< 2 पतरस 2 >
1 झूठे भविष्यवक्ता इस्राएल राष्ट्र में भी उठे थे, ठीक इसी प्रकार तुम्हारे बीच भी झूठे शिक्षक उठेंगे. वे उन स्वामी को, जिन्होंने उन्हें मोल लिया है, अस्वीकार करते हुए गुप्त रूप से विनाशकारी पाखंड का उद्घाटन करेंगे. इनके द्वारा वे स्वयं अपने ऊपर शीघ्र, अचानक विनाश ले आएंगे.
But there arose false prophets also among the people, as there will be false teachers among you also, who will stealthily bring in destructive factions, even denying the Lord that bought them; bringing upon themselves swift destruction.
2 अनेक लोग उनके अनुसार दूषित स्वभाव का अनुसरण करेंगे. उनके कारण सच का मार्ग निन्दित हो जाएगा.
And many will follow their dissolute ways, by reason of whom the way of truth will be evil spoken of;
3 वे लालच के कारण तुम्हें अपनी झूठी गढ़ी हुई बातों में फंसाकर तुमसे अनुचित लाभ उठाएंगे. उनके लिए पहले से तय किया न्याय-दंड न तो निष्क्रिय हुआ है और न ही उनका विनाश सोया हुआ है.
and in covetousness will they with feigned words make merchandise of you; for whom the judgment long ago ordained lingereth not, and their destruction slumbereth not.
4 जब परमेश्वर ने उन स्वर्गदूतों को भी क्षमा नहीं किया, जिन्होंने पाप किया था परंतु उन्हें न्याय के लिए पाताल के अंधेरे गड्ढों में धकेल रखा है; (Tartaroō )
For if God spared not angels that sinned, but cast them down to hell, and delivered them over to chains of darkness, to be reserved unto judgment; (Tartaroō )
5 जब उन्होंने प्राचीन संसार को भी नहीं छोड़ा परंतु पानी की बाढ़ द्वारा अधर्मियों के संसार का नाश किया—धार्मिकता के प्रचारक नोहा तथा सात अन्य के अतिरिक्त;
and spared not the old world, but saved Noah with seven others, a preacher of righteousness, when he brought in the flood upon the world of the ungodly;
6 यदि उन्होंने सोदोम और गोमोरा नगरों को भस्म कर विनाशकारी दंड दिया कि वे आनेवाले कुकर्मियों के लिए उदाहरण बन जाएं;
and turning into ashes the cities of Sodom and Gomorrah, condemned them to overthrow, making them an example for those who in after time should live ungodly;
7 यदि परमेश्वर ने अधर्मियों के अशुद्ध चालचलन से बहुत दुःखी धर्मी लोत का उद्धार किया,
and delivered righteous Lot, distressed by the lewd conduct of the lawless men;
8 (जो उन लोगों के बीच निवास करते हुए, उनका अधर्म का स्वभाव देख व सुन दिन-प्रतिदिन अपनी धर्मी अंतरात्मा में तीव्र यातना सहते थे)
(for that righteous man dwelling among them, in seeing and hearing tormented his righteous soul from day to day with their lawless deeds; )
9 तो यह स्पष्ट है, कि प्रभु यह जानते हैं कि धर्मियों को किस प्रकार परीक्षा से निकाला जाए तथा यह भी कि किस प्रकार अधर्मियों को न्याय के दिन पर दंडित किए जाने के लिए संभाल कर रखा जाए,
the Lord knoweth how to deliver the godly out of temptation, and to reserve the unrighteous under punishment to the day of judgment;
10 विशेष रूप से उन्हें, जो कामुकता की अशुद्ध अभिलाषाओं में लीन रहते तथा प्रभुता को तुच्छ समझते हैं. ये ढीठ तथा घमंडी व्यक्ति, तेजोमय स्वर्गीय प्राणियों तक की निंदा करने का दुस्साहस कर बैठते हैं;
but chiefly those who walk after the flesh in the lust of uncleanness, and despise dominion. Presumptuous, self-willed, they are not afraid to rail at dignities;
11 जबकि स्वर्गदूत तक, जो इनसे कहीं अधिक शक्तिशाली और समर्थ हैं, प्रभु के सामने उन पर भला-बुरा कहकर दोष नहीं लगाते.
