< प्रेरितों के काम 13 >

1 अंतियोख़ नगर की कलीसिया में अनेक भविष्यवक्ता और शिक्षक थे: बारनबास, शिमओन, जिनका उपनाम निगेर भी था, कुरेनी लुकियॉस, मनायेन, (जिसका पालन पोषण राज्य के चौथाई भाग के राजा हेरोदेस के साथ हुआ था) तथा शाऊल.
अन्ताकिया नगर की कलीसिया म्ह कई नबी अर उपदेशक थे, यानी बरनबास, शमौन जो नीगर (काळा आदमी) कुह्वावै सै, अर शाऊल अर कुरेनी लूकियुस, मनाहेम जिसका पालन-पोषण चौथाई देश के राजा हेरोदेस कै गैल होया था।
2 जब ये लोग प्रभु की आराधना और उपवास कर रहे थे, पवित्र आत्मा ने उनसे कहा, “बारनबास तथा शाऊल को उस सेवा के लिए समर्पित करो, जिसके लिए मैंने उनको बुलाया है.”
जिब ये लोग प्रभु की आराधना अर ब्रत करण लागरे थे, तो पवित्र आत्मा नै उनतै कह्या, “मेरै खात्तर बरनबास अर शाऊल नै उस काम कै खात्तर न्यारा करो जिसकै खात्तर मन्नै उन ताहीं बुलाया सै।”
3 इसलिये जब वे उपवास और प्रार्थना कर चुके, उन्होंने बारनबास तथा शाऊल पर हाथ रखे और उन्हें इस सेवा के लिए भेज दिया.
फेर उननै ब्रत अर प्रार्थना करकै अर उनपै हाथ धरकै उन ताहीं परमेसवर के काम खात्तर बिदा करया।
4 पवित्र आत्मा द्वारा भेजे गए वे सेल्युकिया नगर गए तथा वहां से जलमार्ग से सैप्रस गए.
शाऊल अर बरनबास पवित्र आत्मा के भेज्जै होए सिलूकिया बन्‍दरगाह गये, अर ओड़ै तै जहाज पै चढ़कै साइप्रस टापू कान्ही चाल्ले,
5 वहां से सालामिस नगर पहुंचकर उन्होंने यहूदियों के सभागृह में परमेश्वर के संदेश का प्रचार किया. सहायक के रूप में योहन भी उनके साथ थे.
अर सलमीस नगर म्ह पोहचकै, परमेसवर का वचन यहूदियाँ के आराधनालयाँ म्ह सुणाया। यूहन्ना उनका सेवक था।
6 जब वे सारे द्वीप को घूमकर पाफ़ॉस नगर पहुंचे, जहां उनकी भेंट बार-येशु नामक एक यहूदी व्यक्ति से हुई, जो जादूगर तथा झूठा भविष्यवक्ता था.
वे उस सारे टापू म्ह होन्दे होए पाफुस परदेस ताहीं पोहचे। ओड़ै उननै बारयीशु नामक एक यहूदी जादूगर अर झूठ्ठा नबी मिल्या।
7 वह राज्यपाल सेरगियॉस पौलॉस का सहयोगी था. सेरगियॉस पौलॉस बुद्धिमान व्यक्ति था. उसने बारनबास तथा शाऊल को बुलवाकर उनसे परमेश्वर के वचन को सुनने की अभिलाषा व्यक्त की
वो राज्यपाल सिरगियुस पौलुस कै गेल्या था, जो अकलमंद माणस था। उसनै बरनबास अर शाऊल ताहीं अपणे धोरै बुलाकै परमेसवर का वचन सुणणा चाह्या।
8 किंतु जादूगर एलिमॉस—जिसके नाम का ही अर्थ है जादूगर—उनका विरोध करता रहा. उसका प्रयास था राज्यपाल को परमेश्वर के वचन में विश्वास करने से रोकना,
पर इलीमास जादूगर नै (क्यूँके योए उसकै नाम का मतलब सै) उनका बिरोध करकै हाकिम ताहीं यीशु पै बिश्वास करण तै रोकणा चाह्या।
9 किंतु शाऊल ने, जिन्हें पौलॉस नाम से भी जाना जाता है, पवित्र आत्मा से भरकर उसे एकटक देखते हुए कहा,
फेर शाऊल नै जिसका नाम पौलुस भी सै, पवित्र आत्मा तै पूरी तरियां भरकै उसकी ओड़ टकटकी लाकै देख्या अर बोल्या,
10 “हे, सारे छल और कपट से ओत-प्रोत शैतान के कपूत! सारे धर्म के बैरी! क्या तू प्रभु की सच्चाई को भ्रष्‍ट करने के प्रयासों को नहीं छोड़ेगा?
