< 2 शमूएल 17 >

1 इसके अलावा अहीतोफ़ेल ने अबशालोम से यह भी कहा, “मुझे आज्ञा हो कि मैं सर्वोत्तम 12,000 सैनिक लेकर आज ही रात में दावीद का पीछा करूं.
Und Achitophel sprach zu Absalom: Laß mich zwölftausend Mann auswählen, und ich will mich aufmachen und hinter dem David nachsetzen diese Nacht,
2 मैं उस पर ऐसी स्थिति में हमला करूंगा जब वह थका हुआ और निर्बल होगा. तब मैं उसे आतंकित कर दूंगा, जिससे उसके सारे साथी उसे छोड़कर भाग जाएंगे. मैं सिर्फ राजा पर वार करूंगा,
Und komme über ihn, wenn er müde ist und seine Hände erschlafft sind, und scheuche ihn auf; und alles Volk, das bei ihm ist, flieht, und ich schlage den König allein;
3 और मैं बाकी सभी को उस रीति से लौटा लाऊंगा. जैसे वधू अपने पति के लिए लौट आती है. सभी का लौटकर यहां आ जाना सिर्फ उस व्यक्ति पर निर्भर करता है, जिसे आप खोज रहे हैं. तभी जनसाधारण में शांति हो सकेगी.”
Und bringe alles Volk zu dir zurück. Wenn jeder Mann, den du suchst, zurückkehrt, so wird das ganze Volk im Frieden sein.
4 अबशालोम और सारे इस्राएली पुरनियों को यह युक्ति सही लगी.
Und die Sache war recht in den Augen Absaloms und in den Augen aller Ältesten Israels.
5 तब अबशालोम ने आदेश दिया, “अर्की हुशाई को भी यहां बुलवाया जाए, कि हम इस विषय में उसका मत भी सुन लें.”
Und Absalom sprach: Rufet doch auch Chuschai, den Architer, daß wir auch hören, was in seinem Munde ist.
6 जब हुशाई अबशालोम की उपस्थिति में आए, अबशालोम ने उन्हें अहीतोफ़ेल की योजना की जानकारी देते हुए उनसे पूछा, “अहीतोफ़ेल ने यह युक्ति सुझाई है, क्या इसके अनुसार करना सही होगा? यदि नहीं, तो आप अपनी योजना हमें बताएं.”
Und Chuschai kam zu Absalom, und Absalom sprach zu ihm und sagte: Also redet Achitophel, sollen wir tun nach seinem Worte oder nicht? Rede du!
7 यह सुन हुशाई ने अबशालोम से कहा, “इस स्थिति में अहीतोफ़ेल सही सलाह देने में चूक गए हैं.
Und Chuschai sprach zu Absalom: Der Rat, den Achitophel diesmal geraten, ist nicht gut.
8 आगे हुशाई ने कहा, यह तो आपको मालूम ही है, कि आपके पिता और उनके साथी वीर योद्धा है. इस समय उनकी मन स्थिति ठीक वैसी है, जैसे मैदान में नन्हे शावकों के छीन जाने पर गुस्सैल रीछनी की होती है. वे अभी बहुत गुस्से में हैं. इसके अलावा आपके पिता युद्ध कौशल में बहुत निपुण हैं. यह हो ही नहीं सकता कि वह सेना के साथ रात बिताए.
Und Chuschai sprach: Du kennst deinen Vater und seine Männer; denn Helden sind sie und erbitterter Seele sind sie, wie eine Bärin, der man auf dem Felde die Jungen geraubt. Und dein Vater ist ein Mann des Streites und übernachtet nicht bei dem Volke.
9 यह देख लेना कि इस समय वह किसी गुफा या किसी दूसरे ऐसे स्थान में जा छिपे हैं. जब प्रथम आक्रमण किया जाएगा और हमारे सैनिक मारे जाएंगे, तब जो कोई इसके विषय में सुनेगा, यही कहेगा, ‘अबशालोम के सैनिक इस आक्रमण में परास्त किए गए हैं.’
Siehe, er hat sich jetzt in einer der Gruben oder sonst in einem von den Orten versteckt; und es wird geschehen, daß, sowie einige unter ihnen im Anbeginn fallen, sagt der Hörende, der es hört: Es ist eine Schlacht unter dem Volke, das Absalom nachfolgt, geschehen.
10 तब वह, अबशालोम के सैनिकों में जो वीर है, जो साहस में सिंह सदृश हृदय का है, पूरी तरह हतोत्साहित हो जाएगा; क्योंकि सारे इस्राएल में यह सबको मालूम है, कि आपके पिता शूर योद्धा हैं और उनके साथ के सैनिक कुशल योद्धा हैं.
Und derselbe, auch wenn er ein Sohn der Tapferkeit ist, dessen Herz wie das Herz eines Löwen ist, wird zerschmelzen; denn ganz Israel weiß, daß dein Vater ein Held ist, und daß, die bei ihm sind, Söhne der Tapferkeit sind.