whereas angels, who are greater in strength and power, bring not against them a railing accusation;
12 ये व्यक्ति उन निर्बुद्धि पशुओं के समान हैं, जिनका जन्म ही ऐसे प्राणियों के रूप में हुआ है कि इन्हें पकड़कर इनका वध किया जाए. ये उन विषयों की उल्लाहना करते हैं, जिनका इन्हें कोई ज्ञान नहीं. ये भी इन्हीं पशुओं के समान नाश हो जाएंगे.
but these, as brute beasts, by nature born to be taken and destroyed, railing at things which they understand not, shall even perish in their own corruption,
13 इन्हें बुरे कामों का बुरा फल मिलेगा. दिन में भोग विलास इनके लिए आनंद का साधन है. ये वे घोर कलंक हैं, जो तुम्हारे प्रेम-भोजों में घुसकर अपने छलावे का आनंद लेते हैं.
receiving the wages of unrighteousness. Counting it pleasure to riot in the day-time, spots and blemishes, reveling in their deceits while they feast with you,
14 इनकी आंखें व्यभिचार से भरी हुई हैं और ये पाप करने से नहीं चूकते. ये चंचल व्यक्तियों को लुभाते हैं, इनके हृदय में लालच भरा है, ये शापित संतान हैं.
having eyes full of an adulteress, and that cannot cease from sin, alluring unstable souls, having a heart exercised in covetousness, children of a curse,
15 बिओर के पुत्र बिलआम के समान, जिसने अधर्म से कमाए हुए धन का लालच किया, ये भी सच्चाई का मार्ग को छोड़कर भटक गए.
they have forsaken the right way, and have gone astray, following the way of Balaam the son of Bosor, who loved the wages of unrighteousness,
16 उसे अपने अपराधों के लिए फटकार भी पड़ी—एक गूंगे गधे ने मनुष्य के शब्द में बातें कर उस भविष्यवक्ता के बावलेपन को रोका.
but was rebuked for his iniquity; the dumb ass, speaking with man's voice, restrained the madness of the prophet.
17 ये सूखे कुएं तथा आंधी द्वारा उड़ाई धुंध हैं, जिनके लिए अनंत काल का घोर अंधकार तय किया गया है. ()
These are wells without water, and mists driven by a tempest; for whom the blackness of darkness is reserved.
18 ये घमंड भरी व्यर्थ की बातों से उन लोगों को कामुकता की शारीरिक अभिलाषाओं में लुभाते हैं, जो मार्ग से भटके लोगों में से बाल-बाल बचकर निकल आए हैं.
For speaking great swelling words of vanity, they allure in the lusts of the flesh, by dissolute ways, such as were in some measure escaping from those who live in error;
19 ये उनसे स्वतंत्रता की प्रतिज्ञा तो करते हैं, जबकि स्वयं विनाश के दास हैं. मनुष्य उसी का दास बन जाता है, जिससे वह हार जाता है.
promising them liberty, while they themselves are slaves of corruption; for by what a man is overcome, by the same is he also brought into bondage.
20 यदि वे मसीह येशु हमारे प्रभु और उद्धारकर्ता के सारे ज्ञान के द्वारा संसार की मलिनता से छूटकर निकलने के बाद दोबारा उसी में फंसकर उसी के अधीन हो गए हैं, तो यह स्पष्ट है कि उनकी वर्तमान स्थिति पिछली स्थिति से बदतर हो चुकी है.
For if after they have escaped the pollutions of the world through the knowledge of the Lord and Saviour Jesus Christ, they are again entangled therein and overcome, the last state is worse with them than the first.
21 उत्तम तो यही होता कि उन्हें धार्मिकता के मार्ग का अहसास ही न हुआ होता बजाय इसके कि वह उसे जानने के बाद जो पवित्र आज्ञा उन्हें सौंपी गई थी उससे मुंह मोड़ते.
For it would have been better for them not to have known the way of righteousness, than, after having known it, to turn from the holy commandment delivered to them.
22 उनका स्वभाव इस कहावत को सच साबित करता है, “कुत्ता अपनी ही उल्टी की ओर लौटता है,” तथा “नहाई हुई सूअरिया कीचड़ में लोटने लौट जाती है.”
It hath happened to them according to the true proverb, The dog returned to his own vomit; and, The sow that was washed, to her wallowing in the mire.