< 2 शमूएल 22 >
1 जब याहवेह ने दावीद को उनके शत्रुओं तथा शाऊल के आक्रमण से बचा लिया था, तब दावीद ने यह गीत याहवेह के सामने गाया:
И глагола Давид ко Господу словеса песни сея в день, в оньже избави и Господь из руки всех враг его и из руки Сауловы,
2 दावीद ने कहा: “याहवेह मेरी चट्टान, मेरा गढ़ और मेरे छुड़ानेवाले हैं.
и рече песнь: Господи, каменю мой и утверждение мое, и избавляяй мя мне:
3 मेरे परमेश्वर, जिनमें मैं आसरा लेता हूं, मेरे लिए चट्टान हैं. वह मेरी ढाल और मेरे उद्धार का सींग हैं. वह मेरा गढ़, मेरी शरण और मेरा छुड़ाने वाला हैं, जो कष्टों से मेरी रक्षा करते हैं.
Бог мой, хранитель мой будет мне, уповая буду на Него: защитник мой и рог спасения моего, Заступник мой и прибежище мое спасения моего, от неправеднаго спасеши мя.
4 “मैं दोहाई याहवेह की देता हूं, सिर्फ वही स्तुति के योग्य हैं, और मैं शत्रुओं से छुटकारा पा लेता हूं.
Хвальнаго призову Господа, и от враг моих спасуся:
5 मृत्यु की लहरों में घिर चुका था; मुझ पर विध्वंस की तेज धारा का वार हो रहा था.
яко одержаша мя болезни смертныя и потоцы беззакония смятоша мя,
6 अधोलोक के तंतुओं ने मुझे उलझा लिया था; मैं मृत्यु के जाल के आमने-सामने आ गया था. (Sheol )
болезни смертныя обыдоша мя, предвариша мя жестокости смертныя. (Sheol )
7 “अपनी वेदना में मैंने याहवेह की दोहाई दी; मैंने अपने ही परमेश्वर को पुकारा. अपने मंदिर में उन्होंने मेरी आवाज सुन ली, उनके कानों में मेरा रोना जा पड़ा.
Внегда скорбети ми призову Господа, и к Богу моему воззову, и услышит от храма святаго Своего глас мой, и вопль мой внидет во ушы Его.
8 पृथ्वी झूलकर कांपने लगी, आकाश की नींव थरथरा उठी; और कांपने लगी. क्योंकि वह क्रुद्ध थे.
И смятеся и трепетна бысть земля, и основания небесе смятошася и подвигошася, яко прогневася на ня Господь:
9 उनके नथुनों से धुआं उठ रहा था, उनके मुख की आग चट करती जा रही थी, उसने कोयलों को दहका रखा था.
взыде дым гневом Его, и огнь из уст Его пояст: углие возгорешася от Него,
10 उन्होंने आकाशमंडल को झुकाया, और उतर आए; उनके पैरों के नीचे घना अंधकार था.
и преклони небеса и сниде, и мрак под ногама Его,
11 वह करूब पर चढ़कर उड़ गए; वह हवा के पंखों पर चढ़कर उड़ गये!
и вседе на Херувимы и лете, и явися на крилу ветреню,
12 उन्होंने अंधकार ओढ़ लिया, वह उनका छाता बन गया, घने-काले वर्षा के मेघ में घिरे हुए.
и положи тму закров Свой: окрест Его селение Его, темноту вод огусти во облацех воздушных:
13 उनके सामने के तेज से कोयलों में आग जल गई.
от сияния пред Ним разгорешася углие огненнии.
14 स्वर्ग से याहवेह ने गर्जन की, और परम प्रधान ने अपने शब्द सुनाए.
И возгреме с небесе Господь, и Вышний даде глас Свой,
15 उन्होंने बाण छोड़े, और उन्हें बिखरा दिया. बिजलियों ने उनके पैर उखाड़ दिए.
и посла стрелы, и расточи их: и блесну молнию, и устраши я:
16 याहवेह की प्रताड़ना से, नथुनों से उनके सांस के झोंके से, सागर के जलमार्ग दिखाई देने लगे; संसार की नीवें खुल गई.
и явишася источницы морстии, и открышася основания вселенныя от запрещения Господня, от дохновения духа гнева Его:
17 “उन्होंने स्वर्ग से हाथ बढ़ा मुझे थाम लिया; प्रबल जल प्रवाह से उन्होंने मुझे बाहर निकाल लिया.
