< 2 शमूएल 3 >

1 शाऊल के वंश और दावीद के वंश के बीच लंबे समय तक युद्ध चलता रहा. दावीद धीरे धीरे मजबूत होते चले गए, और शाऊल का वंश लगातार दुर्बल होता चला गया.
وَطَالَتِ الْحَرْبُ بَيْنَ بَيْتِ شَاوُلَ وَبَيْتِ دَاوُدَ، وَكَانَ دَاوُدُ يَزْدَادُ قُوَّةً وَبْيتُ شَاوُلَ يَتَفَاقَمُ ضَعْفاً.١
2 हेब्रोन वास के समय दावीद को ये पुत्र पैदा हुए: उनका पहलौठा था अम्मोन, जो येज़्रीलवासी अहीनोअम से पैदा हुआ था;
وَأَنْجَبَ دَاوُدُ بَنِينَ فِي حَبْرُونَ، كَانَ أَكْبَرُهُمْ أَمْنُونَ مِنْ أَخِينُوعَمَ الْيَزْرَعِيلِيَّةِ.٢
3 उनका दूसरा पुत्र था किलियाब जो कर्मेलवासी नाबाल की विधवा पत्नी अबीगइल से पैदा हुआ था; उनका तीसरा पुत्र था अबशालोम, जो गेशूर के राजा तालमाई की पुत्री माकाह से पैदा हुआ था;
وَالثَّانِي كِيلآبُ مِنْ أَبِيجَايِلَ أَرْمَلَةِ نَابَالَ الْكَرْمَلِيِّ، وَالثَّالِثُ أَبْشَالُومُ ابْنُ مَعْكَةَ بِنْتِ تَلْمَايَ مَلِكِ جَشُورَ،٣
4 उनका चौथा पुत्र था अदोनियाह, जिसकी माता थी हेग्गीथ; पांचवा पुत्र था शेपाथियाह जिसकी माता थी अबीताल;
وَالَّرابِعُ أَدُونِيَّا بْنُ حَجِّيثَ، وَالْخَامِسُ شَفْطِيَّا بْنُ أَبِيطَالَ،٤
5 छठा पुत्र इथ्रियाम था, जिसकी माता थी दावीद की पत्नी एग्लाह. ये सभी दावीद के हेब्रोन में रहते हुए पैदा हुए थे.
وَالسَّادِسُ يَثْرَعَامُ ابْنُ عَجْلَةَ امْرَأَةِ دَاوُدَ.٥
6 जब शाऊल और दावीद के वंश के बीच संघर्ष चल रहा था, अबनेर स्वयं को शाऊल के परिवार ही में अपना स्थान सशक्त बनाए जा रहा था.
وَفِي غُضُونِ الْحَرْبِ الَّتِي نَشَبَتْ بَيْنَ بَيْتِ شاوُلَ وَبَيْتِ دَاوُدَ قَوِيَ نُفُوذُ أَبْنَيْرَ فِي أَوْسَاطِ بَيْتِ شَاوُلَ.٦
7 शाऊल की रिज़पाह नामक एक उप-पत्नी थी, जो अइयाह की पुत्री थी. इश-बोशेथ ने अबनेर का सामना करते हुए पूछा, “तुमने मेरे पिता की उप-पत्नी से संबंध क्यों बनाया है?”
وَكَانَ لِشَاوُلَ مَحْظِيَّةٌ اسْمُهَا رِصْفَةُ بِنْتُ أَيَّةَ، فَقَالَ إِيشْبُوشَثُ لأَبْنَيْرَ: «لِمَاذَا ضَاجَعْتَ مَحْظِيَّةَ أَبِي؟»٧
8 इश-बोशेथ के इन शब्दों को सुन अबनेर को बहुत ही गुस्सा हो गए. उन्होंने इश-बोशेथ को उत्तर दिया, “क्या मैं यहूदिया के किसी कुत्ते का सिर हूं? आज तक मैं तुम्हारे पिता शाऊल के परिवार, उनके भाइयों और उनके मित्रों के प्रति पूरी तरह सच्चा रहा हूं, और मैं तुम्हें दावीद के अधीन होने से बचाता रहा हूं, और आज तुम मुझ पर इस स्त्री से संबंधित अपराध का आरोप लगा रहे हो!
