< प्रेरितों के काम 13 >

1 अंतियोख़ नगर की कलीसिया में अनेक भविष्यवक्ता और शिक्षक थे: बारनबास, शिमओन, जिनका उपनाम निगेर भी था, कुरेनी लुकियॉस, मनायेन, (जिसका पालन पोषण राज्य के चौथाई भाग के राजा हेरोदेस के साथ हुआ था) तथा शाऊल.
অপৰঞ্চ বৰ্ণব্বাঃ, শিমোন্ যং নিগ্ৰং ৱদন্তি, কুৰীনীযলূকিযো হেৰোদা ৰাজ্ঞা সহ কৃতৱিদ্যাভ্যাসো মিনহেম্, শৌলশ্চৈতে যে কিযন্তো জনা ভৱিষ্যদ্ৱাদিন উপদেষ্টাৰশ্চান্তিযখিযানগৰস্থমণ্ডল্যাম্ আসন্,
2 जब ये लोग प्रभु की आराधना और उपवास कर रहे थे, पवित्र आत्मा ने उनसे कहा, “बारनबास तथा शाऊल को उस सेवा के लिए समर्पित करो, जिसके लिए मैंने उनको बुलाया है.”
তে যদোপৱাসং কৃৎৱেশ্ৱৰম্ অসেৱন্ত তস্মিন্ সমযে পৱিত্ৰ আত্মা কথিতৱান্ অহং যস্মিন্ কৰ্ম্মণি বৰ্ণব্বাশৈলৌ নিযুক্তৱান্ তৎকৰ্ম্ম কৰ্ত্তুং তৌ পৃথক্ কুৰুত|
3 इसलिये जब वे उपवास और प्रार्थना कर चुके, उन्होंने बारनबास तथा शाऊल पर हाथ रखे और उन्हें इस सेवा के लिए भेज दिया.
ততস্তৈৰুপৱাসপ্ৰাৰ্থনযোঃ কৃতযোঃ সতোস্তে তযো ৰ্গাত্ৰযো ৰ্হস্তাৰ্পণং কৃৎৱা তৌ ৱ্যসৃজন্|
4 पवित्र आत्मा द्वारा भेजे गए वे सेल्युकिया नगर गए तथा वहां से जलमार्ग से सैप्रस गए.
ততঃ পৰং তৌ পৱিত্ৰেণাত্মনা প্ৰেৰিতৌ সন্তৌ সিলূকিযানগৰম্ উপস্থায সমুদ্ৰপথেন কুপ্ৰোপদ্ৱীপম্ অগচ্ছতাং|
5 वहां से सालामिस नगर पहुंचकर उन्होंने यहूदियों के सभागृह में परमेश्वर के संदेश का प्रचार किया. सहायक के रूप में योहन भी उनके साथ थे.
ততঃ সালামীনগৰম্ উপস্থায তত্ৰ যিহূদীযানাং ভজনভৱনানি গৎৱেশ্ৱৰস্য কথাং প্ৰাচাৰযতাং; যোহনপি তৎসহচৰোঽভৱৎ|
6 जब वे सारे द्वीप को घूमकर पाफ़ॉस नगर पहुंचे, जहां उनकी भेंट बार-येशु नामक एक यहूदी व्यक्ति से हुई, जो जादूगर तथा झूठा भविष्यवक्ता था.
