< 2 शमूएल 20 >
1 वहां बिन्यामिन वंश में से बिकरी नामक व्यक्ति का शीबा नामक निकम्मा पुत्र था. उसने तुरही फूंकने पर यह घोषणा की, “दावीद में हमारा कोई भाग नहीं है, और न यिशै के पुत्र में कोई पैतृक संपत्ति! सुनो इस्राएल, लौट जाओ अपनी छावनी में!”
Accidit quoque ut ibi esset vir Belial, nomine Seba, filius Bochri, vir Jemineus: et cecinit buccina, et ait: Non est nobis pars in David, neque hæreditas in filio Isai: revertere in tabernacula tua, Israël.
2 तब सभी इस्राएलियों ने दावीद का अनुसरण छोड़ दिया, और बिकरी के पुत्र शीबा का अनुसरण शुरू कर दिया; मगर यहूदियावासी यरदन नदी से येरूशलेम तक अपने राजा के साथ बने रहे.
Et separatus est omnis Israël a David, secutusque est Seba filium Bochri: viri autem Juda adhæserunt regi suo a Jordane usque Jerusalem.
3 येरूशलेम पहुंचकर दावीद ने अपने राजमहल में प्रवेश किया. राजा ने उन दस स्त्रियों को, जो उनकी उपपत्नियां थी, जिन्हें वह राजमहल की देखरेख के उद्देश्य से वहां छोड़ गए थे, एक पहरेदार की सुरक्षा में छोड़ दिया, और उनके पालन पोषण का उचित प्रबंध कर दिया; मगर अब उनसे कोई यौन संबंध न रखा; वे मृत्यु होने तक विधवा समान इसी स्थिति में सीमित रह गई.
Cumque venisset rex in domum suam in Jerusalem, tulit decem mulieres concubinas quas dereliquerat ad custodiendam domum, et tradidit eas in custodiam, alimenta eis præbens: et non est ingressus ad eas, sed erant clausæ usque in diem mortis suæ in viduitate viventes.
4 तब राजा ने अमासा को आदेश दिया, “तीन दिन के भीतर यहूदिया मेरे सामने इकट्ठा करो, और तुम भी यहां रहना.”
Dixit autem rex Amasæ: Convoca mihi omnes viros Juda in diem tertium, et tu adesto præsens.
5 तब अमासा यहूदिया के सैनिकों को इकट्ठा करने निकल पड़ा, मगर उसे निर्धारित समय से अधिक देर हो गई.
Abiit ergo Amasa ut convocaret Judam, et moratus est extra placitum quod ei constituerat rex.
6 तब दावीद ने अबीशाई से कहा, “अब तो बिकरी का पुत्र शीबा अबशालोम की अपेक्षा हमारा कहीं अधिक नुकसान कर देगा. अपने स्वामी के सेवकों को लेकर उसका पीछा करो, कि वह गढ़ नगरों में प्रवेश न कर सके, और हमसे छिप जाए.”
Ait autem David ad Abisai: Nunc magis afflicturus est nos Seba filius Bochri quam Absalom: tolle igitur servos domini tui, et persequere eum, ne forte inveniat civitates munitas, et effugiat nos.
7 तब योआब के साथ उसका पीछा करने निकल पड़े उनके साथ केरेथि, पेलेथी और अन्य शूर व्यक्ति भी अबीशाई के अगुवाई में बिकरी के पुत्र शीबा का पीछा उन्होंने येरूशलेम से शुरू किया.
Egressi sunt ergo cum eo viri Joab, Cerethi quoque et Phelethi: et omnes robusti exierunt de Jerusalem ad persequendum Seba filium Bochri.
8 जब वे गिबयोन के विशाल चट्टान के निकट आए, अमासा उनसे भेंट करने आ पहुंचा. इस समय योआब युद्ध के लिए तैयार थे. उनकी कमर में कमरबंध कसा हुआ था, उनकी जांघ पर म्यान में एक तलवार भी थी. जब वह आगे बढ़े, तलवार गिर पड़ी.