فَاسْتَشَاطَ أَبْنَيْرُ غَيْظاً مِنْ كَلامِ إِيشْبُوشَثَ، وَقَالَ لَهُ: «هَلْ أَنَا رَأْسُ كَلْبٍ لِيَهُوذَا! إِلَى هَذَا الْيَوْمِ وَأَنَا أَبْذِلُ وَلائِي فِي سَبِيلِ بَيْتِ شَاوُلَ وَإِخْوَتِهِ وَأَصْحَابِهِ، وَلَمْ أُسَلِّمْكَ لِيَدِ دَاوُدَ، والآنَ تَتَّهِمُنِي بِانْتِهَاكِ عِرْضِ الْمَرْأَةِ؟٨
9 अब यदि मैं, अबनेर, दान से बियरशीबा तक फैले हुए शाऊल वंश के राज्य दावीद को दिए जाने और दावीद के इस्राएल और यहूदिया पर सिंहासन की प्रतिष्ठा मिलने को,
لِيُعَاقِبِ الرَّبُّ أَبْنَيْرَ أَشَّدَ عِقَابٍ إِنْ لَمْ أُنَاصِرْ دَاوُدَ كَمَا وَعَدَه الرَّبُّ٩
10 जिसकी शपथ याहवेह द्वारा ही ली गई थी, पूरी न करूं, तो परमेश्वर मुझसे ऐसा ही, बल्कि इससे भी बढ़कर करें.”
أَنْ يَنْقُلَ الْمَمْلَكَةَ مِنْ بَيْتِ شَاوُلَ وَيُوَلِّيَهُ عَلَى عَرْشِ إِسْرَائِيلَ وَيَهُوذَا مِنْ دَانَ إِلَى بِئْرِ سَبْعٍ».١٠
11 यह सुन इश-बोशेथ अबनेर से एक शब्द तक न कह सका, क्योंकि वह अबनेर से डरता था.
فَلَمْ يَنْبَسْ إِيشْبُوشَثُ بِحَرْفٍ خَوْفاً مِنْ أَبْنَيْرَ.١١
12 अबनेर ने दावीद के पास इस संदेश के साथ अपने दूत भेजे, “कौन है इस भूमि का स्वामी? मुझसे वाचा बांध लीजिए और तब देखिएगा कि मैं अपने प्रभाव से सारे इस्राएल को आपकी अधीनता में ला दूंगा.”
وَبَعَثَ أَبْنَيْرُ عَلَى الْفَوْرِ رُسُلاً إِلَى دَاوُدَ قَاِئلاً: «مَنْ هُوَ صَاحِبُ الْبِلادِ؟ أَبْرِمْ مَعِي مِيثَاقاً فَأُناصِرَكَ بِضَمِّ جَمِيعِ أَسْباطِ إِسْرَائِيلَ إِلَيْكَ».١٢
13 दावीद ने उन्हें उत्तर में यह संदेश भेजा. “बहुत बढ़िया, मैं आपसे वाचा ज़रूर बांधूंगा, मगर एक ही शर्त पर, आप जब मुझसे भेंटकरने आएं, आप शाऊल की पुत्री मीखल को अपने साथ लाएं, नहीं आप मेरा मुख न देख सकेंगे.”
فَأَجَابَهُ دَاوُدُ: «حَسَناً، أَنَا أُبْرِمُ مَعَكَ مِيثَاقاً، إِلّا أَنَّنِي أَشْتَرِطُ عَلَيْكَ أَمْراً وَاحِداً، هُوَ أَنْ تَأْتِيَ أَوَّلاً بِمِيكَالَ بِنْتِ شَاوُلَ حِينَ تَأْتِي لِمُقَابَلَتِي، وَإلَّا فَلَنْ تَرَى وَجْهِي».١٣
14 इसके बाद दावीद ने शाऊल के पुत्र इश-बोशेथ के पास इस संदेश के साथ संदेशवाहक भेजे: “मुझे मेरी पत्नी मीखल दे दो, जिसके साथ मेरा रिश्ता फिलिस्तीनियों की एक सौ लिंग की खालों का मूल्य चुकता करने के द्वारा हुआ था.”