“हे सारे कपट अर सारी ढ़ाळ कि चतुराई तै भरे होड़ शैतान की ऊलाद, सारे धर्मां के बैरी, के तू प्रभु के सीध्धी राही नै टेढ़ी करणा न्ही छोड्डैगा?”
11 देख ले, तुझ पर प्रभु का प्रहार हुआ है. तू अंधा हो जाएगा और कुछ समय के लिए सूर्य की रोशनी न देख सकेगा.” उसी क्षण उस पर धुंधलापन और अंधकार छा गया. वह यहां वहां टटोलने लगा कि कोई हाथ पकड़कर उसकी सहायता करे.
इब लखा, “प्रभु का हाथ तेरे बिरोध म्ह उठ्या सै, अर तू कुछ बखत ताहीं आन्धा रहवैगा अर सूरज नै कोनी देक्खैगा।” फेर जिब्बे धुँधळापण अर अन्धेरा उसपै छा गया, वो आस्सै-पास्सै टटोळण लाग्या ताके कोए उसका हाथ पकड़कै ले चाल्लै।
12 इस घटना को देख राज्यपाल ने प्रभु में विश्वास किया, क्योंकि प्रभु की शिक्षाओं ने उसे चकित कर दिया था.
फेर हाकिम नै जो होया था उस ताहीं देखकै अर प्रभु के उपदेश तै हैरान होकै यीशु पै बिश्वास करया।
13 पौलॉस और उनके साथियों ने पाफ़ॉस नगर से समुद्री यात्रा शुरू की और वे पम्फ़ूलिया प्रदेश के पेरगे नगर में जा पहुंचे. योहन उन्हें वहीं छोड़कर येरूशलेम लौट गए.
पौलुस अर उसके मित्तर पाफुस परदेस तै पाणी का जहाज खोल कै पंफूलिया परदेस के पिरगा नगर म्ह आये, अर यूहन्ना उननै छोड़कै यरुशलेम नगर बोहड़ गया।
14 तब वे पेरगे से होते हुए पिसिदिया प्रदेश के अंतियोख़ नगर पहुंचे और शब्बाथ पर यहूदी सभागृह में जाकर बैठ गए.
पिरगा नगर तै आग्गै बढ़कै वे पिसिदिया परदेस के अन्ताकिया नगर म्ह पोहचे, अर आराम कै दिन आराधनालय म्ह जाकै बैठग्ये।
15 जब व्यवस्था तथा भविष्यद्वक्ताओं के ग्रंथों का पढ़ना समाप्‍त हो चुका, सभागृह के अधिकारियों ने उनसे कहा, “प्रियजन, यदि आप में से किसी के पास लोगों के प्रोत्साहन के लिए कोई वचन है तो कृपा कर वह उसे यहां प्रस्तुत करे.”
मूसा के नियम-कायदे अर नबियाँ की किताब नै पढ़ण कै पाच्छै आराधनालय के सरदारां नै उनकै धोरै कहवां भेज्या, “हे भाईयो, जै आदमियाँ के उपदेश कै खात्तर थारे मन म्ह कोए बात हो तो कहो।”
16 इस पर पौलॉस ने हाथ से संकेत करते हुए खड़े होकर कहा. “इस्राएली वासियों तथा परमेश्वर के श्रद्धालुओ, सुनो!
फेर पौलुस नै खड़े होकै अर हाथ तै इशारा करकै कह्या, “हे इस्राएलियों, अर गैर यहूदी जो परमेसवर तै डरण आळो, सुणो!”