ইত্থং তে তস্যোপদ্ৱীপস্য সৰ্ৱ্ৱত্ৰ ভ্ৰমন্তঃ পাফনগৰম্ উপস্থিতাঃ; তত্ৰ সুৱিৱেচকেন সৰ্জিযপৌলনাম্না তদ্দেশাধিপতিনা সহ ভৱিষ্যদ্ৱাদিনো ৱেশধাৰী বৰ্যীশুনামা যো মাযাৱী যিহূদী আসীৎ তং সাক্ষাৎ প্ৰাপ্তৱতঃ|
7 वह राज्यपाल सेरगियॉस पौलॉस का सहयोगी था. सेरगियॉस पौलॉस बुद्धिमान व्यक्ति था. उसने बारनबास तथा शाऊल को बुलवाकर उनसे परमेश्वर के वचन को सुनने की अभिलाषा व्यक्त की
তদ্দেশাধিপ ঈশ্ৱৰস্য কথাং শ্ৰোতুং ৱাঞ্ছন্ পৌলবৰ্ণব্বৌ ন্যমন্ত্ৰযৎ|
8 किंतु जादूगर एलिमॉस—जिसके नाम का ही अर्थ है जादूगर—उनका विरोध करता रहा. उसका प्रयास था राज्यपाल को परमेश्वर के वचन में विश्वास करने से रोकना,
কিন্ত্ৱিলুমা যং মাযাৱিনং ৱদন্তি স দেশাধিপতিং ধৰ্ম্মমাৰ্গাদ্ বহিৰ্ভূতং কৰ্ত্তুম্ অযতত|
9 किंतु शाऊल ने, जिन्हें पौलॉस नाम से भी जाना जाता है, पवित्र आत्मा से भरकर उसे एकटक देखते हुए कहा,
তস্মাৎ শোলোঽৰ্থাৎ পৌলঃ পৱিত্ৰেণাত্মনা পৰিপূৰ্ণঃ সন্ তং মাযাৱিনং প্ৰত্যনন্যদৃষ্টিং কৃৎৱাকথযৎ,
10 “हे, सारे छल और कपट से ओत-प्रोत शैतान के कपूत! सारे धर्म के बैरी! क्या तू प्रभु की सच्चाई को भ्रष्‍ट करने के प्रयासों को नहीं छोड़ेगा?
১০হে নৰকিন্ ধৰ্ম্মদ্ৱেষিন্ কৌটিল্যদুষ্কৰ্ম্মপৰিপূৰ্ণ, ৎৱং কিং প্ৰভোঃ সত্যপথস্য ৱিপৰ্য্যযকৰণাৎ কদাপি ন নিৱৰ্ত্তিষ্যসে?
11 देख ले, तुझ पर प्रभु का प्रहार हुआ है. तू अंधा हो जाएगा और कुछ समय के लिए सूर्य की रोशनी न देख सकेगा.” उसी क्षण उस पर धुंधलापन और अंधकार छा गया. वह यहां वहां टटोलने लगा कि कोई हाथ पकड़कर उसकी सहायता करे.
১১অধুনা পৰমেশ্ৱৰস্তৱ সমুচিতং কৰিষ্যতি তেন কতিপযদিনানি ৎৱম্ অন্ধঃ সন্ সূৰ্য্যমপি ন দ্ৰক্ষ্যসি| তৎক্ষণাদ্ ৰাত্ৰিৱদ্ অন্ধকাৰস্তস্য দৃষ্টিম্ আচ্ছাদিতৱান্; তস্মাৎ তস্য হস্তং ধৰ্ত্তুং স লোকমন্ৱিচ্ছন্ ইতস্ততো ভ্ৰমণং কৃতৱান্|
12 इस घटना को देख राज्यपाल ने प्रभु में विश्वास किया, क्योंकि प्रभु की शिक्षाओं ने उसे चकित कर दिया था.
১২এনাং ঘটনাং দৃষ্ট্ৱা স দেশাধিপতিঃ প্ৰভূপদেশাদ্ ৱিস্মিত্য ৱিশ্ৱাসং কৃতৱান্|
13 पौलॉस और उनके साथियों ने पाफ़ॉस नगर से समुद्री यात्रा शुरू की और वे पम्फ़ूलिया प्रदेश के पेरगे नगर में जा पहुंचे. योहन उन्हें वहीं छोड़कर येरूशलेम लौट गए.
১৩তদনন্তৰং পৌলস্তৎসঙ্গিনৌ চ পাফনগৰাৎ প্ৰোতং চালযিৎৱা পম্ফুলিযাদেশস্য পৰ্গীনগৰম্ অগচ্ছন্ কিন্তু যোহন্ তযোঃ সমীপাদ্ এত্য যিৰূশালমং প্ৰত্যাগচ্ছৎ|
14 तब वे पेरगे से होते हुए पिसिदिया प्रदेश के अंतियोख़ नगर पहुंचे और शब्बाथ पर यहूदी सभागृह में जाकर बैठ गए.
১৪পশ্চাৎ তৌ পৰ্গীতো যাত্ৰাং কৃৎৱা পিসিদিযাদেশস্য আন্তিযখিযানগৰম্ উপস্থায ৱিশ্ৰামৱাৰে ভজনভৱনং প্ৰৱিশ্য সমুপাৱিশতাং|
15 जब व्यवस्था तथा भविष्यद्वक्ताओं के ग्रंथों का पढ़ना समाप्‍त हो चुका, सभागृह के अधिकारियों ने उनसे कहा, “प्रियजन, यदि आप में से किसी के पास लोगों के प्रोत्साहन के लिए कोई वचन है तो कृपा कर वह उसे यहां प्रस्तुत करे.”