وَبَعَثَ دَاوُدُ رُسُلاً إِلَى إيشْبُوشَثَ بْنِ شَاوُلَ قَائِلاً: «أَعْطِنِي امْرَأَتِي مِيكَالَ الَّتِي خَطَبْتُهَا بِمِئَةٍ مِنْ غُلَفِ الْفِلسْطِينِيِّينَ».١٤
15 इश-बोशेथ ने उसे उसके पति लायीश के पुत्र पालतिएल के पास से छीनकर दावीद के पास भेजी.
فَأَرْسَلَ إِيشْبُوشَثُ وَأَخَذَهَا مِنْ عِنْدِ رَجُلِهَا فَلْطِيئِيلَ بْنِ لايِشَ.١٥
16 इस पर उसका पति सारे रास्ते रोता हुआ उसके साथ साथ बहुरीम तक जा पहुंचा. उसे देख अबनेर ने उसे आदेश दिया, “जाओ अपने घर लौट जाओ!” तब वह अपने घर लौट गया.
فَرَاحَ رَجُلُهَا يَسِيرُ مَعَهَا بَاكِياً وَرَاءَهَا حَتَّى مَدِينَةِ بَحُورِيمَ، إِلَى أَنْ أَمَرَهُ أَبْنَيْرُ: «امْضِ. ارْجِعْ». فَرَجَعَ.١٦
17 अबनेर ने इस्राएल के पुरनियों की सभा आयोजित की, और उन्हें संबोधित करते हुए कहा, “बीते वर्षों से आपकी यह इच्छा रही है कि दावीद आप पर राजा होकर शासन करें.
وَقَالَ أَبْنَيْرُ لِشُيُوخِ إِسْرَائِيلَ: «مُنْذُ زَمَنٍ وَأَنْتُمْ تُطَالِبُونَ أَنْ يَكُونَ دَاوُدُ عَلَيْكُمْ مَلِكاً.١٧
18 अब यही हो जाने दीजिए; क्योंकि याहवेह ने दावीद से यह प्रतिज्ञा की है, ‘मैं अपने सेवक दावीद के बाहुबल से फिलिस्तीनियों के अधिकार से और सारे शत्रुओं से अपनी प्रजा इस्राएल को छुड़ाऊंगा.’”
فَالآنَ افْعَلُوا، لأَنَّ الرَّبَّ وَعَدَ دَاوُدَ قَائِلاً: بِقِيَادَةِ دَاوُدَ عَبْدِي أُنْقِذُ شَعْبِي إِسْرَائِيلَ مِنَ الْفِلِسْطِينِيِّينَ وَمِنْ سَاِئرِ أَعْدَائِهِمْ».١٨
19 अबनेर ने बिन्यामिन गोत्र के लोगों से भी इस विषय के उल्लेख किया. इसके बाद अबनेर हेब्रोन नगर में दावीद को यह बताने गया कि सारे इस्राएल और सारे बिन्यामिन गोत्र के लोगों के मत में अब क्या करना सही है.
ثُمَّ تَدَاوَلَ أَبْنَيْرُ الأَمْرَ مَعَ شُيُوخِ سِبْطِ بِنْيَامِينَ، وَبَعْدَ ذَلِكَ تَوَجَّهَ إِلَى حَبْرُونَ لِيُبَلِّغَ دَاوُدَ مَا تَمَّ الاتِّفَاقُ عَلَيْهِ بَيْنَهُ وَبَيْنَ رُؤُسَاءِ إِسْرَائِيلَ.١٩
20 जब अबनेर बीस व्यक्तियों के साथ दावीद से भेंटकरने हेब्रोन पहुंचे, दावीद ने अबनेर और उन बीस व्यक्तियों के लिए एक भोज तैयार किया.
وَجَاءَ أَبْنَيْرُ إِلَى دَاوُدَ فِي حَبْرُونَ بِصُحْبَةِ عِشْرِينَ رَجُلاً، فَأَقَامَ دَاوُدُ مَأْدُبَةً لَهُمْ،٢٠
21 अबनेर ने दावीद से कहा, “मुझे आज्ञा दीजिए कि मैं जाकर सारे इस्राएल को अपने स्वामी, जो राजा हैं, उनके सामने इकट्ठा करूं, कि वे आपसे वाचा स्थापित कर सकें, कि आप उन पर अपनी इच्छा अनुसार उन सभी पर शासन कर सकें.” तब दावीद ने अबनेर को इसके लिए विदा किया और अबनेर वहां से पूरी शांति से चले गए.
