< 2 शमूएल 5 >
1 इसके बाद इस्राएल के सारे गोत्र हेब्रोन में दावीद से भेंटकरने आए और उनके समक्ष यह प्रस्ताव रखा, “विचार कीजिए, हम आप ही की अस्थि और मांस हैं.
ইস্রায়েলের সব গোষ্ঠী হিব্রোণে দাউদের কাছে এসে বলল, “আমরা আপনারই রক্তমাংস।
2 पिछले सालों में जब राजा तो शाऊल थे किंतु ये आप ही थे, जो हमारा मार्गदर्शन और इस्राएली सेना को चलाते रहे. याहवेह ने आपसे कहा था, ‘तुम मेरी प्रजा इस्राएल के चरवाहे होगे, तुम मेरी प्रजा इस्राएल के शासक होगे.’”
অতীতে, শৌল যখন আমাদের উপর রাজা ছিলেন, আপনিই তো ইস্রায়েলের সামরিক অভিযানে তাদের নেতৃত্ব দিতেন। সদাপ্রভু আপনাকে বললেন, ‘তুমি আমার প্রজা ইস্রায়েলের পালক হবে, ও তুমিই তাদের শাসক হবে।’”
3 अत: इस्राएल के सारे प्राचीन हेब्रोन नगर में राजा के सामने इकट्ठा हुए. दावीद ने याहवेह के सामने उनसे वाचा बांधी. तत्पश्चात उन्होंने इस्राएल के लिए दावीद का राजाभिषेक किया.
ইস্রায়েলের প্রাচীনেরা সবাই যখন হিব্রোণে রাজা দাউদের কাছে এলেন, রাজা তখন সদাপ্রভুকে সাক্ষী রেখে হিব্রোণে তাদের সাথে একটি চুক্তি করলেন, ও তারা দাউদকে ইস্রায়েলের উপর রাজারূপে অভিষিক্ত করলেন।
4 शासन प्रारंभ करते समय दावीद की आयु तीस वर्ष की थी, और उन्होंने चालीस वर्ष शासन किया.
দাউদ যখন রাজা হলেন তখন তাঁর বয়স তিরিশ বছর, ও তিনি চল্লিশ বছর রাজত্ব করলেন।
5 उन्होंने हेब्रोन में रहते हुए यहूदिया पर सात वर्ष छः माह शासन किया और येरूशलेम में उन्होंने संपूर्ण इस्राएल और यहूदिया पर तैंतीस वर्ष शासन किया.
হিব্রোণে যিহূদার উপর তিনি সাত বছর ছয় মাস রাজত্ব করলেন, এবং জেরুশালেমে ইস্রায়েল ও যিহূদার উপর তিনি তেত্রিশ বছর রাজত্ব করলেন।
6 राजा ने अपनी सेना के साथ येरूशलेम जाकर उस देश के निवासी यबूसियों पर आक्रमण किया. यबूसियों ने दावीद को संदेश भेजा, “तुम तो यहां प्रवेश भी न कर सकोगे; तुम्हें तो हमारे अंधे और लंगड़े ही पछाड़ देंगे!” उनका विचार था, “दावीद के लिए यहां प्रवेश करना संभव नहीं है.”
রাজামশাই ও তাঁর লোকজন সেই যিবূষীয়দের আক্রমণ করার জন্য জেরুশালেমের দিকে যুদ্ধযাত্রা করলেন, যারা সেখানে বসবাস করত। যিবূষীয়রা দাউদকে বলল, “আপনি এখানে ঢুকতে পারবেন না; এমনকি অন্ধ ও খঞ্জ লোকরাও আপনাকে তাড়িয়ে দেবে।”
7 फिर भी, दावीद ने ज़ियोन गढ़ पर अधिकार कर लिया. अब यह दावीद के नगर के नाम से प्रख्यात हो गया है.
তা সত্ত্বেও, দাউদ সিয়োনের দুর্গটি দখল করলেন—যেটি হল দাউদ-নগর।
8 उस अवसर पर दावीद ने अपने लोगों से कहा, “यदि तुम लोग यबूसियों को हराना चाहते हो तो जल सुरंग से जाओ, और उन ‘अंधों तथा विकलांगों’ पर हमला करो.” यही कारण है कि लोग कहते हैं “अंधों और विकलांग को (राज) निवास में प्रवेश निषेध है.”