১৫ৱ্যৱস্থাভৱিষ্যদ্ৱাক্যযোঃ পঠিতযোঃ সতো ৰ্হে ভ্ৰাতৰৌ লোকান্ প্ৰতি যুৱযোঃ কাচিদ্ উপদেশকথা যদ্যস্তি তৰ্হি তাং ৱদতং তৌ প্ৰতি তস্য ভজনভৱনস্যাধিপতযঃ কথাম্ এতাং কথযিৎৱা প্ৰৈষযন্|
16 इस पर पौलॉस ने हाथ से संकेत करते हुए खड़े होकर कहा. “इस्राएली वासियों तथा परमेश्वर के श्रद्धालुओ, सुनो!
১৬অতঃ পৌল উত্তিষ্ঠন্ হস্তেন সঙ্কেতং কুৰ্ৱ্ৱন্ কথিতৱান্ হে ইস্ৰাযেলীযমনুষ্যা ঈশ্ৱৰপৰাযণাঃ সৰ্ৱ্ৱে লোকা যূযম্ অৱধদ্ধং|
17 इस्राएल के परमेश्वर ने हमारे पूर्वजों को चुना तथा मिस्र देश में उनके घर की अवधि में उन्हें एक फलवंत राष्ट्र बनाया और प्रभु ही अपने बाहुबल से उन्हें उस देश से बाहर निकाल लाए;
১৭এতেষামিস্ৰাযেল্লোকানাম্ ঈশ্ৱৰোঽস্মাকং পূৰ্ৱ্ৱপৰুষান্ মনোনীতান্ কৎৱা গৃহীতৱান্ ততো মিসৰি দেশে প্ৰৱসনকালে তেষামুন্নতিং কৃৎৱা তস্মাৎ স্ৱীযবাহুবলেন তান্ বহিঃ কৃৎৱা সমানযৎ|
18 इसके बाद बंजर भूमि में वह लगभग चालीस वर्ष तक उनके प्रति सहनशील बने रहे
১৮চৎৱাৰিংশদ্ৱৎসৰান্ যাৱচ্চ মহাপ্ৰান্তৰে তেষাং ভৰণং কৃৎৱা
19 और उन्होंने कनान देश की सात जातियों को नाश कर उनकी भूमि अपने लोगों को मीरास में दे दी.
১৯কিনান্দেশান্তৰ্ৱ্ৱৰ্ত্তীণি সপ্তৰাজ্যানি নাশযিৎৱা গুটিকাপাতেন তেষু সৰ্ৱ্ৱদেশেষু তেভ্যোঽধিকাৰং দত্তৱান্|
20 इस सारी प्रक्रिया में लगभग चार सौ पचास वर्ष लगे. “इसके बाद परमेश्वर उनके लिए भविष्यवक्ता शमुएल के आने तक न्यायाधीश ठहराते रहे.
২০পঞ্চাশদধিকচতুঃশতেষু ৱৎসৰেষু গতেষু চ শিমূযেল্ভৱিষ্যদ্ৱাদিপৰ্য্যন্তং তেষামুপৰি ৱিচাৰযিতৃন্ নিযুক্তৱান্|
21 फिर इस्राएल ने अपने लिए राजा की विनती की. इसलिये परमेश्वर ने उन्हें बिन्यामिन के वंश से कीश का पुत्र शाऊल दे दिया, जो चालीस वर्ष तक उनका राजा रहा.
২১তৈশ্চ ৰাজ্ঞি প্ৰাৰ্থিতে, ঈশ্ৱৰো বিন্যামীনো ৱংশজাতস্য কীশঃ পুত্ৰং শৌলং চৎৱাৰিংশদ্ৱৰ্ষপৰ্য্যন্তং তেষামুপৰি ৰাজানং কৃতৱান্|
22 परमेश्वर ने शाऊल को पद से हटाकर उसके स्थान पर दावीद को राजा बनाया जिनके विषय में उन्होंने स्वयं कहा था कि यिशै का पुत्र दावीद मेरे मन के अनुसार व्यक्ति है. वही मेरी सारी इच्छा पूरी करेगा.