ثُمَّ قَالَ ابْنَيْرُ لِدَاوُدَ: «دَعْنِي أَذْهَبُ عَلَى الْفَوْرِ لأَجْمَعَ لِسَيِّدِي الْمَلِكِ جَمِيعَ أَسْبَاطِ إِسْرَائِيلَ لِيُبَايِعُوكَ مَلِكاً عَلَيْهِمْ فَيَتَحَقَّقَ مَا تَصْبُو إِلَيْهِ». فَشَيَّعَهُ دَاوُدُ وَمَضَى بِسَلامٍ.٢١
22 ठीक उसी समय योआब के साथ दावीद के सेवक छापामार करके लौट रहे थे. उनके पास लूटी हुई सामग्री भी थी. उस समय अबनेर दावीद के पास हेब्रोन नगर में नहीं थे. क्योंकि दावीद उसे विदा कर चुके थे.
وَمَا لَبِثَ أَنْ وَصَلَ يُوآبُ مَعَ بَعْضِ رِجَالِهِ قَادِمِينَ مِنْ غَزْوَةٍ أَصَابُوا فِيهَا غَنِيمَةً عَظِيمَةً. وكَانَ أَبْنَيْرُ آنَئِذٍ قَدْ غَادَرَ حَبْرُونَ بَعْدَ أنْ شَيَّعَهُ دَاوُدُ بِسَلامٍ.٢٢
23 योआब और उनकी सारी सेना उनके साथ वहां लौटी, तब उन्हें सूचना इस प्रकार दी गई थी, “नेर के पुत्र अबनेर राजा से भेंटकरने आए थे. राजा ने उन्हें पूरी शांति में लौटा दिया है.”
فَقِيلَ لِيُوآبَ: «قَدْ وَفَدَ أَبْنَيْرُ بْنُ نَيْرٍ عَلَى الْمَلِكِ، فَأَطْلَقَهُ الْمَلِكُ مُشَيَّعاً بِالسَّلامَةِ».٢٣
24 यह सुन योआब ने राजा के पास जाकर कहा, “यह आपने क्या कर डाला है? जब अबनेर आपके पास आया था, आपने उसे ऐसे ही छोड़ दिया, और अब वह आपके हाथ से बच निकला है!
فَمَثُلَ يُوآبُ فِي حَضْرَةِ الْمَلِكِ وَقَالَ: «مَاذَا فَعَلْتَ؟ لَقَدْ أَقْبَلَ إِلَيْكَ أَبْنَيْرُ، فَلِمَاذَا تَرَكْتَهُ يَمْضِي بِسَلامٍ؟٢٤
25 इतना तो आप समझते हैं कि नेर का पुत्र अबनेर आपसे छल करने के उद्देश्य से यहां आया था. वह यहां आया था कि आपकी हर एक गतिविधि का भेद ले ले.”
أَنْتَ تَعْلَمُ أَنَّ أَبْنَيْرَ بْنَ نَيْرَ لَمْ يَأْتِ إِلّا لِيَتَمَلَّقَكَ وَيَتَجَسَّسَ عَلَيْكَ وَيَطَّلِعَ عَلَى كُلِّ مَا تَصْنَعُ».٢٥
26 दावीद की उपस्थिति से बाहर आकर योआब ने अबनेर के पीछे अपने दूत दौड़ा दिए, जो अबनेर को सीराह के कुंड के निकट से लौटा लाया. मगर दावीद को इसका कोई ज्ञान न था.
ثُمَّ خَرَجَ يُوآبُ مِنْ لَدُنِ دَاوُدَ وَأَرْسَلَ رُسُلاً وَرَاءَ أَبْنَيْرَ فَرَدُّوهُ مِنْ بِئْرِ السِّيرَةِ مِنْ غَيْرِ عِلْمِ دَاوُدَ.٢٦
27 जब अबनेर हेब्रोन पहुंचे, प्रवेश द्वारा के निकट योआब ने उन्हें अलग ले जाकर कुछ ऐसा दिखाया की मानो वह उन्हें कोई गुप्‍त संदेश देना चाह रहे थे. उस स्थिति ही में योआब ने उनके पेट में घातक वार किया. योआब ने यह हत्या उसके भाई आसाहेल की हत्या का बदला लेने के लिए की.