посла с высоты и прият мя, извлече мя от вод многих:
18 उन्होंने मुझे मेरे प्रबल शत्रु से मुक्त किया, उनसे, जिन्हें मुझसे घृणा थी. वे मुझसे कहीं अधिक शक्तिमान थे.
избави мя от враг моих сильных и от ненавидящих мя, яко укрепишася паче мене:
19 संकट के दिन उन्होंने मुझ पर आक्रमण कर दिया था, किंतु मेरी सहायता याहवेह में मगन थी.
предвариша мя в день печали моея. И бысть Господь утверждение мое,
20 वह मुझे खुले स्थान पर ले आए; मुझसे अपनी प्रसन्नता के कारण उन्होंने मुझे छुड़ाया है.
и изведе мя на широту, и избави мя, яко благоволи во мне.
21 “मेरी भलाई के अनुसार ही याहवेह ने मुझे प्रतिफल दिया है; मेरे हाथों की स्वच्छता के अनुसार उन्होंने मुझे ईनाम दिया है.
И воздаде ми Господь по правде моей, и по чистоте руку моею воздаде ми,
22 मैं याहवेह की नीतियों का पालन करता रहा हूं; मैंने परमेश्वर के विरुद्ध कोई दुराचार नहीं किया है.
яко сохраних пути Господни и не нечествовах от Бога моего,
23 उनके सारे नियम मेरे सामने बने रहे; उनके नियमों से मैं कभी भी विचलित नहीं हुआ.
яко вся судбы Его предо мною, и оправдания Его не отступиша от мене,
24 मैं उनके सामने निर्दोष बना रहा. दोष भाव मुझसे दूर ही दूर रहा.
и буду непорочен Ему, и сохранюся от беззакония моего.
25 इसलिये याहवेह ने मुझे मेरी भलाई के अनुसार ही प्रतिफल दिया है, उनकी नज़रों में मेरी शुद्धता के अनुसार.
И воздаст ми Господь по правде моей и по чистоте руку моею пред очима Его.
26 “सच्चे लोगों के प्रति आप स्वयं विश्वासयोग्य साबित होते हैं, निर्दोष व्यक्ति पर आप स्वयं को निर्दोष ही प्रकट करते हैं,
С преподобным преподобен будеши, и с мужем неповинным неповинен будеши:
27 वह, जो निर्मल है, उस पर अपनी निर्मलता प्रकट करते हैं, कुटिल व्यक्ति पर आप अपनी चतुरता प्रगट करते हैं.
и со избранным избран будеши, и со строптивым развратишися:
28 विनम्र व्यक्ति को आप छुटकारा प्रदान करते हैं, मगर आपकी दृष्टि घमंडियों पर लगी रहती है, कि कब उसे नीचा किया जाए.
люди же смиренныя спасеши, и очи гордых смириши.
29 याहवेह, आप मेरे दीपक हैं; याहवेह मेरे अंधकार को ज्योतिर्मय कर देते हैं.
Яко Ты просвещаеши светилник мой, Господи, и Господь просветит ми тму мою:
30 जब आप मेरी ओर हैं, तो मैं सेना से टक्कर ले सकता हूं; मेरे परमेश्वर के कारण मैं दीवार तक फांद सकता हूं.
яко Тобою потеку препоясан, и о Бозе моем прелезу стену.
31 “यह वह परमेश्वर हैं, जिनकी नीतियां खरी हैं: ताया हुआ है याहवेह का वचन; अपने सभी शरणागतों के लिए वह ढाल बन जाते हैं.
Крепок, непорочен путь Его: глаголгол Господень державен, разжжен: защитник есть всем уповающым на Него.
32 क्योंकि याहवेह के अलावा कोई परमेश्वर है? और हमारे परमेश्वर के अलावा कोई चट्टान है?
Яко кто крепок разве Господа? И кто творец разве Бога нашего?
33 वही परमेश्वर मेरे मजबूत आसरा हैं; वह निर्दोष व्यक्ति को अपने मार्ग पर चलाते हैं.
Крепок укрепляяй мя силою, и положи непорочен путь мой:
34 उन्हीं ने मेरे पांवों को हिरण के पांवों के समान बना दिया है; ऊंचे स्थानों पर वह मुझे सुरक्षा देते हैं.
положивый нозе мои яко елени, и на высоких поставляяй мя:
35 वह मेरे हाथों को युद्ध की क्षमता प्रदान करते हैं; कि अब मेरी बांहें कांसे के धनुष तक को इस्तेमाल कर लेती हैं.