২২পশ্চাৎ তং পদচ্যুতং কৃৎৱা যো মদিষ্টক্ৰিযাঃ সৰ্ৱ্ৱাঃ কৰিষ্যতি তাদৃশং মম মনোভিমতম্ একং জনং যিশযঃ পুত্ৰং দাযূদং প্ৰাপ্তৱান্ ইদং প্ৰমাণং যস্মিন্ দাযূদি স দত্তৱান্ তং দাযূদং তেষামুপৰি ৰাজৎৱং কৰ্ত্তুম্ উৎপাদিতৱান|
23 “उन्हीं के वंश से, अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार, परमेश्वर ने इस्राएल के लिए एक उद्धारकर्ता मसीह येशु की उत्पत्ति की.
২৩তস্য স্ৱপ্ৰতিশ্ৰুতস্য ৱাক্যস্যানুসাৰেণ ইস্ৰাযেল্লোকানাং নিমিত্তং তেষাং মনুষ্যাণাং ৱংশাদ্ ঈশ্ৱৰ একং যীশুং (ত্ৰাতাৰম্) উদপাদযৎ|
24 मसीह येशु के आने के पहले योहन ने सारी इस्राएली प्रजा में पश्चाताप के बपतिस्मा का प्रचार किया.
২৪তস্য প্ৰকাশনাৎ পূৰ্ৱ্ৱং যোহন্ ইস্ৰাযেল্লোকানাং সন্নিধৌ মনঃপৰাৱৰ্ত্তনৰূপং মজ্জনং প্ৰাচাৰযৎ|
25 अपनी तय की हुई सेवा का कार्य पूरा करते हुए योहन घोषणा करते रहे, ‘क्या है मेरे विषय में आपका विश्वास? मैं वह नहीं हूं. यह समझ लीजिए: मेरे बाद एक आ रहे हैं. मैं जिनकी जूती का बंध खोलने योग्य तक नहीं हूं.’
২৫যস্য চ কৰ্ম্মণো ভাৰং প্ৰপ্তৱান্ যোহন্ তন্ নিষ্পাদযন্ এতাং কথাং কথিতৱান্, যূযং মাং কং জনং জানীথ? অহম্ অভিষিক্তত্ৰাতা নহি, কিন্তু পশ্যত যস্য পাদযোঃ পাদুকযো ৰ্বন্ধনে মোচযিতুমপি যোগ্যো ন ভৱামি তাদৃশ একো জনো মম পশ্চাদ্ উপতিষ্ঠতি|
26 “अब्राहाम की संतान, मेरे प्रियजन तथा आपके बीच, जो परमेश्वर के श्रद्धालु हैं, सुनें कि यही उद्धार का संदेश हमारे लिए भेजा गया है.
২৬হে ইব্ৰাহীমো ৱংশজাতা ভ্ৰাতৰো হে ঈশ্ৱৰভীতাঃ সৰ্ৱ্ৱলোকা যুষ্মান্ প্ৰতি পৰিত্ৰাণস্য কথৈষা প্ৰেৰিতা|
27 येरूशलेम वासियों तथा उनके शासकों ने न तो मसीह येशु को पहचाना और न ही भविष्यद्वक्ताओं की आवाज को, जिनका पढ़ना हर एक शब्बाथ पर किया जाता है और जिनकी पूर्ति उन्होंने मसीह को दंड देकर की,
২৭যিৰূশালম্নিৱাসিনস্তেষাম্ অধিপতযশ্চ তস্য যীশোঃ পৰিচযং ন প্ৰাপ্য প্ৰতিৱিশ্ৰামৱাৰং পঠ্যমানানাং ভৱিষ্যদ্ৱাদিকথানাম্ অভিপ্ৰাযম্ অবুদ্ধ্ৱা চ তস্য ৱধেন তাঃ কথাঃ সফলা অকুৰ্ৱ্ৱন্|
28 हालांकि उन्हें मार डालने का उनके सामने कोई भी आधार नहीं था—उन्होंने पिलातॉस से उनके मृत्यु दंड की मांग की.
২৮প্ৰাণহননস্য কমপি হেতুম্ অপ্ৰাপ্যাপি পীলাতস্য নিকটে তস্য ৱধং প্ৰাৰ্থযন্ত|
29 जब उनके विषय में की गई सारी भविष्यवाणियों को वे लोग पूरा कर चुके, उन्हें क्रूस से उतारकर कब्र की गुफ़ा में रख दिया गया
২৯তস্মিন্ যাঃ কথা লিখিতাঃ সন্তি তদনুসাৰেণ কৰ্ম্ম সম্পাদ্য তং ক্ৰুশাদ্ অৱতাৰ্য্য শ্মশানে শাযিতৱন্তঃ|
30 किंतु परमेश्वर ने उन्हें मरे हुओं में से जीवित कर दिया.