Cumque illi essent juxta lapidem grandem qui est in Gabaon, Amasa veniens occurrit eis. Porro Joab vestitus erat tunica stricta ad mensuram habitus sui, et desuper accinctus gladio dependente usque ad ilia, in vagina, qui fabricatus levi motu egredi poterat, et percutere.
9 योआब ने अमासा से कहा, “मेरे भाई, सब कुछ कुशल तो है?” योआब ने यह कहते अमासा का चुंबन लेने के उद्देश्य से दाएं हाथ से उसकी दाढ़ी पकड़ी.
Dixit itaque Joab ad Amasam: Salve mi frater. Et tenuit manu dextera mentum Amasæ, quasi osculans eum.
10 इस समय अमासा का ध्यान उस तलवार पर न था, जो योआब के हाथ में थी. योआब ने अमासा के पेट में तलवार से ऐसा वार किया, कि दूसरा वार किए बिना ही उसकी अंतड़ियां बाहर निकल भूमि पर आ गिरी, कि उसकी मृत्यु हो गई. तब योआब और उनके भाई अबीशाई ने बिकरी के पुत्र शीबा का पीछा किया.
Porro Amasa non observavit gladium quem habebat Joab: qui percussit eum in latere, et effudit intestina ejus in terram, nec secundum vulnus apposuit: et mortuus est. Joab autem, et Abisai frater ejus, persecuti sunt Seba filium Bochri.
11 योआब के एक युवा सैनिक ने अमासा के निकट खड़े होकर घोषणा की, “जो कोई योआब के समर्थक हैं, जो कोई दावीद पक्ष में है, वह योआब का अनुसरण करे!”
Interea quidam viri, cum stetissent juxta cadaver Amasæ, de sociis Joab, dixerunt: Ecce qui esse voluit pro Joab comes David.
12 अमासा इस समय प्रमुख मार्ग पर अपने रक्त में लोट रहा था. जब इस व्यक्ति ने देखा कि उस मार्ग से आते जाते सभी यात्री उसे देख वहीं ठहर जाते हैं, उसने अमासा को मार्ग पर से हटाकर खेत में रख दिया और उसे एक वस्त्र से ढांक दिया.
Amasa autem conspersus sanguine jacebat in media via. Vidit hoc quidam vir, quod subsisteret omnis populus ad videndum eum, et amovit Amasam de via in agrum, operuitque eum vestimento, ne subsisterent transeuntes propter eum.
13 जब मार्ग पर से अमासा को हटा दिया गया, तब सभी सैनिक बिकरी के पुत्र शीबा का पीछा करने योआब के साथ हो लिए.
Amoto ergo illo de via, transibat omnis vir sequens Joab ad persequendum Seba filium Bochri.
14 जब शीबा इस्राएल राज्य के हर एक प्रदेश को पार करता हुआ बेथ-माकाह के आबेल पहुंचा, वहां सभी बिकरीवासी इकट्ठा होकर उसके पीछे-पीछे नगर में चले गए.
Porro ille transierat per omnes tribus Israël in Abelam et Bethmaacha: omnesque viri electi congregati fuerant ad eum.
15 योआब के सभी साथी सैनिक वहां आ गए, और शीबा को बेथ-माकाह के आबेल में घेरा डाल दिया. इसके लिए उन्होंने नगर की दीवार के किनारे मिट्टी का ढेर इकट्ठा कर दिया. इसके बाद उन्होंने दीवार को तोड़ना शुरू कर दिया.
Venerunt itaque, et oppugnabant eum in Abela et in Bethmaacha, et circumdederunt munitionibus civitatem, et obsessa est urbs: omnis autem turba quæ erat cum Joab, moliebatur destruere muros.
16 तब एक नगर में से एक चतुर स्त्री ने पुकारते हुए कहा, “सुनो! सुनो! जाकर योआब से यह कहना, यहां आइए, कि मैं आपसे बात कर सकूं.”
Et exclamavit mulier sapiens de civitate: Audite, audite: dicite Joab: Appropinqua huc, et loquar tecum.