17 इस्राएल के परमेश्वर ने हमारे पूर्वजों को चुना तथा मिस्र देश में उनके घर की अवधि में उन्हें एक फलवंत राष्ट्र बनाया और प्रभु ही अपने बाहुबल से उन्हें उस देश से बाहर निकाल लाए;
इस्राएल के परमेसवर नै म्हारै पूर्वजां ताहीं छाँट लिया, अर जिब वे मिस्र देश म्ह परदेशी होकै रहवै थे, तो उनकी बढ़ोतरी करी, अर अपणी शक्ति के दम पै उननै लिकाड़ ल्याया।
18 इसके बाद बंजर भूमि में वह लगभग चालीस वर्ष तक उनके प्रति सहनशील बने रहे
वो कोए चाळीस साल ताहीं जंगल-बियाबान म्ह उनकी सहण करदा रहया,
19 और उन्होंने कनान देश की सात जातियों को नाश कर उनकी भूमि अपने लोगों को मीरास में दे दी.
अर कनान देश की सात जात्तां का नाश करकै उनका देश कोए साढ़े चार सौ साल म्ह इनकी वसियत म्ह कर दिया।
20 इस सारी प्रक्रिया में लगभग चार सौ पचास वर्ष लगे. “इसके बाद परमेश्वर उनके लिए भविष्यवक्ता शमुएल के आने तक न्यायाधीश ठहराते रहे.
“इसकै बाद परमेसवर नै शमूएल नबी ताहीं उन म्ह न्यायाधीश ठहराया।
21 फिर इस्राएल ने अपने लिए राजा की विनती की. इसलिये परमेश्वर ने उन्हें बिन्यामिन के वंश से कीश का पुत्र शाऊल दे दिया, जो चालीस वर्ष तक उनका राजा रहा.
इसकै पाच्छै उननै शमूएल तै उनपै एक राजा ठैहराण की माँग करी, फेर परमेसवर नै चाळीस साल कै खात्तर बिन्‍यामीन के गोत्र म्ह तै एक माणस, यानिके कीश के बेट्टे शाऊल ताहीं उनपै राजा ठहराया।
22 परमेश्वर ने शाऊल को पद से हटाकर उसके स्थान पर दावीद को राजा बनाया जिनके विषय में उन्होंने स्वयं कहा था कि यिशै का पुत्र दावीद मेरे मन के अनुसार व्यक्ति है. वही मेरी सारी इच्छा पूरी करेगा.
फेर परमेसवर नै शाऊल ताहीं पद तै हटाकै दाऊद ताहीं उनका राजा बणाया, जिसकै बारै म्ह उसनै गवाही दी, ‘मन्नै एक माणस यिशै का बेट्टा दाऊद, जो मेरी इच्छा कै मुताबिक मिलग्या सै, वोए मेरी सारी इच्छा पूरी करैगा।’”
23 “उन्हीं के वंश से, अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार, परमेश्वर ने इस्राएल के लिए एक उद्धारकर्ता मसीह येशु की उत्पत्ति की.
इस्से पीढ़ी म्ह तै परमेसवर नै अपणे वादा कै मुताबिक इस्राएल कै धोरै एक उद्धारकर्ता, यानिके यीशु भेज्या।
24 मसीह येशु के आने के पहले योहन ने सारी इस्राएली प्रजा में पश्चाताप के बपतिस्मा का प्रचार किया.
यीशु कै आण तै पैहल्या यूहन्ना नै सारे इस्राएलियाँ नै अपणे पाप मान के परमेसवर की ओड़ मुड़ण का अर बपतिस्मा का प्रचार करया।
25 अपनी तय की हुई सेवा का कार्य पूरा करते हुए योहन घोषणा करते रहे, ‘क्या है मेरे विषय में आपका विश्वास? मैं वह नहीं हूं. यह समझ लीजिए: मेरे बाद एक आ रहे हैं. मैं जिनकी जूती का बंध खोलने योग्य तक नहीं हूं.’