৩০কিন্ত্ৱীশ্ৱৰঃ শ্মশানাৎ তমুদস্থাপযৎ,
31 अनेक दिन तक वह स्वयं को उनके सामने साक्षात प्रकट करते रहे, जो उनके साथ गलील प्रदेश से येरूशलेम आए हुए थे और जो आज तक इन लोगों के सामने उनके गवाह हैं.
৩১পুনশ্চ গালীলপ্ৰদেশাদ্ যিৰূশালমনগৰং তেন সাৰ্দ্ধং যে লোকা আগচ্ছন্ স বহুদিনানি তেভ্যো দৰ্শনং দত্তৱান্, অতস্ত ইদানীং লোকান্ প্ৰতি তস্য সাক্ষিণঃ সন্তি|
32 “हम आपके सामने हमारे पूर्वजों से की गई प्रतिज्ञा का ईश्वरीय सुसमाचार ला रहे हैं
৩২অস্মাকং পূৰ্ৱ্ৱপুৰুষাণাং সমক্ষম্ ঈশ্ৱৰো যস্মিন্ প্ৰতিজ্ঞাতৱান্ যথা, ৎৱং মে পুত্ৰোসি চাদ্য ৎৱাং সমুত্থাপিতৱানহম্|
33 कि परमेश्वर ने हमारी संतान के लिए मसीह येशु को मरे हुओं में से जीवित कर अपनी इस प्रतिज्ञा को पूरा कर दिया है—जैसा कि भजन संहिता दो में लिखा है: “‘तुम मेरे पुत्र हो; आज मैं तुम्हारा पिता बन गया हूं.’
৩৩ইদং যদ্ৱচনং দ্ৱিতীযগীতে লিখিতমাস্তে তদ্ যীশোৰুত্থানেন তেষাং সন্তানা যে ৱযম্ অস্মাকং সন্নিধৌ তেন প্ৰত্যক্ষী কৃতং, যুষ্মান্ ইমং সুসংৱাদং জ্ঞাপযামি|
34 परमेश्वर ने उन्हें कभी न सड़ने के लिए मरे हुओं में से जीवित किया. यह सच्चाई इन शब्दों में बयान की गई है, “‘मैं तुम्हें दावीद की पवित्र तथा अटल आशीषें प्रदान करूंगा.’
৩৪পৰমেশ্ৱৰেণ শ্মশানাদ্ উত্থাপিতং তদীযং শৰীৰং কদাপি ন ক্ষেষ্যতে, এতস্মিন্ স স্ৱযং কথিতৱান্ যথা দাযূদং প্ৰতি প্ৰতিজ্ঞাতো যো ৱৰস্তমহং তুভ্যং দাস্যামি|
35 एक अन्य भजन में कहा गया है: “‘आप अपने पवित्र जन को सड़ने न देंगे.’
৩৫এতদন্যস্মিন্ গীতেঽপি কথিতৱান্| স্ৱকীযং পুণ্যৱন্তং ৎৱং ক্ষযিতুং ন চ দাস্যসি|
36 “दावीद अपने जीवनकाल में परमेश्वर के उद्देश्य को पूरा करके हमेशा के लिए सो गए और अपने पूर्वजों में मिल गए और उनका शरीर सड़ भी गया.
৩৬দাযূদা ঈশ্ৱৰাভিমতসেৱাযৈ নিজাযুষি ৱ্যযিতে সতি স মহানিদ্ৰাং প্ৰাপ্য নিজৈঃ পূৰ্ৱ্ৱপুৰুষৈঃ সহ মিলিতঃ সন্ অক্ষীযত;
37 किंतु वह, जिन्हें परमेश्वर ने मरे हुओं में से जीवित किया, सड़ने नहीं पाया.
৩৭কিন্তু যমীশ্ৱৰঃ শ্মশানাদ্ উদস্থাপযৎ স নাক্ষীযত|
38 “इसलिये प्रियजन, सही यह है कि आप यह समझ लें कि आपके लिए इन्हीं के द्वारा पाप क्षमा की घोषणा की जाती है. इन पापों से मुक्त करके धर्मी घोषित करने में मोशेह की व्यवस्था हमेशा असफल रही है. हर एक, जो विश्वास करता है, वह सभी पापों से मुक्त किया जाता है.