وَعِنْدَمَا رَجَعَ أَبْنَيْرُ إِلَى حَبْرُونَ انْتَحَى بِهِ يُوآبُ جَانِباً عِنْدَ مُنْتَصَفِ بَوَّابَةِ الْمَدِينَةِ، وَكَأَنَّهُ يُرِيدُ أَنْ يُسِرَّ إِلَيْهِ بِشَيْءٍ، وَطَعَنَهُ فِي بَطْنِهِ فَمَاتَ انْتِقَاماً لِدَمِ عَسَائِيلَ.٢٧
28 जब दावीद को इस घटना के विषय में मालूम हुआ, उनके वचन थे, “नेर के पुत्र अबनेर के वध के विषय में याहवेह के सामने मैं और मेरा राज्य हमेशा निर्दोष रहेंगे.
وَمَا إِنْ عَلِمَ دَاوُدُ بِذَلِكَ حَتَّى قَالَ: «بَرِيءٌ أَنَا وَمَمْلَكَتِي أَمَامَ الرَّبِّ إِلَى الأَبَدِ مِنْ دَمِ أَبْنَيْرَ بْنِ نَيْرٍ.٢٨
29 इसका दोष योआब और उसके कुल पर पड़े, वे स्राव रोग से कभी मुक्त न हो; उसके पिता के कुल में कोढ़ी बने रहें; और बैसाखी का उपयोग करनेवाले हमेशा रहें, उसके कुल के पुरुष तलवार से घात किए जाएं; उसके कुल में भोजन का अभाव बना रहे.”
وَلْيَنْصَبَّ دَمُهُ عَلَى رَأْسِ يُوآبَ وَعَلَى كُلِّ بَيْتِ أَبِيهِ، وَلا يَنْقَطِعُ مِنْ بَيْتِ يُوآبَ مُصَابٌ بِالسَّيَلانِ وَبِالْبَرَصِ وَبِالْعَرَجِ، وَصَرِيعٌ بِالسَّيْفِ وَمُفْتَقِرٌ إِلَى الْخُبْزِ».٢٩
30 (योआब और उनका भाई अबीशाई अबनेर की हत्या के दोषी थे; यह इसलिये कि अबनेर ने गिबयोन के युद्ध में आसाहेल का वध किया था.)
وَهَكَذَا قَتَلَ يُوآبُ وَأَبِيشَايُ أَخُوهُ أَبْنَيْرَ ثَأْراً لِسَفْكِهِ دَمِ عَسَائِيلَ أَخِيهِمَا فِي جِبْعُونَ فِي الْحَرْبِ.٣٠
31 इसके बाद राजा दावीद ने योआब और वहां उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए आदेश दिया, “अपने वस्त्र फाड़ दो, शोक-वस्त्र पहन लो और अबनेर के लिए विलाप करो.” राजा दावीद अर्थी के पीछे-पीछे गये.
وَأَمَرَ دَاوُدُ يُوآبَ وَسَائِرَ الشَّعْبِ الَّذِي مَعَهُ قَاِئلاً: «مَزِّقُوا ثِيَابَكُمْ وَارْتَدُوا الْمُسُوحَ، وَالْطِمُوا وُجُوهَكُمْ نَوْحاً عَلَى أَبْنَيْرَ». وَكَانَ دَاوُدُ الْمَلِكُ يَمْشِي خَلْفَ النَّعْشِ.٣١
32 उन्होंने अबनेर को हेब्रोन ही में गाड़ दिया. राजा ऊंची आवाज में रोते हुए अबनेर की कब्र के पास खड़े रहे. वहां उपस्थित सभी लोग भी रोए.
وَتَمَّ دَفْنُ أَبْنَيْرَ فِي حَبْرُونَ، وَنَاحَ الْمَلِكُ بِصَوْتٍ مُرْتَفِعٍ عَلَى قَبْرِ أَبْنَيْرَ وَبَكَاهُ جَمِيعُ الشَّعْبِ.٣٢
33 राजा ने अबनेर के लिए इन शब्दों में शोक गीत गाया: “क्या सही था कि अबनेर की मृत्यु ऐसी हो, जैसी एक मूर्ख की?