जिब यूहन्ना अपणी सेवा पूरी करण पै था, तो उसनै कह्या, “थम मन्नै के समझो सो? मै मसीह कोनी! बल्के देक्खो, मेरै पाच्छै एक आण आळा सै, जो भोत महान् सै, जिसके जूत्याँ के फित्ते भी मै खोल्लण जोग्गा कोनी।”
26 “अब्राहाम की संतान, मेरे प्रियजन तथा आपके बीच, जो परमेश्वर के श्रद्धालु हैं, सुनें कि यही उद्धार का संदेश हमारे लिए भेजा गया है.
“हे भाईयो, थम जो अब्राहम की ऊलाद सो, अर थम गैर यहूदी जो परमेसवर तै डरो सो, थारे धोरै इस उद्धार का वचन भेज्या गया सै।
27 येरूशलेम वासियों तथा उनके शासकों ने न तो मसीह येशु को पहचाना और न ही भविष्यद्वक्ताओं की आवाज को, जिनका पढ़ना हर एक शब्बाथ पर किया जाता है और जिनकी पूर्ति उन्होंने मसीह को दंड देकर की,
यरुशलेम नगर के रहणआळो अर उनकै सरदारां नै, ना मसीह यीशु ताहीं पिच्छाणा अर ना नबियाँ की बात समझी, जो हरेक आराम कै दिन पढ़ी जावै सै, ज्यांतै उस ताहीं कसूरवार ठहराकै उन बात्तां नै पूरा करया।
28 हालांकि उन्हें मार डालने का उनके सामने कोई भी आधार नहीं था—उन्होंने पिलातॉस से उनके मृत्यु दंड की मांग की.
उननै मारण कै जोग्गा कोए कसूर उस म्ह कोनी पाया, फेरभी राज्यपाल पिलातुस तै बिनती करी, के वो मार दिया जावै।
29 जब उनके विषय में की गई सारी भविष्यवाणियों को वे लोग पूरा कर चुके, उन्हें क्रूस से उतारकर कब्र की गुफ़ा में रख दिया गया
जिब उननै उसकै बारै म्ह पवित्र ग्रन्थ लिक्खी होई सारी बात पूरी करी, तो उस ताहीं क्रूस पै तै उतारकै कब्र म्ह धरया।
30 किंतु परमेश्वर ने उन्हें मरे हुओं में से जीवित कर दिया.
पर परमेसवर नै उस ताहीं मरे होया म्ह तै जिन्दा करया,
31 अनेक दिन तक वह स्वयं को उनके सामने साक्षात प्रकट करते रहे, जो उनके साथ गलील प्रदेश से येरूशलेम आए हुए थे और जो आज तक इन लोगों के सामने उनके गवाह हैं.
अर वो उन ताहीं जो उसकै गेल्या गलील परदेस तै यरुशलेम नगर आये थे, घणे दिनां ताहीं अपणे चेल्यां नै दिख्दा रहया, आदमियाँ कै स्याम्ही इब वैए उसके गवाह सै।”
32 “हम आपके सामने हमारे पूर्वजों से की गई प्रतिज्ञा का ईश्वरीय सुसमाचार ला रहे हैं
हम थमनै उस वादा कै बारै म्ह जो बाप-दाद्या तै करया गया था, यो सुसमाचार सुणावां सां,
33 कि परमेश्वर ने हमारी संतान के लिए मसीह येशु को मरे हुओं में से जीवित कर अपनी इस प्रतिज्ञा को पूरा कर दिया है—जैसा कि भजन संहिता दो में लिखा है: “‘तुम मेरे पुत्र हो; आज मैं तुम्हारा पिता बन गया हूं.’
के परमेसवर नै यीशु ताहीं जिन्दा करकै, वोए वादा म्हारी ऊलाद कै खात्तर पूरा करया, जिसा के भजन संहिता दो म्ह लिख्या सै, “तू मेरा बेट्टा सै, आज तै ए मै तेरा पिता बणग्या सूं।”
34 परमेश्वर ने उन्हें कभी न सड़ने के लिए मरे हुओं में से जीवित किया. यह सच्चाई इन शब्दों में बयान की गई है, “‘मैं तुम्हें दावीद की पवित्र तथा अटल आशीषें प्रदान करूंगा.’