৩৮অতো হে ভ্ৰাতৰঃ, অনেন জনেন পাপমোচনং ভৱতীতি যুষ্মান্ প্ৰতি প্ৰচাৰিতম্ আস্তে|
৩৯ফলতো মূসাৱ্যৱস্থযা যূযং যেভ্যো দোষেভ্যো মুক্তা ভৱিতুং ন শক্ষ্যথ তেভ্যঃ সৰ্ৱ্ৱদোষেভ্য এতস্মিন্ জনে ৱিশ্ৱাসিনঃ সৰ্ৱ্ৱে মুক্তা ভৱিষ্যন্তীতি যুষ্মাভি ৰ্জ্ঞাযতাং|
40 इसलिये इस विषय में सावधान रहो कि कहीं भविष्यद्वक्ताओं का यह कथन तुम पर लागू न हो जाए:
৪০অপৰঞ্চ| অৱজ্ঞাকাৰিণো লোকাশ্চক্ষুৰুন্মীল্য পশ্যত| তথৈৱাসম্ভৱং জ্ঞাৎৱা স্যাত যূযং ৱিলজ্জিতাঃ| যতো যুষ্মাসু তিষ্ঠৎসু কৰিষ্যে কৰ্ম্ম তাদৃশং| যেনৈৱ তস্য ৱৃত্তান্তে যুষ্মভ্যং কথিতেঽপি হি| যূযং ন তন্তু ৱৃত্তান্তং প্ৰত্যেষ্যথ কদাচন||
41 “‘अरे ओ निंदा करनेवालों! देखो, चकित हो और मर मिटो! क्योंकि मैं तुम्हारे सामने कुछ ऐसा करने पर हूं जिस पर तुम कभी विश्वास न करोगे, हां, किसी के द्वारा स्पष्ट करने पर भी नहीं.’”
৪১যেযং কথা ভৱিষ্যদ্ৱাদিনাং গ্ৰন্থেষু লিখিতাস্তে সাৱধানা ভৱত স কথা যথা যুষ্মান্ প্ৰতি ন ঘটতে|
42 जब पौलॉस और बारनबास यहूदी सभागृह से बाहर निकल रहे थे, लोगों ने उनसे विनती की कि वे आनेवाले शब्बाथ पर भी इसी विषय पर आगे प्रवचन दें.
৪২যিহূদীযভজনভৱনান্ নিৰ্গতযোস্তযো ৰ্ভিন্নদেশীযৈ ৰ্ৱক্ষ্যমাণা প্ৰাৰ্থনা কৃতা, আগামিনি ৱিশ্ৰামৱাৰেঽপি কথেযম্ অস্মান্ প্ৰতি প্ৰচাৰিতা ভৱৎৱিতি|
43 जब सभा समाप्‍त हुई अनेक यहूदी और यहूदी मत में से आए हुए नए विश्वासी पौलॉस तथा बारनबास के साथ हो लिए. पौलॉस तथा बारनबास ने उनसे परमेश्वर के अनुग्रह में स्थिर रहने की विनती की.
৪৩সভাযা ভঙ্গে সতি বহৱো যিহূদীযলোকা যিহূদীযমতগ্ৰাহিণো ভক্তলোকাশ্চ বৰ্ণব্বাপৌলযোঃ পশ্চাদ্ আগচ্ছন্, তেন তৌ তৈঃ সহ নানাকথাঃ কথযিৎৱেশ্ৱৰানুগ্ৰহাশ্ৰযে স্থাতুং তান্ প্ৰাৱৰ্ত্তযতাং|
44 अगले शब्बाथ पर लगभग सारा नगर परमेश्वर का वचन सुनने के लिए उमड़ पड़ा.
৪৪পৰৱিশ্ৰামৱাৰে নগৰস্য প্ৰাযেণ সৰ্ৱ্ৱে লাকা ঈশ্ৱৰীযাং কথাং শ্ৰোতুং মিলিতাঃ,
45 उस बड़ी भीड़ को देख यहूदी जलन से भर गए तथा पौलॉस द्वारा पेश किए गए विचारों का विरोध करते हुए उनकी घोर निंदा करने लगे.