17 तब योआब वहां आए और उस स्त्री ने उनसे पूछा, “क्या आप ही योआब हैं?” “हां, मैं हूं.” योआब ने उत्तर दिया. तब उस स्त्री ने उनसे कहा, “अपनी सेविका की सुन लीजिए.” योआब ने कहा, “मैं सुन रहा हूं.”
Qui cum accessisset ad eam, ait illi: Tu es Joab? Et ille respondit: Ego. Ad quem sic locuta est: Audi sermones ancillæ tuæ. Qui respondit: Audio.
18 तब उसने आगे कहा, “कुछ समय पहले यह कहा जाता था: ‘उन्हें यदि सलाह लेनी है’ तो सिर्फ आबेल ही से सलाह लो, इस प्रकार विवाद सुलझा लिया जाता था.
Rursumque illa: Sermo, inquit, dicebatur in veteri proverbio: Qui interrogant, interrogent in Abela: et sic perficiebant.
19 हम उनमें से हैं, जो इस्राएल में शांति प्रिय और सच्चे माने जाते हैं. आप एक ऐसे नगर को नष्ट करने के लिए उठे हैं, जो इस्राएल की माता है. आप याहवेह की मीरास को क्यों निगलना चाहते हैं?”
Nonne ego sum quæ respondeo veritatem in Israël, et tu quæris subvertere civitatem et evertere matrem in Israël? quare præcipitas hæreditatem Domini?
20 योआब ने उत्तर दिया, “मैं ऐसा कभी भी नहीं करूंगा कि यह नगर नष्ट किया जाए!
Respondensque Joab, ait: Absit, absit hoc a me: non præcipito, neque demolior.
21 स्थिति ऐसी नहीं है. मगर एफ्राईम के पहाड़ी क्षेत्र से बिकरी के शीबा नामक व्यक्ति ने राजा दावीद के विरुद्ध विद्रोह शुरू किया. बस, आप उसे हमें सौंप दें और मैं यहां से चला जाऊंगा.” उस स्त्री ने योआब को उत्तर दिया, “देखते रहिए, उसका सिर शहरपनाह से आपके सामने फेंका जाएगा.”
Non sic se habet res, sed homo de monte Ephraim, Seba filius Bochri cognomine, levavit manum suam contra regem David: tradite illum solum, et recedemus a civitate. Et ait mulier ad Joab: Ecce caput ejus mittetur ad te per murum.
22 तब वह स्त्री अपनी बुद्धिमत्तापूर्ण युक्ति के साथ नगर के सारी भीड़ के सामने पहुंची. परिणाम यह हुआ कि लोगों ने बिकरी के पुत्र शीबा का सिर उड़ाकर योआब के सामने फेंक दिया. तब योआब ने नरसिंगा फूंका और वे उस नगर से विसर्जित होकर अपने-अपने घर को लौट गए जबकि योआब राजा के पास येरूशलेम लौट गए.
Ingressa est ergo ad omnem populum, et locuta est eis sapienter: qui abscissum caput Seba filii Bochri projecerunt ad Joab. Et ille cecinit tuba, et recesserunt ab urbe, unusquisque in tabernacula sua: Joab autem reversus est Jerusalem ad regem.
23 अब योआब इस्राएल की सारी सेना के प्रधान हो गए; केरेथियों और पेलेथियों के प्रधान यहोयादा के पुत्र बेनाइयाह थे;
Fuit ergo Joab super omnem exercitum Israël: Banaias autem filius Jojadæ super Cerethæos et Phelethæos:
24 बेगार के मजदूरों के अधिकारी थे अदोरम; अहीलूद के पुत्र यहोशाफ़ात लेखापाल थे;
Aduram vero super tributa: porro Josaphat filius Ahilud, a commentariis:
25 शेवा सचिव थे; सादोक और अबीयाथर पुरोहित थे;
Siva autem, scriba: Sadoc vero et Abiathar, sacerdotes.
26 और याईर वासी ईरा भी दावीद के पुरोहित थे.
Ira autem Jairites erat sacerdos David.