अर उसके इस तरियां तै मरे होया म्ह तै जिन्दा होण कै बारै म्ह भी के वो कदे न्ही सड़ै, परमेसवर नै यो कह्या सै, “मै दाऊद पै की पवित्र अर अटल दया तेरे पै करुँगा।”
35 एक अन्य भजन में कहा गया है: “‘आप अपने पवित्र जन को सड़ने न देंगे.’
दाऊद नै और जगहां भी भजन संहिता म्ह भी लिख्या सै, “तू अपणे पवित्र माणस नै सड़ण न्ही देवैगा।”
36 “दावीद अपने जीवनकाल में परमेश्वर के उद्देश्य को पूरा करके हमेशा के लिए सो गए और अपने पूर्वजों में मिल गए और उनका शरीर सड़ भी गया.
दाऊद तो परमेसवर की मर्जी कै मुताबिक अपणे बखत म्ह सेवा करकै मर गया, अर अपणे बाप-दाद्या म्ह जा मिल्या, अर सड़ भी गया।
37 किंतु वह, जिन्हें परमेश्वर ने मरे हुओं में से जीवित किया, सड़ने नहीं पाया.
पर जिस ताहीं परमेसवर नै जिन्दा करया, वो सड़ण कोनी पाया।
38 “इसलिये प्रियजन, सही यह है कि आप यह समझ लें कि आपके लिए इन्हीं के द्वारा पाप क्षमा की घोषणा की जाती है. इन पापों से मुक्त करके धर्मी घोषित करने में मोशेह की व्यवस्था हमेशा असफल रही है. हर एक, जो विश्वास करता है, वह सभी पापों से मुक्त किया जाता है.
ज्यांतै, हे भाईयो, थम जाण ल्यो के इस्से के जरिये पापां की माफी का सुसमाचार थारे ताहीं दिया जावै सै,
अर पापां तै मुक्त करण म्ह मूसा नबी के नियम-कायदे हमेशा नाकामयाब रहे सै, हरेक जो बिश्वास करै सै, वो यीशु के जरिये सारे पापां तै मुक्त करया जावै सै।
40 इसलिये इस विषय में सावधान रहो कि कहीं भविष्यद्वक्ताओं का यह कथन तुम पर लागू न हो जाए:
ज्यांतै चौकन्ने रहो, इसा ना हो के जो नबियाँ की किताब म्ह आया सै, थारे पै भी आण पड़ै
41 “‘अरे ओ निंदा करनेवालों! देखो, चकित हो और मर मिटो! क्योंकि मैं तुम्हारे सामने कुछ ऐसा करने पर हूं जिस पर तुम कभी विश्वास न करोगे, हां, किसी के द्वारा स्पष्ट करने पर भी नहीं.’”
“हे बुराई करण आळो, देक्खो, अर हैरान होवो, अर मिट जाओ, क्यूँके मै थारे दिनां म्ह एक काम करुँ सूं, ‘इसा काम के जै कोए थारे तै उसका जिक्र करै, तो थम भी बिश्वास कोनी करोगे।’”
42 जब पौलॉस और बारनबास यहूदी सभागृह से बाहर निकल रहे थे, लोगों ने उनसे विनती की कि वे आनेवाले शब्बाथ पर भी इसी विषय पर आगे प्रवचन दें.
जिब पौलुस अर बरनबास यहूदी सभाघर तै बाहरणै लिकड़ण लागरे थे, तो माणस उनतै बिनती करण लाग्गे के आगले आराम कै दिन म्हारै ताहीं ये बात फेर सुणाई जावै।
43 जब सभा समाप्‍त हुई अनेक यहूदी और यहूदी मत में से आए हुए नए विश्वासी पौलॉस तथा बारनबास के साथ हो लिए. पौलॉस तथा बारनबास ने उनसे परमेश्वर के अनुग्रह में स्थिर रहने की विनती की.
जिब सभा उठ ली फेर भोत-से यहूदी अर यहूदी पंथ म्ह आये होए भगतां म्ह तै घणखरे पौलुस अर बरनबास कै पाच्छै हो लिये, अर उननै उन ताहीं बात करकै समझाया के परमेसवर कै अनुग्रह म्ह बणे रहो।
44 अगले शब्बाथ पर लगभग सारा नगर परमेश्वर का वचन सुनने के लिए उमड़ पड़ा.