11 “इस समय आपके लिए मेरा परामर्श यह है कि आपके सामने दान से लेकर बेअरशेबा से सारे इस्राएल इकट्ठा किया जाए; ऐसे जनसमूह के रूप में, जैसे सागर तट के धूल के कण और आप स्वयं व्यक्तिगत रूप से युद्ध संचालन करें.
Darum rate ich: Du lässest ganz Israel zu dir versammeln, von Dan und bis Beer-Scheba, wie der Sand, der am Meere ist, an Menge, und dein Angesicht ziehe in der Mitte.
12 तब हम उन्हें उस स्थान से खोज निकालेंगे, जहां वह छिपे हुए हैं. फिर हम उन पर ऐसे टूट पड़ेंगे जैसे ओस भूमि पर जा पड़ती है, उन पर और उनके सारे सैनिकों पर. हम एक को भी न छोड़ेंगे.
Und wir kommen zu ihm an einem der Orte, wo er sich finden läßt, und lassen uns auf ihn nieder, wie der Tau auf den Boden fällt, so daß von ihm und von allen seinen Männern, die bei ihm sind, auch nicht einer übrigbleibt.
13 यदि वह किसी नगर में जा छिपेगा, तब सारा इस्राएल रस्सियां लेकर उस नगर में पहुंच जाएगा, और हम उस नगर को घसीटकर घाटी में डाल देंगे, यहां तक कि वहां एक भी कंकड़ बाकी न रह जाएगा.”
Und sammelt er sie in eine Stadt, so trägt ganz Israel Stricke zur selbigen Stadt, und wir schleppen sie in das Bachtal hinab, bis kein Steinchen mehr von ihr daselbst zu finden ist.
14 तब अबशालोम और इस्राएल के सभी पुरनिए यह कह उठे, “अर्की हुशाई का परामर्श अहीतोफ़ेल के परामर्श से श्रेष्ठतर है.” यह इसलिये कि याहवेह ने ही अहीतोफ़ेल के सुसंगत परामर्श को विफल कर देना निर्धारित कर रखा था, कि याहवेह अबशालोम पर विनाश वृष्टि कर दें.
Und Absalom und alle Männer Israels sprachen: Der Rat des Architen, des Chuschai, ist besser, als Achitophels Rat. Jehovah hatte aber beschlossen, den guten Rat Achitophels zunichte zu machen, auf daß Jehovah Böses bringe über Absalom.
15 इसके बाद हुशाई ने पुरोहित सादोक और अबीयाथर को यह संदेश भेजा: “अहीतोफ़ेल ने अबशालोम और इस्राएली वृद्धों को यह परामर्श दिया था, और मैंने उन्हें यह परामर्श दे दिया है.
Und Chuschai sprach zu Zadok und zu Abjathar, den Priestern: So und so hat Achitophel dem Absalom und den Ältesten Israels geraten, und so und so habe ich geraten.
16 अब शीघ्र, अति शीघ्र, दावीद को यह संदेश भेज दीजिए, ‘रात बंजर भूमि के घाट पर न बिताए, बल्कि पूरी शक्ति से प्रयास कर आप नदी के पार चले जाएं; अन्यथा महाराज और उनके सारे साथियों का विनाश होना निश्चित है.’”
Und nun sendet in Eile und sagt David an und sprechet: Übernachte diese Nacht nicht in den Blachfeldern der Wüste, sondern gehe hinüber, damit nicht der König und alles Volk, das mit ihm ist, verschlungen werde.
17 योनातन और अहीमाज़ एन-रोगेल नामक स्थान पर ठहरे हुए थे. एक दासी ठहराई गई थी कि वह जाकर उन्हें सूचित करे और तब वे जाकर यह सूचना राजा दावीद को भेजें; क्योंकि यह ज़रूरी थी कि वे नगर में प्रवेश करते हुए देखे न जाएं.
Und Jonathan und Achimaaz standen bei En-Rogel, und eine Dienstmagd ging und sagte es ihnen an, und sie gingen hin und sagten es dem König David an; denn sie konnten sich nicht sehen lassen; daß sie in die Stadt kämen.
18 फिर भी एक युवक ने उन्हें देख ही लिया और इसकी सूचना अबशालोम को दे दी. तब वे दोनों बिना देर किए, बहुरीम नामक स्थान पर एक व्यक्ति के घर पर जा पहुंचे, जिसके आंगन में एक कुंआ था. वे दोनों इस कुएं में जा छिपे.
Es sah sie aber ein Junge und sagte es Absalom an. Und sie beide gingen eilig und kamen zum Hause eines Mannes in Bachurim. Und der hatte einen Brunnen in seinem Hofe, und sie stiegen da hinab.
19 एक स्त्री ने कुएं पर वस्त्र बिछाकर उस पर अन्‍न फैला दिया, जिससे इन दोनों के विषय में किसी को कुछ भी मालूम न हो सका.
Und das Weib nahm eine Decke und breitete sie aus über die Öffnung des Brunnens und breitete Grütze darüber, so daß die Sache nicht bekannt wurde.