৪৫কিন্তু যিহূদীযলোকা জননিৱহং ৱিলোক্য ঈৰ্ষ্যযা পৰিপূৰ্ণাঃ সন্তো ৱিপৰীতকথাকথনেনেশ্ৱৰনিন্দযা চ পৌলেনোক্তাং কথাং খণ্ডযিতুং চেষ্টিতৱন্তঃ|
46 किंतु पौलॉस तथा बारनबास ने निडरता से कहा: “यह ज़रूरी था कि परमेश्वर का वचन सबसे पहले आपके सामने स्पष्ट किया जाता. अब, जबकि आप लोगों ने इसे नकार दिया है और यह करते हुए स्वयं को अनंत जीवन के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है, हम अपना ध्यान अब गैर-यहूदियों की ओर केंद्रित करेंगे, (aiōnios g166)
৪৬ততঃ পৌলবৰ্ণব্বাৱক্ষোভৌ কথিতৱন্তৌ প্ৰথমং যুষ্মাকং সন্নিধাৱীশ্ৱৰীযকথাযাঃ প্ৰচাৰণম্ উচিতমাসীৎ কিন্তুং তদগ্ৰাহ্যৎৱকৰণেন যূযং স্ৱান্ অনন্তাযুষোঽযোগ্যান্ দৰ্শযথ, এতৎকাৰণাদ্ ৱযম্ অন্যদেশীযলোকানাং সমীপং গচ্ছামঃ| (aiōnios g166)
47 क्योंकि हमारे लिए परमेश्वर की आज्ञा है: “‘मैंने तुमको गैर-यहूदियों के लिए एक ज्योति के रूप में चुना है, कि तुम्हारे द्वारा सारी पृथ्वी पर उद्धार लाया जाए.’”
৪৭প্ৰভুৰস্মান্ ইত্থম্ আদিষ্টৱান্ যথা, যাৱচ্চ জগতঃ সীমাং লোকানাং ত্ৰাণকাৰণাৎ| মযান্যদেশমধ্যে ৎৱং স্থাপিতো ভূঃ প্ৰদীপৱৎ||
48 यह सुनकर गैर-यहूदी आनंद में प्रभु के वचन की प्रशंसा करने लगे तथा अनंत जीवन के लिए पहले से ठहराए गए सुननेवालों ने इस पर विश्वास किया. (aiōnios g166)
৪৮তদা কথামীদৃশীং শ্ৰুৎৱা ভিন্নদেশীযা আহ্লাদিতাঃ সন্তঃ প্ৰভোঃ কথাং ধন্যাং ধন্যাম্ অৱদন্, যাৱন্তো লোকাশ্চ পৰমাযুঃ প্ৰাপ্তিনিমিত্তং নিৰূপিতা আসন্ তে ৱ্যশ্ৱসন্| (aiōnios g166)
49 सारे क्षेत्र में प्रभु का वचन-संदेश फैलता चला गया.
৪৯ইত্থং প্ৰভোঃ কথা সৰ্ৱ্ৱেদেশং ৱ্যাপ্নোৎ|
50 किंतु यहूदी अगुओं ने नगर की भली, श्रद्धालु स्त्रियों तथा ऊंचे पद पर बैठे व्यक्तियों को भड़का दिया और पौलॉस और बारनबास के विरुद्ध उपद्रव करवा कर उन्हें अपने क्षेत्र की सीमा से निकाल दिया.
৫০কিন্তু যিহূদীযা নগৰস্য প্ৰধানপুৰুষান্ সম্মান্যাঃ কথিপযা ভক্তা যোষিতশ্চ কুপ্ৰৱৃত্তিং গ্ৰাহযিৎৱা পৌলবৰ্ণব্বৌ তাডযিৎৱা তস্মাৎ প্ৰদেশাদ্ দূৰীকৃতৱন্তঃ|
51 पौलॉस और बारनबास उनके प्रति विरोध प्रकट करते हुए अपने पैरों की धूलि झाड़ते हुए इकोनियॉन नगर की ओर चले गए.
৫১অতঃ কাৰণাৎ তৌ নিজপদধূলীস্তেষাং প্ৰাতিকূল্যেন পাতযিৎৱেকনিযং নগৰং গতৌ|
52 प्रभु के शिष्य आनंद और पवित्र आत्मा से भरते चले गए.
৫২ততঃ শিষ্যগণ আনন্দেন পৱিত্ৰেণাত্মনা চ পৰিপূৰ্ণোভৱৎ|

< प्रेरितों के काम 13 >