आगले आराम कै दिन नगर के तकरीबन सारे लोग परमेसवर का वचन सुणण नै कठ्ठे हो गये।
45 उस बड़ी भीड़ को देख यहूदी जलन से भर गए तथा पौलॉस द्वारा पेश किए गए विचारों का विरोध करते हुए उनकी घोर निंदा करने लगे.
पर यहूदी भीड़ नै देखकै मन ए मन म्ह जळण लाग्गे, अर बुराई करदे होए पौलुस की बात्तां कै बिरोध म्ह बोल्लण लाग्गे।
46 किंतु पौलॉस तथा बारनबास ने निडरता से कहा: “यह ज़रूरी था कि परमेश्वर का वचन सबसे पहले आपके सामने स्पष्ट किया जाता. अब, जबकि आप लोगों ने इसे नकार दिया है और यह करते हुए स्वयं को अनंत जीवन के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है, हम अपना ध्यान अब गैर-यहूदियों की ओर केंद्रित करेंगे, (aiōnios g166)
फेर पौलुस अर बरनबास हिम्मत करकै कहण लाग्गे, “जरूरी था के परमेसवर का वचन पैहल्या थारे तै सुणाया जान्दा, इब जिब के थमनै इस ताहीं नकार दिया सै, अर यो करते होए अपणे-आप ताहीं अनन्त जीवन कै खात्तर अयोग्य घोषित कर दिया सै, तो देक्खो, हम गैर यहूदियाँ कै कान्ही फिरां सां। (aiōnios g166)
47 क्योंकि हमारे लिए परमेश्वर की आज्ञा है: “‘मैंने तुमको गैर-यहूदियों के लिए एक ज्योति के रूप में चुना है, कि तुम्हारे द्वारा सारी पृथ्वी पर उद्धार लाया जाए.’”
क्यूँके प्रभु नै म्हारै ताहीं यो हुकम दिया सै, ‘मन्नै तेरे ताहीं गैर यहूदियाँ कै खात्तर चाँदणा ठहराया, ताके तू धरती कै छोर ताहीं उद्धार का दरबाजा हो।’”
48 यह सुनकर गैर-यहूदी आनंद में प्रभु के वचन की प्रशंसा करने लगे तथा अनंत जीवन के लिए पहले से ठहराए गए सुननेवालों ने इस पर विश्वास किया. (aiōnios g166)
न्यू सुणकै गैर यहूदी राज्जी होए, अर परमेसवर कै वचन की बड़ाई करण लाग्गे, अर जितने अनन्त जीवन कै खात्तर ठहराए गये थे, उननै बिश्वास करया। (aiōnios g166)
49 सारे क्षेत्र में प्रभु का वचन-संदेश फैलता चला गया.
फेर प्रभु का वचन उस सारे देश म्ह फैलाण लाग्या।
50 किंतु यहूदी अगुओं ने नगर की भली, श्रद्धालु स्त्रियों तथा ऊंचे पद पर बैठे व्यक्तियों को भड़का दिया और पौलॉस और बारनबास के विरुद्ध उपद्रव करवा कर उन्हें अपने क्षेत्र की सीमा से निकाल दिया.
पर यहूदी अगुवां नै भगत अर आच्छे खानदान की लुगाईयाँ ताहीं अर नगर के खास आदमियाँ ताहीं उकसाया, अर पौलुस अर बरनबास कै खिलाफ दंगा करा कै उन ताहीं अपणी सीमा तै लिकाड़ दिया।
51 पौलॉस और बारनबास उनके प्रति विरोध प्रकट करते हुए अपने पैरों की धूलि झाड़ते हुए इकोनियॉन नगर की ओर चले गए.
फेर पौलुस अर बरनबास उनकै स्याम्ही पायां की धूळ झाड़कै इकुनियुम नगर म्ह चले गये।
52 प्रभु के शिष्य आनंद और पवित्र आत्मा से भरते चले गए.
अर चेल्लें आनन्द अर पवित्र आत्मा तै भरदे चले गये।

< प्रेरितों के काम 13 >