وَرَثَا الْمَلِكُ أَبْنَيْرَ قَائِلاً: «أَهَكَذَا يَمُوتُ أَبْنَيْرُ كَمَوْتِ أَحْمَقَ؟٣٣
34 अबनेर, न तो तुम्हारे हाथ बांधे गए थे, और न पांवों में बेड़ियां डाली गई थी! फिर भी तुम्हारी मृत्यु ऐसी हुई, जैसी किसी दुष्ट की.” एक बार फिर लोग अबनेर के शोक में रोने लगे.
يَدَاكَ لَمْ تَكُونَا مَغْلُولَتَيْنِ، وَرِجْلاكَ لَمْ تَكُونَا مُصَفَّدَتَيْنِ بِسَلاسِلِ النُّحَاسِ. مُتَّ كَمَنْ يَصْرَعُهُ الأَشْرَارُ». وَعَادَ جَمِيعُ الشَّعبِ يَنْدُبُونَهُ مِنْ جَدِيدٍ.٣٤
35 इसके बाद सभी लोग आकर दावीद से विनती करने लगे कि वह सूर्यास्त के पहले भोजन कर लें; मगर दावीद ने शपथ लेते हुए कहा, “परमेश्वर मेरे साथ यही, मगर इससे भी ज्यादा करें, यदि मैं सूर्यास्त के पहले भोजन का सिर्फ स्वाद भी चख लूं!”
وَعِنْدَمَا جَاءَ مَنْ يُقَدِّمُ لِدَاوُدَ طَعَاماً فِي أَثْنَاءِ النَّهَارِ، أَقْسَمَ دَاوُدُ قَائِلاً: «لِيُعَاقِبْنِي الرَّبُّ أَشَدَّ عِقَابٍ وَيَزِدْ، إِنْ كُنْتُ أَذُوقُ خُبْزاً أَوْ أَيَّ شَيْءٍ آخَرَ قَبْلَ غُرُوبِ الشَّمْسِ».٣٥
36 यह विषय सभी के ज्ञान में आ गया, और इससे सभी प्रसन्‍न हुए! वस्तुतः राजा जो कुछ करते थे, उससे सभी लोग प्रसन्‍न ही होते थे.
فَذَاعَ الأَمْرُ بَيْنَ الشَّعْبِ وَحَظِيَ دَاوُدُ بِرِضَاهُمْ مِثْلَمَا حَظِيَ بِرِضَاهُمْ بِمَآثِرِهِ السَّابِقَةِ.٣٦
37 उस दिन इस्राएल के सभी लोगों के सामने यह स्पष्ट हो गया कि राजा की यह इच्छा कभी न थी कि नेर के पुत्र अबनेर की हत्या की जाए.
وَأَدْرَكَ كُلُّ شَعْبِ إِسْرَائِيلَ فِي ذَلِكَ الْيَوْمِ أَنَّهُ لَمْ يَكُنْ لِلْمَلِكِ يَدٌ فِي مَقْتَلِ أَبْنَيْرَ بْنِ نَيْرٍ.٣٧
38 तब राजा ने अपने सेवकों को संबोधित करते हुए कहा, “क्या आप लोग नहीं समझ रहे कि इस्राएल ने आज एक प्रशासक और एक असाधारण व्यक्ति खो दिया है?
وَقَالَ الْمَلِكُ لِحَاشِيَتِهِ: «أَلا تَعْلَمُونَ أَنَّ قَائِداً وَرَجُلاً عَظِيماً قَدْ سَقَطَ الْيَوْمَ فِي إِسْرَائِيلَ؟٣٨
39 अभिषिक्त राजा होने पर भी आज मैं स्वयं को दुर्बल पा रहा हूं. मेरे लिए ज़ेरुइयाह के पुत्र बड़ी समस्या बन गए हैं. याहवेह ही इन दुष्टों को उनके कुकर्मों के लिए सही बदला दें!”
وَهَا أَنَا، عَلَى الرَّغْمِ مِنْ أَنَّنِي الْمَلِكُ الْمَمْسُوحُ، فَإِنَّنِي أَضْعَفُ مِنْ أَبْنَاءِ صُرُوِيَّةَ؟ إنَّهُمْ أَقْوَى مِنِّي. لِيُجَازِ الرَّبُّ مُرْتَكِبَ الشَّرِّ بِمُوْجِبِ شَرِّهِ».٣٩

< 2 शमूएल 3 >