ୍‌ ।
23 अंतियोख़ नगर में कुछ दिन बिता कर वह वहां से विदा हुए और नगर-नगर यात्रा करते हुए सभी गलातिया प्रदेश और फ़्रिजिया क्षेत्र में से होते हुए शिष्यों को प्रोत्साहित करते हुए आगे बढ़ गए.
ତେତ୍ତେ ଅସୋୟ୍‌ ଡିନ୍ନା ଡକୋଡାଲନ୍‌, ଆନିନ୍‌ ଆରି ଗାଲାତିଆନ୍‌ ଡ ପ୍ରୁଗିଆ, ଜିଲ୍ଲାଗଡ୍‌ ଜିରେନ୍‌ କି ତଙର୍‌ରେଙନ୍‌ ଡର୍ନେମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଡର୍ନେଲୋଙନ୍‌ ରବ୍‌ଡୋଲନ୍‌ ଡକୋନେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଅବ୍‌ନୁୟୁବେଞ୍ଜି ।
24 अपोल्लॉस नामक एक यहूदी व्यक्ति थे, जिनका जन्म अलेक्सान्द्रिया नगर में हुआ था. वह इफ़ेसॉस नगर आए. वह प्रभावशाली वक्ता और पवित्र शास्त्र के बड़े ज्ञानी थे
ତି ଆ ବନେଡ଼ା ଆପଲ୍ଲ ଗାମ୍‌ଲେ ଅବୟ୍‌ ମନ୍‌ରାନ୍‌ ଏପିସି ଗଡ଼ାନ୍‌ ଜିର୍ରାୟ୍‌, ଆନିନ୍‌ ଆଲେକ୍‌ଜାଣ୍ଡ୍ରିଆବାୟ୍‌; ଆନିନ୍‌ ଅବୟ୍‌ ମନଙ୍‌ ଞନଙ୍‌ତିୟ୍‌ମର୍‌ ଆରି ଡରମ୍ମ ସାସ୍ତ୍ରନ୍‌ ଆଜନାମର୍‌ ।
25 किंतु उन्हें प्रभु के मार्ग की मात्र ज़ुबानी शिक्षा दी गई थी. वह अत्यंत उत्साही स्वभाव के थे तथा मसीह येशु के विषय में उनकी शिक्षा सटीक थी किंतु उनका ज्ञान मात्र योहन के बपतिस्मा तक ही सीमित था.
ଆନିନ୍‌ ପ୍ରବୁନ୍‌ ଆ ତଙର୍‌ ଆ ଞନଙ୍‌ ଆଅମ୍‌ଡଙ୍‌, ଆରି ପୁରାଡ଼ାଲୋଙନ୍‌ ସର୍ଡାନ୍‌ ବାତ୍ତେ ଆନିନ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ ଆ ବର୍ନେଜି ଞନଙନ୍‌ ତିୟେନ୍‌, ବନ୍‌ଡ ଆନିନ୍‌ ଜନନ୍‌ ଆ ତବ୍ବୁବ୍‌ଡା ଆ ବର୍ନେ ତୁମ୍‌ ଜନା ।
26 अपोल्लॉस निडरता से यहूदी आराधनालय में प्रवचन देने लगे किंतु जब प्रिस्का और अकुलॉस ने उनका प्रवचन सुना तो वे उन्हें अलग ले गए और वहां उन्होंने अपोल्लॉस को परमेश्वर के शिक्षा-सिद्धान्त की सच्चाई को और अधिक साफ़ रीति से समझाया.
ଆନିନ୍‌ ରନୁକ୍କୁସିଂଲୋଙନ୍‌ ଅବ୍‌ନୋମଙ୍‌ଲନ୍‌ ଞନଙନ୍‌ ତିୟେନ୍‌; ଆ ଞନଙନ୍‌ ଅମ୍‌ଡଙ୍‌ଡାଲେ ପ୍ରିସ୍କିଲାନ୍‌ ଡ ଆକିଲାନ୍‌ ଆପଲ୍ଲନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଓରୋଙ୍‌ଡାଲେ ଇସ୍ୱରନ୍‌ ଆ ତଙର୍‌ ଆ ବର୍ନେ ମନଙ୍‌ ଇୟ୍‌ଲେ ଞଙ୍‌ଞଙେଜି ।
27 जब अपोल्लॉस ने आखाया प्रदेश के आगे जाने की इच्छा व्यक्त की तो भाई बहिनों ने उन्हें प्रोत्साहित किया तथा आखाया प्रदेश के शिष्यों को पत्र लिखकर विनती की कि वे उन्हें स्वीकार करें. इसलिये जब अपोल्लॉस वहां पहुंचे, उन्होंने उन शिष्यों का बहुत प्रोत्साहन किया, जिन्होंने अनुग्रह द्वारा विश्वास किया था
ଆନିନ୍‌ ଆକାୟା ଡେସାନ୍‌ ଅନିୟନ୍‌ ଆସ୍ରାଜେନ୍‌ ତେତ୍ତେ ଆ ଡର୍ନେମର୍‌ଜି ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଜନାଜାନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଏପିସିନ୍‌ ଆ ଡର୍ନେମର୍‌ଜି ସିଟିନ୍‌ ଇଡ୍‌ଲେ ଆପ୍ପାୟେଞ୍ଜି । ଆନିନ୍‌ ତେତ୍ତେ ତୁଙେନ୍‌ କି ଇସ୍ୱରନ୍‌ ଆ ସନାୟୁମ୍‌ ବାତ୍ତେ ଡର୍ନେଲୋଙନ୍‌ ଡକୋନ୍‌ ଆ ମନ୍‌ରାଜିଆଡଙ୍‌ ଇୟ୍‌ଲେ ସାଜଏଜି ।
28 क्योंकि वह सार्वजनिक रूप से यहूदियों का खंडन करते और पवित्र शास्त्र के आधार पर प्रमाणित करते थे कि येशु ही वह मसीह हैं.
ଜିସୁନ୍‌ ମା କ୍ରିସ୍ଟନ୍‌ ଗାମ୍‌ଲେ ସାସ୍ତ୍ରନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ବର୍ନେଞ୍ଜି ଅବ୍‌ତୁୟ୍‌ଡାଲେ ଞନଙନ୍‌ ତିୟେନ୍‌, ଆରି ଜିଉଦିମରଞ୍ଜି ଅବ୍‌ରିଙ୍‌ରିଙାଜେଞ୍ଜି ।

< प्रेरितों के काम 18 >