20 तभी अबशालोम के सैनिक वहां आ पहुंचे और उस गृहणी से पूछताछ करने लगे, “कहां हैं अहीमाज़ और योनातन?” स्त्री ने उन्हें उत्तर दिया, “वे तो नदी के पार जा चुके हैं.” सैनिक उन्हें खोजते रहे और जब उन्हें न पा सके, वे येरूशलेम लौट गए.
Und die Knechte Absaloms kamen zu dem Weibe in das Haus und sprachen: Wo ist Achimaaz und Jonathan? Und das Weib sprach zu ihnen: Sie sind über das Wasserbächlein gegangen. Und sie suchten sie und fanden sie nicht, und sie kehrten nach Jerusalem zurück.
21 जब सैनिक वहां से चले गए, वे दोनों कुएं से बाहर आए, और जाकर राजा दावीद को सारा हाल सुना दिया. उन्होंने दावीद से कहा, “बिना देर किए उठिए, और नदी के पार चले जाइए, क्योंकि अहीतोफ़ेल ने आपके विरुद्ध यह साज़िश कर रखी है.”
Und es geschah, nachdem sie gegangen waren, stiegen sie herauf aus dem Brunnen und gingen hin und sagten es dem König David an und sprachen zu David: Machet euch auf und setzet eilig über die Wasser; denn so und so hat wider euch Achitophel geraten.
22 तब दावीद और उनके सारे साथी उठे, और यरदन नदी के पार चले गए. सुबह होते-होते, वहां ऐसा कोई भी न था जो यरदन नदी के पार न गया था.
Und David machte sich auf und alles Volk, das mit ihm war, und sie setzten über den Jordan bis an das Morgenlicht, da fehlte auch nicht einer, der nicht über den Jordan gesetzt hätte.
23 यहां जब अहीतोफ़ेल ने यह देखा कि उसकी सलाह को ठुकरा दिया गया है, उसने अपने गधे पर काठी कसी, और अपने गृहनगर में अपने घर को निकल पड़ा. उसने अपने परिवार को सुव्यवस्थित किया, उसके बाद फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. उसकी मृत्यु हो गई, और उसके शव को उसके पिता की कब्र में गाड़ दिया गया.
Achitophel aber sah, daß nicht nach seinem Rate getan ward, und sattelte den Esel und machte sich auf und ging nach seinem Haus in seine Stadt und gebot seinem Haus und erhängte sich. Und er starb und ward in dem Grabe seines Vaters begraben.
24 फिर दावीद माहानाईम पहुंचे. अबशालोम ने यरदन नदी पार की. उसके साथ सारे इस्राएली सैनिक थे.
Und David kam nach Machanajim, Absalom aber setzte über den Jordan, er und alle Männer Israels mit ihm.
25 अबशालोम ने योआब के स्थान पर अमासा को सेना का अधिकारी बनाया था. अमासा ज़ेथर नामक इशमाएली व्यक्ति के पुत्र थे. ज़ेथर ने नाहाश की पुत्री अबीगइल, जो योओब की माता ज़ेरुइयाह की बहन थी, से विवाह किया था.
Und den Amasa hatte Absalom an Joabs Stelle über das Heer gesetzt. Und Amasa war der Sohn eines Mannes mit Namen Jithra, eines Israeliten, der zu Abigail, der Tochter Nachaschs, der Schwester Zerujahs, der Mutter Joabs, eingegangen war.
26 इस्राएली सेना अबशालोम के साथ गिलआद क्षेत्र में छावनी डाली हुई थी.
Und Israel und Absalom lagerten im Lande Gilead.
27 जब दावीद माहानाईम पहुंचे, अम्मोन वंशज रब्बाहवासी नाहाश के पुत्र शोबी, लो-देबारवासी अम्मिएल के पुत्र माखीर और रोगेलिम क्षेत्र से गिलआदवासी बारज़िल्लई दावीद और उनके साथियों के उपयोग के लिए अपने साथ बिछौने,
Und es geschah, als David nach Machanajim kam, brachten Schobi, der Sohn des Nachasch aus Rabbah, der Söhne Amons, und Machir, der Sohn Ammiels aus Lo-Dabar, und Barsillai, der Gileaditer aus Rogelim, herbei:
28 चिलमचियां, मिट्टी के पात्र, गेहूं, जौ, मैदा, भुना गया अन्‍न, फल्लियां, दालें,
Bettwerk und Becken und Töpfergeschirr und Weizen und Gerste und Mehl und geröstetes Korn und Bohnen und Linsen und Geröstetes,
29 मधु, दही, भेड़ें और भेड़ों के दूध से बनाया पनीर आदि ले आए. क्योंकि उन्होंने कहा, “बंजर भूमि में यात्रा कर रहे थे लोग अवश्य ही भूखे, प्यासे और थके होंगे.”
Und Honig und Butter und Kleinvieh und Rinderkäse dem David und dem Volke, das bei ihm war, zum Essen; denn sagten sie, das Volk hungert und ist matt und durstig in der Wüste.

< 2 शमूएल 17 >