সেদিন দাউদ বললেন, “যে কেউ যিবূষীয়দের অধিকার করবে, তাকে সেইসব ‘খঞ্জ ও অন্ধের’ কাছে পৌঁছানোর জন্য জল-সুড়ঙ্গপথ ব্যবহার করতে হবে, যারা দাউদের শত্রুবিশেষ।” এজন্যই তারা বলে, “‘অন্ধ ও খঞ্জেরা’ প্রাসাদে প্রবেশ করবে না।”
9 दावीद ने गढ़ पर अधिकार कर लिया और उसे दावीद-नगर नाम दिया. दावीद ने मिल्लो से प्रारंभ कर इसके चारों ओर भीतर की ओर नगर का निर्माण किया.
দাউদ পরে দুর্গটিকেই নিজের বাসস্থান বানিয়ে সেটির নাম দিলেন দাউদ-নগর। তিনি ভিতরের দিকে চাতাল থেকে সেটির চারপাশ ঘিরে দিলেন।
10 दावीद पर सर्वशक्तिमान याहवेह परमेश्वर की कृपादृष्टि थी, इसलिए दावीद धीरे धीरे मजबूत होते चले गए.
তিনি দিন দিন আরও শক্তিশালী হয়ে উঠেছিলেন, কারণ সর্বশক্তিমান ঈশ্বর সদাপ্রভু তাঁর সঙ্গে ছিলেন।
11 इसके बाद सोर के राजा हीराम ने दावीद के पास अपने दूत भेजे, जो दावीद के घर को बनाने के लिए अपने साथ देवदार की लकड़ी, बढ़ई और राजमिस्त्री भी ले आए.
আবার সোরের রাজা হীরম দাউদের কাছে দেবদারু জাতীয় কাঠের গুঁড়ি, ছুতোর ও রাজমিস্ত্রি সমেত কয়েকজন দূত পাঠিয়ে দিলেন, এবং তারা দাউদের জন্য এক প্রাসাদ তৈরি করল।
12 इससे दावीद को यह अहसास हो गया कि याहवेह ने उन्हें इस्राएल के राजा के रूप में प्रतिष्ठित कर दिया है, और यह भी कि याहवेह ने अपनी प्रजा इस्राएल के हित में अपने राज्य को उन्नत किया है.
তখন দাউদ বুঝতে পেরেছিলেন যে সদাপ্রভু ইস্রায়েলের উপর তাঁর রাজপদ স্থির করেছেন এবং তাঁর প্রজা ইস্রায়েলের জন্য তাঁর রাজ্যের উন্নতি করেছেন।
13 हेब्रोन से येरूशलेम आकर बसने पर दावीद और भी उपपत्नियां और पत्नियां ले आए. उनको और भी संतान पैदा हुई.
হিব্রোণ ছেড়ে আসার পর দাউদ জেরুশালেমে আরও কয়েকজনকে স্ত্রী ও উপপত্নীরূপে গ্রহণ করলেন, এবং তাঁর আরও কয়েকটি ছেলেমেয়ের জন্ম হল।
14 येरूशलेम में पैदा उनकी संतान के नाम ये हैं: शम्मुआ, शोबाब, नाथान, शलोमोन,
সেখানে তাঁর যেসব সন্তানের জন্ম হল তারা হল: শম্মূয়, শোবব, নাথন, শলোমন,
15 इबहार, एलिशुआ, नेफ़ेग, याफिया,
যিভর, ইলীশূয়, নেফগ, যাফিয়,
16 एलीशामा, एलियादा और एलिफेलेत.
ইলীশামা, ইলিয়াদা ও ইলীফেলট।
17 जब फिलिस्तीनियों को यह मालूम हुआ कि दावीद का राजाभिषेक इस्राएल के राजा के रूप में किया गया है, सभी फिलिस्तीनी दावीद की खोज में निकल पड़े; मगर जैसे ही दावीद ने इसके विषय में सुना, वह गढ़ में चले गए.
ফিলিস্তিনীরা যখন শুনতে পেয়েছিল দাউদ ইস্রায়েলের উপর রাজারূপে অভিষিক্ত হয়েছেন, তখন সর্বশক্তি প্রয়োগ করে তারা তাঁকে খুঁজতে শুরু করল, কিন্তু দাউদ সেকথা শুনে দুর্গে নেমে গেলেন।
18 इस समय फिलिस्तीनी आकर रेफाइम घाटी में फैल गए.