научаяй руце мои на брань, и положивый лук медян мышца моя.
36 आपने मुझे छुटकारे की ढाल दी है; आपकी सहायता ने मुझे विशिष्ट पद दिया है.
И дал ми еси защищение спасения моего, и кротость Твоя умножи мя.
37 मेरे पांवों के लिए आपने चौड़ा रास्ता दिया है, इसमें मेरे पगों के लिए कोई फिसलन नहीं है.
Разширил еси стопы моя подо мною, и не позыбнустеся голени мои.
38 “मैंने अपने शत्रुओं का पीछा कर उन्हें नाश कर दिया है; जब तक वे पूरी तरह नाश न हो गए, मैं लौटकर नहीं आया.
Пожену враги моя и потреблю я, и не возвращуся дондеже скончаю их:
39 मैंने उन्हें ऐसा पूरी तरह कुचल दिया कि वे पुनः सिर न उठा सकें; वे तो मेरे पैरों में आ गिरे.
и сокрушу их, и не востанут, и падут под ногама моима.
40 शक्ति से आपने मुझे युद्ध के लिए सशस्त्र बना दिया; आपने उन्हें, जो मेरे विरुद्ध उठ खड़े हुए थे, मेरे सामने झुका दिया.
И укрепиши мя силою на брань, подклониши востающыя на мя под мя.
41 आपने मेरे शत्रुओं को पीठ दिखाकर भागने पर विवश कर दिया, जो मेरे विरोधी थे. मैंने उन्हें नष्ट कर दिया.
И враги моя дал ми еси хребет, ненавидящыя мя, и умертвил еси их:
42 वे आशा ज़रूर करते रहे, मगर उनकी रक्षा के लिए कोई भी न आया. यहां तक कि उन्होंने याहवेह की भी दोहाई दी, मगर उन्होंने भी उन्हें उत्तर न दिया.
возопиют, и несть помощника, ко Господу, и не услыша их:
43 मैंने उन्हें पीसकर भूमि की धूल के समान बना दिया; मैंने उन्हें कुचल दिया, मैंने उन्हें गली के कीचड़ के समान रौंद डाला.
и истних я яко прах земный, яко брение путий истончих я.
44 “आपने मुझे सजातियों के द्वारा उठाए कलह से छुटकारा दिया है; आपने मुझे सारे राष्ट्रों पर सबसे ऊपर बनाए रखा; अब वे लोग मेरी सेवा कर रहे हैं, जिनसे मैं पूरी तरह अपरिचित हूं.
И избавиши мя от пререкания людий моих, сохраниши мя в главу языков. И людие, ихже не ведях, работаша ми.
45 विदेशी मेरे सामने झुकते आए; जैसे ही उन्हें मेरे विषय में मालूम होते ही वे मेरे प्रति आज्ञाकारी हो गए.
Сынове чуждии солгаша ми, в слух уха услыша мя:
46 विदेशियों का मनोबल जाता रहा; वे कांपते हुए अपने गढ़ों से बाहर आ गए.
сынове чуждии отвержени будут, и вострепещут во градех своих.
47 “जीवित हैं याहवेह! धन्य हैं मेरी चट्टान! मेरे छुटकारे की चट्टान, मेरे परमेश्वर प्रतिष्ठित हों!
Жив Господь, и благословен хранитель мой, и вознесется Бог мой, хранитель спасения моего.
48 परमेश्वर, जिन्होंने मुझे प्रतिफल दिया मेरा बदला लिया, और जनताओं को मेरे अधीन कर दिया,
Крепкий Господь даяй отмщения мне и наказуяй люди под мя,
49 जो मुझे मेरे शत्रुओं से मुक्त करते हैं. आपने मुझे मेरे शत्रुओं के ऊपर ऊंचा किया है; आपने हिंसक पुरुषों से मेरी रक्षा की है.
и изводяй мя от враг моих, и от востающих на мя вознесеши мя, от мужа неправедна избавиши мя.
50 इसलिये, याहवेह, मैं राष्ट्रों के सामने आपकी स्तुति करूंगा; आपके नाम का गुणगान करूंगा.
Сего ради исповемся Тебе, Господи, во языцех, и имени Твоему воспою:
51 “अपने राजा के लिए वही हैं छुटकारे का खंभा; अपने अभिषिक्त पर, दावीद और उनके वंशजों पर, वह हमेशा अपार प्रेम प्रकट करते रहते हैं.”
величаяй спасения царя Своего, и творяй милость христу Своему Давиду и семени его до века.