ফিলিস্তিনীরা এসে রফায়ীম উপত্যকায় ছড়িয়ে পড়েছিল;
19 इस पर दावीद ने याहवेह से पूछा, “क्या मैं फिलिस्तीनियों पर आक्रमण करूं? क्या आप उन्हें मेरे अधीन कर देंगे?” याहवेह ने दावीद को उत्तर दिया, “जाओ, क्योंकि मैं फिलिस्तीनियों को निश्चित ही तुम्हारे अधीन कर दूंगा.”
দাউদ তখন সদাপ্রভুর কাছে জানতে চেয়েছিলেন, “আমি কি গিয়ে ফিলিস্তিনীদের আক্রমণ করব? তুমি কি আমার হাতে তাদের সঁপে দেবে?” সদাপ্রভু তাঁকে উত্তর দিলেন, “যাও, কারণ আমি অবশ্যই তোমার হাতে ফিলিস্তিনীদের সঁপে দেব।”
20 दावीद बाल-पेराज़िम नामक स्थान पर पहुंचे और वहां फिलिस्तीनियों को हरा दिया. वहां दावीद ने यह घोषित किया, “याहवेह मेरे पहले ही वहां पहुंचकर मेरे शत्रुओं पर कुछ ऐसे टूट पड़े, जैसे बहुत से जल का बहाव.” इस पर उस स्थान का नाम पड़ गया, बाल-पेराज़िम.
তখন দাউদ বায়াল-পরাসীমে গেলেন, ও সেখানে তিনি তাদের পরাজিত করলেন। তিনি বললেন, “বাঁধ ফেটে জল যেভাবে বেগে বেরিয়ে যায়, সদাপ্রভুও আমার সামনে আমার শত্রুদের বিরুদ্ধে সেভাবে ফাটিয়েছেন।” তাই সেই স্থানটির নাম হল বায়াল-পরাসীম।
21 फिलिस्तीनी अपनी मूर्तियां वही छोड़कर भागे, जिन्हें दावीद और उनके साथी उठाकर ले गए.
ফিলিস্তিনীরা সেখানেই তাদের দেবদেবীর মূর্তিগুলি ফেলে রেখে গেল এবং দাউদ ও তাঁর লোকজন সেগুলি উঠিয়ে নিয়ে এলেন।
22 एक बार फिर फिलिस्तीनी आए और रेफाइम घाटी में फैल गए.
আরও একবার ফিলিস্তিনীরা এসে রফায়ীম উপত্যকায় ছড়িয়ে পড়েছিল;
23 जब दावीद ने याहवेह से इस विषय में पूछा, याहवेह ने उन्हें उत्तर दिया, “तुम सीधे जाकर उन पर हमला न करना, बल्कि तुम घूमकर उनके पीछे जाकर मोखा वृक्षों की ओर से हमला करना.
তাই দাউদ সদাপ্রভুর কাছে জানতে চেয়েছিলেন ও তিনি উত্তর দিলেন, “সরাসরি তোমরা তাদের দিকে যেয়ো না, কিন্তু তাদের পিছন দিকে গিয়ে তাদের ঘিরে ধরো ও চিনার গাছগুলির সামনে গিয়ে তাদের আক্রমণ করো।
24 हमला उस समय सही होगा, जब तुम्हें मोखा के पेड़ों के ऊपर से सेना की चहल-कदमी सुनाई देने लगें. तब तुम युद्ध शुरू कर देना, क्योंकि उस समय याहवेह तुम्हारे आगे-आगे फिलिस्तीनी सेना को मारते हुए बढ़ रहे होंगे.”
যে মুহূর্তে তোমরা চিনার গাছগুলির মাথায় কুচকাওয়াজের শব্দ শুনবে, তাড়াতাড়ি এগিয়ে যেয়ো, কারণ এর অর্থ হল এই যে ফিলিস্তিনী সৈন্যদলকে আক্রমণ করার জন্য সদাপ্রভুই তোমাদের আগে চলে গিয়েছেন।”
25 दावीद ने वैसा ही किया, जैसा याहवेह ने आदेश दिया था. उन्होंने गिबयोन से लेकर गेज़ेर तक फिलिस्तीनियों को मार गिराया.
অতএব সদাপ্রভু দাউদকে যে আদেশ দিলেন, তিনি সেই অনুসারেই কাজ করলেন এবং তিনি গিবিয়োন থেকে শুরু করে গেষর পর্যন্ত ফিলিস্তিনীদের আঘাত করে গেলেন।